18-04-2020, 02:01 PM
निहारिका जी बहुत ही ज्यादा अच्छा लिखा है
साथ ही कोमल जी और पूनम जी के इतने अच्छे विचार और कामायनी की कुछ पंक्तियां क्या कहने
ये सिर्फ कोमल जी ही कर सकती है
मेरा प्रणाम है आप सब को
क्या कहाँ है पूनम जी ने " माँ का आंगन है ये थर्ड"
निःसंदेह ये वही आंगन है
वहीं सुकून, वहीं छांव वही प्यार
ओर साथ मे कोमल जी का अविरल स्नेह
अहा, में तो धन्य हो गयी आप सब के बीच में आ कर
साथ ही कोमल जी और पूनम जी के इतने अच्छे विचार और कामायनी की कुछ पंक्तियां क्या कहने
ये सिर्फ कोमल जी ही कर सकती है
मेरा प्रणाम है आप सब को
क्या कहाँ है पूनम जी ने " माँ का आंगन है ये थर्ड"
निःसंदेह ये वही आंगन है
वहीं सुकून, वहीं छांव वही प्यार
ओर साथ मे कोमल जी का अविरल स्नेह
अहा, में तो धन्य हो गयी आप सब के बीच में आ कर