12-04-2020, 07:18 PM
(12-04-2020, 09:21 AM)komaalrani Wrote:
बहुत सुंदर , जिन परिस्थितयों से एक किशोरी गुजरती है , ..आज तक इस फोरम क्या , इस तरह के किसी फोरम पर , इस हालत का इस स्थिति का चित्र किसी ने नहीं खींचा होगा ,
तन का दर्द , मन का दर्द , झिझक , शर्माहट ,..एकदम परसनल बात किसी दूसरे से कहने की बात ,...
आप आप ही हो
"जिन परिस्थितयों से एक किशोरी गुजरती है , ..आज तक इस फोरम क्या , इस तरह के किसी फोरम पर , इस हालत का इस स्थिति का चित्र किसी ने नहीं खींचा होगा ,"
कोमल जी ,
उपोरक्त दो लाइन्स, मेरे जीवन की कहानी के लिए बेहद सर्वश्रेस्ट उपमा अलंकृत करि है आपने, मैंने तो बस अपनी भावनाओ को उकेर दिया , हम सभी लड़किया जो आज औरत या माँ बन चुकी है, सभी इसी दौर से गुज़र चुकी है, मेरी यही कोशिश है की, उस सुनहरी यादो को एक बार फिर से "जी" ले , बस यादे ही बाकि रह गई हैं, उस दौर की.
"तन का दर्द , मन का दर्द , झिझक , शर्माहट ,..एकदम परसनल बात किसी दूसरे से कहने की बात"
हम्म, बस इन्ही बातो का मिलाजुला रूप है एक लड़की का जीवन। शर्म , झिझक, दर्द तो आज भी कायम है। सिवा साजन के और किसी पे जोर नहीं चलता , वो भी कुछ हद तक. अपना बचा ही क्या है, अपने पास ।
कोमल जी, बस दो लाइन ही लिख दिया करो टाइम निकल के , उत्साह वर्धन हो ही जाता है, वार्ना टेंशन तो चारो और है. कुछ अरमान जाग ही जाते हैं, आपकी कहानी से. अभी आधी पढ़ पाई हूँ, रोचक,कामुक चित्रण किया है आपने।
बाकि आपकी कहानी पे ही। .........
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका