16-04-2020, 10:27 AM
अनुजा की कहानी अनुजा की जुबानी
पार्टी -मस्ती -देवेश
तो यहां तो सब लड़के लड़कियां ही हैं। दोस्त, यहां क्या पर्दा… और सच में मेरे क्लास की लड़कियां भी अपने-अपने ब्वायफ्रेंड से चिपकी, किसी का हाथ टाप के अंदर, तो कोई स्कर्ट उठाकर।
और अपनी क्लास की चार पांच लडकियों के तो ,... टॉप पूरे खुल चुके थे
और एक बूब्स पर एक लड़का और एक पर दूसरा ,
सैंडी तो और ,...
क्लास की सबसे हॉट लड़की मानती थी अपने आप को , एक तो मेरे क्लास का ही था , और दूसरा कोई ,... बाहर का , ...
जो झुक के उसके निप्स सक कर रहा था ,
और वो मजे में बैठी सुट्टे मार रही थी ,
हाँ एक हाथ से जो लड़का उसके बूब्स सक कर रहा था उसके बल्ज को कस कस के दबा रही थी ,
बार के बगल में ही सोफे पे एक लड़के की गोद में तो दो-दो लड़कियां और वो दोनों के उभारों सेऽऽ
सारी लड़कियां लड़कों से लगी पड़ी थीं ,
अब मामला चुम्मा चुम्मी से बहुत आगे , ... सब अपने में मगन
अच्छा हुआ जो दिया ने उस दिन देवेश से परिचय करवा दिया, वरना तो मैं बोर ही हो जाती।
तब तक देवेश ने मेरा हाथ दबाकर बोला-
“हे, चल जरा बाहर चलते हैं…”
वहां शोर भी हो रहा था, और सिगरेट का धुआं भी।
ज्यादतर लड़कियां भी स्मोक कर रहीं थीं और वेट्रेसेज ड्रिंक के साथ-साथ सिगरेट भी बांट रही थीं।
“चल…” मैंने भी देवेश का हाथ दबाकर कहा।
बाहर सिर्फ हल्की म्युजिक आ रही थी।
एक दो जोड़े कहीं-कहीं लान में पेड़ों के नीचे, झाड़ियों के पीछे,, साथ में किस की , सिसकियों की , ... कोई भी समझ सकता था ,
' वहां क्या हो रहा है '
पर मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था ,
देवेश था न मेरे पास , और आज तो मैं तय कर के आयी थी ,
देवेश जो चाहे ,... मैं मना नहीं करुँगी ,...
बल्कि अब तो देवेश से ज्यादा खुद मेरा मन कर रहा था था ,
और मैं उन स्सालियों को दिखा भी देना चाहतीं थीं , जो पीठ पीछे , नर्ड नर्ड कहती रहती थीं , ... मैं उनसे कम नहीं दो हाथ आगे हूँ , ...
एक राट आयरन की बेंच पे हम दोनों जाकर बैठ गये,
और बैठते ही देवेश ने मेरा सिर पकड़कर मुझे खूब कस के चूम लिया। अबकी मैंने भी उसी तरह जवाब दिया।
थोड़ी ही देर में मैं उसकी गोद में थी।
लेकिन किस हम लोगों का टूटा नहीं ,
सच में देवश मस्त किस कर रहा था , एकदम लग रहा था मेरे होंठ आज वो खा जाएगा , ... खा ले तो खा ले , ...
नहीं आज तक किसी लड़के ने नहीं किस किया था मुझे , पर थोड़ी प्रैक्टिस तो थी ही ,
और किस के साथ किस , ... मेरी भाभी , ..छन्दा भाभी , ...
मैं उन्हें भइया का नाम लेकर चिढ़ाती और वो सारा बदला भैया के जाने के बाद मेरे साथ निकालतीं , ...
देख तेरे भइया ऐसे किस करते हैं ,...
फिर वो भैया बनती और मुझे अपनी जगह , एक दिन तो पूरे पंद्रह मिनट तक किस ,
जब तक मैं डीप फ्रेंच किस में परफेक्ट नहीं हो गयी , ....
मैं भी आज देवेश के किस का कस के जवाब दे रही थी ,
अपने मुंह में घुसी उसकी जीभ को थोड़ी देर चूसती रही , फिर थोड़ी सी टंग फाइट, मेरी जीभ की टिप उसकी जीभ से ,
कभी छुला के हटा लेती तो कभी जोर जोर ,से उसकी जीभ से और साथ में उसके होंठों को भी अब मैं चूस रही थी
बैठने में मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर सरक गयी थी , और मैं एकदम , ...
खूब कड़ा कड़ा लग रहा था मेरे हिप्स के नीचे , एकदम तना , टनटनाया , ...
भाभी ने बोला था ,
देख आज तुझे देख के जिस का न टनटना जाए उसे खानदानी शफा खाना में जाके इलाज कराना चाहिए , ...
भाभी भी न कुछ भी ,...
देवेश का तो मैं बड़ी देर से देख रही थी और अब मौका मिला था मुझे तो मैं क्यों छोड़ती , उसे भी याद रहेगा , अनुजा के बारे में
बस बहुत हलके से मैंने अपने हिप्स उसके इरेक्शन पर रगड़ दिए ,
हलके से ही लेकिन उतना ही देवश बाबू की हालत ख़राब करने के लिए काफी था ,
हो तो हो , हालत अनुजा की कौन सी अच्छी थी , मन कर रहा था की बस ,...
उसका एक हाथ मेरा ट्यूब टाप हटाकर… और जब उसने देखा की ब्रा भी नहीं है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मुझे मालूम नहीं था क्या , ओनर्स प्राइड नेबर्स एनवी ,...
और आज से नहीं जब से मैं नौंवी में गयी थी तब से , ...
साइज में तो अपनी सारी सहेलियों से २० नहीं २२ थी , लेकिन साथ में शेप परफेक्ट , कड़ापन , कटाव , उभार ,
दिया मुझे चिढ़ाती भी थी ,
यार अनुजा , तू ये अपने जवानी के खिलौने बस किसी लड़के को एक बार छू लेने दे न , बस टॉप के ऊपर से , सच में जिंदगी भर तेरे तलुवे चाटेगा , ...
लेकिन मैं भी न , ... पर आज खुद मेरा भी मन कर रहा था , अगर देवेश टॉप नहीं हटाता तो मैं खुद हटा के , ....
उफ़ देवेश की उँगलियाँ , ...
कैसे हल्के हलके छू रहा था ,
बस मन कर रहा था , दबाता क्यों नहीं कस कस के ये ,
हाल में तो सब लड़कियों के ब्वाय फ्रेंड्स खुल के कितनी ताकत से दबा मीज रहे थे ,
और फिर जब देवश की उंगलिया मेरे निप्स पर लगीं ,
बस मैं मर नहीं गयी , ...
देवेश ने इशारा किया और मैंने अपनी ड्रिंक उठा के एक सिप ली , व
ही पहले की तरह थोड़ा कडुवा थोड़ा मीठा , एक अलग सा टेस्ट , ... लेकिन अंदर जाते ही , अच्छा बहुत लग रहा रहा था ,
मैंने दो तीन सिप और लिए ,
बस अब दो ही बातों का अहसास हो रहा था , मेरे बूब्स पर देवेश की उँगलियों को , जैसे सैकड़ों बिच्छू एक साथ मेरे उभारों पर टहल रहे हों , डंक मार रहे हों ,
और देवेश के खूंटे का , मेरी स्कर्ट तो सरक कर मेरी कमर पर एक छल्ले की तरह , और अब मैं हलके हलके अपने चूतड़ उसके खूंटे पे ग्राइंड कर रही थी , बहुत अच्छा लग रहा था मन कर रहा था खुद पकड़ के खोल दूँ , ...
पार्टी -मस्ती -देवेश
तो यहां तो सब लड़के लड़कियां ही हैं। दोस्त, यहां क्या पर्दा… और सच में मेरे क्लास की लड़कियां भी अपने-अपने ब्वायफ्रेंड से चिपकी, किसी का हाथ टाप के अंदर, तो कोई स्कर्ट उठाकर।
और अपनी क्लास की चार पांच लडकियों के तो ,... टॉप पूरे खुल चुके थे
और एक बूब्स पर एक लड़का और एक पर दूसरा ,
सैंडी तो और ,...
क्लास की सबसे हॉट लड़की मानती थी अपने आप को , एक तो मेरे क्लास का ही था , और दूसरा कोई ,... बाहर का , ...
जो झुक के उसके निप्स सक कर रहा था ,
और वो मजे में बैठी सुट्टे मार रही थी ,
हाँ एक हाथ से जो लड़का उसके बूब्स सक कर रहा था उसके बल्ज को कस कस के दबा रही थी ,
बार के बगल में ही सोफे पे एक लड़के की गोद में तो दो-दो लड़कियां और वो दोनों के उभारों सेऽऽ
सारी लड़कियां लड़कों से लगी पड़ी थीं ,
अब मामला चुम्मा चुम्मी से बहुत आगे , ... सब अपने में मगन
अच्छा हुआ जो दिया ने उस दिन देवेश से परिचय करवा दिया, वरना तो मैं बोर ही हो जाती।
तब तक देवेश ने मेरा हाथ दबाकर बोला-
“हे, चल जरा बाहर चलते हैं…”
वहां शोर भी हो रहा था, और सिगरेट का धुआं भी।
ज्यादतर लड़कियां भी स्मोक कर रहीं थीं और वेट्रेसेज ड्रिंक के साथ-साथ सिगरेट भी बांट रही थीं।
“चल…” मैंने भी देवेश का हाथ दबाकर कहा।
बाहर सिर्फ हल्की म्युजिक आ रही थी।
एक दो जोड़े कहीं-कहीं लान में पेड़ों के नीचे, झाड़ियों के पीछे,, साथ में किस की , सिसकियों की , ... कोई भी समझ सकता था ,
' वहां क्या हो रहा है '
पर मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था ,
देवेश था न मेरे पास , और आज तो मैं तय कर के आयी थी ,
देवेश जो चाहे ,... मैं मना नहीं करुँगी ,...
बल्कि अब तो देवेश से ज्यादा खुद मेरा मन कर रहा था था ,
और मैं उन स्सालियों को दिखा भी देना चाहतीं थीं , जो पीठ पीछे , नर्ड नर्ड कहती रहती थीं , ... मैं उनसे कम नहीं दो हाथ आगे हूँ , ...
एक राट आयरन की बेंच पे हम दोनों जाकर बैठ गये,
और बैठते ही देवेश ने मेरा सिर पकड़कर मुझे खूब कस के चूम लिया। अबकी मैंने भी उसी तरह जवाब दिया।
थोड़ी ही देर में मैं उसकी गोद में थी।
लेकिन किस हम लोगों का टूटा नहीं ,
सच में देवश मस्त किस कर रहा था , एकदम लग रहा था मेरे होंठ आज वो खा जाएगा , ... खा ले तो खा ले , ...
नहीं आज तक किसी लड़के ने नहीं किस किया था मुझे , पर थोड़ी प्रैक्टिस तो थी ही ,
और किस के साथ किस , ... मेरी भाभी , ..छन्दा भाभी , ...
मैं उन्हें भइया का नाम लेकर चिढ़ाती और वो सारा बदला भैया के जाने के बाद मेरे साथ निकालतीं , ...
देख तेरे भइया ऐसे किस करते हैं ,...
फिर वो भैया बनती और मुझे अपनी जगह , एक दिन तो पूरे पंद्रह मिनट तक किस ,
जब तक मैं डीप फ्रेंच किस में परफेक्ट नहीं हो गयी , ....
मैं भी आज देवेश के किस का कस के जवाब दे रही थी ,
अपने मुंह में घुसी उसकी जीभ को थोड़ी देर चूसती रही , फिर थोड़ी सी टंग फाइट, मेरी जीभ की टिप उसकी जीभ से ,
कभी छुला के हटा लेती तो कभी जोर जोर ,से उसकी जीभ से और साथ में उसके होंठों को भी अब मैं चूस रही थी
बैठने में मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर सरक गयी थी , और मैं एकदम , ...
खूब कड़ा कड़ा लग रहा था मेरे हिप्स के नीचे , एकदम तना , टनटनाया , ...
भाभी ने बोला था ,
देख आज तुझे देख के जिस का न टनटना जाए उसे खानदानी शफा खाना में जाके इलाज कराना चाहिए , ...
भाभी भी न कुछ भी ,...
देवेश का तो मैं बड़ी देर से देख रही थी और अब मौका मिला था मुझे तो मैं क्यों छोड़ती , उसे भी याद रहेगा , अनुजा के बारे में
बस बहुत हलके से मैंने अपने हिप्स उसके इरेक्शन पर रगड़ दिए ,
हलके से ही लेकिन उतना ही देवश बाबू की हालत ख़राब करने के लिए काफी था ,
हो तो हो , हालत अनुजा की कौन सी अच्छी थी , मन कर रहा था की बस ,...
उसका एक हाथ मेरा ट्यूब टाप हटाकर… और जब उसने देखा की ब्रा भी नहीं है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मुझे मालूम नहीं था क्या , ओनर्स प्राइड नेबर्स एनवी ,...
और आज से नहीं जब से मैं नौंवी में गयी थी तब से , ...
साइज में तो अपनी सारी सहेलियों से २० नहीं २२ थी , लेकिन साथ में शेप परफेक्ट , कड़ापन , कटाव , उभार ,
दिया मुझे चिढ़ाती भी थी ,
यार अनुजा , तू ये अपने जवानी के खिलौने बस किसी लड़के को एक बार छू लेने दे न , बस टॉप के ऊपर से , सच में जिंदगी भर तेरे तलुवे चाटेगा , ...
लेकिन मैं भी न , ... पर आज खुद मेरा भी मन कर रहा था , अगर देवेश टॉप नहीं हटाता तो मैं खुद हटा के , ....
उफ़ देवेश की उँगलियाँ , ...
कैसे हल्के हलके छू रहा था ,
बस मन कर रहा था , दबाता क्यों नहीं कस कस के ये ,
हाल में तो सब लड़कियों के ब्वाय फ्रेंड्स खुल के कितनी ताकत से दबा मीज रहे थे ,
और फिर जब देवश की उंगलिया मेरे निप्स पर लगीं ,
बस मैं मर नहीं गयी , ...
देवेश ने इशारा किया और मैंने अपनी ड्रिंक उठा के एक सिप ली , व
ही पहले की तरह थोड़ा कडुवा थोड़ा मीठा , एक अलग सा टेस्ट , ... लेकिन अंदर जाते ही , अच्छा बहुत लग रहा रहा था ,
मैंने दो तीन सिप और लिए ,
बस अब दो ही बातों का अहसास हो रहा था , मेरे बूब्स पर देवेश की उँगलियों को , जैसे सैकड़ों बिच्छू एक साथ मेरे उभारों पर टहल रहे हों , डंक मार रहे हों ,
और देवेश के खूंटे का , मेरी स्कर्ट तो सरक कर मेरी कमर पर एक छल्ले की तरह , और अब मैं हलके हलके अपने चूतड़ उसके खूंटे पे ग्राइंड कर रही थी , बहुत अच्छा लग रहा था मन कर रहा था खुद पकड़ के खोल दूँ , ...