16-04-2020, 08:31 AM
(13-04-2020, 01:04 PM)Poonam_triwedi Wrote:![]()
दिन दिन कहानी में गर्मी बढ़ती जा रही है
ओर हमारी भी साथ साथ
बहुत अच्छी कहानी है कोमल जी
अब बार बार आप की क्या तारीफ करें
बस हर उपडेट के बाद पानी बरस जाता है
जैसे आषाढ़ की रातों में बरसता है
आप समझ रही है ना
अगले अपडेट की प्रतिक्षा में हूँ दिल थाम के![]()
होली की धमाल निहारिका जी की तरह होली के मजे कम ही ले पाई मैं भी पर आप के साथ सभी सहेलियां ले लेंगी झम के
रंगों से नहीं तो ओर किसी से भर गीली हो ही जाएंगी ये पक्का वादा है![]()
![]()
![]()
अब मेरी हालत सोचिये , मेरी तो लिखते हुए ही गीली हो जाती है , उन बातों को सोच सोच के ,...
असल में ये कहानी से ज्यादा आप बीती है , मेरी कल्पना तो बहुत सीमित है , इसलिए इस कहानी के शुरू में ही , अपने गांव का पता , ( बनारस में पांडेपुर से लमही की ओर जाने वाली सड़क पर , बस सड़क से थोड़ी दूर , गाँव तक खंड़जे वाली सड़क है ) इनके घर का पता , सब कुछ , ... कैसे इनसे पहली बार मिली , शादी कैसे तय हुयी सब कुछ एकदम डिटेल में मैंने लिख दिया है ,
हाँ होली में मैं कुछ ज्यादा ही बिंदास हो जाती हूँ , पर वही गाँव वाली हूँ वो भी ईस्टर्न यूपी वाली ,
होली और सावन , इन दो मौसम में कुछ ज्यादा ही मस्ती चढ़ती है , हम लोगों पर भी और मर्दों पर भी , ... पर इनके ससुराल की होली में तो असली खेल इनका रहेगा , बल्कि इनसे ज्यादा इनकी सलहजों , सालियों , ... बताया तो था न मेरी दो छोटी बहने हैं एक दसवीं में एक नौवीं में ,... और गाँव की तो हर लड़की इनकी साली लगेगी , ...
![[Image: holi2-thumb-56.jpg]](https://i.ibb.co/1J8fh81/holi2-thumb-56.jpg)
दोनों ने मुझसे लिखवा के ले लिया है , जितने दिन ये मेरे गाँव रहेंगे , मैं न तो इनके पास फटकूँगी , न इन्हे बचाऊंगी ,
और मैं क्यों बचाऊं इन्हे इनकी छोटी सालियों सलहजों से
पर पहले ये तय तो हो मेरी पहली होली इनकी ससुराल में होगी या मेरी , ... अस सब कुछ सासु जी पर है