14-04-2020, 05:57 PM
रात के 8:30 हो रहे थे. दोनो सहेलियों ने डिनर कर लिया और बर्तन धो रही थी.
'यार एक बात बता.. सुंदर मे ऐसा क्या है जो इतना अच्छा लगता है तुझे.. है तो एक नंबर का ठरकी वो, तुझे भी पता है'
'तू नही समझेगी.. बस समझो हीरे की पहचान बस ज़ोहरी को ही होती है.. और ठरकी है तो क्या हुआ.. जवानी का जोश है अभी ठरक नही होगी तो कब होगी'
'चल बड़ी आई.. मैं नही समझूंगी.. मैं आख़िर जानना चाहती हूँ... है तो इडली डोसा खाने वाला पक्का वेजिटेरियन.. तू ठहरी नोन वेज.. कोई सलमान ख़ान जैसा हॅंडसम भी है नही'
'अरे.. सलमान ख़ान के जैसा हॅंडसम हो तो ही चलेगा क्या.. कोहली जैसा नही हो सकता क्या.. टॉल है 5'10 डार्क है... बॉडी कोई बहुत जिम वाली नही पर फिट है.. और हमे हॅंडसम से क्या लेना'
'क्या मतलब हॅंडसम से क्या लेना' - बर्तन धोते धोते रुक गयी नेहाऔर उसे देखने लगी
'हां!' - रिचा ने बेफिक्री से जवाब दिया.
'हां!?' - अब नेहा के चेहरे पर प्रश्न था क्या वो सही समझ रही है
'हां और क्या!'
'हरामी साली! मैं ना बोलती थी .. उसके साथ साथ तू भी ठरकीहो गयी है'
'अब करना तो यही है उसके साथ अंत मे.. लौंडा हॅंडसम हो या ना हो.. तो बेहतर है देख कर चुनो'
'वैसे तूने उसका कब देख लिया जो इतनी फिदा है'
'अरे तेरी बहेन ने सब देख रखा है.. पहले देखो और फिर सही चुनो' - कहते हुए उसने व्हाट्सएप्प ओपन किया और मोबाइल नेहा के सामने कर दिया
नेहा का मुह खुला का खुला रह गया.. सुंदर ने अपने लंड की सेल्फी लेकर भेजी थी रिचा को.. पूरा तनक कर खड़ा... नही भी तो 7-8 इंच का..लग रहा सूपड़ा उसकी चमड़ी फाड़ कर निकल आया है .. मोटे ताने हुए लॅंड की कड़क उसके फूले नासो से और भी ज़्यादा लग रही थी..उसका अगला गुलाबी हिस्सा गीला सा चमक रहा था..
रिचा ने स्वाइप किया .. एक और तस्वीर...इसमे सुंदर ने फुल बॉडी सेल्फिे ली थी बाथरूम के आईने के सामने.. बदन पूरा फिट था उसका ..बाए हाथ से उसने लॅंड पकड़ कर पेट से सटा रखा था और एक टाँग कॉमोड पर रखे होने के कारण उसके अंडे भी झूलते सॉफ नज़र आ रहे थे
सुंदर की सावली त्वचा लाइट मे और चमकती हुई और भी ग़ज़ब अहसास दे रही थी
'वाह लड़की! तू तो बड़ी पहुचि हुई है'
'लड़की नही औरत बोल अब.. और ये है मेरा मरद.. बता कैसा है इसका हथियार'
'तू ना सच मे.. चल हटा इसे मेरी नज़रो के सामने से.. ' - नेहा के दिमाग़ मे अब सुंदर का लंड घूम रहा था
'अच्छा ये है.. तो तूने भी भेजा होगा अपना'
रिचा कुछ नही बोली बस आँखे मटका के चल दी.. 'अर्ररे!!!' - नेहा बस प्रश्न लिए दिमाग़ मे खड़ी रही.
बर्तन सारे धूल गये और दोनो अपने अपने कमरे मे जाने लगे की रिचा ने कहा..
'जो देखा उसे सोच कर बहक मत जाना कही रात मे'
नेहा - 'चुप कर.. आज तो तू बहेक रही है.. रात मे ज़्यादा मेहनत मत करियो'
'हा हा हा! हां मुझसे ज़्यादा तू संभाल खुद को.. ना संभले तो आ जाना मेरे पास और तस्वीरे दिखौँगी'
'चुप कर! बहुत देख चुकी हूँ मैं तस्वीरे.. जा अब' - दरवाजा बंद करते हुए नेहा बोली
'वीडियो भी है' - आवाज़ दे कर ऱीच ने कहा
'हां बस बस तू ही देख साली' - नेहा ने चिढ़कर आवाज़ दी
आज दोनो के कमसिन और हिलोरे मारती हुई जवानी मे एक चिंगारी पड़ चुकी थी बातों बातों मे.. जो अब ना जाने कैसे लपटो मे बदलेगी या यूँ ही बुझ जायगी ये तो समय ही बताएगा.
'यार एक बात बता.. सुंदर मे ऐसा क्या है जो इतना अच्छा लगता है तुझे.. है तो एक नंबर का ठरकी वो, तुझे भी पता है'
'तू नही समझेगी.. बस समझो हीरे की पहचान बस ज़ोहरी को ही होती है.. और ठरकी है तो क्या हुआ.. जवानी का जोश है अभी ठरक नही होगी तो कब होगी'
'चल बड़ी आई.. मैं नही समझूंगी.. मैं आख़िर जानना चाहती हूँ... है तो इडली डोसा खाने वाला पक्का वेजिटेरियन.. तू ठहरी नोन वेज.. कोई सलमान ख़ान जैसा हॅंडसम भी है नही'
'अरे.. सलमान ख़ान के जैसा हॅंडसम हो तो ही चलेगा क्या.. कोहली जैसा नही हो सकता क्या.. टॉल है 5'10 डार्क है... बॉडी कोई बहुत जिम वाली नही पर फिट है.. और हमे हॅंडसम से क्या लेना'
'क्या मतलब हॅंडसम से क्या लेना' - बर्तन धोते धोते रुक गयी नेहाऔर उसे देखने लगी
'हां!' - रिचा ने बेफिक्री से जवाब दिया.
'हां!?' - अब नेहा के चेहरे पर प्रश्न था क्या वो सही समझ रही है
'हां और क्या!'
'हरामी साली! मैं ना बोलती थी .. उसके साथ साथ तू भी ठरकीहो गयी है'
'अब करना तो यही है उसके साथ अंत मे.. लौंडा हॅंडसम हो या ना हो.. तो बेहतर है देख कर चुनो'
'वैसे तूने उसका कब देख लिया जो इतनी फिदा है'
'अरे तेरी बहेन ने सब देख रखा है.. पहले देखो और फिर सही चुनो' - कहते हुए उसने व्हाट्सएप्प ओपन किया और मोबाइल नेहा के सामने कर दिया
नेहा का मुह खुला का खुला रह गया.. सुंदर ने अपने लंड की सेल्फी लेकर भेजी थी रिचा को.. पूरा तनक कर खड़ा... नही भी तो 7-8 इंच का..लग रहा सूपड़ा उसकी चमड़ी फाड़ कर निकल आया है .. मोटे ताने हुए लॅंड की कड़क उसके फूले नासो से और भी ज़्यादा लग रही थी..उसका अगला गुलाबी हिस्सा गीला सा चमक रहा था..
रिचा ने स्वाइप किया .. एक और तस्वीर...इसमे सुंदर ने फुल बॉडी सेल्फिे ली थी बाथरूम के आईने के सामने.. बदन पूरा फिट था उसका ..बाए हाथ से उसने लॅंड पकड़ कर पेट से सटा रखा था और एक टाँग कॉमोड पर रखे होने के कारण उसके अंडे भी झूलते सॉफ नज़र आ रहे थे
सुंदर की सावली त्वचा लाइट मे और चमकती हुई और भी ग़ज़ब अहसास दे रही थी
'वाह लड़की! तू तो बड़ी पहुचि हुई है'
'लड़की नही औरत बोल अब.. और ये है मेरा मरद.. बता कैसा है इसका हथियार'
'तू ना सच मे.. चल हटा इसे मेरी नज़रो के सामने से.. ' - नेहा के दिमाग़ मे अब सुंदर का लंड घूम रहा था
'अच्छा ये है.. तो तूने भी भेजा होगा अपना'
रिचा कुछ नही बोली बस आँखे मटका के चल दी.. 'अर्ररे!!!' - नेहा बस प्रश्न लिए दिमाग़ मे खड़ी रही.
बर्तन सारे धूल गये और दोनो अपने अपने कमरे मे जाने लगे की रिचा ने कहा..
'जो देखा उसे सोच कर बहक मत जाना कही रात मे'
नेहा - 'चुप कर.. आज तो तू बहेक रही है.. रात मे ज़्यादा मेहनत मत करियो'
'हा हा हा! हां मुझसे ज़्यादा तू संभाल खुद को.. ना संभले तो आ जाना मेरे पास और तस्वीरे दिखौँगी'
'चुप कर! बहुत देख चुकी हूँ मैं तस्वीरे.. जा अब' - दरवाजा बंद करते हुए नेहा बोली
'वीडियो भी है' - आवाज़ दे कर ऱीच ने कहा
'हां बस बस तू ही देख साली' - नेहा ने चिढ़कर आवाज़ दी
आज दोनो के कमसिन और हिलोरे मारती हुई जवानी मे एक चिंगारी पड़ चुकी थी बातों बातों मे.. जो अब ना जाने कैसे लपटो मे बदलेगी या यूँ ही बुझ जायगी ये तो समय ही बताएगा.