15-04-2020, 09:58 PM
(This post was last modified: 15-08-2021, 04:54 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
भैय्या -बहिनी
मेरा दूसरा हाथ उसके बटन तक पहुँच गया ,
" नहीं भाभी कैसे ,ओह्ह छोड़िये न "
अब वो बिचारी घबड़ायी।
" ऊप्स मेरा मतलब दूसरे कपडे पहन ले , चेंज कर ले "
मैं समझाते बोली ,और तब तक रोकते रोकते मेरे हाथों ने उसकी कमीज की एक बटन खोल दी थी।
" लेकिन क्या , कौन। .. हाँ नहीं। .. मतलब क्या पहनूं "
गुड्डी बिचारीकन्फ्यूज।
" अरे मैं भी न , तेरे भैया एकदम बुद्धू हैं और इनके संग में ,मैं भी एकदम बुद्धू हो गयी हूँ। अरे तेरे लिए इन्होने एक बहुत अच्छी ड्रेस खरीदी है , बस मैं ले आती हूँ ,तुम उसे चेंज कर इसे टांग दो ,तुम्हारे जाने तक सूख जायेगी। "
तब तक प्रेशर कुकर की सीटी बजी और मेरी जेठानी बाहर।
मेरी उँगलियाँ अभी भी गुड्डी के मटर के दाने की साइज के निप्स को दबोचे हुए ,हलके हलके मसल रही थीं। उनसे मैं बोली ,
" देखो एकदम टनाटन हैं न ,तेरे माल के । "
और मैं भी निकल गयी , भैय्या -बहिनी को अकेला छोड़ के ,
और लौटी तो उन निप्स जहाँ थोड़ी देर पहले मेरा हाथ था वहीँ मेरे सैंया का ,बुद्धू थे लेकिन इत्ते भी नहीं।
उसे गिफ्ट रैप पैकेट देते हुए मैंने पैकट दिया और दिखाया ,
पैकेट के ऊपर एक कार्ड था जिसपर लिखा था ,
2 माई स्वीट सेक्सी और ,... नाम की जगह एक खूब बड़ा सा दिल का कार्ड लगा था।
पहले तो वो शर्मायी ,फिर उनकी ओर देख के जोर से मुस्करायी।
( उसे क्या मालूम ये कार्ड वाली शरारत मेरी थी )
" देख ,इसमें क्या है मुझे नहीं मालूम। तेरे भय्या खुद अकेले गए थे मैं तो गयी भी नहीं थी , इनकी अपनी पसंद है , और हाँ ,अंदर वाली चीजें भी है ,वोभी चेंज कर ले , तेरी ब्रा तो गीली हो गयी है , क्या पता पैंटी भी गीली हो गयी हो। "
" एकदम, भाभी अभी चेंज कर के आती हूँ , भैय्या लाये हैं तो अच्छी ही होगी। "
वो पैकट लेकर फुर्र्र , और मैं इनके कान को पान बनाने में लग गयी ,
" तुम न साले इत्ते शर्मीले , वो खुद आके तेरे लंड पे बैठ गयी और तुझसे इत्ता भी नहीं हुआ की जरा उस प्याजी कुर्ते के अंदर हाथ डालकर नाप जोख करता ,
देखता उसके जुबना ३२ सी साइज के ही हैं , जिस नाप की तूने ब्रा खरीदी है ,
अगर तू लौंडिया की चूँची नहीं मसल पाया तो क्या पटा पायेगा उसे।
अरे लोग तो डीटीसी की बसों में ४-५ लड़कियों की चूँचियाँ दबा देते हैं ,और तू गोद में बैठे अपने माल की चूँची नहीं मीज पा रहा था। "
तबतक मेरी जेठानी अंदर आ गयीं , और इनकी और डँटायी बच गयी।
और फिर वो आगयी ,इनका माल ,सच में जिल्ला टॉप माल थी , एकदम मस्त लग रही थी।
मेरा दूसरा हाथ उसके बटन तक पहुँच गया ,
" नहीं भाभी कैसे ,ओह्ह छोड़िये न "
अब वो बिचारी घबड़ायी।
" ऊप्स मेरा मतलब दूसरे कपडे पहन ले , चेंज कर ले "
मैं समझाते बोली ,और तब तक रोकते रोकते मेरे हाथों ने उसकी कमीज की एक बटन खोल दी थी।
" लेकिन क्या , कौन। .. हाँ नहीं। .. मतलब क्या पहनूं "
गुड्डी बिचारीकन्फ्यूज।
" अरे मैं भी न , तेरे भैया एकदम बुद्धू हैं और इनके संग में ,मैं भी एकदम बुद्धू हो गयी हूँ। अरे तेरे लिए इन्होने एक बहुत अच्छी ड्रेस खरीदी है , बस मैं ले आती हूँ ,तुम उसे चेंज कर इसे टांग दो ,तुम्हारे जाने तक सूख जायेगी। "
तब तक प्रेशर कुकर की सीटी बजी और मेरी जेठानी बाहर।
मेरी उँगलियाँ अभी भी गुड्डी के मटर के दाने की साइज के निप्स को दबोचे हुए ,हलके हलके मसल रही थीं। उनसे मैं बोली ,
" देखो एकदम टनाटन हैं न ,तेरे माल के । "
और मैं भी निकल गयी , भैय्या -बहिनी को अकेला छोड़ के ,
और लौटी तो उन निप्स जहाँ थोड़ी देर पहले मेरा हाथ था वहीँ मेरे सैंया का ,बुद्धू थे लेकिन इत्ते भी नहीं।
उसे गिफ्ट रैप पैकेट देते हुए मैंने पैकट दिया और दिखाया ,
पैकेट के ऊपर एक कार्ड था जिसपर लिखा था ,
2 माई स्वीट सेक्सी और ,... नाम की जगह एक खूब बड़ा सा दिल का कार्ड लगा था।
पहले तो वो शर्मायी ,फिर उनकी ओर देख के जोर से मुस्करायी।
( उसे क्या मालूम ये कार्ड वाली शरारत मेरी थी )
" देख ,इसमें क्या है मुझे नहीं मालूम। तेरे भय्या खुद अकेले गए थे मैं तो गयी भी नहीं थी , इनकी अपनी पसंद है , और हाँ ,अंदर वाली चीजें भी है ,वोभी चेंज कर ले , तेरी ब्रा तो गीली हो गयी है , क्या पता पैंटी भी गीली हो गयी हो। "
" एकदम, भाभी अभी चेंज कर के आती हूँ , भैय्या लाये हैं तो अच्छी ही होगी। "
वो पैकट लेकर फुर्र्र , और मैं इनके कान को पान बनाने में लग गयी ,
" तुम न साले इत्ते शर्मीले , वो खुद आके तेरे लंड पे बैठ गयी और तुझसे इत्ता भी नहीं हुआ की जरा उस प्याजी कुर्ते के अंदर हाथ डालकर नाप जोख करता ,
देखता उसके जुबना ३२ सी साइज के ही हैं , जिस नाप की तूने ब्रा खरीदी है ,
अगर तू लौंडिया की चूँची नहीं मसल पाया तो क्या पटा पायेगा उसे।
अरे लोग तो डीटीसी की बसों में ४-५ लड़कियों की चूँचियाँ दबा देते हैं ,और तू गोद में बैठे अपने माल की चूँची नहीं मीज पा रहा था। "
तबतक मेरी जेठानी अंदर आ गयीं , और इनकी और डँटायी बच गयी।
और फिर वो आगयी ,इनका माल ,सच में जिल्ला टॉप माल थी , एकदम मस्त लग रही थी।