15-04-2020, 10:58 PM
(This post was last modified: 16-04-2020, 01:25 AM by Niharikasaree. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
(15-04-2020, 12:22 PM)komaalrani Wrote:आप बुरा मत मानियेगा , ....
आपकी पोस्ट्स पर कमेंट देने में कुछ प्राबलम आती है मुझे ,
एक तो एक एक लाइन पढ़ते हुए ,... क्या होता है क्या बताऊँ
फिर जैसे पिक्चर में फ्लैश बैक होता है न आधे घंटे पौन घंटे , ...
आपकी पोस्ट खुली रहती है और मैं बस जब १५-१६ साल की थी ,
घर वाले बचपना समझते हैं और मोहल्ले वाले , ...
एकदम सीन। ..............................
आप बुरा मत मानियेगा , ....
आपकी पोस्ट्स पर कमेंट देने में कुछ प्राबलम आती है मुझे ,
एक तो एक एक लाइन पढ़ते हुए ,... क्या होता है क्या बताऊँ
फिर जैसे पिक्चर में फ्लैश बैक होता है न आधे घंटे पौन घंटे , ...
आपकी पोस्ट खुली रहती है और मैं बस जब १५-१६ साल की थी ,
कोमल जी,
मैं और आपकी बात का बुरा मानु, ऐसा हो ही नहीं सकता जी, आप तो मेरी जान हैं, मेरी सहेली वो भी पक्की वाली . अब जान की बात का बुरा मानु क्या।
मेरी यही कोशिश है की, अपने बीते पल याद कर सकू और मेरी सहेलिओं को भी याद दिला सकू , हम औरतो के पास बस यही यादी ही तो हैं , बाकि सब जिम्मेदारियां भरी हैं, हमारी जान पे, ऑफिस का वर्क, अगर वर्किंग हो तो, घर के काम तो मरने भी नहीं देते, और "मारने" के लिए "वो" तैयार डेटॉल से हाथ धो कर।
"घर वाले बचपना समझते हैं और मोहल्ले वाले , ..." "माल" , क्यों सही है न जी, चढ़ती जवानी, हमारे अरमान और मोहल्ले वालो की नज़रे, एकदम दुपट्टा, कुर्ती, ब्रा सब भेदती हुई सी लगती हैं, अब क्या -क्या छुपाओ , कहाँ तक बचाओ। अब तो सब लूट चूका , और रोज़ ही लुटा जाता है हक़ से.
"एक एक चीज ,.. एक तो आप इतना डिटेल में लिखती हैं और फिर मन मने क्या उमड़ता घुमड़ता रहता था उस समय वो सब ,कोई आवाज देता है तो जल्दी से अतीत से वापस आती हूँ , लैपी बंद करती हूँ , फिर भी चाहे किचेन में रहूं , बस वो जो यादों की आंधी जगा देती हैं आप ,"
यह तो आपका उपकार है मुझ जैसी नौसिखिया पर ,इस पोस्ट को "कमेंट" तो कहना उचित नहीं होगा इसे यह तो वो पुरस्कार है, जिसे कोई खरीद ही नहीं सकता , बस सीधे दिल से - दिल तक.
"आप ने तो कह दिया एक दो लाइन पर , क्या क्या नहीं गुजरता
इसी लिए कई कई बार कोशिश करने पर कुछ लिख पाती हूँ , ...
कहानी हो तो कोई कमेंट करे
आप तो हम सब की जिंदगी को उधेड़ कर रख देती हैं , पहली बार पैड खरीदना ,
मूड्स ,... "
उफ़, अगर आपको को "कोशिश" करनी पड रही है, तो हम कही नहीं टिकते, हम तो। कोमल जी मेरा शब्कोष ही खाली हो गया , क्या लिखू आपकी तारीफ़ मैं. बस अपना प्यार देते रहना , वो ही काफी है.
"लिखते समय आप जिन अहसासों से गुजरती होंगी बस वही हालत हम सबकी होती है
मेरी कुसुम जी की , पूनम जी की , हम सब हम उम्र , उसी स्टेज में ,... "
जी, सही कहा आपने, बहुत सी बाते - यादे हमारे जहन मैं सागर की लहेरो सी उतरती - चढ़ती रहती हैं बस ऊनि मैं से कुछ लिख देती हूँ , हालत तो हम सबकी एक ही जैसी है, सही कहा आपने थोड़ा मज़ा तब आये जब उस उम्र की कोई लड़की यहाँ फोरम पर हो और अभी जो वो फील कर रही हो बता पाए, हो सकता है हमारा कुछ एक्सपीरियंस उसके काम आ जाये , अगर ऐसा हुआ तो इस फोरम पर आना और लिखना सफल हो जायेगा।
देखे कोई किशोरी , कब दस्तक देती है.
कोमल जी,
एकदम दिल से , कहती हूँ , आपकी यह पोस्ट मेरे अब तक की सबसे खूबसूरत पोस्ट है , एकदम "ऑस्कर" अवार्ड जैसी।
आप तो "ऑस्कर" अवार्ड कहानिओ की रचियता हैं , चाहे तो पूछ लीजिये सभी सहेलिओं से, कोई न, नहीं करेगा।
कोई जोर नहीं, बस जब भी समय मिले , बस 'दो लाइन" ही बहुत हैं, आपके प्यार की.
आपके। ...................
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका