19-04-2020, 12:17 PM
(This post was last modified: 19-04-2020, 12:21 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मोरे जोबना का देखो उभार ,
अरे पापी जोबना का देखो उभार
जैसे नदी की मौज ,
जैसे तुर्कों की फ़ौज
जैसे सुलगे ये बम
जैसे बालक उधम
मोरे जोबना का देखो उभार ,
अरे पापी जोबना का देखो उभार
जोहरा बेगम का गाया , मन की जीत पिक्चर का ये गाना भी कभी मैं इन्हे चिढ़ाने उकसाने के लिए गाती हूँ ,
या दादा पिक्चर का
हमने माना हम पर साजन जोबनवा भरपूर है , ... ये तो महिमा राम की इसमें हमरा का कसूर है ,
आपने सही कहा ललचाने उकसाने का अलग मज़ा है ,
पर कई बार उसकी सज़ा भी मिलती है पर उसी सज़ा में तो पति पत्नी का असली मज़ा है
अरे पापी जोबना का देखो उभार
जैसे नदी की मौज ,
जैसे तुर्कों की फ़ौज
जैसे सुलगे ये बम
जैसे बालक उधम
मोरे जोबना का देखो उभार ,
अरे पापी जोबना का देखो उभार
जोहरा बेगम का गाया , मन की जीत पिक्चर का ये गाना भी कभी मैं इन्हे चिढ़ाने उकसाने के लिए गाती हूँ ,
या दादा पिक्चर का
हमने माना हम पर साजन जोबनवा भरपूर है , ... ये तो महिमा राम की इसमें हमरा का कसूर है ,
आपने सही कहा ललचाने उकसाने का अलग मज़ा है ,
पर कई बार उसकी सज़ा भी मिलती है पर उसी सज़ा में तो पति पत्नी का असली मज़ा है