Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग,
(22-04-2020, 07:30 AM)Poonam_triwedi Wrote: "अच्छा" लगता हैं जब "ये", तृप्त हो कर , मुझे धीरे -धीरे , गरम कर के खाते हैं, "चाशनी" का मज़ा  लेते हैं, मैं बस आँख बंद कर कर लेट जाती हूँ, और एक हाथ "इनके " सर पर , और दूसरा अपने "जोबन" पर , फिर  पता नहीं  कुछ मुझे।

[ उफ़,थोड़ा गर्म, और गीली हो गयी हूँ, बस कुछ लाइन और ही लिख पाउंगी। .....] 

   ऊफ़्फ़ निहारिका जी क्या लिखा है,
खाने के 

दोहरान ही उन की नीयत पता चल जाती है
जब कुछ ज्यादा ही ख्याल करते है हमारा
फिर चाशनी तो टपका ही देते है
बिल्कुल आप ने ठीक लिखा है
गर्म कर के धीरे धीरे खाते है
 पता नहीं क्या मजा आता है इन्हें हमें तड़पाने में उस काम से ज्यादा सताना तड़पाना
ओर सब कुछ हम से करवाना
   फिर एक ना सुनना हमारी  :)

बहुत ही बढ़िया अपडेट दिया है
   अब आप के साथ बचपन से ले कर बीती रात तक सब कुछ तो जीवंत हो जाता है

 निहारिका जी लाजवाब लेखन  clp); clp); Heart yr):


पूनम जी, 


" पता नहीं क्या मजा आता है इन्हें हमें तड़पाने में उस काम से ज्यादा सताना तड़पाना ओर सब कुछ हम से करवाना"

शुक्रिया आपका, 

खाना कहते हुए अगर जायदा तारीफ हुई, तो समज लो। ........ क़यामत। पर कितना अच्छा लगता है, पतिदेव का कहना खाना खाते  हुए, क्या खाना बनाया है आज , मज़ा आ गया। 

"सच्ची" , "उनको "  खिला के मेरा पेट वैसे ही भर जाता है, पर खा लेती हूँ, बाद मैं "मेहनत" जो करनी होती है.

और सही कहै, की तड़पाने, टपकाने मैं और "चासनी" चाट जाने मैं, कितना मज़ा आता हैं "इन" मर्दो को , हम "डलवाने" को तड़पती हैं,  और ये  मज़ा लेते हैं.

लगता है, सब लोग बिजी हैं,  आते रहिये टाइम निकल के जैसे बन पड़े. 

आपके। ....

इंतज़ार मैं। ........

आपकी निहारिका 


सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों,  आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका 
[+] 1 user Likes Niharikasaree's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग, - by Niharikasaree - 22-04-2020, 09:58 AM



Users browsing this thread: