15-04-2020, 10:49 AM
(14-04-2020, 10:07 AM)Niharikasaree Wrote:पूनम जी,
कोमल जी देखेंगी तो पता नहीं कितनी बातें सुनाएंगी ये सब यहाँ बंद करो
पर वो नहीं आये तब तक ये लास्ट बस एक दम अंतिम
चोरी - चोरी चुपके - चुपके मज़े, कोमल जी से बचके, सही कहा डांट तोह पड़ने वाली है,
काम काज बढ़ जो गया है पर रात को दिल मचल ही जाता है , अब क्या करे दिल अकेला हो तो सम्भल ले , "वो" उनकी हरकतें, साथ मैं "गीली" टपकती, उफ़. ,,,, अब बस नहीं तो पीटने की नौबत आने वाली है,, सब की
बाकी बाते , लेडीज वाले थ्रेड पर, स्वागत है आपका।।।।।।।
आपके
(14-04-2020, 10:13 AM)Niharikasaree Wrote: कुसुम जी,
"यहाँ आने के बाद गर्म कोन नहीं होती है ",
अब क्या बताऊ जी, गर्म , गीली, टपकती सब हो जाती हु , बाकि, जेठानी से मीठा [कसोले स्वाद के साथ] बदला तो बनता है, देखे आगे क्या जलवा होता है, कोमल जी की जादूगिरी कैसे समेटेती दोनों को.
कुसुम जी, आपकी कलम के रंगो का जादू दिखाई दे रहा है, बहुत अच्छा।
आपके
आपने एकदम सही कहा , यहाँ आने पर कौन गरम नहीं होती , और कोई डाँट वांट नहीं पड़ने वाली , जो आप लोगों की हाल वही मेरी , इसलिए आज कभी कभी नागा हो जाता है यहाँ आने में , ... तो बस अगला अपडेट मेरी चिकनी ननदिया के बारे में ,...
सच में साजन को नन्दोई बनाने के बारे में सोच सोच के ही एकदम गिनगीना जाता है,
मेरी एक ननद हैं मुझसे थोड़ी ही बड़ी , शादी शुदा , .. उनके आते ही मैं चिढ़ाती हूँ
साजन से साजन बदल लो नंदी मोरे साजन बड़े नादान ,
और वो एकदम ,... सच में बहुत मजा आता है नंदों को उनके भाइयों का नाम ले ले के छेड़ने में