13-04-2020, 02:22 PM
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(13-04-2020, 12:50 PM)Poonam_triwedi Wrote: क्या बात है निहारिका जी बिल्कुल कोमल जी बहुत से किस्से फिर से जीवंत कर देती है फिर निच्चे पिच्छे सब जगह खुजली मचल ही जाती है हम औरतों के
आप के बस वाले किस्से ने पुरानी यादें ताजा कर दी हर औरत के साथ ये मीठी यादें जुड़ी होती है
ओर प्याजी लहंगा है मेरे पास भी ओर एक नहीं कई बार उन्होंने TV रूम में बैडरूम में अपनी गोदी में बिठाया है और मस्ती की है
पता नहीं क्यों जब भी लहंगा पहनो उन को हमारा पिछवाड़ा देख के क्या मस्ती चढ़ती है जोर जबरदस्ती एक बार पीछे से ऊपर करवाएंगे ही चाहे 1 मिनट के लिए भी पर ऊफ़्फ़ गांव में भरे पूरे घर मे बहुत लाज लगती है मुझे तो
ओर अगर दिन में मनमानी से रोक के रखो तो रात में तो जाना वहीं है ना फिर...
निहारिका जी हर एक आप,मैं,कोमल जी, कुसुम जो ठेठ गांव से जुड़ी औरते है ये मस्ती झेलती है पर मजा भी तो उतना ही आता है ना
कभी कभी लगता है कहीं उन्होंने पढ़ लिया तो हाय राम नहीं नहीं
पूनम जी,
सच, बिल्कुल कोमल जी बहुत से किस्से फिर से जीवंत कर देती है फिर , "गीला" होना तो लाज़मी ही है, एकदम मादक।
"ओर प्याजी लहंगा है मेरे पास भी ओर एक नहीं कई बार उन्होंने TV रूम में बैडरूम में अपनी गोदी में बिठाया है और मस्ती की है"
सच कहु तो , "प्याज़ी" लेहेंगा तो " पीछे" से अटैक करवाता है, नहीं पाते, "पीछे" नरम - गरम गोल - मटोल पे चिमटी काट केना, चपत लगा देना, "वो" रगड़ देना , और रात को तो, मान लो JCB चलनी है, जिस दिन इसे पहन लिया
क्या ख़ास है, "इस प्याज़ी" कलर मैं ,
यह "प्याज़ी" न हुआ "पिया जी " का हो गया।
"कभी कभी लगता है कहीं उन्होंने पढ़ लिया तो हाय राम नहीं नहीं" - पूनम जी,
दिल पीछे - धड़कन आगे कर दी आपने, हम मैं से किसी के "उन्होंने" अगर पढ़ ली, कोमल जी की कहानी , या हमारी बांते , न जाने क्या होगा हमारा, फिर तो JCB भी कम, पड़ेगी "काम" के लिए अभी क्या कम हो रही है। .....
राम नाम लो , बस।
इंतज़ार रहता है , आपकी बातो का.
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका