12-04-2020, 09:02 AM
मेरी पहली होली ,
![[Image: HOLI-9b291c8a21042798cd9b77942832c268.jpg]](https://i.ibb.co/TbmKQ2F/HOLI-9b291c8a21042798cd9b77942832c268.jpg)
शादी के पहले ही मुझे बता दिया गया था की दुल्हन की पहली होली ससुराल में होती है , ... बहुत पुराना चलन है , ..
और उस दिन से ही मेरी घबड़ाहट , ...और ऊपर से मेरी गाँव वाली भौजाइयां , ...सब की सब ,...
बिन्नो , ... पहली रात तो झेल लेगी तू दर्द तो बहुत होगा , लेकिन सबकी फटती है पहली रात , तेरी भी फट जायेगी , और फिर वैसलीन , कडुआ तेल ,...और अगर दूल्हा थोड़ा ख्याल रखने वाला हुआ तो सम्हाल कर ,
लेकिन होली के दिन तो देवर , नन्दोई , और नयी भाभी देख कर तो पूरा मोहल्ला देवर बन जाता है , और ननदें भी कौन कम होती हैं ,...
![[Image: holi-playing-indian-girls-wet-collection9.jpg]](https://i.ibb.co/z27qqM7/holi-playing-indian-girls-wet-collection9.jpg)
लेकिन डर से ज्यादा , ...
अब तो मुझे देवर ननदोई के साथ , ... लेकिन बात कुछ और थी , ...
फिर हमारे नन्दोई तो जबरदस्त रसिया , शादी में ही हम दोनों एकदम खुल गए थे और उन्होंने अपनी सलहजों और पत्नी के सामने मुझे चेताया था ,
" मैं सलहज से अपनी पिचकारी से सिर्फ सफ़ेद रंग वाली होली खेलता हूँ , ... "
और मेरी ओर से जेठानी ने जवाब दिया था ,
" मेरी देवरानी को ऐसी वैसी मत समझियेगा नन्दोई जी , आपकी पिचकारी पिचका के रख देगी ,... "
![[Image: Girl-holi-c26288231da8821412480f30f37e315a.jpg]](https://i.ibb.co/Y0FL3Kb/Girl-holi-c26288231da8821412480f30f37e315a.jpg)
और मेरी सारी जेठानियाँ , ननदे जोर से हंसी और मेरी एक छोटी ननद बोली ,
" जीजू , अबकी असल मुकाबला होगा , ... "
![[Image: Holi-tumblr-mcglm17j-Om1rjhuqoo1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/HBYDZmT/Holi-tumblr-mcglm17j-Om1rjhuqoo1-1280.jpg)
लेकिन मेरे नन्दोई की निगाह मेरी लो कट चोली से झांकती गोरी गोरी , गुदाज गोलाइयों पर फिसल रही थी , असल में बदमाशी उसी ननद की थी , दो ननदों ने मेरा हाथ पकड़ा था और उस दुष्ट ने आँचल एकदम नीचे , और ऊपर से मंझली ननद ( नन्दोई जी की पत्नी ) बोलीं ,
अरे नन्दोई से क्या शरमाना।
![[Image: Mummy-Shilpa-Shinde-Photos-22.jpg]](https://i.ibb.co/zbSy92c/Mummy-Shilpa-Shinde-Photos-22.jpg)
" मैं चोली फाड़ के होली खेलता हूँ , ... "
नन्दोई जी ने उकसाया , और जेठानी जी जिस तरह से मेरी ओर देख रही थीं , मैं समझ गयीं , मैं जवाब दूँ
" आइये तो आप , नन्दोई जी , ... आप चोली फाड़ेंगे तो हम क्या आपका पजामा छोड़ेंगे , ... यहीं फाड़ के , ... इसी आँगन में नचाएंगी ,... "
हँसते हुए मैं बोली फिर जोड़ा , और ननद से बोली ,
" एक ऑफर है , स्पेशल होली ऑफर , ... अब नन्दोई जी तो मेरे साथ , ... ननद जी फिर एक्सचेंज कर लीजिये , मेरे साजन आपके साथ , और आपके साजन मेरे साथ , ,,, "
![[Image: Holi-26670870481-6c66634b20-b.jpg]](https://i.ibb.co/fMtpLvf/Holi-26670870481-6c66634b20-b.jpg)
