16-04-2020, 11:18 PM
(16-04-2020, 01:49 PM)@Kusum_Soni Wrote: अब आया "अनुभव" , शादी के बाद.
क्या बात है शादी के बाद तो निहारिका जी
" बड़े अनुभव "
मिले है !
केसी शर्मीली छुई मुई थी जब तक शादी नहीं हुई थी
कभी सोचा भी नही था शादी के बाद ये सब होगा
ओर हम ये सब करेंगी ऊफ़्फ़ आज क्या क्या नहीं करती है उन की खुशी की खातिर ओर
वो क्या क्या नहीं करवाते है
सुबह सोचते है तो बिल्कुल जंगली लगता है
पर रात भर उन की बाहों में क्या क्या नहीं करती है क्या क्या नही करवाती है बदन का कौन सा ऐसा अंग है जहाँ उन कि मनमानी नहीं होती है
ये बदन अब तो उन की मस्तियों का आदि हो गया है
निहारिका जी अदभुत वर्णन करती हो आप भी
कुसुम जी ,
वो शर्म, हिचक, शादी के बाद एक तो "नया आदमी" जिसे माँ - पिताजी ने देखा और भेज दी, अच्छा तो था सब, पर "करवा" भी लिया मज़ा भी आया दर्द के साथ. पर उसके सामने "बिना कपड़ो" के और एक तो ड्रर और रोमांच एक साथ, "वो" कड़क, खड़ा हम्म, कुछ - कुछ देखा था "फिल्मो" मैं और सुना था पर "करना" नहीं आता था, "दांत" भी खूब लगाए मैंने, सच्ची और चांटे भी खाये " मुँह मैं लेकर" उफ़,
"औरत को गर्म करना इतना आसान नहीं होता, और गर्म औरत को संभालना बहुत मुश्किल होता है"
प्रकृति ने औरत को एक तंदूर के जैसा बनाया है, जो गर्म होने मैं समय जरूर लेती है पर , गर्म होने के बाद , पिघला देती है "सब कुछ".
औरत की प्रकृति "धरती" से जुडी है, सब "सह" लेती है.
रात भर उन की बाहों में क्या क्या नहीं करती है क्या क्या नही करवाती है बदन का कौन सा ऐसा अंग है जहाँ उन कि मनमानी नहीं होती है
"उनकी" मनमानी मैं अपनी ख़ुशी , यही धर्म रह गया है औरत का, "औरत की ख़ुशी" एक ऐसा विषय है, जो अन्नंत यही, अंत हिन् है, समझ के परे है.....
कुसुम जी ,
हम सभी "छुईमुई" ही थी , कभी....... यादे बिखरिये। ....... अपने - लेडीज वाले थ्रेड पर। ....
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका