18-02-2019, 10:07 AM
बदल गए बालम
किचेन में मैं बोली ,
" और हाँ ,फ्रिज से ज़रा आम निकाल के ले आना ,दसहरी ले आना , लंगड़े नहीं "
....
आधे घंटे के बाद वो किचेन से निकले , आमलेट और एक प्लेट में लम्बी कटी रसीली आम की फांके।
सुनहली , एकदम परफेक्ट कटी हुयी।
तिरछी निगाहों से मैं देख रही थी कैसे मजे से वो मजे ले ले के चाट रहे थे ,सड़प सड़प कर ,आम की फांक।
"क्यों मजा आ रहा है चूसने चाटने में ,…"
मैंने पूछा।
और मुझे देख के मुस्करा के , वो फिर चाटने में लग गए।
" मेरी मानो ,… तेरे उस माल की न , उस की भी चूसने चाटने में ऐसा ही मजा आएगा। खूब रसीली , चिकनी है उसकी।
उन्होंने जोर से ब्लश किया ,लेकिन मैं चालू रही,
" मालूम है , आम को चूत भी कहते हैं। "
मुझे अंदाज था उन्हें कैसा लग रहा होगा , लेकिन बिना उन्हें कुछ सोचने बोलने का मौक़ा दिया मैं बोली ,
" अरे जरा एक लंगड़ा फ्रिज से ले आना ,अच्छे से छील के ,.... "
किचेन में मैं बोली ,
" और हाँ ,फ्रिज से ज़रा आम निकाल के ले आना ,दसहरी ले आना , लंगड़े नहीं "
....
आधे घंटे के बाद वो किचेन से निकले , आमलेट और एक प्लेट में लम्बी कटी रसीली आम की फांके।
सुनहली , एकदम परफेक्ट कटी हुयी।
तिरछी निगाहों से मैं देख रही थी कैसे मजे से वो मजे ले ले के चाट रहे थे ,सड़प सड़प कर ,आम की फांक।
"क्यों मजा आ रहा है चूसने चाटने में ,…"
मैंने पूछा।
और मुझे देख के मुस्करा के , वो फिर चाटने में लग गए।
" मेरी मानो ,… तेरे उस माल की न , उस की भी चूसने चाटने में ऐसा ही मजा आएगा। खूब रसीली , चिकनी है उसकी।
उन्होंने जोर से ब्लश किया ,लेकिन मैं चालू रही,
" मालूम है , आम को चूत भी कहते हैं। "
मुझे अंदाज था उन्हें कैसा लग रहा होगा , लेकिन बिना उन्हें कुछ सोचने बोलने का मौक़ा दिया मैं बोली ,
" अरे जरा एक लंगड़ा फ्रिज से ले आना ,अच्छे से छील के ,.... "