19-02-2019, 01:01 AM
पूनम अंगड़ाई लेती हुई सुबह जगी तो उसका उठने का मन नहीं हो रहा है। लेकिन उसे उठना पड़ा। वो सारे पिक्स और कहानी वाले पेपर को एन्वेलोप में रखी और उसे आलमीरा में रख दी। उसकी नज़र बेड पे गयी। बेड पे चुत के रस का दाग बन गया था। वो सोते वक़्त का अपना फैसला याद की अब ये सब कुछ नहीं करना है। वो अपने मोबाइल को ऑन की तो गुड्डू के कई सारे मैसेज तुरंत तुरंत आने लगे थे. वो जल्दी जल्दी सबको पढ़ी और फिर डिलीट कर दी. कुछ में नॉनवेज जोक्स थे तो कुछ में और कुछ लिखा था जैसे चुत से पानी निकाल ली क्या, आ न जान, लण्ड टाइट है, इत्यादि। मैसेज पढ़ते ही पूनम की चुत गीली होने लगी और उसका रात में लिया हुआ फैसला कमजोर होने लगा। पूनम अपनी माँ के जागने की आहट सुनी तो अपने कपड़े पहनी और बाहर आ गयी।
पूनम आज सारा दिन घर में थी. वो अपनी माँ के साथ ही बात करती रही और घर की साफ़ सफाई करती रही। वो अपने रूम की चादर भी धो दी। जब तक वो घर में व्यस्त रही तब तक तो उसे गुड्डू का ख्याल नहीं आया, लेकिन जब मोबाइल में मैसेज का टोन बजा और वो गुड्डू का भेजा हुआ नॉनवेज मैसेज पढ़ी तो उसका बेचैन हो गया और उसका मन करने लगा की वो पिक फिर से देख ले और वो कहानी पढ़ ले। लेकिन वो अभी ऐसा कर नहीं सकती थी।
दोपहर के बाद पूनम अपनी माँ के साथ तैयार होकर मार्केट जाने के लिए निकली। उसकी मौसेरी बहन की शादी होने वाली थी और वहीँ जाने के लिए वो लोग शॉपिंग करने निकले थे। पूनम घर से बाहर आई तो गुड्डू और विक्की दोनों वहीँ गली के बाहर खड़े थे। विक्की ने इशारे से गुड्डू को पूनम को दिखाया और फिर गुड्डू पूनम को गौर से देखने लगा। पूनम ये सब कुछ देख रही थी और गुड्डू को इस तरह खुद को देखते देखकर वो शर्मा गयी और आज भी फिर से न चाहते हुए भी वो मुस्कुरा दी। वो एक वन पीस पहनी हुई थी और बहुत ही क्यूट लग रही थी।
पूनम अपनी माँ के साथ थी और इस तरह दोनों को खुद को देखते वो ज्यादा ही शर्मा रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उसे किस तरह देख रहा होगा। जिस लड़के को वो रात में बोली है कि चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, और चोदने चुदवाने की बात की है, वो तो इस तरह ही देख रहा होगा जैसे पूनम बिना कपड़ों के चल रही हो। और विक्की भी तो उसे चोदने का ही इंतज़ार कर रहा है तो वो भी उसे इसी तरह देख रहा होगा।
गुड्डू की नज़र पूनम की नंगी जांघों पे थी क्यों की पूनम की ड्रेस घुटने के थोड़ी ऊपर थी और गुड्डू ऐसे देख रहा था कि वो आँखों से ही ड्रेस को ऊपर उठा कर पूनम की चुत को सहला रहा है। विक्की की नज़र पूनम की संतरों की तरह गोल चूचियों पे थी। पूनम शर्मा कर नीचे देखने लगी और माँ के साथ रोड पे आ गयी। उसे अपनी गांड पे दोनों की नज़रें चुभती हुई महसूस हो रही थी। पहले भी वो दोनों पीछे से पूनम की चाल का भरपूर मज़ा लेते थे, लेकिन आज पूनम को कुछ ज्यादा ही अजीब लग रहा था। उसे लग रहा था कि दोनों उसकी हिलती हुई गांड देखकर सोंच रहे होंगे की कब ये चुदेगी और कब इस मस्त गांड को मारने का मौका मिलेगा।
पूनम अभी कुछ ही दूर चली थी की उसका मोबाइल मैसेज टोन बजाया। पूनम को पता था कि ये मैसेज गुड्डू का ही होगा। वो न चाहते हुए भी खुद को मैसेज पढ़ने से रोक नहीं पाई। लिखा था "मस्त माल लग रही हो। इस ड्रेस में आगे और पीछे दोनों तरफ से माल लग रही हो।" पूनम अभी ये मैसेज पढ़ ही रही थी की अगला मैसेज आया "तुम्हारी चूचियाँ इस तरह पूरी गोल हैं, ये सलवार सूट में पता ही नहीं चलता था। लण्ड टाइट हो गया।"
फिर तो मैसेज का सिलसिला चल पड़ा। उसकी माँ पूछी भी की क्या बिजी हो मोबाइल में, तो पूनम बात टाल दी। लेकिन गुड्डू के मैसेज अपना काम कर चुके थे और पूनम की पैंटी गीली हो चुकी थी। गुड्डू ने दो बार फ़ोन भी किया था लेकिन पूनम कॉल डिसकनेक्ट कर दी थी। पूनम और उसकी माँ सारी खरीददारी करके और टेलर के पास ब्लाउज सिलने और साड़ी में फॉल पिको करने देते हुए घर आई।
पूनम जब वापस आ रही थी तो दोनों में से कोई उसे नहीं दिखा। रात में पूनम अपने रूम में गयी और सबसे पहले सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी और फिर वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी। कुछ ही देर में पूनम की चुत गीली हो गयी और वो चुत में ऊँगली अंदर बाहर करने लगी। अभी ये चल ही रहा था कि मोबाइल पे मैसेज आया। पूनम उसे इग्नोर कर दी और कहानी पढ़ती रही। थोड़ी थोड़ी देर पे मैसेज आते रहे और फिर गुड्डू का कॉल आया।
यहाँ तक तो पूनम खुद को सम्हाले हुए थी की वो गुड्डू से कोई मतलब नहीं रखेगी, लेकिन अब पूनम के लिए गुड्डू को इग्नोर करना मुश्किल हो गया। पूनम कॉल कट कर दी और मैसेज पढ़ने लगी। थोड़ी देर बाद फिर से गुड्डू का कॉल आ गया। पूनम खुद को रोक नहीं पाई और कॉल रिसीव कर ली। वो पूरी नंगी थी और चुत में ऊँगली कर रही थी। पहले तो वो गुड्डू को दिन में इतने सारे मैसेज के बारे में बोली, और बोली की मुझे कॉल या मैसेज मत किया करो, लेकिन थोड़ी ही देर बाद गुड्डू ने उसे अपनी बातों में फँसा लिया और आज फिर से पूनम वो सारी बात बोली जो गुड्डू सुनना चाहता था।
गुड्डू उसे बोला की "जान, मुझे भी अपने साथ मार्केट ले चलती तो मैं तुम्हारी वन पीस में नीचे से हाथ अंदर डालकर तुम्हारी जांघ और गांड को सहलाता और फिर तुम्हारी पैंटी उतार कर अपने पॉकेट में रख लेता। फिर वहीँ मार्केट में ही तुम्हारी चुत सहलाता और जहाँ अकेले में मौका मिलता, वहीँ तुम्हे पकड़ कर तुम्हारे रसीले होठ को चूसता और तुम्हारी चूचियों की गोलाई नापता। अपने लण्ड को निकाल कर तुम्हारी गोरी चिकनी चुत में सटा देता और फिर वहीँ तुम्हे चोदता।"
गुड्डू की बातों से नंगी पूनम की गीली चुत और गीली हो गयी और वो फिर से गुड्डू से फ़ोन पे चुदवाई और जैसे जैसे गुड्डू उसे बोलने बोला वो सब बोली। पूनम बोली की "हाँ, अपना लण्ड मेरी चुत से सटा देना और फिर मैं धक्का लगाकर उसे अपनी चुत में भर लूँगी और तुमसे चुदवाऊँगी। वहीँ पे झुक जाऊँगी और तुम पीछे से अपना लण्ड मेरी गांड में डालकर मेरी गांड मार लेना। तुम सारा वीर्य मेरे मुँह में गिरा देना और मैं उसे पी जाऊँगी और चेहरे पे लग जाने दूँगी।"
पूनम गुड्डू की बातें सुनती रही और ये सब बोलती रही और साथ ही साथ अपनी गर्मायी हुई चुत में ऊँगली अंदर बाहर करती रही। जब उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया तो वो कॉल कट कर दी और फिर से नंगी सो गयी। आज भी वो कल की ही तरह आगे से कभी ये सब नहीं करने का और गुड्डू से बात नहीं करने का फैसला ली।
अगले दिन भी संडे था तो पूनम दिन भर घर पे ही रही और आज दोपहर में ही जब उसके मम्मी पापा सो रहे थे और वो अपने रूम में अकेली थी तो वो एन्वेलोप निकाल ली और कहानी पढ़ ली। वो अपनी ट्रोउजर के अंदर हाथ डालकर चुत सहला रही थी और फिर पानी निकलने के बाद एन्वेलोप को वापस आलमीरा में रख कर सो गयी। रात में न तो गुड्डू का कॉल या मैसेज आया और न ही पूनम को उसकी याद आयी। वो फिर से नंगी होकर पूरी कहानी पढ़ी और फिर चुत से पानी निकालकर नंगी ही सोई।
उसका मन हाँ और ना के बीच झूल रहा था। वो गुड्डू से चुदवा लेना चाहती थी, लेकिन उसे डर भी लग रहा था। अगले दिन पूनम ऑफिस गयी लेकिन उसे सुबह में भी और शाम में भी दोनों में से कोई नहीं दिखा। रात होते ही पूनम की चुत गीली होने लगी। आज भी दिन भर में गुड्डू का बस 2-3 मैसेज ही आया था।
पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद करते ही नंगी हो गयी। वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी, लेकिन इसमें उसे आज मज़ा नहीं आ रहा था। वो अपने मोबाइल को देखने लगी, लेकिन उसमें कोई मैसेज या मिस्ड कॉल नहीं था।
पूनम अपनी चुत को सहला रही थी और ऊँगली भी अंदर बाहर कर रही थी, लेकिन न तो उसे चुत सहलाने में मज़ा आ रहा था और न ही कहानी पढ़ने में। वो मोबाइल उठा ली और गुड्डू को कॉल करने के बारे में सोचने लगी।
'कॉल करुँगी तो वो क्या सोचेगा? क्या सोचेगा, यही न की मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ। हाँ, तो चाहती हूँ। एक बार चोद ही लेगा तो क्या हो जायेगा। नहीं, फ़ोन करेगा तो उसे बोलूंगी की जब मना की हूँ तो मैसेज क्यों करते हो। फिर तो वो अंट शंट बोलेगा ही और मुझे चोदेगा ही।' सोचते सोचते पूनम के पैर खुद ब खुद खुल गए जैसे गुड्डू सच में वहाँ हो और पूनम को चोदने वाला हो।
पूनम गुड्डू को मिस्ड कॉल कर दी। लेकिन जब गुड्डू ने कोई कॉल नहीं किया तो पूनम फिर से थोड़ा लम्बा मिस्ड कॉल की। इस बार गुड्डू ने कॉल कट कर दिया और तुरंत ही कॉल बैक कर दिया। पूनम के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी। वो कॉल रिसीव कर ली और धीरे से "हेल्लो" बोली। बगल के कमरे में उसके मम्मी पापा सो रहे थे, तो वो अपनी आवाज़ इतनी ही रखती थी की वो लोग न सुन पायें।
गुड्डू के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं थी। वो अपने नार्मल साउंड में ही बोलता था। पूनम के हेल्लो बोलते ही गुड्डू बोला "म्म्म कैसी हो जान... कब चोदने दोगी।" पहले ही लाइन में ये सुनते ही पूनम के मुँह से आहः निकल गयी जिसे वो अपने अंदर ही दबा ली। उसकी चुत पूरी गर्म थी।
वो खुद को सम्हालती हुई बोली "क्यों मैसेज करते हो इस तरह के, मना की हूँ न।"
गुड्डू उसकी बातों को पूरी तरह इग्नोर करता हुआ बोला "क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम शॉक्ड हो गयी। उसे इस सवाल की उम्मीद नहीं थी। बोली "क्यूँ?"
गुड्डू बोला "बोलो न, क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम झूठ बोल दी "टॉप ट्रोउजर।"
गुड्डू फिर आगे पूछा "और अंदर?"
पूनम की चुत का गीलापन बढ़ गया। बोली "क्यों पूछ रहे हो ये सब?"
गुड्डू बोला "बोल न, क्या पहनी हुई है अंदर में?"
पूनम शर्मा गयी, लेकिन अब भला उस लड़के से क्या शर्माना जिसके साथ चुत, लण्ड और चुदाई की बात कर चुकी हो। वो अपने पैर फैलाते हुए बोली "पैंटी ब्रा।" उसे बहुत मज़ा आया था। इसलिए तो वो गुड्डू के कॉल का वेट कर रही थी। उसे पता नहीं था कि गुड्डू ये क्यों पूछ रहा है, लेकिन उसे अच्छा लग रहा था। नंगे बदन में आग जलने लगी थी।
गुड्डू बोला "उतार दे न सब। नंगी हो जा न।"
पूनम तो पहले से ही नंगी हुए बैठी थी। उसकी आवाज़ बैठने लगी। पूछी "क्यूँ?" हालाँकि उसे पता था कि कोई लड़का किसी लड़की को नंगी होने बोल रहा है तो क्यों बोल रहा है।
गुड्डू बोला "क्यों की तुझे चोदना है। तेरी नंगी चुत को सहलाना है। उसे अपने हाथों से फैला कर तेरी चुत में अपना जीभ घुसा कर चूसना है। तेरी नंगी चुच्ची को मसलना है और तेरे निप्पल को मुँह में भरकर चूसना है। तेरे चिकने बदन को सहलाना है। तेरी कमर, पीठ, पेट जांघ पे हाथ फेरना है और हर जगह को चूमना है। तुम्हारी चुत में ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करना है और उसे अपने लण्ड के लिए तैयार करना है। और फिर अपना लण्ड तेरी चुत में डालकर तुझे चोदना है जान....। हो जा न नंगी। पूरी नंगी।"
इतना सुनते ही पूनम के मुँह से "आहः" निकली जिसे इस बार वो अंदर नहीं रोक पायी। गुड्डू फिर से आगे और बोलना स्टार्ट किया और फिर पूनम बोल दी "आहः, तो चोद लो न। पूरी नंगी हूँ। डाल दो न अपना लण्ड मेरी चुत में, और चोद लो जी भर कर।" पूनम की चुत पूरी गर्म हो गयी थी और वो तेज़ी से ऊँगली अंदर बाहर करने लगी थी।
फिर गुड्डू जैसे जैसे बोलता गया, पूनम उस उस तरह से बोलती गयी और फ़ोन पे ही हर तरह से गुड्डू से चुदवाती गयी। गुड्डू बोला "मेरे लण्ड पे बैठ जाओ और चुदवाओ।" तो पूनम खुद से बोली "तुम्हारे लण्ड को अपनी चुत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठ गयी हूँ और उछाल उछल कर चुदवा रही हूँ तुमसे। आहः चोदो मुझे आहः।"
गुड्डू समझ गया था कि पूनम कितनी गर्म है। बोला "कब मिलेगी जान? कब अपने चुत के समंदर में मेरे लण्ड को डुबकी लगाने देगी?" पूनम तो अभी पूरी तैयार थी। वो दोनों पैर फैलाकर अपनी चुत में ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी और इमेजिन कर रही थी की गुड्डू उसे फुल स्पीड में चोद रहा है। बोली "तो चोद लो न।"
गुड्डू अब सच में पूनम के नंगे बदन को सहलाना चाहता था। बोला "कल आ जाओ न, मेरे पास।" पूनम पूरी तरह वासना के नशे में थी। पूछी "कहाँ?" गुड्डू के लण्ड की अकड़ और बढ़ गयी की कल पूनम उसके पास चुदवाने के लिए आ रही है। बोला "मेरे अड्डे पे। वहीँ पूरी मस्ती करेंगे।" गुड्डू ने अपने अड्डे का पता बताया। बोला "वहीँ पे पूरे नंगे होकर तुम्हारे बदन के हर हिस्से को चूमूँगा। तुम्हे अपनी गोद में उठा लूँगा और तुम्हारी चुत में लण्ड डाल कर पूरे घर में घुमाऊँगा। तुम्हारी चुच्ची को आंटे की तरह गूथ गूथ कर मसल दूँगा। तुम्हारी चुत को अपने जीभ से चोद चोद कर चूसूंगा। खूब चोदुंगा तुम्हे। तीन बार लण्ड का पानी निकालूँगा तुम्हारे पे। एक बार तुम्हारे मुँह में, फिर चुत में और फिर गांड में।"
