17-02-2019, 01:44 PM
अपडेट - 8
तभी वहां से ट्यूबवैल से पानी भरकर चरी को अपनी कमर पर लगाये मंगल की बहन जाती हुई नजर आती है। वो कालू की तरफ देख कर हल्की सी मुस्कुराती है। और वही श्याम भी उसे देख कर मुस्कुरा देता है। मंगल दोनों को मुस्कुराता देख कर पीछे मुड़ कर देखता है तो उसे अपनी बड़ी बहन नज़र आती है। मंगल भी अपनी बहन की आंखों में देख कर अपना लुंड सहलाने लगता है। जब मंगल की बहन की नज़र मंगल पर पड़ती है तो मंगल अपनी बहन की आंखों में देखते हुए अपने होंटों पर जीभ फिराता है। जिसे देख कर मंगल की बहन शर्मा जाती है और जल्दी जल्दी चलते हुए जाने लगती है।
अब आगे......
वही दूसरी तरफ राज एक छोटी सी गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहा था।
राज को ऐसा नही था कि गालियां मालूम नही थी बस वो ऐसे लड़को से अभी तक दूर रहता था जो जबरदस्ती का रॉब झाड़े।
राज: उसकी बीवी मतलब इसके पाप की बीवी, तो वो तो इसकी मम्मी हुई ना। 【श्याम की तरफ इशारा करते हुए)
कालू और मंगल दोनों राज की ये बात सुनकर एक दूसरे की तरफ देखने लगते है फिर जोर से ताली देकर हसने लगते है।
कालू: अरे छोटू कहाँ से पकड़ लाये इस नमूने को, इतनी सी बात के लिए इतना दिमाग लगा रहा है।
राज अपने लिए नमूना सुनकर सकपका जाता है। कालू मंगल और श्याम तीनो हट्टे कट्टे थे तो राज उनसे डायरेक्ट तो कुछ बोल नही सकता था इस लिए नीचे गर्दन करके छोटू का हाथ पकड़ लिया।
छोटू: यार कालू भाई ये राज भाई है इस से तमीज से बात कीजिये।
कालू: क्यों बे ये क्या कोई एस. पी है।
छोटू: एस. पी तो नहीं है लेकिन ये वो जादूगर बाबा थे ना उनका दोहिता है।
(पीछे की और इशारा करते हुए जैसे कुछ याद दिला रहा हो)
कालू, मंगल और श्याम छोटू की बात सुनकर एक दूसरे की तरफ देखने लगते है। फिर थोड़ा सा सीरियस होकर कालू बोलता है।
कालू: वो हमें माफ कर दो भाई। हम से गलती हो गयी।
राज: एक मिनट एक मिनट भाई ये अचानक से इतना बदलाव क्यों???
मंगल: क्यों कि हम तुम्हारे नाना जी की बहुत इज्जत करते हैं। हम क्या ये पूरा गांव उनकी बहुत इज्जत करता है। इसी लिए तो जहां से तुझे ये छोटू लाया है वहां पर जो काकी रहती है। हम उनकी भी बहुत इज्जत करते है।
राज: ठीक है लेकिन
कालू : अब क्या हुआ? ये लेकिन क्यों?
राज: तुम लोग...
राज ने अभी इतना ही कहा था कि पीछे से एक आदमी लठ लेकर दौड़ा चला आ रहा था और कालू , मंगल और श्याम को गालियां देते हुए अपने पास बुला रहा था, जिस तरह से वो बुला रहा था पक्का तीनों की गांड ठोकने के इरादे होंगे ये तो उस आदमी के रवैये को देख कर कोई भी बता सकता था।
मंगल : अरे भाग कालू , श्याम नही तो आज अपने लोडे लग जाएंगे। तीनों वहां से भागने लगते है।
जाते- जाते कालू राज की तरफ देखते हुए,
कालू: (दूर जाते हुए चिल्लाते हुए बोलता है) छोटू तू इसे भी नदी किनारे ले आ हम बाकी की बातें वहीं करेंगे।
छोटू को एक बार नानी की बातें याद आती है कि उन्होंने कालू और श्याम के आस पास भी राज को ले जाने से मना किया है और कालू है कि अगर नही ले गया तो मेरी बजा देगा।
राज: क्या सोच रहे हो छोटू चले अपन?
छोटू: अरे यार कहाँ चले ?
राज: नदी पर
छोटू : भूल गया नानी ने क्या कहा था कि राज को उन लोगो के पास मत ले जाना ये उन लोग वही थे तीनों...
राज थोड़ा हस्ते हुए अचानक से मुस्कुराते हुए।
राज: तो तुम मुझे उनके पास थोड़े ही ले जाओगे। तुम तो मुझे नदी में नहाने ले जाओगे अब वो हमसे पहले वही थे ये हमे कैसे पता होगा।
छोटू को राज की बात थोड़ी देर तो समझ नही आती लेकिन फिर समझते हुए अरे हाँ ये तो मैंने सोचा ही नही था।
छोटू और राज तीनो नदी की तरफ जाने लगते है।
छोटू और राज जब नदी के पास पहुंचते है तो देखते है कालू श्याम और मंगल तीनो मिलकर चिलम फूँक रहे है।
और फिर जब नदी की तरफ राज देखता है तो वहां की चारों और हरियाली की पड़ी चादर देख कर राज अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था। उसे ये हरियाली बड़ी मनभावन लग रही थी। उसे क्या जो कोई भी देखता वो इसकी और ज़रूर आकर्षित हो उठता।
राज कालू के पास जैसे ही पहुंचता है।
कालू: लेकिन क्या ? तू कुछ पूछना छह रहा था क्या?
राज: हाँ वो मैं (थोड़ा याद करते हुए) हाँ याद आया तुम लोग मेरे नानाजी की इतनी इज्जत क्यों करते हो?
कालू अपने कपड़े उतारते हुए चलो रे नदी में नहाते हुए बात करेंगे।
कालू के इतना बोलते ही सभी ने अपने कपड़े उतार दिए और नदी में घुस गए नहाने ।
अंदर से छोटू राज को आवाज देता है ।
छोटू: आजाओ भाई जल्दी आजाओ फिर बात भी करलेना टैब तक गांव की इस नदी का मज़ा लो।
छोटू इतना बोल कर नहाने लगा और बार बार डुबकियां लगाने लगा।
छोटू अब सोच में पड़ गया था कि वो नदी में कैसे जाए। छोटू के साथ जल्दी जल्दी के चक्कर में अपना अंडर वेयर बनियान तो लाना ही भूल गया था। अब कैसे नदी में जाता।
तभी मंगल को समझ आ जाता है की राज अपने कपड़े नही लाया इस लिए इतना परेशान हो रहा है।
मंगल धीरे धीरे तैरता हुआ राज के पास जाता है और उसे होले से कान में कुछ बोलता है । राज मंगल की बात सुनकर मुस्कुरा देता है।
दरअसल मंगल राज को बोलता है कि इस नदी मैं अभी केवल हम दोस्त ही है तो तुम चुप चाप वहाँ पीछे उस चट्टान के पीछे जाओ और कपड़े उतार कर वही से पानी में घुस जाना किसी को भी पता नही चलेगा।
जाते हुए मंगल राज को आंख मार देता है और वहां से अंडरवाटर स्वीमिंग करते हुए कालू श्याम और छोटू के पास चला जाता है एक दम पानी के नीचे नीचे।
कालू: क्या हुआ रे। क्या बोलने गया था तू भाई को कहीं डरा तो नही रहा था ना उसे।
मंगल: नही नही भाई वो.... (मंगल सारी बात कालू को बता देता है)
कालू मंगल और श्याम की तरफ देख कर मुस्कुरा देता है।
राज चट्टान के पीछे जाकर चारों तरफ देखता है तो वहां उसे प्रकृति की खूबसूरती के अलावा कुछ और नज़र नही आता। पूरी तरह से सन्तुष्ट होने के बाद राज कपड़े उतारने का निश्चय करता है।
करीब 5 मिनट बाद राज चट्टान के पीछे जा कर अपने कपड़े उतार देता है
और जल्द से जल्द नदी में उतार जाता है। राज जैसे ही नदी में उतरता है नदी के थडण्डे पानी से एक बार तो राज के पूरे शरीर में सिरहन दौड़ जाती है। राज के रोयें खड़े हो जाते है। राज धीरे धीरे तैर कर बाकी लोगों के पास पहुंचता है।
कालू: अरे वाह तुझे तो तैरना भी आता है।
राज होल से मुस्कुरा देता है।
तभी श्याम राज को छेड़ने के लिए नदी में एक डुबकी लगता है और राज को अपने कंधों मैं उठा कर हवा में उठा लेता है।
राज बुरी तरह से डर जाता है। लेकिन अब क्या कर सकता था । उसने श्याम को पानी मे जाते हुए भी तो नही देखा था।
जैसे ही राज हवा में होता है राज की टांगों के बीच में एक मूंगफली जैसे चमड़ी लटके हुए कालू की नज़र के सामने आ जाती है। अब ऐसी हंसी मजाक तो गांवों में सब करते है। राज तो फिर भी नदी में था बच्चे तो कॉलेज में एक दूसरे की निक्कर उतार देते है।
कालू जैसे ही राज की नुनी देखता है तो उसकी भौहें तन जाती है।
तभी राज जोर से नदी में गिरता है । राज के नीचे नदी में गिरते ही पानी जोर से उछलता है और सभी दोस्तों पर पानी गिरता है।
श्याम की इस हरकत से तो छोटू की भी हंसी छूट जाती है। राज कैसे जैसे खुद को संभालता है और श्याम की तरफ गुस्से से देखने लगता है। श्याम हंसते हुए राज से माफी मांगता है।
श्याम: मुझे माफ़ कर दो यार। अब हम सब लोग दोस्त है तो थोड़ी बहुत मजाक तो चलती ही है।
तभी कालू बीच में बोल पड़ता है।
कालू: तुम सब अभी इसी वक्त अपनी-अपनी चड्डी उत्तरों...
कालू के ये बात सुनते ही तीनों चारों कालु की तरफ देखने लगते है।
इस बार कालू जोर से चिल्लाते हुए बोलता है।
कालू: सुना नही मैंने क्या कहा? या फिर तुम्हारे हथियारों को यही मछलियों को खिला दूँ।
कालू का गुस्सा बहुत तेज था। ये तो गांव वाले भी जानते थे कि कालू वैसे तो बहुत बदमाश है लेकिन गांव के लोगो के लिए कोई भी काम कर सकता है। बहुत दिलेर है और जो बोल् देता है बिना सोचे समझे कर भी देता है।
श्याम , मंगल और छोटू तीनो अपनी अपनी चड्डी उतार कर किनारे की तरफ फेंक देते है।
तभी कालु भी अपनी चड्डी उतार देता है।
राज कालू की तरफ देख रहा था।
राज अंदर से बहुत सहानुभूति जैसा महसूस कर रहा था। राज सोच रहा था कि श्याम के ऐसे घटिया मजाक के लिए कालू ये सब कर रहा है। मगर कालू अपनी चड्डी उतार कर किनारे की तरफ फेंक देता है और सभी से बोलता है कि उस चट्टान के पास चलो। उस चट्टान की इशारा करते हुए जहां से राज नंगा होकर नदी में कूदता है।
राज और बाकी सब बिना सवाल जवाब किये उस चट्टान की और तैरते हुए चक देते है।
कालू मंगल की और देख कर बाहर निकलने का इशारा करता है।
अब मंगल को भी कुछ कुछ समझ आने लगा था।
मंगल बिना डरे नदी से बाहर निकल कर चट्टान पर बैठ जाता है। तभी श्याम और छोटू की तरफ देख कर कालू बोलता है।
कालू: अब तुम लोगो को क्या अलग से बोलू।
श्याम और छोटू भी बाहर निकल जाते है। बाहर निकलते ही दोनों अपनी नुनियाँ अपने हाथों से छिपा लेते है।
कालू भी नदी से बाहर निकलता है और राज को बाहर आने के लिए बोलता है।
राज शर्म से पानी पानी हो जाता है लेकिन बाहर नही निकलता।
कालू: गुस्से से देख राज तेरे नाना जी की मैं इज्जत करता हूँ और मैं तेरे से बड़ा भी हूँ तो मेरी इज्जत तुझे करनी चाहिए। बिना बिना आनाकानी के बाहर निकल आए वरना हम मैं से कोई भी तुझसे कभी भी बात नहीं करेगा। और तू ज़िन्दगी भर के लिए ना मर्द बनकर घूमेगा।
राज को कालू की बाकी किसी बात पर गुस्सा नही आता लेकिन ना मर्द वाली बात पर राज को गुस्सा आ जाता है।
अब राज गुस्से में होने के कारण बेशर्मों की तरह पानी से चलता हुआ बाहर निकल कर आ जाता है। श्याम छोटू और मंगल की कालू के साथ नज़र राज की छोटी सी नुनी पर पड़ती है।
कालू:चलो एक आखिरी छलांग लगातई है अपनी दोस्ती के नाम..
सभी दोस्त खड़े होकर नदी में छलांग लगा देते है।
जब सभी नदी से बाहर निकलते है तो कालू राज से कहता है...
कालू: हम सब की नुनियाँ देख राज । जब मैंने तुझे हवा में देखा तो तेरी नुनी को देख कर मेरे दिमाग खराब हो गया। हम दोस्तों में तेरी नुनी इतनी छोटी क्यों।
राज: बेवकूफ मैं तुम सब से छोटा भी तो हूँ।
तभी छोटू बीच मे बोल पड़ता है
छोटू: राज भाई तुमसे छोटा तो मैं हूँ वो भी पूरा 1 या 1.6 साल।
ऐसा बोल कर छोटू अपनई नुनी दिखाता है।राज देख कर चौंक जाता है।
छोटू की नुनी 4.5 इंच बड़ी और 2.5 से 7 इंच के करीब मोती थी। सीधे शब्दों में कहूँ तो कुछ लोगों के ळंड के साइज़ की थी।
राज नीचे झुक कर अपनी नुनी को देखता है तो सच में शर्मिंदा होकर रोने वाला मुह बना लेता है।
कालू: राज के कंधों पर हाथ रखते हुए। तू हमारा दोस्त है भाई तू टेंशन मत ले। कपड़े पहन और चल मेरे साथ।
राज और बाकी सब की कालू के साथ साथ कपड़े पहन लेते है। और कालू के पीछे पीछे चल देते है।
कालू बाकी सब को एक झोपड़े के पीछे की तरफ ले जाता है। छोटू देख कर समझ जाता है कि वो कहाँ छोटू ही क्यों श्याम और मंगल भी जान जाते है कि कालू उन्हें कहा लेकर आया है लेकिन राज ज़रा देर से समझता है।
तभी वहां से ट्यूबवैल से पानी भरकर चरी को अपनी कमर पर लगाये मंगल की बहन जाती हुई नजर आती है। वो कालू की तरफ देख कर हल्की सी मुस्कुराती है। और वही श्याम भी उसे देख कर मुस्कुरा देता है। मंगल दोनों को मुस्कुराता देख कर पीछे मुड़ कर देखता है तो उसे अपनी बड़ी बहन नज़र आती है। मंगल भी अपनी बहन की आंखों में देख कर अपना लुंड सहलाने लगता है। जब मंगल की बहन की नज़र मंगल पर पड़ती है तो मंगल अपनी बहन की आंखों में देखते हुए अपने होंटों पर जीभ फिराता है। जिसे देख कर मंगल की बहन शर्मा जाती है और जल्दी जल्दी चलते हुए जाने लगती है।
अब आगे......
वही दूसरी तरफ राज एक छोटी सी गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहा था।
राज को ऐसा नही था कि गालियां मालूम नही थी बस वो ऐसे लड़को से अभी तक दूर रहता था जो जबरदस्ती का रॉब झाड़े।
राज: उसकी बीवी मतलब इसके पाप की बीवी, तो वो तो इसकी मम्मी हुई ना। 【श्याम की तरफ इशारा करते हुए)
![[Image: 5c6941aa1f539.jpg]](https://imgadult.com/upload/small-medium/2019/02/17/5c6941aa1f539.jpg)
कालू और मंगल दोनों राज की ये बात सुनकर एक दूसरे की तरफ देखने लगते है फिर जोर से ताली देकर हसने लगते है।
कालू: अरे छोटू कहाँ से पकड़ लाये इस नमूने को, इतनी सी बात के लिए इतना दिमाग लगा रहा है।
राज अपने लिए नमूना सुनकर सकपका जाता है। कालू मंगल और श्याम तीनो हट्टे कट्टे थे तो राज उनसे डायरेक्ट तो कुछ बोल नही सकता था इस लिए नीचे गर्दन करके छोटू का हाथ पकड़ लिया।
छोटू: यार कालू भाई ये राज भाई है इस से तमीज से बात कीजिये।
कालू: क्यों बे ये क्या कोई एस. पी है।
छोटू: एस. पी तो नहीं है लेकिन ये वो जादूगर बाबा थे ना उनका दोहिता है।
(पीछे की और इशारा करते हुए जैसे कुछ याद दिला रहा हो)
कालू, मंगल और श्याम छोटू की बात सुनकर एक दूसरे की तरफ देखने लगते है। फिर थोड़ा सा सीरियस होकर कालू बोलता है।
कालू: वो हमें माफ कर दो भाई। हम से गलती हो गयी।
राज: एक मिनट एक मिनट भाई ये अचानक से इतना बदलाव क्यों???
मंगल: क्यों कि हम तुम्हारे नाना जी की बहुत इज्जत करते हैं। हम क्या ये पूरा गांव उनकी बहुत इज्जत करता है। इसी लिए तो जहां से तुझे ये छोटू लाया है वहां पर जो काकी रहती है। हम उनकी भी बहुत इज्जत करते है।
राज: ठीक है लेकिन
कालू : अब क्या हुआ? ये लेकिन क्यों?
राज: तुम लोग...
राज ने अभी इतना ही कहा था कि पीछे से एक आदमी लठ लेकर दौड़ा चला आ रहा था और कालू , मंगल और श्याम को गालियां देते हुए अपने पास बुला रहा था, जिस तरह से वो बुला रहा था पक्का तीनों की गांड ठोकने के इरादे होंगे ये तो उस आदमी के रवैये को देख कर कोई भी बता सकता था।
मंगल : अरे भाग कालू , श्याम नही तो आज अपने लोडे लग जाएंगे। तीनों वहां से भागने लगते है।
![[Image: 5c69412dba964.jpg]](https://imgadult.com/upload/small-medium/2019/02/17/5c69412dba964.jpg)
जाते- जाते कालू राज की तरफ देखते हुए,
कालू: (दूर जाते हुए चिल्लाते हुए बोलता है) छोटू तू इसे भी नदी किनारे ले आ हम बाकी की बातें वहीं करेंगे।
छोटू को एक बार नानी की बातें याद आती है कि उन्होंने कालू और श्याम के आस पास भी राज को ले जाने से मना किया है और कालू है कि अगर नही ले गया तो मेरी बजा देगा।
राज: क्या सोच रहे हो छोटू चले अपन?
छोटू: अरे यार कहाँ चले ?
राज: नदी पर
छोटू : भूल गया नानी ने क्या कहा था कि राज को उन लोगो के पास मत ले जाना ये उन लोग वही थे तीनों...
राज थोड़ा हस्ते हुए अचानक से मुस्कुराते हुए।
राज: तो तुम मुझे उनके पास थोड़े ही ले जाओगे। तुम तो मुझे नदी में नहाने ले जाओगे अब वो हमसे पहले वही थे ये हमे कैसे पता होगा।
छोटू को राज की बात थोड़ी देर तो समझ नही आती लेकिन फिर समझते हुए अरे हाँ ये तो मैंने सोचा ही नही था।
छोटू और राज तीनो नदी की तरफ जाने लगते है।
छोटू और राज जब नदी के पास पहुंचते है तो देखते है कालू श्याम और मंगल तीनो मिलकर चिलम फूँक रहे है।
और फिर जब नदी की तरफ राज देखता है तो वहां की चारों और हरियाली की पड़ी चादर देख कर राज अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था। उसे ये हरियाली बड़ी मनभावन लग रही थी। उसे क्या जो कोई भी देखता वो इसकी और ज़रूर आकर्षित हो उठता।
![[Image: 5c6941f728e0d.jpg]](https://imgadult.com/upload/small-medium/2019/02/17/5c6941f728e0d.jpg)
राज कालू के पास जैसे ही पहुंचता है।
कालू: लेकिन क्या ? तू कुछ पूछना छह रहा था क्या?
राज: हाँ वो मैं (थोड़ा याद करते हुए) हाँ याद आया तुम लोग मेरे नानाजी की इतनी इज्जत क्यों करते हो?
