18-04-2020, 02:31 PM
एक नारी मन को समझना हो,एक वो सफर जहां हर लडक़ी पहुंचती है उस की शुरुआत मां के आंगन से होती है,ये जानना हो, एक बेटी और माँ की दुनियां देखनी हो ,
निःसंदेह सभी लड़कियों महिलाओं को निहारिका जी के थर्ड पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी चाहिए
निहारिका जी मेरे बचपन वाले दिन फिर से लौटा दिये है आप ने बस इस सफर को अनवरत जारी रखना
पूनम जी
" मां का आंगन है ये थर्ड ", - इससे बेहतर उपमा और अलंकरण हो ही नहीं सकता।
सीधा दिल तक - दिल से।
मैं भी , आप सभी के साथ अपनी पुरानी यादो तो ताज़ा कर लेती हूँ, जो याद आ पता है बस लिख देती हूँ।
बस साथ व् प्यार बनाये रखे, और समय निकल के थोड़ी फुहार अगर [b]ऐसा आपके साथ भी हुआ है.[/b]
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका