14-04-2020, 08:25 AM
(13-04-2020, 02:05 PM)Niharikasaree Wrote: कुसुम जी,
सही कहा जी आपने, जेठानी , बड़ी हिटलर बनने की कोशिश मैं थी , उंगलियों पे नाचने की कोशिश, जैसे कोमल जी कहती हैं " छेद मैं नो भेद " ही , ही , हाय गर्म थी, लिखने मैं आ ही गया।
बस आगे ट्विस्ट का वेट। ......
जैसे कोमल जी कहती है " छेद मैं नो भेद " ही , ही , हाय गर्म थी, लिखने मैं आ ही गया।
" ही,ही,ही, यहाँ आने के बाद गर्म कोन नहीं होती है
छेद में बिल्कुल नो भेद ओर उस कमीनी जेठानी की गाँड़ कोमल जी जरूर ***
हम सब को आगे के "ट्विस्ट" का ही इंतज़ार है निहारिका जी