17-04-2020, 03:09 PM
निहारिका जी क्या अपडेट दिया है
कोई शब्द नहीं जिस से आप की तारीफ कर सकूं
माँ की ब्रा पेंटी धोने का मौका कई बार मिला है मुझे भी
वो पेंटी ना जाने क्या क्या राज माँ की पापा के साथ गुजरी रात के बता देती थी
निच्चे से घिस जाना फट जाना
क्या बात है बहुत बारीक बात लिखी है
बहुत कामुक लेखन और ह्रदयस्पर्शी
कमाल का लिख रही हो
उन बीती गुजरी बातों के साथ बीच बीच मे जो कामुक तड़का मारती हो
ऊफ़्फ़ हाथ से चेक करनी पड़ती है कहीं 2 तार की चाशनी तो नहीं आई बाहर
कोई शब्द नहीं जिस से आप की तारीफ कर सकूं
माँ की ब्रा पेंटी धोने का मौका कई बार मिला है मुझे भी
वो पेंटी ना जाने क्या क्या राज माँ की पापा के साथ गुजरी रात के बता देती थी
निच्चे से घिस जाना फट जाना
क्या बात है बहुत बारीक बात लिखी है
बहुत कामुक लेखन और ह्रदयस्पर्शी
कमाल का लिख रही हो
उन बीती गुजरी बातों के साथ बीच बीच मे जो कामुक तड़का मारती हो
ऊफ़्फ़ हाथ से चेक करनी पड़ती है कहीं 2 तार की चाशनी तो नहीं आई बाहर