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Fantasy नया सफ़र
#6
दुनिया मे हर प्राणी के अंदर विपरीत लिंग के प्राणी के लिए एक आकर्षण होता है.. कभी कभी ये किसी भावना से जुड़ा होता है, कभी संवेदनाओं से तो कभी कभी पूरी तरह से ये शारीरिक कामनाए होती है..


हम सभी एक ना एक बार उम्र के ऐसे दौर से गुज़रते हैं जहा शरीर हमारा कुछ और कह रहा होता है और मन कुछ और हमारे लिंग कुछ और..

दोस्तो आपलोगो ने भी अपने आस पास देखा होगा कुछ लोग होते हैं जो विपरीत लिंग के लोगो से दूर भागते हैं, शारीरिक संरचनाओ के बारे मे बात करने से भागते हैं या शरमाते हैं, सेक्स के बारे मे बाते करने या देखने से भागते हैं या यू कहो खुद को कंट्रोल करते हैं... पर अकेले मे यही बाते उनपर कंट्रोल करने लगती हैं.

और नेहा भी वैसी ही थी.. शायद ही किसी लड़के को वो अपने आस पास भटकने देती है.. पर होता है ना जिसपर आप हद से ज़्यादा कंट्रोल करने की कोशिश करो वो कभी ना कभी आप पर हावी हो ही जाता है.

और यही हाल नेहा का हुआ था.. जवानी की हिलोरे आज उसके शारीरिक समंदर पर पूरे ज़ोर पर थी या यू समझो तूफान ला रही थी..

आज सुंदर का नंगा गठीला बदन उसके आँखो के सामने से उतर ही नही रहा था.. ऐसा नही था की सुंदर मे कोई खास दिलचस्पी हो उसे पर ये बस उसके शरीर से था.. उसकी कसीली बाहे और जाँघ.. और लंड उसका इतना सख़्त सा दिख रहा था जैसे लोहे सा.. हो या ना हो पर नेहा का दिमाग़ उसे ज़रूर भट्टी से निकले लोहे की तरह इमॅजिन कर रहा था

और यही करते करते वो आईने के सामने खड़ी हो गयी.. अब धीरे धीरे उसके शरीर मे तरंगे छूट रही थी.. उसने अपनी कुरती और चूड़ीदार उतारी और आईने मे खुद को निहारने लगी.
.
एक बार उसने अपने 34 साइज़ के चुचियो पर नज़र डाला.. फिर हल्के से नीचे से दबाकर उपर उठाया जिससे हल्के से वो ब्रा से बाहर आ गये और फूले से लगने लगे.. उसका बदन आज उसे कुछ अलग ही लग रहा था.. जैसे हज़ारो चीटियाँ रेंग रही हो उसके बदन पर.. उसने कमर पे अपने हाथ रखे और फिर हल्के से दाहिने मुड कर अपनी नितंबो को निहारने लगी.. बिल्कुल शेप मे थी उसकी गान्ड..पीठ से कमर तक सपाट और कमर तक आते ही थोड़ी धसकर पूरी गोलाई लेती हुई उसकी चूतर... जैसे चीनी मिट्टी की सुराही हो.

उसने हल्के से अपनी पेंटी को नीचे ख़सकाया इस तरह जैसे उसकी चूतर के दरार नज़र आए.. 

'ह्म्म हू तो मैं सेक्सी ..' - कहते हुए उसने अपनी पेंटी पूरी उतार दी.

आईने के सामने वो बस ब्रा मे खड़ी थी.. ब्रा से नीचे उसका पेट सपाट था पर नाभि क इर्द गिर्द हल्का सा कसा हुआ उभार.. उसके और नीचे हल्के हल्के रोयेदार बाल जो नीचे आते आते थोड़े घने हो जाते है बड़े ही सेक्सी लुक दे रहे थे. 

रिचा ने सच कहा था जांगो के बीच जो 2 उंगली की दूरी थी.. और उसके उपर घने बाल जो उसकी कमसिन कुवारि चूत की इज़्ज़त बचा रहे थे.. गौर से देखने पर चूत की फाक का नज़ारा दे ही जाते..

नेहा से रहा नही गया उसने अपनी ब्रा भी उतार दी.. और अपने रूप को निहारने लगी.. एक दाग ना था उसके बदन पर.... बिल्कुल चिकना.. चुचियाँ भी बड़े ही शेप मे.. चुचियों के दो उभरे बादाम से दाने बिल्कुल डार्क.. गोरे बदन पर तो डार्क कलर वैसे ही जचता है.. उसके गोरे बदन पे उसकी निपल्स और घनी झान्ट ग़ज़ब की जच रही थी.. जैसे भगवान ने पूरी फ़ुर्सत से एक एक रंग भरा हो.

नेहा ने एक पल के लिए आँखे बंद की और फिर आईने मे देखने लगी.. उसका नंगा बदन और उसके पीछे खड़ा नंगा सुंदर .. अपने कड़क लॅंड को हाथ मे लिए.. एक टाँग उठा कर उसे हिलाते हुए..

नेहा का एक हाथ उसके गले से आते हुए उसकी  चुचियो पर अटक गया और हल्के हल्के निपल्स को रगड़ने लगा..  निपल्स भी बेचारे से रगड़ खाकर और उठते जा रहे थे.. उनकी कड़क नेहा को महसूस हो रही थी.. और वही कडापन उसे सुंदर के कड़क लिंग को और भी ज़्यादा वास्तविक सा महसूस करा रहा था. 

एक ओर जहा नेहा का दायां हाथ उसके रोम रोम को खड़ा कर रहा था.. दूसरा हाथ उसकी जाँघो के बीच खेल रहा था.. हल्के से उसकी मध्यमा उंगली बालो को चीरते हुए उसकी चूत के उपर की चमड़ी को सहला कर नरम करने की कोशिश कर रही थी.. अब तो जैसे बदन की गर्मी उसे पिघलाने लगी थी..अपनी टाँगो को हल्का फैलाकर हल्के से हाथ वो नीचे ले जाती और अपनी उंगलियो को जाँघो पर से होते हुए रिसते हुए उस चिकने लसलसे तरल मे डुबोकर उठाती और चूत के उपर की चमड़ी पर रगड़ती.. उसकी चूत का द्वार नरम होकर खुलने लगा था..

अब धीरे धीरे उसकी साँसे तेज़ हो रही थी और शरीर पसीने से भीगने लगा था.. अपने छाती पर हाथ फेरते आँखे बंद किए वो अपनी चूत की रगड पर कॉन्सेंट्रेट कर रही थी.. 

उसकी उंगली की एक एक रगड के साथ सुंदर का लॅंड बिल्कुल उसके शरीर पर रगड़ता महसूस होने लगा था.. उसकी उंगलिया चूत के दाने मे तो पड़ते ही जैसे करंट सा दौड़ पड़ता उसके शरीर पर..

उसका अपने आप से कंट्रोल छूटता जा रहा था.. आईने के सामने खड़ी खड़ी अब वो खुद को और नही रोक पा रही थी पूरी तरह पिघलने से .. 

'और तेज़ नेहा और तेज़..आज निकाल दे अपना सारा पानी.. मसल दे सुंदर का लॅंड... निचोड़ दे और घिस दे अपने पुर बदन पे..'

उसका दिमाग़ जैसे उसके शरीर से निकल कर भागता और कमरे से दीवार से धड़ धड़ टकरा कर वापस आ जा रहा था .. धड़कने 200 की स्पीड से भाग रही थी.. 

'बस कर नेहा बस कर रुक जा अब..'
'अबे मत रुक आज निकालने दे.. और तेज़ कर..'
'नही नही बस बस..'

[Image: 6913-fingering.gif]

 उसके अंदर एक द्वंद चल रहा था... दिमाग़ उसे रोक रहा था और दिल और शरीर और बेबस कर रहे थे उसे अपनी मनमानी करने को..

आख़िर घिसते घिसते उसकी टांगे मूडी और उसका हाथ जाँघो के बीच कस कर.. फस कर.. रह गया.. ऐसा लगा मानो किसी ने शरीर को पूरा मरोड़ दिया ..एक पल के लिए तो आँखो के सामने पूरी चकाचौंध रोशनी भर गयी..और दूसरे ही पल घुप्प अंधेरा और हल्की हल्की उड़ती रोए रोए की जैसी तरंगे कुछ नीली.. कुछ पीली.. कुछ लाल..

आँखे बंद किए धम्म से बिस्तर पर पड गयी वो.. पड़ी रही वो ऐसे ही दो पल.. उफ़ इतना सुकून .. कितनी देर से तड़प रही थी.. जैसे किसी ने कसकर सीने पर रस्सी बाँध रखी हो और अचानक खोल दिया हो.. सारी हवा एक बार मे अंदर जा रही और सुकून दे रही ऐसा महसूस हो रहा..

2 मिनिट ऐसे ही पड़े रहने के बाद उठा नही गया उससे.. उसने तकिये के बगल से रुमाल निकाला.. हाथ सॉफ किया.. और लेटे ही लेटे अपनी जाँघ को सॉफ किया .. और फिर अपनी चूत के बालो को पोछ्कर सूखाया  और फिर वैसे ही रुमाल को फेक दिया ज़मीन पर उसने..

और बिस्तर पर उठकर वैसे ही नंगी सीधी पद गयी! रिचा के कमरे से अब भी हँसी ठिठोली सुनाई दे रही थी.. 
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Messages In This Thread
नया सफ़र - by sinureddy - 13-04-2020, 08:11 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 13-04-2020, 08:13 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 13-04-2020, 08:14 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 14-04-2020, 08:54 AM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 14-04-2020, 05:57 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 14-04-2020, 09:49 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 06:05 AM
RE: नया सफ़र - by Xxx2524 - 15-04-2020, 08:50 AM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 09:59 AM
RE: नया सफ़र - by Xxx2524 - 15-04-2020, 10:32 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 10:48 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 10:50 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 15-04-2020, 10:51 PM
RE: नया सफ़र - by sinureddy - 16-04-2020, 08:22 PM
RE: नया सफ़र - by Suryahot123 - 20-04-2020, 08:47 AM



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