पहले गलती से वो हाँ बोल गयी और फिर भौजाइयों की हंसी ने उन्हें अंदाज दिलाया और मेरे गाल मींजती हुयी ख़ुशी से बोली
" तू कल की आयी , चार दिन भी नहीं हुए अभी , और मेरे भाई को मेरे ऊपर चढ़ा रही है , तेरे मायके में ये छिनरपना होता होगा। "
लेकिन नन्दोई जी नहीं आ रहे थे
, बहुत अफ़सोस हुआ उन्हें ,...और मुझे भी।
दस बार फोन किया होगा उन्होंने , ...एक तो उनके मायके में एक शादी पड़ गयी थी , होली के एक दिन पहले ही , और दूसरे उन्हें कहीं जॉब के चक्कर में जाना पड़ रहा था , मैंने बहुत समझाया उन्हें ,... चलिए अगले फागुन में , ... होके बोले ,
" सूद सहित लूंगा तेरी , अगवाड़ा भी पिछवाड़ा भी "
" एकदम , हँसते हुए मैं बोली , मुझे मालूम है आप छेद छेद में भेद नहीं करते, और मैं भी छोडूंगी नहीं , लेकिन एक दिन नहीं पूरे हफ्ते भर के लिए "
![[Image: Teej-264f0bf5592383050a9608632f270fc4.jpg]](https://i.ibb.co/WH82DNG/Teej-264f0bf5592383050a9608632f270fc4.jpg)
असल में ये राज उनकी पत्नी ने मुझे मेरी सुहागरात के दूसरे दिन ही बता दिया था , दोपहर में हम सब रजाई में और वो और दुलारी मेरे दोनों ओर ,
दुलारी ने पहले बताया की सुहागरात के चौथे दिन , उसके पिछवाड़ा का रास्ता खुल गया था ,
और मंझली ननद ने भी कबूला , ... हनीमून वो लोग गए थे वहीँ , और अब तो बिना नागा , हर सैटरडे को ,...
और अगर कोई उस दिन छुट्टी पड़ी तो उस दिन भी ,...
फिर दोनों मेरे पीछे पड़ गयीं
" नयकी भौजी , इतना चूतड़ मटका के चलत बाड़ू न तोहरा पिछवाड़ा भी न बची। "
![[Image: Geeta-25.jpg]](https://i.ibb.co/DYhBwSZ/Geeta-25.jpg)
मुझे मालूम था , न बचे तो न बचे।
लेकिन मुझे ये भी मालूम था , मेरे हिस्से में लड़का आया था खूंटा उसका जितना भी खूंख्वार क्यों न हो शर्मीला नंबरी , ... मैं जानती थी ललचाता है वो उसका मन भी करता है , पर घबड़ाता है वो की कहीं मैं बुरा न मान जाऊं ,
लेकिन उससे भी बड़ी बात थी , जो एकदम सही थी , पिछवाड़े , अगवाड़े से भी ज्यादा दर्द होना था , कम से कम पहली बार।
हाँ तो जैसे मैंने बोला कुल मिला के ये बात थी की इस होली पर ननद ननदोई नहीं आने वाले थे , और मेरी होली तो उन्ही के साथ , यहाँ घर पर तो कोई ननद नहीं थी न देवर ,
सिवाय इनकी ममेरी बहन और भाई , ... मेरे देवर अनुज के ,
और वो स्साला अनुज भी अपनी बचा के होली में भाग रहा था , ... असल में गलती उसकी नहीं थी , गलती एक्जाम की तारीख तय करने वालों की थीं ,
![[Image: Teej-6485e6ce86a9ea394d7e707eddc43925.jpg]](https://i.ibb.co/p46nmHK/Teej-6485e6ce86a9ea394d7e707eddc43925.jpg)
उसका इंजीनियरिंग का एक्जाम था होली के तीन चार दिन बाद , ... और सेंटर बनारस में पड़ा था , ...
वहीँ एक कोचिंग की थी एक हफ्ते की कोचिंग होली के पांच छ दिन पहले से ,
हालाकी उसकी होली तो अच्छी होनी थी , बनारस में गुड्डो थी न वही हाईकॉलेज वाली , मेरी जेठानी के मायके की , में जिसका फीता अनुज ने काटा था और अनुज का भी वो फर्स्ट टाइम था , फिर जेठानी का मायका , तो मेरे देवर की भी ससुराल ही हुयी न , ... ससुराल वो भी बनारस की , ...
पर मेरी पहली होली में तो उसे रहना नहीं था .
तो फिर होली में नन्दोई देवर दोनों का पत्ता कट गया ,
असल में मैं चाहती थी , होली में अपने मायके जाना , ...
उसी के बाद उनको ज्वाइन करना था और शादी के बाद मैं गयी नहीं थी , और फिर जब से मेरी शादी तय हुयी थी , इनकी दोनों सालियाँ , जब ये देखने आये थे , ... तभी मुझसे ताम्रपत्र पर लिखवा लिया था , जितने दिन उन के जीजू अपनी ससुराल में रहेंगे , .. मैं उन के जीजू की ओर देखूंगी भी नहीं ,... एकदम मैं मान गयी थी , तभी उनका फोन नंबर मिला मुझे।
![[Image: Teej-a075961c7a2b60575b4c56c69daf7d04.jpg]](https://i.ibb.co/Bz6mr1n/Teej-a075961c7a2b60575b4c56c69daf7d04.jpg)
और गांव में तो जितनी लड़कियां होती है सब की सब साली , और सब भौजाइयां सलहज , ...ख़ास तौर से काम करने वाली , नाउन कहाईन , सब , ...
फिर कोहबर में ही इनसे साली सरहज सबने तिरबाचा भरवा लिया था की होली में ये आयंगे , ...
इसलिए मन तो इनका भी कर रहा था , ... और हमारे गाँव में तो पूरे पांच दिन होली होती है , ... कहीं अगर ये पांच दिन रह गए तो मेरी बहनों भाभियों की तो होली दिवाली दोनों हो जाते ,
लेकिन बोले कौन ,...
ये बेचारे तो मुझसे तक बोल नहीं पा रहे थे , मेरी सास से क्या बोलते ,...
और हमारे यहाँ सब बातें खाने के समय ही होती थी , सारे फैसले और मेरी सास ही फैसले लेती थी।
लेकिन बात छेड़े कौन , ... मैं नहीं चाहती थी की मैं कुछ ऐसा बोल दूँ , ..सास मेरी इतना मानती थी मुझे , मेरे चक्कर में इन्हे डाँट पड़ जाती थी , तो उन के सामने , ,,,
रोज मैं जोड़ती थी फागुन , होली , सोचती थी आज हिम्मत कर के , ...
फिर होता था अगले दिन ,
अगले दिन तो नहीं उसके अगले दिन , ...
![[Image: HOLI-9b291c8a21042798cd9b77942832c268.jpg]](https://i.ibb.co/TbmKQ2F/HOLI-9b291c8a21042798cd9b77942832c268.jpg)
शादी के पहले ही मुझे बता दिया गया था की दुल्हन की पहली होली ससुराल में होती है , ... बहुत पुराना चलन है , ..
और उस दिन से ही मेरी घबड़ाहट , ...और ऊपर से मेरी गाँव वाली भौजाइयां , ...सब की सब ,...
बिन्नो , ... पहली रात तो झेल लेगी तू दर्द तो बहुत होगा , लेकिन सबकी फटती है पहली रात , तेरी भी फट जायेगी , और फिर वैसलीन , कडुआ तेल ,...और अगर दूल्हा थोड़ा ख्याल रखने वाला हुआ तो सम्हाल कर ,
लेकिन होली के दिन तो देवर , नन्दोई , और नयी भाभी देख कर तो पूरा मोहल्ला देवर बन जाता है , और ननदें भी कौन कम होती हैं ,...
![[Image: holi-playing-indian-girls-wet-collection9.jpg]](https://i.ibb.co/z27qqM7/holi-playing-indian-girls-wet-collection9.jpg)
लेकिन डर से ज्यादा , ...
अब तो मुझे देवर ननदोई के साथ , ... लेकिन बात कुछ और थी , ...
फिर हमारे नन्दोई तो जबरदस्त रसिया , शादी में ही हम दोनों एकदम खुल गए थे और उन्होंने अपनी सलहजों और पत्नी के सामने मुझे चेताया था ,
" मैं सलहज से अपनी पिचकारी से सिर्फ सफ़ेद रंग वाली होली खेलता हूँ , ... "
और मेरी ओर से जेठानी ने जवाब दिया था ,
" मेरी देवरानी को ऐसी वैसी मत समझियेगा नन्दोई जी , आपकी पिचकारी पिचका के रख देगी ,... "
![[Image: Girl-holi-c26288231da8821412480f30f37e315a.jpg]](https://i.ibb.co/Y0FL3Kb/Girl-holi-c26288231da8821412480f30f37e315a.jpg)
और मेरी सारी जेठानियाँ , ननदे जोर से हंसी और मेरी एक छोटी ननद बोली ,
" जीजू , अबकी असल मुकाबला होगा , ... "
![[Image: Holi-tumblr-mcglm17j-Om1rjhuqoo1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/HBYDZmT/Holi-tumblr-mcglm17j-Om1rjhuqoo1-1280.jpg)
लेकिन मेरे नन्दोई की निगाह मेरी लो कट चोली से झांकती गोरी गोरी , गुदाज गोलाइयों पर फिसल रही थी , असल में बदमाशी उसी ननद की थी , दो ननदों ने मेरा हाथ पकड़ा था और उस दुष्ट ने आँचल एकदम नीचे , और ऊपर से मंझली ननद ( नन्दोई जी की पत्नी ) बोलीं ,
अरे नन्दोई से क्या शरमाना।
![[Image: Mummy-Shilpa-Shinde-Photos-22.jpg]](https://i.ibb.co/zbSy92c/Mummy-Shilpa-Shinde-Photos-22.jpg)
" मैं चोली फाड़ के होली खेलता हूँ , ... "
नन्दोई जी ने उकसाया , और जेठानी जी जिस तरह से मेरी ओर देख रही थीं , मैं समझ गयीं , मैं जवाब दूँ
" आइये तो आप , नन्दोई जी , ... आप चोली फाड़ेंगे तो हम क्या आपका पजामा छोड़ेंगे , ... यहीं फाड़ के , ... इसी आँगन में नचाएंगी ,... "
हँसते हुए मैं बोली फिर जोड़ा , और ननद से बोली ,
" एक ऑफर है , स्पेशल होली ऑफर , ... अब नन्दोई जी तो मेरे साथ , ... ननद जी फिर एक्सचेंज कर लीजिये , मेरे साजन आपके साथ , और आपके साजन मेरे साथ , ,,, "
![[Image: Holi-26670870481-6c66634b20-b.jpg]](https://i.ibb.co/fMtpLvf/Holi-26670870481-6c66634b20-b.jpg)
पहले गलती से वो हाँ बोल गयी और फिर भौजाइयों की हंसी ने उन्हें अंदाज दिलाया और मेरे गाल मींजती हुयी ख़ुशी से बोली
" तू कल की आयी , चार दिन भी नहीं हुए अभी , और मेरे भाई को मेरे ऊपर चढ़ा रही है , तेरे मायके में ये छिनरपना होता होगा। "
लेकिन नन्दोई जी नहीं आ रहे थे
, बहुत अफ़सोस हुआ उन्हें ,...और मुझे भी।
दस बार फोन किया होगा उन्होंने , ...एक तो उनके मायके में एक शादी पड़ गयी थी , होली के एक दिन पहले ही , और दूसरे उन्हें कहीं जॉब के चक्कर में जाना पड़ रहा था , मैंने बहुत समझाया उन्हें ,... चलिए अगले फागुन में , ... होके बोले ,
" सूद सहित लूंगा तेरी , अगवाड़ा भी पिछवाड़ा भी "
" एकदम , हँसते हुए मैं बोली , मुझे मालूम है आप छेद छेद में भेद नहीं करते, और मैं भी छोडूंगी नहीं , लेकिन एक दिन नहीं पूरे हफ्ते भर के लिए "
![[Image: Teej-264f0bf5592383050a9608632f270fc4.jpg]](https://i.ibb.co/WH82DNG/Teej-264f0bf5592383050a9608632f270fc4.jpg)
असल में ये राज उनकी पत्नी ने मुझे मेरी सुहागरात के दूसरे दिन ही बता दिया था , दोपहर में हम सब रजाई में और वो और दुलारी मेरे दोनों ओर ,
दुलारी ने पहले बताया की सुहागरात के चौथे दिन , उसके पिछवाड़ा का रास्ता खुल गया था ,
और मंझली ननद ने भी कबूला , ... हनीमून वो लोग गए थे वहीँ , और अब तो बिना नागा , हर सैटरडे को ,...
और अगर कोई उस दिन छुट्टी पड़ी तो उस दिन भी ,...
