19-02-2019, 09:05 AM
(This post was last modified: 14-01-2021, 11:30 AM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
खुद को साफ़ करने के बाद ,कुछ और देर ,बाथरूम मे ही रही और यह एहसास हुआ कि मैंने अपने भांजे को चूसा है l,एक धक्का लगा l निश्चित रूप से किसी भी तरह से मैं अपने भान्जे से किसी प्रकार का यौन स्पर्श नहीं रखना चाहती थी l किन्तु मेरे बगल में बिस्तर पर लेट्कर उसने मुझे फ़िर से छूना आरम्भ किया तो मैं अपने आप पर
नियंत्रण नहीं रख सकी l
मैंने तय किया कि अगले दिन ,अब मैं उससे साफ़ साफ़ कह दूंगी कि जो हुआ वह गलत और दुर्घटना के समान था और अब वह इस तरह की कोई अपेक्षा भविष्य मेम न करे मैं बेडरूम में गईऔर पाया कि वह पड़ा सो रहा है मैं उसी के बगल में जितना दूर बना सकती थी ,दूर हो कार लेट गई और सो गई l
अगले दिन रोज से थोडा देर लगभग सात बजे उठी पाया कि उसकी एक भुजा मेरे बदन के आर पार रखी हुई थी ,हौले से उसकी बाजू अपने बदन से हटाई और दैनिक कार्यों से निबटने के लिए उठ गई l
लगभग आठ बजे ,रसोई में नाश्ता बना रही थी कि एकाएक मुझे लगा कि दो हाथों ने मेरे स्तनों को पीछे से पकड़ लिया है और जिसने पकड़ा है वह अपना शरीर को मेरी पीठ पर दबा रहा हैl
वह मेरा भान्जा था जो उठ गया था ,मैने सोचा कि वह रात मे जो नही कर पाया उसे आगे बढ़ाना चाहता है अर्थात सीधी सी बात कि वह अब मुझे चोदना चाहता है उसका चेहरा मेर कन्धे का अवलम्ब लिये हुए था और वह मेरे कन्धे पर कोमलता से चुम्बन अंकित कर चुका था l
मैं पहले बताना भूल गई कि पिछ्ली रात्त बाथरूम में मैंने नाईटी बदल कर साड़ी पहन ली थी और वह कन्धे पर ब्लाउज व कन्धे के बीच गर्दन पर चूम रहा था l
यह सब इतना तेजी से हुआ कि जब तक मैं समझ पाती वह मेरे गले के बाद अब मेरे गालों को चूमने लगा l
मैंने उसके हाथ अपने वक्ष से हटाने का प्रयास किया और उसे खुद से परे धकेलने का प्रयास किया किन्तु मैं जितनी कोशिश उसे धकेलने मे करती वह और जोर से मेरी स्तनों को अपने हाथों से दबाता जाता और मेरे गालों को पीछे से ही चूमता जाता और वह मेर कन्धे के ऊपर से ही मेर स्तनो को चूमने की कोशिश कर रहा था l
एक बार फ़िर से मै ने अहसास किया कि उसका खड़ा हुआ लण्ड मेरी साड़ी के ऊपर से मेरे नितम्ब प्रदेश मे रगड़ खा रहा था l
वह मेरी साड़ी का पल्लू मेरे कन्धे पर से गिराने मे सफ़ल हो गया और मेर स्तनों को इस तरह से अपने हाथों से इस प्रकार से दबा रहा था कि वे ब्लाउज के अन्दर ही ऊपर को उठ जा रहे थे कि उनका काफ़ी हिस्सा ब्लाउज के ऊपर से दिखने लगता था l
नियंत्रण नहीं रख सकी l
मैंने तय किया कि अगले दिन ,अब मैं उससे साफ़ साफ़ कह दूंगी कि जो हुआ वह गलत और दुर्घटना के समान था और अब वह इस तरह की कोई अपेक्षा भविष्य मेम न करे मैं बेडरूम में गईऔर पाया कि वह पड़ा सो रहा है मैं उसी के बगल में जितना दूर बना सकती थी ,दूर हो कार लेट गई और सो गई l
अगले दिन रोज से थोडा देर लगभग सात बजे उठी पाया कि उसकी एक भुजा मेरे बदन के आर पार रखी हुई थी ,हौले से उसकी बाजू अपने बदन से हटाई और दैनिक कार्यों से निबटने के लिए उठ गई l
लगभग आठ बजे ,रसोई में नाश्ता बना रही थी कि एकाएक मुझे लगा कि दो हाथों ने मेरे स्तनों को पीछे से पकड़ लिया है और जिसने पकड़ा है वह अपना शरीर को मेरी पीठ पर दबा रहा हैl
वह मेरा भान्जा था जो उठ गया था ,मैने सोचा कि वह रात मे जो नही कर पाया उसे आगे बढ़ाना चाहता है अर्थात सीधी सी बात कि वह अब मुझे चोदना चाहता है उसका चेहरा मेर कन्धे का अवलम्ब लिये हुए था और वह मेरे कन्धे पर कोमलता से चुम्बन अंकित कर चुका था l
मैं पहले बताना भूल गई कि पिछ्ली रात्त बाथरूम में मैंने नाईटी बदल कर साड़ी पहन ली थी और वह कन्धे पर ब्लाउज व कन्धे के बीच गर्दन पर चूम रहा था l
यह सब इतना तेजी से हुआ कि जब तक मैं समझ पाती वह मेरे गले के बाद अब मेरे गालों को चूमने लगा l
मैंने उसके हाथ अपने वक्ष से हटाने का प्रयास किया और उसे खुद से परे धकेलने का प्रयास किया किन्तु मैं जितनी कोशिश उसे धकेलने मे करती वह और जोर से मेरी स्तनों को अपने हाथों से दबाता जाता और मेरे गालों को पीछे से ही चूमता जाता और वह मेर कन्धे के ऊपर से ही मेर स्तनो को चूमने की कोशिश कर रहा था l
एक बार फ़िर से मै ने अहसास किया कि उसका खड़ा हुआ लण्ड मेरी साड़ी के ऊपर से मेरे नितम्ब प्रदेश मे रगड़ खा रहा था l
वह मेरी साड़ी का पल्लू मेरे कन्धे पर से गिराने मे सफ़ल हो गया और मेर स्तनों को इस तरह से अपने हाथों से इस प्रकार से दबा रहा था कि वे ब्लाउज के अन्दर ही ऊपर को उठ जा रहे थे कि उनका काफ़ी हिस्सा ब्लाउज के ऊपर से दिखने लगता था l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.