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Fantasy नया सफ़र
#13
'यार सॉरी.. हम तेरे ही सामने सुरू हो गये थे'


'अरे कोई बात नही.. सही तो कहा तूने.. पॉर्न देख सकती हूँ.... फ़िल्मो मे ये सब देख सकती हूँ तो क्या है ये.. वैसे भी तू कौन सी हेरोयिन से कम है'

'हां! और सुंदर हीरो से!' - कहकर आँखे बंद उसके बारे सोचने लगी

'अच्छा कैसा लगता है किस करके'

'नही बता सकती यार.. बस नरम होठ मुह मे आते हैं.. चिकनी लार आती है मुह मे और ज़बान फिसलती है एक दूसरे की.. मतलब वो बस फील ही कर सकते'

'ह्म' - नेहा ने एक गहरी साँस ली

रिचा ने देखा उसकी ओर फिर - 'तू जानना चाहती है कैसा लगता है'

और अगले ही पर नेहा का जवाब सुनने से पहले ही रिचा ने नेहा के गालो को पकड़ा और चूमने लगी.. नेहा शुरू मे तो अवाक रह गयी पर फिर उसने भी सुंदर की तरह रिचा का मुह अपने मुह मे भर लिया. अब ये शराब का नशा था या उनकी जवानी का ये तो उन्हे भी नही पता था उस वक़्त

अब धीरे से सरक कर नेहा टब मे नीचे आ गयी थी और रिचा उसके उपर.. गीले बालो मे दोनो की सुंदरता दोगुनी हो गयी थी.. रिचा का एक हाथ फिसलते हुए नेहा के निपल तक गया और उसे रगड़ने लगा और फिर उसने नेहा की टांगे फैलाई और टब की दीवार से सटा दिया
फिर किस तोड़ कर उपर उठी और अपनी दोनो हथेलियों को उसके चेहरे के पास से लहराते हुए नीचे लाने लगी.. पहले गर्दन.. फिर छाती.. दोनो चुचियो और निपल्स को कवर करते हुए और फिर पेट इस तरह की दोनो अंगूठे नाभि से होके जाए..

आऊर फिर रिचा का बाया हाथ पेट पर ही रुक गया पर दाहिना हाथ फिसलता हुआ सीधा उसकी योनि तक चला गया..

नेहा ने सर उपर कर आँखे बंद कर ली.. रिचा ने अब अपनी मध्यमा से उसकी योनि को सहलाना शुरू किया.. फिर सहलाते सहलाते योनि से भी नीचे ले गयी और उसके गूदे को च्छू दिया..
नेहा चिहुक उठी और उसने रिचा का हाथ पकड़ लिया.. 'अरे अरे...'

'रोक मत आज मज़े ले..'

'हरामी है तू! इधर आ पहले' - कहकर सामने खिचा उसने रिचा को और अपनी बाहो मे भर लिया

'आज मैं तेरे साथ सोना चाहती हूँ और रात भर मज़े लेना चाहती हूँ' - उसने रिचा से कहा

रिचा ने अचंभे से देखा

'बस इतनी सी बात.. पर लंड नही है मेरे पास'

'चुप कर! लॅंड तो तुझे चाहिए था अभी कुछ देर पहले'

'हां यार! अब तो अपनी उंगली से ही काम चलना पड़ेगा.. अच्छा तेरी उंगली कितनी लंबी है दिखा..'

'हट साली हरामी.. चल उठ..' 

'रुक एक मिनिट' - रिचा ने कहा फिर शोवर जेल अपने हाथ मे लिया.. और नेहा की चूत पर लगा दिया और वहा रगड़ने लगी.. नेहा ने आँखे बंद कर ली.. तभी अगले ही पल झाग से भरे अपने हाथ को रिचा चूत से होते हुए नेहा की गान्ड के छेद पर ले गयी और वहाँ मलने लगी.. नेहा रिचा की उंगलियों के स्पर्श से गुदगुदी से उच्छल पड़ी.. 

'उफ़ कहा से सीखती है ये सब'

'छोड ना ..बस मज़े ले तू' - कहकर उसने पानी से नेहा की चूत और गान्ड धोने लगी

'चल अब तेरी बारी' - रिचा ने कहा

नेहा ने भी वैसा ही किया और रिचा गुदगुदी से झूम उठी.. दोनो के नाज़ुक हथेलियो का स्पर्श एक दूसरे को बड़ा सुकून दे रहा था..

फिर एक हल्का शावर लेकर दोनो ने शरीर को टॉवेल से पोछा और नंगी ही निकल कर बेड पर पड़ गयी..

नेहा रिचा के उपर आ गयी और उसे किस करने लगी.. रिचा ने भी कसकर उसे बाहो मे भर लिया.. दोनो के निपल कड़े हो गये थे और एक दूसरे को गुदगुदी कर रहे थे.. रिचा ने आपनी टांगे फैलाई और नेहा की कमर पर लपेट लिया.. नेहा भी पूरी उस पर पड़ गयी..फिर नेहा ने किस तोड़ी और रिचा के गर्दन को चूमते हुए नीचे आकर उसके दाएं निपल पर जीभ फेरने लगी

रिचा गरम होती जा रही थी और उसके गोरे दूध से बदन मे चईतियाँ रेंगने लगी थी..और उसके मुह से सिसकारियाँ छूटने लगी थी. गर्म आहे भरते हुए एक हाथ उसने सरकया और अपनी चूत मसलने लगी और दूसरे हाथ से नेहा की पीठ सहलाने लगी

रिचा गर्मी से पिघलती जा रही थी .. और झान्ट के बाल उसके गीले हो रहे थे.. और तभी नेहा ने उसकी नाभि पर अपनी जीभ चुभो दी.. करंट सा दौड़ गया रिचा के शरीर मे.. नेहा ने रिचा का बाया हाथ हटाया चूत पर से और उसके चूत को जीभ से साफ़ करने लगी.. रिचा ने कस कर नेहा के सर को बालो से पकड़ लिया

रिचा के चूत के उपर की चमड़ी नरम हो गयी थी.. उसे उसने अपनी उंगली से अलग किया और चूत के बादाम से दाने को जीभ से चाट लिया ..उसके छूट से निकल रहा नमकीन रस और उसकी महक नेहा के छूट से भी पानी रिससने लगी.

नेहा ने अपना एक हाथ अलग किया और अपनी चूत पे रख दिया और दूसरे हाथ से चूत की फाक को अलग कर पूरे ज़ोर से जीभ फिराने लगी..

रिचा तो जैसे किसी और ही दुनिया मे पहुच गयी थी.. सिसकिया भरते हुए एक हाथ से नेहा का सर पकड़े हुए थी और एक हाथ से अपनी निपल्स घिस रही थी.

रिचा की जांघे काँपने लगी.. उसने नेहा को वही रोका और उसे उठाकर अब उसके उपर आ गयी.. फिर झट से पलट कर अपना चूत उसकी मुह की ओर कर दिया.... और अपना सर उसकी चूत पर लगा दिया

नेहा ने भी रिचा की दोनो जाँघो को अलग किया.. रिचा की गान्ड का छेद ठीक उसकी नाक के पास था और हल्की हल्की एक स्मेल दे रहा था.. पर उस वक़्त वो भी उसे मदहोश कर रहा था.. नेहा ने रिचा के चूतड़ को फैलाया और रिचा गान्ड के छेद को देखने लगी.... बिल्कुल सिकुडा हुआ सूखा सा...जैसे शर्म से अंदर घुसा जा रहा हो..  चूत चाटते हुए उसने अपनी ज़बान को अब गूदे तक लाना शुरू किया और उस शरमाये हुए च्छेद पर अपनी लार गिराने लगी.. दोनो की मदहोशी आज अलग ही आयाम पर थी..

गुदा का गीलापन और उसपर नेहा का जीभ सरकाना पागल किए जेया रहा था उसे... 'साली इतने दिन साथ सोई... कहाँ थी तब.. इश्स ऐसे ही कर.. मज़ा आ रहा है..' - आँखे बंद किए रिचा बुदबुदाने लगी.. 

उसने भी नेहा की जाँघो को कस के पकड़ा और था और चपर चपर कर ज़ोर से चूत को चाटे जा रही थी.

दोनो की जाँघो तक पानी रिस रहा था.. पसीने से दोनो भीग गयी थी और कमरा सिसकारियो से भरा जा रहा था.. रिचा से अब रहा नही जा रहा था.. नेहा बड़ी तेज़ी  से जीभ उसकी मुलायम चूत पर घिसे जा रही थी.. और रिचा भी उंगलियो से नेहा की चूत कुरेद रही थी..

दोनो के बदन अब अकड़ने लगे और नेहा पहले काँप उठी .. और ये देख रिचा ने उसकी चूत पूरा मुह मे भर लिया और अगले ही पल वो भी छूट पड़ी..

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नया सफ़र - by sinureddy - 13-04-2020, 08:11 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 13-04-2020, 08:13 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 13-04-2020, 08:14 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 14-04-2020, 08:54 AM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 14-04-2020, 05:57 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 14-04-2020, 09:49 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 06:05 AM
RE: नया सफ़र - by Xxx2524 - 15-04-2020, 08:50 AM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 09:59 AM
RE: नया सफ़र - by Xxx2524 - 15-04-2020, 10:32 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 10:48 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 10:50 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 10:51 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 16-04-2020, 08:22 PM
RE: नया सफ़र - by Suryahot123 - 20-04-2020, 08:47 AM



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