16-04-2020, 02:35 PM
(This post was last modified: 16-04-2020, 02:40 PM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(16-04-2020, 12:24 PM)Niharikasaree Wrote:कुसुम जी,
एकदम गरमा दिए हैं आप तो हमें, सीधा चासनी ही टपकवा दी आज तो, याद दिला के.
अब तो आप बीती के साथ, "सब के साथ" बीती हुई है. जिस दिन "लेहंगा" उस दिन "नो पैंटी" , झांगो तक "चासनी" टपक जाती है.
अब बस....... एक हाथ से कैसे टाइप करू। ....
निहारिका जी आज कल हम सब की रात दिन "गीली" ही रहती है
ओर दिन भर चासनी बनी रहती है
पहले तो कभी कभार गर्मा जाती थी
आज कल तो गर्मी चढ़ी ही रहती है
एक पल भी आराम है कहाँ उन की मनमानी के आगे
कभी कभी तो सिर्फ सूखे जटके ही खाती हूँ अब बार बार निकले भी क्या
पूरी पूरी रात,2 3 बार दिन में भी
बदन में आज कल बिल्कुल जान नहीं है
अब बस....... एक हाथ से कैसे टाइप करू। ....
यही हालत है सब की कभी हमारा एक हाथ बिजी कभी उन का एक हाथ बिजी
ओर हमारे दोनों छेद परेशान है आज कल तो
धन्यवाद इसी तरह साथ बनाएं रखें निहारिका जी