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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
(12-04-2020, 08:34 PM)Niharikasaree Wrote:
"प्याजी कसी शलवार कमीज 

उसकी छरहरी देह के सारे कटाव उभार उजागर कर रही थी ,और वो भी उसकी हमउम्र किशोरियों से कहीं ज्यादा ही उभरे। "

कोमल जी ,

वाह,के जानलेवा शुरुआत करि है, प्याज़ी कलर का  लेहंगा सिलवाया थान मैंने पिछले साल एक शादी के लिए , प्याज़ी कलर मस्त लगता है, कोई आँख ऐसी नहीं जो देखे बिना रह जाये , एक नज़र तो पड  ही जाती है.  और यह जो फोटो मैं लड़की ने दुपट्टा गले मैं डाला है चिपका के , मैं भी ऐसे ही, डाला करती थी, कॉलेज मैं, आज भी कभी ससुराल से बाहर होती हु जब यह अरमान निकल लेती हूँ.

" और सुन लो ,खड़ा तुमने किया है तो अब बैठाना भी तेरे ही हाथ में हैं। ", 

कोमल जी, सही कहा औरत इसी काम के लिए ही पैदा हुई है, अपने अंदर सब समां के , आखिर बैठा ही देती है "उसको".

"बल्कि साफ साफ कहूं तो इनके फनफनाये मोटे कड़े लंड पर बैठी ,एकदम छुई मुई हो रही थी।" ,

 उफ़, कोमल जी, आपने तो हमारी एक बस यात्रा की याद दिला दी, बस मैं जगह काम थी, साजन जी, सुटकैस पे और मैं उनकी गोद  मैं , सभी ऐसे ही एडजस्ट  कर के बैठे थे उस समय , रात का समय था , उनका "वो" करने लगा बदमाशी , मैं इधर देखु, उधर देखु, थोड़ा उठ जाउ, फिर रगड़ लग जाये , उनकी सिसकी और मेरी जान एक साथ हलक मैं. लोग क्या सोचेंगे खैर रास्ता कट ही गया, पर "उसकी" हालत ख़राब हो गई थी.

" अरे तो गुड्डी कौन गलत कह रही है ,इत्ता मोटा लम्बा खूंटा कतौं मारे जोश के एक झटके में , इहै तो कह रही थी , 

न भैय्या तानी धीरे धीरे डलिहा , एक़दाम कुँवार कसी कच्ची हौ , मना थोड़े कर रही है इनको। "
 
और मैंने एक फेवरिट भोजपुरी गाना गुनगुनाया , जोर जोर से ,
 
" तानी धीरे धीरे डलिहा बड़ा दुखाला रजऊ।  अरे तनी धीरे धीरे , .... "

  कोमल जी आपका यह अंदाज मार ही जाता है, ठेठ देसी , सीधा दिल के पार , मज़ा ही आ गया , साथ ही, ब्रोकेड ब्लाउज और फ्लावर प्रिंट साड़ी कमाल है.

उस कच्ची अमिया के टिट्स देख कर तो मेरी हालत खराब हो रही थी , न जाने वो बिचारे कैसे सम्हाल रहे होंगे अपने को।
 
" यार तू तो सच में एकदम गीली हो गयी है "

कोमल जी, मैं भी "गीली" हुई, "सच्ची", अब नयी गदराई जवानी की गर्मी, नरमी और अगर "कन्या रस " की शौकीन हो तो न कबीले बर्दास्थ सिचुएशन , अब तो जैसा औरतो का  गीला  होना आपकी कहानी पढ़ के ज़रूरी हो गया है, हो ही जाती हैं, अपने आप , कितने और कितनो के अरमान आप पूरा किये देती हैं आप .

तेरे लिए इन्होने एक बहुत अच्छी ड्रेस खरीदी है , बस मैं ले आती हूँ ,तुम उसे चेंज कर इसे टांग दो ,तुम्हारे जाने तक सूख जायेगी। " 

हो गई शुरआत , एक शिकार की क्या हालत हो सकती है उस समय, यह सोच के ही, पसीना आ गया , हाँ जी, माथे पे और निचे भी. उफ़, मैं होती तो बस लेट जाती , फुल सरेंडर ,, मैं आपकी। ...... कर लो जो चाहे। .....

सच कहु, इसी आगे , मैं पढ़ भी न पाती आज,  शुक्रिया कोमल जी, आपकी जादू भरी लेखनी को सलाम। ......

अब तो  अगली कड़ी मैं। .... 

क्या बात है निहारिका जी बिल्कुल कोमल जी बहुत से किस्से फिर से जीवंत कर देती है फिर निच्चे पिच्छे सब जगह खुजली मचल ही जाती है हम औरतों के 

  आप के बस वाले किस्से ने पुरानी यादें ताजा कर दी हर औरत के साथ ये मीठी यादें जुड़ी होती है
 
ओर प्याजी लहंगा है मेरे पास भी ओर एक नहीं कई बार उन्होंने TV रूम में बैडरूम में अपनी गोदी में बिठाया है और मस्ती की है
 पता नहीं क्यों जब भी लहंगा पहनो उन को हमारा पिछवाड़ा देख के क्या मस्ती चढ़ती है जोर जबरदस्ती एक बार पीछे से ऊपर करवाएंगे ही चाहे 1 मिनट के लिए भी पर ऊफ़्फ़ गांव में भरे पूरे घर मे बहुत लाज लगती है मुझे तो 

ओर अगर दिन में मनमानी से रोक के रखो तो रात में तो जाना वहीं है ना फिर...
 
 निहारिका जी हर एक आप,मैं,कोमल जी, कुसुम जो ठेठ गांव से जुड़ी औरते है ये मस्ती झेलती है पर मजा भी तो उतना ही आता है ना
कभी कभी लगता है कहीं उन्होंने पढ़ लिया तो हाय राम नहीं नहीं  Smile
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by Poonam_triwedi - 13-04-2020, 12:50 PM



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