कालू अपने कपड़े उतारते हुए चलो रे नदी में नहाते हुए बात करेंगे।
कालू के इतना बोलते ही सभी ने अपने कपड़े उतार दिए और नदी में घुस गए नहाने ।
अंदर से छोटू राज को आवाज देता है ।
छोटू: आजाओ भाई जल्दी आजाओ फिर बात भी करलेना टैब तक गांव की इस नदी का मज़ा लो।
छोटू इतना बोल कर नहाने लगा और बार बार डुबकियां लगाने लगा।
छोटू अब सोच में पड़ गया था कि वो नदी में कैसे जाए। छोटू के साथ जल्दी जल्दी के चक्कर में अपना अंडर वेयर बनियान तो लाना ही भूल गया था। अब कैसे नदी में जाता।
तभी मंगल को समझ आ जाता है की राज अपने कपड़े नही लाया इस लिए इतना परेशान हो रहा है।
मंगल धीरे धीरे तैरता हुआ राज के पास जाता है और उसे होले से कान में कुछ बोलता है । राज मंगल की बात सुनकर मुस्कुरा देता है।
दरअसल मंगल राज को बोलता है कि इस नदी मैं अभी केवल हम दोस्त ही है तो तुम चुप चाप वहाँ पीछे उस चट्टान के पीछे जाओ और कपड़े उतार कर वही से पानी में घुस जाना किसी को भी पता नही चलेगा।
जाते हुए मंगल राज को आंख मार देता है और वहां से अंडरवाटर स्वीमिंग करते हुए कालू श्याम और छोटू के पास चला जाता है एक दम पानी के नीचे नीचे।
कालू: क्या हुआ रे। क्या बोलने गया था तू भाई को कहीं डरा तो नही रहा था ना उसे।
मंगल: नही नही भाई वो.... (मंगल सारी बात कालू को बता देता है)
कालू मंगल और श्याम की तरफ देख कर मुस्कुरा देता है।
राज चट्टान के पीछे जाकर चारों तरफ देखता है तो वहां उसे प्रकृति की खूबसूरती के अलावा कुछ और नज़र नही आता। पूरी तरह से सन्तुष्ट होने के बाद राज कपड़े उतारने का निश्चय करता है।
करीब 5 मिनट बाद राज चट्टान के पीछे जा कर अपने कपड़े उतार देता है
और जल्द से जल्द नदी में उतार जाता है। राज जैसे ही नदी में उतरता है नदी के थडण्डे पानी से एक बार तो राज के पूरे शरीर में सिरहन दौड़ जाती है। राज के रोयें खड़े हो जाते है। राज धीरे धीरे तैर कर बाकी लोगों के पास पहुंचता है।
कालू: अरे वाह तुझे तो तैरना भी आता है।
राज होल से मुस्कुरा देता है।
तभी श्याम राज को छेड़ने के लिए नदी में एक डुबकी लगता है और राज को अपने कंधों मैं उठा कर हवा में उठा लेता है।
राज बुरी तरह से डर जाता है। लेकिन अब क्या कर सकता था । उसने श्याम को पानी मे जाते हुए भी तो नही देखा था।
जैसे ही राज हवा में होता है राज की टांगों के बीच में एक मूंगफली जैसे चमड़ी लटके हुए कालू की नज़र के सामने आ जाती है। अब ऐसी हंसी मजाक तो गांवों में सब करते है। राज तो फिर भी नदी में था बच्चे तो कॉलेज में एक दूसरे की निक्कर उतार देते है।
कालू जैसे ही राज की नुनी देखता है तो उसकी भौहें तन जाती है।
तभी राज जोर से नदी में गिरता है । राज के नीचे नदी में गिरते ही पानी जोर से उछलता है और सभी दोस्तों पर पानी गिरता है।
श्याम की इस हरकत से तो छोटू की भी हंसी छूट जाती है। राज कैसे जैसे खुद को संभालता है और श्याम की तरफ गुस्से से देखने लगता है। श्याम हंसते हुए राज से माफी मांगता है।
श्याम: मुझे माफ़ कर दो यार। अब हम सब लोग दोस्त है तो थोड़ी बहुत मजाक तो चलती ही है।
तभी कालू बीच में बोल पड़ता है।
कालू: तुम सब अभी इसी वक्त अपनी-अपनी चड्डी उत्तरों...
