19-02-2019, 09:01 AM
अब मैं ने उसका लन्ड पकड़ लिया अओर किसी तरह उसका लण्ड उसकी निक्कर औरचढ्ढी से किसी प्रकार निकालने में कामयाब हुई
और वह मेरे इतने करीब था कि मैं उसके लण्ड कोअपने गाल और कन्धे पर मह्सूस कर रही थी उसकी नमी को देख्ते हुए उसके लंड को मैंने पास से देखा lऔर बेतहाशा उसे चूमने लगी,मैंअपनी जीभ से न केवल उसका लण्ड बल्कि उसकी गोलियों को भी चाट रही थी जससे उसकी साँस फ़ूल रही थी lऔर वो भी उत्तेजना वश साँस लेने मे कठिनाई महसूस हो रही थी
अब मैंने उसके गीले लण्ड को अपने हाथों मे ले लिया और उसके लिंगमुंड कोअपने होठों के बीच ले कर शिश्न् के मुंड को चाट रही थी जिन्दगी में पहली बार मैं किसी लन्ड को चाट रही थी जो प्री कम से लिसड़ा हुआ था lअपने पति के साथ, मैं आमतौर पर चूसने से पहले लण्ड को पोंछ कर सुखा लेती थीl
और वह मेरे इतने करीब था कि मैं उसके लण्ड कोअपने गाल और कन्धे पर मह्सूस कर रही थी उसकी नमी को देख्ते हुए उसके लंड को मैंने पास से देखा lऔर बेतहाशा उसे चूमने लगी,मैंअपनी जीभ से न केवल उसका लण्ड बल्कि उसकी गोलियों को भी चाट रही थी जससे उसकी साँस फ़ूल रही थी lऔर वो भी उत्तेजना वश साँस लेने मे कठिनाई महसूस हो रही थी
अब मैंने उसके गीले लण्ड को अपने हाथों मे ले लिया और उसके लिंगमुंड कोअपने होठों के बीच ले कर शिश्न् के मुंड को चाट रही थी जिन्दगी में पहली बार मैं किसी लन्ड को चाट रही थी जो प्री कम से लिसड़ा हुआ था lअपने पति के साथ, मैं आमतौर पर चूसने से पहले लण्ड को पोंछ कर सुखा लेती थीl
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.