19-02-2019, 09:02 AM
बचपन के दिन भुला न देना : उनका माल , मेरी ननदिया
" बहुत हलके से बस एक बार ,' अब वो धीरे धीरे खुल रहे थे। उनकी निगाह सीरियल की कच्ची कली पर ही थी।
मैं चुपरही और उन्होंने रुक के बोलना शुरू कर दिया ,
" एक बार हम सब लोग शादी में गए थे , सब लोग , बहुत भीड़ थी , जाड़े के दिन। सब रजाई ओढ़ के सो रहे थे , मैं भी लेटा और वो मेरे बगल में। बिजली चली गयी थी , रात में १२ से ४ पावर कट होता था। सब लोग एकदम गहरी नींद में ,करीब दो तीन साल पहले की बात है तब हाईकॉलेज में गयी गयी थी वो । "
उन्होंने थूक घोंटा , मैंने अंदाज लगाया चौदह पंद्रह की रही होगी तब वो।
उनके कान को जीभ से हलके सहलाते हुए मैंने उन्हें उकसाया , " फिर "
कुछ देर रुक कर उन्होंने बताना शुरू किया।
" वो एकदम गहरी नींद में सो रही थी। मैं भी थोड़ी नींद में , नींद में ही मेरा हाथ उसके ऊपर , …वहां ,…सीने पर , उसे पता नहीं चला , फ्राक में उसका सीना हलके हलके ऊपर नीचे हो रहा था. मेरी नींद , हलकी सी बस खुली ,…मैने हलके से जैसे गलती से , बहुत हलके से दबाया। "
" फिर ,… " अब मेरी हालत ख़राब हो रही थी , मैंने उन्हें खूब प्यार से भींचा।
" थोड़ी देर तक बस ऐसे ही लेकिन जब मुझे लगा की वो खूब गहरी नींद में सो रही है , और अगल बगल भी , सब लोग रजाई सर तक ओढ़ के सो रहे थे , तो,… तो,… तो थोड़ी हिम्मत कर के मैंने हलके से दबाया।
बहुत हलके से , एकदम रूई के फाहे जैसा , मुलायम
( वो जैसे उस दिन की यादों में खो गए थे। )
फिर अबकी उनके गालों पर अपने होंठ छुला के मैंने पूछा ,
"फिर आगे क्या किया। "
" वो असल में ,पता नहीं कैसे , क्या हो गया था मुझे , मालूम था की तीन चार घंटे लाइट नहीं आएगी , सब लोग रजाई में सो रहे थे ,इसलिए और वो भी ज्यादातर बच्चे ,इसलिए हिम्मत कर के , वो , वो भी खूब गहरी नींद में थी इसलिए , थोड़ी देर छूआ , फिर हलके से दबाया , बहुत धीरे से ,"
" कैसा लगा " मैंने और उकसाया
" कॉटन की फ्राक के ऊपर से , अच्छा लग रहा था , बहुत अच्छा। मुलायम था , छोटा छोटा ,जैसे कोई बादल का टुकड़ा मेरे हाथ में आ गया हो। फिर हिम्मत कर के जब वो नहीं जगी , तो मैंने पूरा अपनी हथेली में पकड़ लिया और दबाने लगा , बहुत अच्छा लग रहा था। हलके हलके दबा रहा था। "
" क्या दबा रहे थे साफ साफ बोलो न " मैंने चढ़ाया।
" वो ,वो उसका सीना " उन्होंने कबूला ,लेकिन मेरे लिया इतना काफी नहीं था।
" अरे यार , तुझे इतना रात भर सिखाया , साफ साफ बोलो न , " मैंने उन्हें और चढ़ाया।
' वो वो उसका जोबन , उसकी चूं , उसकी चूंची करीब १०-१२ मिनट तक दबाया धीमे धीमे ,फिर थोड़ा जोर से ,"
"फिर,… "
"मुझे लगा शायद वो जग गयी है इसलिए ,मैंने हाथ हटा लिया उसके उभारों , जोबन से। "
"उसने कुछ किया क्या जिससे तुम्हे लगा की वो जग गयी। "
"थोड़ा कुनमुनाई थी , वो फिर उसने करवट ले लिया मेरी ओर " उन्होने साफ किया और जोड़ा ,
"नींद में उसने अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया था और एक टांग भी , पकड़ के मुझे सो गयी’ "
बुद्धू रहोगे तुम इतना खुला सिग्नल दे रही थी वो , मैंने सोचा ,फिर पूछा उसकी घुंडी , निपल दबाये थे।
" हाँ ऊँगली से छुआ था फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच बहुत हलके से पकड़ा ,तभी वो कुनमुनाई और मैंने छोड़ दिया " कबूला उन्होंने।
" फिर , " मैंने सवालों का सिलसिला बंद नहीं किया।
" कुछ नहीं , मैं थोड़ी देर आँखे मूंदे लेटा था। फिर एकदम नींद में वो मेरी ओर मुड़ी और , .... " वो कुछ सोच के बोले।
" और , … फिर " मैं अपनी उत्सुकता नहीं रोक पा रही थी।
"फिर वही जो बोला था न मेरी ओर करवट कर के , सुबह भी जब मेरी नींद खुली तो वो उसी तरह ". उन्होंने कबूला।
इससे ज्यादा कोई लड़की क्या सिग्नल देगी , मैंने सोचा ,लेकिन ये भी तो एकदम निरे ,…
" बहुत हलके से बस एक बार ,' अब वो धीरे धीरे खुल रहे थे। उनकी निगाह सीरियल की कच्ची कली पर ही थी।
मैं चुपरही और उन्होंने रुक के बोलना शुरू कर दिया ,
" एक बार हम सब लोग शादी में गए थे , सब लोग , बहुत भीड़ थी , जाड़े के दिन। सब रजाई ओढ़ के सो रहे थे , मैं भी लेटा और वो मेरे बगल में। बिजली चली गयी थी , रात में १२ से ४ पावर कट होता था। सब लोग एकदम गहरी नींद में ,करीब दो तीन साल पहले की बात है तब हाईकॉलेज में गयी गयी थी वो । "
उन्होंने थूक घोंटा , मैंने अंदाज लगाया चौदह पंद्रह की रही होगी तब वो।
उनके कान को जीभ से हलके सहलाते हुए मैंने उन्हें उकसाया , " फिर "
कुछ देर रुक कर उन्होंने बताना शुरू किया।
" वो एकदम गहरी नींद में सो रही थी। मैं भी थोड़ी नींद में , नींद में ही मेरा हाथ उसके ऊपर , …वहां ,…सीने पर , उसे पता नहीं चला , फ्राक में उसका सीना हलके हलके ऊपर नीचे हो रहा था. मेरी नींद , हलकी सी बस खुली ,…मैने हलके से जैसे गलती से , बहुत हलके से दबाया। "
" फिर ,… " अब मेरी हालत ख़राब हो रही थी , मैंने उन्हें खूब प्यार से भींचा।
" थोड़ी देर तक बस ऐसे ही लेकिन जब मुझे लगा की वो खूब गहरी नींद में सो रही है , और अगल बगल भी , सब लोग रजाई सर तक ओढ़ के सो रहे थे , तो,… तो,… तो थोड़ी हिम्मत कर के मैंने हलके से दबाया।
बहुत हलके से , एकदम रूई के फाहे जैसा , मुलायम
( वो जैसे उस दिन की यादों में खो गए थे। )
फिर अबकी उनके गालों पर अपने होंठ छुला के मैंने पूछा ,
"फिर आगे क्या किया। "
" वो असल में ,पता नहीं कैसे , क्या हो गया था मुझे , मालूम था की तीन चार घंटे लाइट नहीं आएगी , सब लोग रजाई में सो रहे थे ,इसलिए और वो भी ज्यादातर बच्चे ,इसलिए हिम्मत कर के , वो , वो भी खूब गहरी नींद में थी इसलिए , थोड़ी देर छूआ , फिर हलके से दबाया , बहुत धीरे से ,"
" कैसा लगा " मैंने और उकसाया
" कॉटन की फ्राक के ऊपर से , अच्छा लग रहा था , बहुत अच्छा। मुलायम था , छोटा छोटा ,जैसे कोई बादल का टुकड़ा मेरे हाथ में आ गया हो। फिर हिम्मत कर के जब वो नहीं जगी , तो मैंने पूरा अपनी हथेली में पकड़ लिया और दबाने लगा , बहुत अच्छा लग रहा था। हलके हलके दबा रहा था। "
" क्या दबा रहे थे साफ साफ बोलो न " मैंने चढ़ाया।
" वो ,वो उसका सीना " उन्होंने कबूला ,लेकिन मेरे लिया इतना काफी नहीं था।
" अरे यार , तुझे इतना रात भर सिखाया , साफ साफ बोलो न , " मैंने उन्हें और चढ़ाया।
' वो वो उसका जोबन , उसकी चूं , उसकी चूंची करीब १०-१२ मिनट तक दबाया धीमे धीमे ,फिर थोड़ा जोर से ,"
"फिर,… "
"मुझे लगा शायद वो जग गयी है इसलिए ,मैंने हाथ हटा लिया उसके उभारों , जोबन से। "
"उसने कुछ किया क्या जिससे तुम्हे लगा की वो जग गयी। "
"थोड़ा कुनमुनाई थी , वो फिर उसने करवट ले लिया मेरी ओर " उन्होने साफ किया और जोड़ा ,
"नींद में उसने अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया था और एक टांग भी , पकड़ के मुझे सो गयी’ "
बुद्धू रहोगे तुम इतना खुला सिग्नल दे रही थी वो , मैंने सोचा ,फिर पूछा उसकी घुंडी , निपल दबाये थे।
" हाँ ऊँगली से छुआ था फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच बहुत हलके से पकड़ा ,तभी वो कुनमुनाई और मैंने छोड़ दिया " कबूला उन्होंने।
" फिर , " मैंने सवालों का सिलसिला बंद नहीं किया।
" कुछ नहीं , मैं थोड़ी देर आँखे मूंदे लेटा था। फिर एकदम नींद में वो मेरी ओर मुड़ी और , .... " वो कुछ सोच के बोले।
" और , … फिर " मैं अपनी उत्सुकता नहीं रोक पा रही थी।
"फिर वही जो बोला था न मेरी ओर करवट कर के , सुबह भी जब मेरी नींद खुली तो वो उसी तरह ". उन्होंने कबूला।
इससे ज्यादा कोई लड़की क्या सिग्नल देगी , मैंने सोचा ,लेकिन ये भी तो एकदम निरे ,…