18-04-2020, 12:37 AM
(17-04-2020, 03:09 PM)@Kusum_Soni Wrote: निहारिका जी क्या अपडेट दिया है
कोई शब्द नहीं जिस से आप की तारीफ कर सकूं
माँ की ब्रा पेंटी धोने का मौका कई बार मिला है मुझे भी
वो पेंटी ना जाने क्या क्या राज माँ की पापा के साथ गुजरी रात के बता देती थी
निच्चे से घिस जाना फट जाना
क्या बात है बहुत बारीक बात लिखी है
बहुत कामुक लेखन और ह्रदयस्पर्शी
कमाल का लिख रही हो
उन बीती गुजरी बातों के साथ बीच बीच मे जो कामुक तड़का मारती हो
ऊफ़्फ़ हाथ से चेक करनी पड़ती है कहीं 2 तार की चाशनी तो नहीं आई बाहर
"निहारिका जी क्या अपडेट दिया है
कोई शब्द नहीं जिस से आप की तारीफ कर सकूं"
कुसुम जी
जी, शुक्रिया आपका। बस प्यार देते रहिये साथ ही दो लाइन अपने अनुभव की, इतना ही काफी है.
"माँ की ब्रा पेंटी धोने का मौका कई बार मिला है मुझे भी
वो पेंटी ना जाने क्या क्या राज माँ की पापा के साथ गुजरी रात के बता देती थी"
जी, कुसुम जी, "पैंटी" लड़की के सब राज़ जानती है, चिपक के रहती "उस" से दिन रात, सारी "चाशनी" की कहानी वो ही बयां करती है. जवान होने से अब तक "हमराज़" है 'पैंटी".
"निच्चे से घिस जाना फट जाना
क्या बात है बहुत बारीक बात लिखी है
बहुत कामुक लेखन और ह्रदयस्पर्शी "
जी, बस जो अहसास हुआ था वो ही लिख दिया यहाँ , "पैंटी" की "वो" जगह ही "घिसती" है, ऐसा की आहोता है पूरा समझ नहीं आया आजतक।
"कमाल का लिख रही हो
उन बीती गुजरी बातों के साथ बीच बीच मे जो कामुक तड़का मारती हो
ऊफ़्फ़ हाथ से चेक करनी पड़ती है कहीं 2 तार की चाशनी तो नहीं आई बाहर"
कहीं 2 तार की चाशनी तो नहीं आई बाहर - यह तो हमराज़ ही बता पायेगी अब तो तो हाल यह है की, "हमराज़" भी साथ छोड़ देती है, या छुड़वा दिया जाता है. मेरबानी "पतिदेव" की.
[b]कुसुम जी, आपकी बातो से मज़ा आ जाता है, दर्शन देती रहिये, जब भी समय मिले।[/b]
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका