17-04-2020, 02:57 PM
कोमल जी,
"बडा डर लग रहा है , मुझे तो, क्या होगा। ... क्या -क्या होगा। ससुराल मैं। .......
आज कल की बहुएं तो किचेन में भी फोन लेके, और मैंने तेरे हाथ में तो फोन कभी देखा नहीं," वो बोलीं
" तुझे तो मालूम है , ये कितना बुद्धू है , ये तो इसकी किस्मत अच्छी है की तू इसे मिल गयी , इसे कुछ भी समझ नहीं है , ... "
[b]' असल में मैं सोच रही थी , पहली होली , ... तो यहीं ,... आप लोगों के साथ , ... "[/b]
[b]हमारी, कोमल जी , एकदम सीधी बच्ची है जी, इमरती की जैसी गुणवान। मिठास से भरी सबके लिए सोचती हैं. [/b]
कहीं अगर ये पांच दिन रह गए तो मेरी बहनों भाभियों की तो होली दिवाली दोनों हो जाते ,
[b]पर जो ससुराल जा रहा है उसका "क्या", अब तो यह आने वाला समय ही बताएगा। .... [/b]
[b]बस इन्त्ज़आर ही। .......... [/b]
होगा कुछ गज़ब ही। ..............
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका