24-04-2020, 06:40 PM
नमस्कार मित्र बबन.. आज सुबह ही आपकी इस नयी कथा से ज्ञात हुआ ओर देखिये, अत्यंत उत्तेजनापूर्ण स्थिती के साथ कुछ ही घंटो के भीतर सारे भाग पढ़ डाले| मित्र आपके लेखन शैली को मेरा त्रिवार नमन| थोडा ध्यान से देखा तो समज आया की आपने यह कथा इसी महीने मैं प्रारंभ की थी और इतने कम समय मे आपने इतना कुछ लिख डाला... कैसे समय निकाल पाते हो आप? मी अचंबित हूँ|
मुझे ये जानकर भी ख़ुशी हुयी की आप इस मंच के सबसे ज्यादा पसंदीदा लेखक हो और क्यों ना होगे, आप की कथा मैं सम्भोग का रसीला वर्णन तो होता ही है, लेकिन आपके कथा के पात्र, प्रसंग इत्यादि बहोत ही शानदार रहते है| शायद मैं सही ना भी हूँ, लेकिन मेरे अंदाजा है की काम कथाओमे एक पुत्र अपनी माता को पराये पुरुष के साथ रत होते हुए देखता है ये कल्पना बहोत उत्तेजित करने वाली और सबसे जादा पसंदीदा रही है. आपने इसी कल्पना को बिभित्सता का जोड़ दिया जिस फलरूप कथा और भी आकर्षक हो गयी है.
ये कम था की, इस कथा मैं और एक रिश्तेपर नाजायज सम्बन्ध का दाग लगने वाला है - बहु और ससुर का पवित्र रिश्ता... खैर जिस विकृत पुरुष ने अपने जीवन मैं कई सुन्दर महिलओंका कभी छल कपट से तो कभी जबरदस्ती से उपभोग लिया हो... और हर वक्त अपने बिभित्स मनोवृति का दर्शन दिया हो - जैसे की बेटे को उसके माँ के सामने अपमानित करना... यहातक की माँ के हातो उसकी हत्या तक... अपने दोस्त को स्वर्गवासी करने के बाद मातम रुकने से पहेले ही उसकी विधवा को, अपने माँसमान भाभीको अपनी रखेल बनाना... उसे गर्भवती कर देना.. उस राक्षस से और क्या उम्मीद की जा सकती है?
ठीक है आपका जादा समय ना लेते हुए अभी रुकता हूँ|आपको मेरी हार्दिक कामनाये| अगले भाग के प्रस्तुति की प्रतीक्षा मैं हूँ|
मुझे ये जानकर भी ख़ुशी हुयी की आप इस मंच के सबसे ज्यादा पसंदीदा लेखक हो और क्यों ना होगे, आप की कथा मैं सम्भोग का रसीला वर्णन तो होता ही है, लेकिन आपके कथा के पात्र, प्रसंग इत्यादि बहोत ही शानदार रहते है| शायद मैं सही ना भी हूँ, लेकिन मेरे अंदाजा है की काम कथाओमे एक पुत्र अपनी माता को पराये पुरुष के साथ रत होते हुए देखता है ये कल्पना बहोत उत्तेजित करने वाली और सबसे जादा पसंदीदा रही है. आपने इसी कल्पना को बिभित्सता का जोड़ दिया जिस फलरूप कथा और भी आकर्षक हो गयी है.
ये कम था की, इस कथा मैं और एक रिश्तेपर नाजायज सम्बन्ध का दाग लगने वाला है - बहु और ससुर का पवित्र रिश्ता... खैर जिस विकृत पुरुष ने अपने जीवन मैं कई सुन्दर महिलओंका कभी छल कपट से तो कभी जबरदस्ती से उपभोग लिया हो... और हर वक्त अपने बिभित्स मनोवृति का दर्शन दिया हो - जैसे की बेटे को उसके माँ के सामने अपमानित करना... यहातक की माँ के हातो उसकी हत्या तक... अपने दोस्त को स्वर्गवासी करने के बाद मातम रुकने से पहेले ही उसकी विधवा को, अपने माँसमान भाभीको अपनी रखेल बनाना... उसे गर्भवती कर देना.. उस राक्षस से और क्या उम्मीद की जा सकती है?
ठीक है आपका जादा समय ना लेते हुए अभी रुकता हूँ|आपको मेरी हार्दिक कामनाये| अगले भाग के प्रस्तुति की प्रतीक्षा मैं हूँ|
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