फिर दोनों मेरे पीछे पड़ गयीं
" नयकी भौजी , इतना चूतड़ मटका के चलत बाड़ू न तोहरा पिछवाड़ा भी न बची। "
![[Image: Geeta-25.jpg]](https://i.ibb.co/DYhBwSZ/Geeta-25.jpg)
मुझे मालूम था , न बचे तो न बचे।
लेकिन मुझे ये भी मालूम था , मेरे हिस्से में लड़का आया था खूंटा उसका जितना भी खूंख्वार क्यों न हो शर्मीला नंबरी , ... मैं जानती थी ललचाता है वो उसका मन भी करता है , पर घबड़ाता है वो की कहीं मैं बुरा न मान जाऊं ,
लेकिन उससे भी बड़ी बात थी , जो एकदम सही थी , पिछवाड़े , अगवाड़े से भी ज्यादा दर्द होना था , कम से कम पहली बार।
हाँ तो जैसे मैंने बोला कुल मिला के ये बात थी की इस होली पर ननद ननदोई नहीं आने वाले थे , और मेरी होली तो उन्ही के साथ , यहाँ घर पर तो कोई ननद नहीं थी न देवर ,
सिवाय इनकी ममेरी बहन और भाई , ... मेरे देवर अनुज के ,
और वो स्साला अनुज भी अपनी बचा के होली में भाग रहा था , ... असल में गलती उसकी नहीं थी , गलती एक्जाम की तारीख तय करने वालों की थीं ,
![[Image: Teej-6485e6ce86a9ea394d7e707eddc43925.jpg]](https://i.ibb.co/p46nmHK/Teej-6485e6ce86a9ea394d7e707eddc43925.jpg)
उसका इंजीनियरिंग का एक्जाम था होली के तीन चार दिन बाद , ... और सेंटर बनारस में पड़ा था , ...
वहीँ एक कोचिंग की थी एक हफ्ते की कोचिंग होली के पांच छ दिन पहले से ,
हालाकी उसकी होली तो अच्छी होनी थी , बनारस में गुड्डो थी न वही हाईकॉलेज वाली , मेरी जेठानी के मायके की , में जिसका फीता अनुज ने काटा था और अनुज का भी वो फर्स्ट टाइम था , फिर जेठानी का मायका , तो मेरे देवर की भी ससुराल ही हुयी न , ... ससुराल वो भी बनारस की , ...
पर मेरी पहली होली में तो उसे रहना नहीं था .
तो फिर होली में नन्दोई देवर दोनों का पत्ता कट गया ,
असल में मैं चाहती थी , होली में अपने मायके जाना , ...
उसी के बाद उनको ज्वाइन करना था और शादी के बाद मैं गयी नहीं थी , और फिर जब से मेरी शादी तय हुयी थी , इनकी दोनों सालियाँ , जब ये देखने आये थे , ... तभी मुझसे ताम्रपत्र पर लिखवा लिया था , जितने दिन उन के जीजू अपनी ससुराल में रहेंगे , .. मैं उन के जीजू की ओर देखूंगी भी नहीं ,... एकदम मैं मान गयी थी , तभी उनका फोन नंबर मिला मुझे।
![[Image: Teej-a075961c7a2b60575b4c56c69daf7d04.jpg]](https://i.ibb.co/Bz6mr1n/Teej-a075961c7a2b60575b4c56c69daf7d04.jpg)
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फिर कोहबर में ही इनसे साली सरहज सबने तिरबाचा भरवा लिया था की होली में ये आयंगे , ...
इसलिए मन तो इनका भी कर रहा था , ... और हमारे गाँव में तो पूरे पांच दिन होली होती है , ... कहीं अगर ये पांच दिन रह गए तो मेरी बहनों भाभियों की तो होली दिवाली दोनों हो जाते ,
लेकिन बोले कौन ,...
ये बेचारे तो मुझसे तक बोल नहीं पा रहे थे , मेरी सास से क्या बोलते ,...
और हमारे यहाँ सब बातें खाने के समय ही होती थी , सारे फैसले और मेरी सास ही फैसले लेती थी।
लेकिन बात छेड़े कौन , ... मैं नहीं चाहती थी की मैं कुछ ऐसा बोल दूँ , ..सास मेरी इतना मानती थी मुझे , मेरे चक्कर में इन्हे डाँट पड़ जाती थी , तो उन के सामने , ,,,
रोज मैं जोड़ती थी फागुन , होली , सोचती थी आज हिम्मत कर के , ...
फिर होता था अगले दिन ,
अगले दिन तो नहीं उसके अगले दिन , ...