14-04-2020, 10:13 AM
(14-04-2020, 08:25 AM)@Kusum_Soni Wrote: जैसे कोमल जी कहती है " छेद मैं नो भेद " ही , ही , हाय गर्म थी, लिखने मैं आ ही गया।
" ही,ही,ही, यहाँ आने के बाद गर्म कोन नहीं होती है
छेद में बिल्कुल नो भेद ओर उस कमीनी जेठानी की गाँड़ कोमल जी जरूर ***
हम सब को आगे के "ट्विस्ट" का ही इंतज़ार है निहारिका जी
कुसुम जी,
"यहाँ आने के बाद गर्म कोन नहीं होती है ",
अब क्या बताऊ जी, गर्म , गीली, टपकती सब हो जाती हु , बाकि, जेठानी से मीठा [कसोले स्वाद के साथ] बदला तो बनता है, देखे आगे क्या जलवा होता है, कोमल जी की जादूगिरी कैसे समेटेती दोनों को.
कुसुम जी, आपकी कलम के रंगो का जादू दिखाई दे रहा है, बहुत अच्छा।
आपके
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका