17-04-2020, 06:30 PM
(17-04-2020, 02:58 PM)@Kusum_Soni Wrote: जब तक कोमल जी निहारिका जी बैठी है भला में कौन होती हूँ शुरू करने वाली
ना ना बिल्कुल गलत बात,एक दम नाइंसाफी है
नेतृत्व कोमल जी निहारिका जी करेंगी
हमें आप के साथ चलने दे
क्या लिखना है,कैसे लिखना है ये तहजीब अभी हम जैसी बच्चियों में नहीं है
कोमल जी बरस जाओ,
निहारिका जी उमड़ घुमड़ के बातें भीगी रातों की
अरे पहली बात कुसुम जी ,
तहजीब वहजीब की तो ऐसी की तैसी ,... अरे उस समय हम लोग तहजीब सोचेंगी तो आधा मज़ा ख़तम
फिर आप लोग कोई लखनऊ वाली तो हो नहीं की पहले आप पहले आप ,
बस पिछले एक दो दिन की बात रातों की बातें
कैसे गीली हुयी
क्या कभी दिन में घात लगायी
और क्या छेद छेद में भेद न करने वाली बात , आखिरी बार कब हुयी / पहली बार कब हुयी
मैंने बताया था न अपना , जब ये दिन में घात लगाते हैं तो बस सजा यही की रात के खाने की जिम्मेदारी इनकी और कई दिन हो गए इस लाकडाउन में मुझे रात को खाना बनाये
ज्यादा कुछ नहीं कभी मैगी , कभी सैंडविच और साथ देने के लिए तो मैं रहती ही हूँ ,...
तो बताइये न
कैसी गुजरी रात सखी , जब नैनो से मिले नैना और अंगिया ,...