पूनम सुनती जा रही थी और इमेजिन करती जा रही थी की कैसे कैसे गुड्डू उसे चोदेगा। वो तैयार थी गुड्डू से चुदवाने के लिए। उसके लण्ड का पानी पीने के लिए, उसके लण्ड को अपनी चुत और गांड की सैर कराने के लिए। जैसे जैसे गुड्डू चोदना चाहे, वैसे वैसे चुदवाने के लिए। पूनम की ऊँगली तेज़ी से चुत में अंदर बाहर हो रही थी और फिर उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया। वो हाँफने लगी। अब उसका दिमाग थोड़ा काम कर रहा था। उसे गुड्डू से चुदवाने में तो अभी ऐतराज़ नहीं था, लेकिन वो उसके अड्डे पे जाने के नाम से डर गयी। एक अनजान सा डर उसके मन में बैठ गया। वो अपनी साँसों को सम्हाली और बोली "आऊँगी, लेकिन अभी नहीं, कुछ दिन बाद।" गुड्डू थोड़ा उदास हो गया। बोला "क्यूँ जान, कितना तड़पायेगी।"
पूनम अब आराम से लेटी हुई रिलैक्स हो रही थी। उसकी चुत से रस बहकर बाहर आ रहा था। वो गुड्डू को समझाते हुए बोली "देखो..., मैं इतना कुछ की तुम्हारी साथ। क्या क्या नहीं बोली। जैसे जैसे तुम बोलते हो, वैसे मैं इमेजिन करती जाती हूँ। मुझे अच्छा भी लगता है। और जब इतना कुछ की हूँ तो तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन मुझे कुछ वक़्त दो। जब तुम्हे मुझे चोदना ही है तो मैं उसके लिए तैयार हूँ। लेकिन मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए सोंचने समझने का। मैं बस चाहती हूँ की किसी को कुछ पता न चले, मैं बदनाम न हो जाऊँ। अमित वैसे ही मेरे बारे में बहुत से लोगों को बहुत सारी उल्टी सीधी बात बोल चूका होगा। तो मैं बस इसी से डरती हूँ।"
गुड्डू के लिए सब्र रखना मुश्किल हो रहा था। बोला "किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। वहाँ कोई तुम्हे आता जाता देख भी नहीं सकता। भरोसा रखो मेरे पर।" पूनम सच में चुदवाने के लिए तैयार थी। लेकिन वो बस एक बार और अच्छे से सोंच लेना चाहती थी। बोली "भरोसा है, तभी तो तुम्हारे साथ इतना कुछ बात करती हूँ। तुमने कभी भी ज़िद नहीं किया, कोई जबर्दस्ती नहीं की, इसलिए इतना कुछ की मैं। और वो भी करुँगी जो तुम चाहते हो। मैं तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन तुम बस मुझे थोड़ा और वक़्त दो। और ...." पूनम की बात खत्म होने से पहले ही गुड्डू बोला "कोई बात नहीं। ले लो जितना वक़्त लेना है। मेरा लण्ड तुम्हारी चुत के लिए थोड़ा और इंतज़ार कर लेगा। लेकिन याद रखना, जब चुदाई हो, तो पूरी मस्ती के साथ हो। कोई रुकावट न रहे, कोई कमी न रहे। मुझे कोई जल्दी नहीं है।"
पूनम खुश होती हुई बोली "कोई कमी नहीं रहेगी। मैं भी हड़बड़ी का काम नहीं चाहती। तुम मेरी इच्छा का ख्याल रखे, यही कारण है कि तुम्हारे साथ इतना बात भी की, नहीं तो मैं किस टाइप की लड़की हूँ, ये तुम अच्छे से जानते हो। तुमने सब्र रखा है, तो तुम्हे फल भी मीठा ही मिलेगा।" गुड्डू बोला "मैं तुम्हारे दोनों संतरों को निचोड़ खाऊँगा।" पूनम हँस दी और गुड्डू भी।
पूनम कॉल कट कर दी और आज भी फिर से नंगी ही सो गयी। जब तक उसे नींद नहीं आयी, वो यही सोंचती रही की कहाँ और कैसे गुड्डू से चुदेगी। और सिर्फ गुड्डू से चुदेगी या विक्की से भी। भले ही गुड्डू विक्की से चुदवाने का जिक्र इधर से न कर रहा हो, लेकिन पूनम को पूरा यकीन था कि विक्की भी चोदेगा ही, और वो भी दोनों के लण्ड अपनी चुत को खिलाने के लिए रेडी थी। गुड्डू भी खुश था कि उसकी मेहनत रंग ला रही है। अब उसे पूरा यकीन था कि पूनम उससे चुदेगी। वो बहुत सारी चुत चोद चूका था, लेकिन पूनम जैसी माल को खाने की बात ही और थी।
पूनम आज सारा दिन घर में थी. वो अपनी माँ के साथ ही बात करती रही और घर की साफ़ सफाई करती रही। वो अपने रूम की चादर भी धो दी। जब तक वो घर में व्यस्त रही तब तक तो उसे गुड्डू का ख्याल नहीं आया, लेकिन जब मोबाइल में मैसेज का टोन बजा और वो गुड्डू का भेजा हुआ नॉनवेज मैसेज पढ़ी तो उसका बेचैन हो गया और उसका मन करने लगा की वो पिक फिर से देख ले और वो कहानी पढ़ ले। लेकिन वो अभी ऐसा कर नहीं सकती थी।
दोपहर के बाद पूनम अपनी माँ के साथ तैयार होकर मार्केट जाने के लिए निकली। उसकी मौसेरी बहन की शादी होने वाली थी और वहीँ जाने के लिए वो लोग शॉपिंग करने निकले थे। पूनम घर से बाहर आई तो गुड्डू और विक्की दोनों वहीँ गली के बाहर खड़े थे। विक्की ने इशारे से गुड्डू को पूनम को दिखाया और फिर गुड्डू पूनम को गौर से देखने लगा। पूनम ये सब कुछ देख रही थी और गुड्डू को इस तरह खुद को देखते देखकर वो शर्मा गयी और आज भी फिर से न चाहते हुए भी वो मुस्कुरा दी। वो एक वन पीस पहनी हुई थी और बहुत ही क्यूट लग रही थी।
पूनम अपनी माँ के साथ थी और इस तरह दोनों को खुद को देखते वो ज्यादा ही शर्मा रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उसे किस तरह देख रहा होगा। जिस लड़के को वो रात में बोली है कि चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, और चोदने चुदवाने की बात की है, वो तो इस तरह ही देख रहा होगा जैसे पूनम बिना कपड़ों के चल रही हो। और विक्की भी तो उसे चोदने का ही इंतज़ार कर रहा है तो वो भी उसे इसी तरह देख रहा होगा।
गुड्डू की नज़र पूनम की नंगी जांघों पे थी क्यों की पूनम की ड्रेस घुटने के थोड़ी ऊपर थी और गुड्डू ऐसे देख रहा था कि वो आँखों से ही ड्रेस को ऊपर उठा कर पूनम की चुत को सहला रहा है। विक्की की नज़र पूनम की संतरों की तरह गोल चूचियों पे थी। पूनम शर्मा कर नीचे देखने लगी और माँ के साथ रोड पे आ गयी। उसे अपनी गांड पे दोनों की नज़रें चुभती हुई महसूस हो रही थी। पहले भी वो दोनों पीछे से पूनम की चाल का भरपूर मज़ा लेते थे, लेकिन आज पूनम को कुछ ज्यादा ही अजीब लग रहा था। उसे लग रहा था कि दोनों उसकी हिलती हुई गांड देखकर सोंच रहे होंगे की कब ये चुदेगी और कब इस मस्त गांड को मारने का मौका मिलेगा।
पूनम अभी कुछ ही दूर चली थी की उसका मोबाइल मैसेज टोन बजाया। पूनम को पता था कि ये मैसेज गुड्डू का ही होगा। वो न चाहते हुए भी खुद को मैसेज पढ़ने से रोक नहीं पाई। लिखा था "मस्त माल लग रही हो। इस ड्रेस में आगे और पीछे दोनों तरफ से माल लग रही हो।" पूनम अभी ये मैसेज पढ़ ही रही थी की अगला मैसेज आया "तुम्हारी चूचियाँ इस तरह पूरी गोल हैं, ये सलवार सूट में पता ही नहीं चलता था। लण्ड टाइट हो गया।"
फिर तो मैसेज का सिलसिला चल पड़ा। उसकी माँ पूछी भी की क्या बिजी हो मोबाइल में, तो पूनम बात टाल दी। लेकिन गुड्डू के मैसेज अपना काम कर चुके थे और पूनम की पैंटी गीली हो चुकी थी। गुड्डू ने दो बार फ़ोन भी किया था लेकिन पूनम कॉल डिसकनेक्ट कर दी थी। पूनम और उसकी माँ सारी खरीददारी करके और टेलर के पास ब्लाउज सिलने और साड़ी में फॉल पिको करने देते हुए घर आई।
पूनम जब वापस आ रही थी तो दोनों में से कोई उसे नहीं दिखा। रात में पूनम अपने रूम में गयी और सबसे पहले सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी और फिर वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी। कुछ ही देर में पूनम की चुत गीली हो गयी और वो चुत में ऊँगली अंदर बाहर करने लगी। अभी ये चल ही रहा था कि मोबाइल पे मैसेज आया। पूनम उसे इग्नोर कर दी और कहानी पढ़ती रही। थोड़ी थोड़ी देर पे मैसेज आते रहे और फिर गुड्डू का कॉल आया।
यहाँ तक तो पूनम खुद को सम्हाले हुए थी की वो गुड्डू से कोई मतलब नहीं रखेगी, लेकिन अब पूनम के लिए गुड्डू को इग्नोर करना मुश्किल हो गया। पूनम कॉल कट कर दी और मैसेज पढ़ने लगी। थोड़ी देर बाद फिर से गुड्डू का कॉल आ गया। पूनम खुद को रोक नहीं पाई और कॉल रिसीव कर ली। वो पूरी नंगी थी और चुत में ऊँगली कर रही थी। पहले तो वो गुड्डू को दिन में इतने सारे मैसेज के बारे में बोली, और बोली की मुझे कॉल या मैसेज मत किया करो, लेकिन थोड़ी ही देर बाद गुड्डू ने उसे अपनी बातों में फँसा लिया और आज फिर से पूनम वो सारी बात बोली जो गुड्डू सुनना चाहता था।
गुड्डू उसे बोला की "जान, मुझे भी अपने साथ मार्केट ले चलती तो मैं तुम्हारी वन पीस में नीचे से हाथ अंदर डालकर तुम्हारी जांघ और गांड को सहलाता और फिर तुम्हारी पैंटी उतार कर अपने पॉकेट में रख लेता। फिर वहीँ मार्केट में ही तुम्हारी चुत सहलाता और जहाँ अकेले में मौका मिलता, वहीँ तुम्हे पकड़ कर तुम्हारे रसीले होठ को चूसता और तुम्हारी चूचियों की गोलाई नापता। अपने लण्ड को निकाल कर तुम्हारी गोरी चिकनी चुत में सटा देता और फिर वहीँ तुम्हे चोदता।"
गुड्डू की बातों से नंगी पूनम की गीली चुत और गीली हो गयी और वो फिर से गुड्डू से फ़ोन पे चुदवाई और जैसे जैसे गुड्डू उसे बोलने बोला वो सब बोली। पूनम बोली की "हाँ, अपना लण्ड मेरी चुत से सटा देना और फिर मैं धक्का लगाकर उसे अपनी चुत में भर लूँगी और तुमसे चुदवाऊँगी। वहीँ पे झुक जाऊँगी और तुम पीछे से अपना लण्ड मेरी गांड में डालकर मेरी गांड मार लेना। तुम सारा वीर्य मेरे मुँह में गिरा देना और मैं उसे पी जाऊँगी और चेहरे पे लग जाने दूँगी।"
पूनम गुड्डू की बातें सुनती रही और ये सब बोलती रही और साथ ही साथ अपनी गर्मायी हुई चुत में ऊँगली अंदर बाहर करती रही। जब उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया तो वो कॉल कट कर दी और फिर से नंगी सो गयी। आज भी वो कल की ही तरह आगे से कभी ये सब नहीं करने का और गुड्डू से बात नहीं करने का फैसला ली।
अगले दिन भी संडे था तो पूनम दिन भर घर पे ही रही और आज दोपहर में ही जब उसके मम्मी पापा सो रहे थे और वो अपने रूम में अकेली थी तो वो एन्वेलोप निकाल ली और कहानी पढ़ ली। वो अपनी ट्रोउजर के अंदर हाथ डालकर चुत सहला रही थी और फिर पानी निकलने के बाद एन्वेलोप को वापस आलमीरा में रख कर सो गयी। रात में न तो गुड्डू का कॉल या मैसेज आया और न ही पूनम को उसकी याद आयी। वो फिर से नंगी होकर पूरी कहानी पढ़ी और फिर चुत से पानी निकालकर नंगी ही सोई।
उसका मन हाँ और ना के बीच झूल रहा था। वो गुड्डू से चुदवा लेना चाहती थी, लेकिन उसे डर भी लग रहा था। अगले दिन पूनम ऑफिस गयी लेकिन उसे सुबह में भी और शाम में भी दोनों में से कोई नहीं दिखा। रात होते ही पूनम की चुत गीली होने लगी। आज भी दिन भर में गुड्डू का बस 2-3 मैसेज ही आया था।
पूनम अपने रूम में आयी और गेट बंद करते ही नंगी हो गयी। वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी, लेकिन इसमें उसे आज मज़ा नहीं आ रहा था। वो अपने मोबाइल को देखने लगी, लेकिन उसमें कोई मैसेज या मिस्ड कॉल नहीं था।
पूनम अपनी चुत को सहला रही थी और ऊँगली भी अंदर बाहर कर रही थी, लेकिन न तो उसे चुत सहलाने में मज़ा आ रहा था और न ही कहानी पढ़ने में। वो मोबाइल उठा ली और गुड्डू को कॉल करने के बारे में सोचने लगी।
'कॉल करुँगी तो वो क्या सोचेगा? क्या सोचेगा, यही न की मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ। हाँ, तो चाहती हूँ। एक बार चोद ही लेगा तो क्या हो जायेगा। नहीं, फ़ोन करेगा तो उसे बोलूंगी की जब मना की हूँ तो मैसेज क्यों करते हो। फिर तो वो अंट शंट बोलेगा ही और मुझे चोदेगा ही।' सोचते सोचते पूनम के पैर खुद ब खुद खुल गए जैसे गुड्डू सच में वहाँ हो और पूनम को चोदने वाला हो।
पूनम गुड्डू को मिस्ड कॉल कर दी। लेकिन जब गुड्डू ने कोई कॉल नहीं किया तो पूनम फिर से थोड़ा लम्बा मिस्ड कॉल की। इस बार गुड्डू ने कॉल कट कर दिया और तुरंत ही कॉल बैक कर दिया। पूनम के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी। वो कॉल रिसीव कर ली और धीरे से "हेल्लो" बोली। बगल के कमरे में उसके मम्मी पापा सो रहे थे, तो वो अपनी आवाज़ इतनी ही रखती थी की वो लोग न सुन पायें।
गुड्डू के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं थी। वो अपने नार्मल साउंड में ही बोलता था। पूनम के हेल्लो बोलते ही गुड्डू बोला "म्म्म कैसी हो जान... कब चोदने दोगी।" पहले ही लाइन में ये सुनते ही पूनम के मुँह से आहः निकल गयी जिसे वो अपने अंदर ही दबा ली। उसकी चुत पूरी गर्म थी।
वो खुद को सम्हालती हुई बोली "क्यों मैसेज करते हो इस तरह के, मना की हूँ न।"
गुड्डू उसकी बातों को पूरी तरह इग्नोर करता हुआ बोला "क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम शॉक्ड हो गयी। उसे इस सवाल की उम्मीद नहीं थी। बोली "क्यूँ?"
गुड्डू बोला "बोलो न, क्या पहनी हुई हो अभी?"
पूनम झूठ बोल दी "टॉप ट्रोउजर।"
गुड्डू फिर आगे पूछा "और अंदर?"
पूनम की चुत का गीलापन बढ़ गया। बोली "क्यों पूछ रहे हो ये सब?"
गुड्डू बोला "बोल न, क्या पहनी हुई है अंदर में?"
पूनम शर्मा गयी, लेकिन अब भला उस लड़के से क्या शर्माना जिसके साथ चुत, लण्ड और चुदाई की बात कर चुकी हो। वो अपने पैर फैलाते हुए बोली "पैंटी ब्रा।" उसे बहुत मज़ा आया था। इसलिए तो वो गुड्डू के कॉल का वेट कर रही थी। उसे पता नहीं था कि गुड्डू ये क्यों पूछ रहा है, लेकिन उसे अच्छा लग रहा था। नंगे बदन में आग जलने लगी थी।
गुड्डू बोला "उतार दे न सब। नंगी हो जा न।"
पूनम तो पहले से ही नंगी हुए बैठी थी। उसकी आवाज़ बैठने लगी। पूछी "क्यूँ?" हालाँकि उसे पता था कि कोई लड़का किसी लड़की को नंगी होने बोल रहा है तो क्यों बोल रहा है।
गुड्डू बोला "क्यों की तुझे चोदना है। तेरी नंगी चुत को सहलाना है। उसे अपने हाथों से फैला कर तेरी चुत में अपना जीभ घुसा कर चूसना है। तेरी नंगी चुच्ची को मसलना है और तेरे निप्पल को मुँह में भरकर चूसना है। तेरे चिकने बदन को सहलाना है। तेरी कमर, पीठ, पेट जांघ पे हाथ फेरना है और हर जगह को चूमना है। तुम्हारी चुत में ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करना है और उसे अपने लण्ड के लिए तैयार करना है। और फिर अपना लण्ड तेरी चुत में डालकर तुझे चोदना है जान....। हो जा न नंगी। पूरी नंगी।"
इतना सुनते ही पूनम के मुँह से "आहः" निकली जिसे इस बार वो अंदर नहीं रोक पायी। गुड्डू फिर से आगे और बोलना स्टार्ट किया और फिर पूनम बोल दी "आहः, तो चोद लो न। पूरी नंगी हूँ। डाल दो न अपना लण्ड मेरी चुत में, और चोद लो जी भर कर।" पूनम की चुत पूरी गर्म हो गयी थी और वो तेज़ी से ऊँगली अंदर बाहर करने लगी थी।
फिर गुड्डू जैसे जैसे बोलता गया, पूनम उस उस तरह से बोलती गयी और फ़ोन पे ही हर तरह से गुड्डू से चुदवाती गयी। गुड्डू बोला "मेरे लण्ड पे बैठ जाओ और चुदवाओ।" तो पूनम खुद से बोली "तुम्हारे लण्ड को अपनी चुत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठ गयी हूँ और उछाल उछल कर चुदवा रही हूँ तुमसे। आहः चोदो मुझे आहः।"
गुड्डू समझ गया था कि पूनम कितनी गर्म है। बोला "कब मिलेगी जान? कब अपने चुत के समंदर में मेरे लण्ड को डुबकी लगाने देगी?" पूनम तो अभी पूरी तैयार थी। वो दोनों पैर फैलाकर अपनी चुत में ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी और इमेजिन कर रही थी की गुड्डू उसे फुल स्पीड में चोद रहा है। बोली "तो चोद लो न।"
गुड्डू अब सच में पूनम के नंगे बदन को सहलाना चाहता था। बोला "कल आ जाओ न, मेरे पास।" पूनम पूरी तरह वासना के नशे में थी। पूछी "कहाँ?" गुड्डू के लण्ड की अकड़ और बढ़ गयी की कल पूनम उसके पास चुदवाने के लिए आ रही है। बोला "मेरे अड्डे पे। वहीँ पूरी मस्ती करेंगे।" गुड्डू ने अपने अड्डे का पता बताया। बोला "वहीँ पे पूरे नंगे होकर तुम्हारे बदन के हर हिस्से को चूमूँगा। तुम्हे अपनी गोद में उठा लूँगा और तुम्हारी चुत में लण्ड डाल कर पूरे घर में घुमाऊँगा। तुम्हारी चुच्ची को आंटे की तरह गूथ गूथ कर मसल दूँगा। तुम्हारी चुत को अपने जीभ से चोद चोद कर चूसूंगा। खूब चोदुंगा तुम्हे। तीन बार लण्ड का पानी निकालूँगा तुम्हारे पे। एक बार तुम्हारे मुँह में, फिर चुत में और फिर गांड में।"
पूनम सुनती जा रही थी और इमेजिन करती जा रही थी की कैसे कैसे गुड्डू उसे चोदेगा। वो तैयार थी गुड्डू से चुदवाने के लिए। उसके लण्ड का पानी पीने के लिए, उसके लण्ड को अपनी चुत और गांड की सैर कराने के लिए। जैसे जैसे गुड्डू चोदना चाहे, वैसे वैसे चुदवाने के लिए। पूनम की ऊँगली तेज़ी से चुत में अंदर बाहर हो रही थी और फिर उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया। वो हाँफने लगी। अब उसका दिमाग थोड़ा काम कर रहा था। उसे गुड्डू से चुदवाने में तो अभी ऐतराज़ नहीं था, लेकिन वो उसके अड्डे पे जाने के नाम से डर गयी। एक अनजान सा डर उसके मन में बैठ गया। वो अपनी साँसों को सम्हाली और बोली "आऊँगी, लेकिन अभी नहीं, कुछ दिन बाद।" गुड्डू थोड़ा उदास हो गया। बोला "क्यूँ जान, कितना तड़पायेगी।"
पूनम अब आराम से लेटी हुई रिलैक्स हो रही थी। उसकी चुत से रस बहकर बाहर आ रहा था। वो गुड्डू को समझाते हुए बोली "देखो..., मैं इतना कुछ की तुम्हारी साथ। क्या क्या नहीं बोली। जैसे जैसे तुम बोलते हो, वैसे मैं इमेजिन करती जाती हूँ। मुझे अच्छा भी लगता है। और जब इतना कुछ की हूँ तो तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन मुझे कुछ वक़्त दो। जब तुम्हे मुझे चोदना ही है तो मैं उसके लिए तैयार हूँ। लेकिन मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए सोंचने समझने का। मैं बस चाहती हूँ की किसी को कुछ पता न चले, मैं बदनाम न हो जाऊँ। अमित वैसे ही मेरे बारे में बहुत से लोगों को बहुत सारी उल्टी सीधी बात बोल चूका होगा। तो मैं बस इसी से डरती हूँ।"
गुड्डू के लिए सब्र रखना मुश्किल हो रहा था। बोला "किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। वहाँ कोई तुम्हे आता जाता देख भी नहीं सकता। भरोसा रखो मेरे पर।" पूनम सच में चुदवाने के लिए तैयार थी। लेकिन वो बस एक बार और अच्छे से सोंच लेना चाहती थी। बोली "भरोसा है, तभी तो तुम्हारे साथ इतना कुछ बात करती हूँ। तुमने कभी भी ज़िद नहीं किया, कोई जबर्दस्ती नहीं की, इसलिए इतना कुछ की मैं। और वो भी करुँगी जो तुम चाहते हो। मैं तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन तुम बस मुझे थोड़ा और वक़्त दो। और ...." पूनम की बात खत्म होने से पहले ही गुड्डू बोला "कोई बात नहीं। ले लो जितना वक़्त लेना है। मेरा लण्ड तुम्हारी चुत के लिए थोड़ा और इंतज़ार कर लेगा। लेकिन याद रखना, जब चुदाई हो, तो पूरी मस्ती के साथ हो। कोई रुकावट न रहे, कोई कमी न रहे। मुझे कोई जल्दी नहीं है।"
पूनम खुश होती हुई बोली "कोई कमी नहीं रहेगी। मैं भी हड़बड़ी का काम नहीं चाहती। तुम मेरी इच्छा का ख्याल रखे, यही कारण है कि तुम्हारे साथ इतना बात भी की, नहीं तो मैं किस टाइप की लड़की हूँ, ये तुम अच्छे से जानते हो। तुमने सब्र रखा है, तो तुम्हे फल भी मीठा ही मिलेगा।" गुड्डू बोला "मैं तुम्हारे दोनों संतरों को निचोड़ खाऊँगा।" पूनम हँस दी और गुड्डू भी।
पूनम कॉल कट कर दी और आज भी फिर से नंगी ही सो गयी। जब तक उसे नींद नहीं आयी, वो यही सोंचती रही की कहाँ और कैसे गुड्डू से चुदेगी। और सिर्फ गुड्डू से चुदेगी या विक्की से भी। भले ही गुड्डू विक्की से चुदवाने का जिक्र इधर से न कर रहा हो, लेकिन पूनम को पूरा यकीन था कि विक्की भी चोदेगा ही, और वो भी दोनों के लण्ड अपनी चुत को खिलाने के लिए रेडी थी। गुड्डू भी खुश था कि उसकी मेहनत रंग ला रही है। अब उसे पूरा यकीन था कि पूनम उससे चुदेगी। वो बहुत सारी चुत चोद चूका था, लेकिन पूनम जैसी माल को खाने की बात ही और थी।