16-04-2020, 01:05 PM
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(16-04-2020, 12:00 PM)@Kusum_Soni Wrote: क्या बात है इस दिन का ही तो इंतज़ार है सब को आप के साथ साथ
आप से शर्त भी हारेगी ओर आप की गुलाम भी बनेगी अब पासा पलट चुका है गुड्डी
गुड्डी,जेठानी सब नाडा खोलेगी कोमल के सामने
ओर मूसल भी जाएगा,कोमल जी के धक्के भी खायेगी क्यों कि कोमल जी का बदला कोमल जी को ही लेना है
एक बार कैसे भी गुड्डी को अपने साथ ले आओ
फिर हर दिन हर रात गौनें की रात होगी
भैया आम भी खाएंगे ओर तुझे चो*** भी बहुत जल्दी
बहुत मस्त अपडेट ओर कोमल जी
आप के विचार मुझसे सोलह आना मिलते हैं ,
खास तौर से ननदों के बारे में
मैं तो मानती हूँ ननद भले एक हो ,
उमरिया की भले बारी हो , हाईकॉलेज इंटर वाली हो ,
सीधी हो या खेली खायी ,...
उस एक ननद के साथ कम से कम दस पन्दरह नन्दोई तो होने ही चाहिए ,...
अगवाड़े पिछवाड़े , ...
फिर आखिर हमारे भाइयों का भी कुछ हक बनता है जैसे ननद पे जोबन आये ,
आखिर उनके भाई पहली रात से ही रोज बिना नागा
और ऊपर से चिढ़ाने के लिए ये ननदें , ; क्यों भाभी ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ , ...
और गुड्डी रानी का आपने एकदम सही आइडिया दिया , हर रात गौने की रात , हर रात चीख चिल्लाहट
सबसे बढ़ कर अबकी सब मिर्च मसला आप लोगों कि सलाह से , अगर आप लोगों की राय हुयी तो मंजू गीता हैं न
' खिलाना पिलाना ' भी सिखा देंगी ननद रानी को लेकिन उसमें अभी टाइम है
अभी तो पहले ननद के भइया ननद के हाथ से आम
और उस के बाद अपनी छुटकी बहिनिया के कच्चे टिकोरे