18-02-2019, 09:55 AM
काहें बंसुरिया बजावैले
![[Image: rain-g-n-5.md.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/rain-g-n-5.md.gif)
" दी ,काले बादल घिर रहे हैं लगता है तेज तूफान और बारिश आएगी , चलता हूँ। "
और बाहर की ओर मुड़ गया।
अजय की बात एकदम सही लग रही थी , मैं और भाभी भी पूरब की ओर आसमान पे देख रहे थे। एक छोटा सा मुट्ठी भर का काला बादल का टुकड़ा ,…
लेकिन अब दो चार दिन तक गाँव में रहकर भी आसमान और हवा से मौसम का अंदाजा लगाना सीख गयी थी। तेज बारिश के आसार लग रहे थे।
" गुड्डी ,चल जल्दी छत पर से कपडे हटाने होंगे और बड़ी भी सूखने को रखी थी." भाभी बोलीं , और जल्दी से घर के अंदर की ओर मुड़ीं।
' बस भाभी , बाहर का दरवाजा बंद करके अभी ऊपर आती हूँ। ' मैं बोली , और अजय को छोड़ने बाहर चली गयी।
थोड़ा बतरस का लालच , एक बार और नैन मटक्का और सबसे बढ़के रात का प्रोग्राम पक्का जो करना था।
बाहर निकलते ही मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और खुद बोली,
पक्का , साढ़े ८ बजे न मैं इन्तजार करुँगी , और जोर से मुस्कराई।
अजय रुक गया , मैंने फिर ,
कुण्डी मत खड़काना राजा,
सीधे अंदर आना राजा।
जवाब उस चोर ने दिया , मेरे प्यासे होंठों से एक किस्सी चुराके।
जल्दी से हाथ छुड़ाके , मैं अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया।
मन चैन तो सब बाहर छोड़ आई थी।
काहें बंसुरिया बजावैले , हो सुधि बिसरैले ,गइल चित चैन हमार ,
कंटवा कंकरिया कुछ नाही देखलिन हो कुछ नाहीं देखलिन,
काहें के मतिया फिरोलें ,
गाँव गिराव में मारेलें बोलियाँ , संग की सहेलियां करेल ठिठोलियाँ , करेल ठिठोलियां
काहें के नाम धरौले ,दगवा लगवले , गईल सुख चैन हमार ,
काहें बंसुरिया बजावैले , हो सुधि बिसरैले ,गइल चित चैन हमार ,
मैं अपना के फेवरिट गाना गुनगुनाते धड़धडाते सीढ़ी पे चढ़ रही थी।
ये तो बिना बांसुरी बजाये ही मुझसे मुझीको चुरा ले गया।
लेकिन कुछ चोर बहुत प्यारे लगते हैं , किता ख्याल करता है मेरा , जिंदगी के सबसे बड़े सुख से , और कैसे प्यार से , और मैं भी न , उस दिन उसको प्रामिस किया था जब चाहो तब लेकिन करीब करीब दो दिन हो गया उसे भूखे प्यासे,
![[Image: Guddi-cute-4b077095439e3eea17c44a08558baf12.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Guddi-cute-4b077095439e3eea17c44a08558baf12.md.jpg)
और तबतक मैं छत पे पहुँच गयी।
![[Image: rain-g-n-5.md.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/rain-g-n-5.md.gif)
" दी ,काले बादल घिर रहे हैं लगता है तेज तूफान और बारिश आएगी , चलता हूँ। "
और बाहर की ओर मुड़ गया।
अजय की बात एकदम सही लग रही थी , मैं और भाभी भी पूरब की ओर आसमान पे देख रहे थे। एक छोटा सा मुट्ठी भर का काला बादल का टुकड़ा ,…
लेकिन अब दो चार दिन तक गाँव में रहकर भी आसमान और हवा से मौसम का अंदाजा लगाना सीख गयी थी। तेज बारिश के आसार लग रहे थे।
" गुड्डी ,चल जल्दी छत पर से कपडे हटाने होंगे और बड़ी भी सूखने को रखी थी." भाभी बोलीं , और जल्दी से घर के अंदर की ओर मुड़ीं।
' बस भाभी , बाहर का दरवाजा बंद करके अभी ऊपर आती हूँ। ' मैं बोली , और अजय को छोड़ने बाहर चली गयी।
थोड़ा बतरस का लालच , एक बार और नैन मटक्का और सबसे बढ़के रात का प्रोग्राम पक्का जो करना था।
बाहर निकलते ही मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और खुद बोली,
पक्का , साढ़े ८ बजे न मैं इन्तजार करुँगी , और जोर से मुस्कराई।
अजय रुक गया , मैंने फिर ,
कुण्डी मत खड़काना राजा,
सीधे अंदर आना राजा।
जवाब उस चोर ने दिया , मेरे प्यासे होंठों से एक किस्सी चुराके।
जल्दी से हाथ छुड़ाके , मैं अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया।
मन चैन तो सब बाहर छोड़ आई थी।
काहें बंसुरिया बजावैले , हो सुधि बिसरैले ,गइल चित चैन हमार ,
कंटवा कंकरिया कुछ नाही देखलिन हो कुछ नाहीं देखलिन,
काहें के मतिया फिरोलें ,
गाँव गिराव में मारेलें बोलियाँ , संग की सहेलियां करेल ठिठोलियाँ , करेल ठिठोलियां
काहें के नाम धरौले ,दगवा लगवले , गईल सुख चैन हमार ,
काहें बंसुरिया बजावैले , हो सुधि बिसरैले ,गइल चित चैन हमार ,
मैं अपना के फेवरिट गाना गुनगुनाते धड़धडाते सीढ़ी पे चढ़ रही थी।
ये तो बिना बांसुरी बजाये ही मुझसे मुझीको चुरा ले गया।
लेकिन कुछ चोर बहुत प्यारे लगते हैं , किता ख्याल करता है मेरा , जिंदगी के सबसे बड़े सुख से , और कैसे प्यार से , और मैं भी न , उस दिन उसको प्रामिस किया था जब चाहो तब लेकिन करीब करीब दो दिन हो गया उसे भूखे प्यासे,
![[Image: Guddi-cute-4b077095439e3eea17c44a08558baf12.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Guddi-cute-4b077095439e3eea17c44a08558baf12.md.jpg)
और तबतक मैं छत पे पहुँच गयी।