15-04-2020, 09:30 PM
(13-04-2020, 12:50 PM)Poonam_triwedi Wrote: क्या बात है निहारिका जी बिल्कुल कोमल जी बहुत से किस्से फिर से जीवंत कर देती है फिर निच्चे पिच्छे सब जगह खुजली मचल ही जाती है हम औरतों केटीवी के सामने बैठकर , उनकी गोद में ,... वो भी लहंगे चोली में , कितनी यादें ताजा कर दी आपने , सच में बैकलेस का मतलब पीठ में आठ दस चुम्मी तो हो ही जाती हैं और मैं तो जान बूझ कर इन्हे ललचाने के लिए जरूर बैकलेस में
आप के बस वाले किस्से ने पुरानी यादें ताजा कर दी हर औरत के साथ ये मीठी यादें जुड़ी होती है
ओर प्याजी लहंगा है मेरे पास भी ओर एक नहीं कई बार उन्होंने TV रूम में बैडरूम में अपनी गोदी में बिठाया है और मस्ती की है
पता नहीं क्यों जब भी लहंगा पहनो उन को हमारा पिछवाड़ा देख के क्या मस्ती चढ़ती है जोर जबरदस्ती एक बार पीछे से ऊपर करवाएंगे ही चाहे 1 मिनट के लिए भी पर ऊफ़्फ़ गांव में भरे पूरे घर मे बहुत लाज लगती है मुझे तो
ओर अगर दिन में मनमानी से रोक के रखो तो रात में तो जाना वहीं है ना फिर...
निहारिका जी हर एक आप,मैं,कोमल जी, कुसुम जो ठेठ गांव से जुड़ी औरते है ये मस्ती झेलती है पर मजा भी तो उतना ही आता है ना
कभी कभी लगता है कहीं उन्होंने पढ़ लिया तो हाय राम नहीं नहीं