कालू के ये बात सुनते ही तीनों चारों कालु की तरफ देखने लगते है।
इस बार कालू जोर से चिल्लाते हुए बोलता है।
कालू: सुना नही मैंने क्या कहा? या फिर तुम्हारे हथियारों को यही मछलियों को खिला दूँ।
कालू का गुस्सा बहुत तेज था। ये तो गांव वाले भी जानते थे कि कालू वैसे तो बहुत बदमाश है लेकिन गांव के लोगो के लिए कोई भी काम कर सकता है। बहुत दिलेर है और जो बोल् देता है बिना सोचे समझे कर भी देता है।
श्याम , मंगल और छोटू तीनो अपनी अपनी चड्डी उतार कर किनारे की तरफ फेंक देते है।
तभी कालु भी अपनी चड्डी उतार देता है।
राज कालू की तरफ देख रहा था।
राज अंदर से बहुत सहानुभूति जैसा महसूस कर रहा था। राज सोच रहा था कि श्याम के ऐसे घटिया मजाक के लिए कालू ये सब कर रहा है। मगर कालू अपनी चड्डी उतार कर किनारे की तरफ फेंक देता है और सभी से बोलता है कि उस चट्टान के पास चलो। उस चट्टान की इशारा करते हुए जहां से राज नंगा होकर नदी में कूदता है।
राज और बाकी सब बिना सवाल जवाब किये उस चट्टान की और तैरते हुए चक देते है।
कालू मंगल की और देख कर बाहर निकलने का इशारा करता है।
अब मंगल को भी कुछ कुछ समझ आने लगा था।
मंगल बिना डरे नदी से बाहर निकल कर चट्टान पर बैठ जाता है। तभी श्याम और छोटू की तरफ देख कर कालू बोलता है।
कालू: अब तुम लोगो को क्या अलग से बोलू।
श्याम और छोटू भी बाहर निकल जाते है। बाहर निकलते ही दोनों अपनी नुनियाँ अपने हाथों से छिपा लेते है।
कालू भी नदी से बाहर निकलता है और राज को बाहर आने के लिए बोलता है।
राज शर्म से पानी पानी हो जाता है लेकिन बाहर नही निकलता।
कालू: गुस्से से देख राज तेरे नाना जी की मैं इज्जत करता हूँ और मैं तेरे से बड़ा भी हूँ तो मेरी इज्जत तुझे करनी चाहिए। बिना बिना आनाकानी के बाहर निकल आए वरना हम मैं से कोई भी तुझसे कभी भी बात नहीं करेगा। और तू ज़िन्दगी भर के लिए ना मर्द बनकर घूमेगा।
राज को कालू की बाकी किसी बात पर गुस्सा नही आता लेकिन ना मर्द वाली बात पर राज को गुस्सा आ जाता है।
अब राज गुस्से में होने के कारण बेशर्मों की तरह पानी से चलता हुआ बाहर निकल कर आ जाता है। श्याम छोटू और मंगल की कालू के साथ नज़र राज की छोटी सी नुनी पर पड़ती है।
कालू:चलो एक आखिरी छलांग लगातई है अपनी दोस्ती के नाम..
सभी दोस्त खड़े होकर नदी में छलांग लगा देते है।
जब सभी नदी से बाहर निकलते है तो कालू राज से कहता है...
कालू: हम सब की नुनियाँ देख राज । जब मैंने तुझे हवा में देखा तो तेरी नुनी को देख कर मेरे दिमाग खराब हो गया। हम दोस्तों में तेरी नुनी इतनी छोटी क्यों।
राज: बेवकूफ मैं तुम सब से छोटा भी तो हूँ।
तभी छोटू बीच मे बोल पड़ता है
छोटू: राज भाई तुमसे छोटा तो मैं हूँ वो भी पूरा 1 या 1.6 साल।
ऐसा बोल कर छोटू अपनई नुनी दिखाता है।राज देख कर चौंक जाता है।
छोटू की नुनी 4.5 इंच बड़ी और 2.5 से 7 इंच के करीब मोती थी। सीधे शब्दों में कहूँ तो कुछ लोगों के ळंड के साइज़ की थी।
राज नीचे झुक कर अपनी नुनी को देखता है तो सच में शर्मिंदा होकर रोने वाला मुह बना लेता है।
कालू: राज के कंधों पर हाथ रखते हुए। तू हमारा दोस्त है भाई तू टेंशन मत ले। कपड़े पहन और चल मेरे साथ।
राज और बाकी सब की कालू के साथ साथ कपड़े पहन लेते है। और कालू के पीछे पीछे चल देते है।
कालू बाकी सब को एक झोपड़े के पीछे की तरफ ले जाता है। छोटू देख कर समझ जाता है कि वो कहाँ छोटू ही क्यों श्याम और मंगल भी जान जाते है कि कालू उन्हें कहा लेकर आया है लेकिन राज ज़रा देर से समझता है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750