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Inspector Ajanta sequel 2 - reposted
#20
अजंता - तुम चारों आजIओ अब
और यह कह कर फिर वह वापस पलटी - टाइगर बिल्कुल अधमरा था

उसने उसे एक और ठोकर मारी और अपनी कच्छी उठाकर पहनने लगी. पैंटी पहनकर उसने अपनी ब्रेज़री पहन ली और उसके बाद वो फटा हुआ पेटीकोट भी जिस कम से कम नाड़े से तो बाँधा जा सकता था. उसे अपने फटे हुए ब्लाउज का ध्यान नहीं रहा
फिर अपनी नाइटी पहन कर उसने एक शॉल ले ली
कुछ देर में बेल बाजी.
जय हिंद मेडम
सब इनस्पेक्टर गोपाल सिंह जो की चार कॉन्स्टेबल्स के साथ हथियारों से लेस था अजंता के घर पहुँच चुका था
अजंता टाइगर को घसीट कर बाहर ले आई
(दरअसल अंदर बेड भी कुछ अस्त व्यस्त हो चुका था और टाइगर (जो की अब किसी हालत में फटी कमीज़ और पैंट पहन चुका था उसका फटा हुआ अंडरवियर, अजंता का फटा हुआ ब्लाउज सब बेतरतीब पड़े थे
टाइगर के वीर्य और खून से बेड भी गीला था.वह नही चाहती थी की गोपाल सिंह और उसके कॉन्स्टेबल जो कुछ हुआ उसका अंदाज़ा लगायें

टाइगर को सिक्युरिटी गिरफ्तार करके ले गयी और बाद में उसे उसे मौत की सज़ा भी हुई
गोपाल सिंह और उसके कॉन्स्टेबल्स के जाते ही अजंता ने दरवाज़ा बंद किया और धम से बेड पर आकर बैठ गयी .
वह कुछ पल तक ख्यालों में डूबी रही


चूत रगड़े जाने से उसे बहुत ज़ोर से पेशाब आ रहा था . वह बाथरूम गयी और नाइटी उठाकर पेशाब करने लगी,. उसके बाद उसे हल्कापन महसूस हुआ फिर वह उठकर अलमारी के पास आई और उसे खोला
वह भी थक गयी थी
उसने अपनी नाइटी उतार दी और ब्रेज़री भी उतार कर एक ओर फेंक दी
फिर उसने वो फटा हुआ पेटीकोट भी उतार फेंका
और एक दूसरा वैसा ही पेटीकोट निकIल कर पहन लिया
उसने एक दूसरा ब्लाउज निकाला और उसे पहन लिया
अपनी नाइटी उसने फिर से पहन ली और वह आकर बिस्तर पर बैठ गयी - उसने घडी में टाइम देखा तो पाँच बाज रहे थे
- पंडितजी तो चार बजे उठा जाते हैं - दरअसल वो उन्हे यह कहना चाहती थी की वह पूजा पर देर से आएगी
उसने फोन मिलाया तो पंडितजी का स्वर सुनाई दिया
राम राम पंडितजी अजंता बात कर रही हूँ
पंडितजी - राम राम बेटी कैसी हो अच्छा सुनो में तुम्हे फोन करने ही वाला था
अजंता - क्या बात है पंडितजी सब ठीक है ना - और बच्चे?
पंडितजी - सब ठीक है बेटा चिंता की कोई बात नही बस यही कहना था की पूजा अब 9 बजे की बजाय 12 बजे होगा. पूरी सूज़ी और हलवा रखवाया है दोपहर के भोजन में तुम उसी हिसाब से आ जाना. और शाम को तो हम दिवाली मनाएंगे ही
और हाँ बच्चे तुम्हे बहुत याद कर रहे थे
अजंता मुस्कुरा उठी - वह भी अभी कुछ देर आरIम करना चाहती थी - ठीक है पंडितजी बच्चों से कहिएगा की आज उनकी अजंता दीदी उनके लिए मिठाई लाएगी और सारा दिन उनके साथ दो दिन रहेगी
और वह मुस्कुरा कर बिस्तर पर लेट कर सो गयी
सुबह डोर बेल बजी तो अजंता ने दरवाज़ा खोळा. दरवाज़ा पर उसकी कामवाली खड़ी थी. कामवाली अजंता को विश किया तो अजंता ने भी उसको विश करके चाय बनवाकर रूम लाने को कहकर अपने कमरे मे घुस गयी. उसकी कमरे का हालत उसी तरह था जब की रात को टाइगर द्वारा रेप अटेंप्ट के बाद था. सनडे छुट्टी होने के कारण उसे कुछ जल्दी नही था और वो थकावट के कारण बेड मे आधा लेट कर रेस्ट ले रही थी. ज़मीन पर टाइगर का फटा हुआ अंडरवियर और अजंता की नाइटी और फटा हुआ ब्लाउज सब वैसे ही पड़ा हुआ था. वो इसकी फ़िक्र किए बिना आराम से रेस्ट ले रही थी. तभी उसकी कामवाली चाय और नाश्ता लेके अंदर घुस गयी. उसने पहले तो अस्तव्यस्त कमरे पर ध्यान नही दिया, लेकिन जब चाय नाश्ता रख के जाने ही वाली थी तो उसकी नज़र नीचे फटा हुआ पड़े टाइगर के अंडरवियर पर पड़ी. तब उसने ध्यान से एक बार कमरे को निहारा तो अस्तव्यस्त बेड, अजंता की ब्रेज़री, फटा हुआ ब्लाउज और साथ मे नाइटी भी दिखाई दी उसे. विसे तो कामवाली अजंता की साथ काफ़ी फ्री ही थी, सहेली जैसे ही बात चीत करते थे वो दोनो. कभी कभी हसी मज़ाक छेड़ चाड भी हो जाता था. अजंता की फटा हुआ ब्लाउज, ब्रेज़री, सब देखना उसे कामवाली को पहली बार तो नही था. जब अजंता घर आकर वस्त्र को उतरती तो उसकी कामवाली ही उन्हें उसे ब्रेज़री, कच्छी को धोने मे डालने की काम करती थी. जब फटा हुआ कुछ वस्त्र इस कामवाली को मिला तो वो समझती थी की मेडम आज फिर से किसी की धज्जियाँ उड़ा कर आई है. और वो इस तरह हर मौके पर अजंता की एनकाउंटर के बारे मे छेड़ते हुए डीटेल पूछा करती थी. अजंता भी उसकी हर एक एनकाउंटर को कामवाली से बताती थी, छेड़ते हुए ही. और गुडो की द्वारा अजंता की रस भरे मम्मो को पिल्लू के नाम से पुकारने का बात कामवाली भी जानती थी. और वो भी कभी कभी पिल्लू नाम से अजंता की वक्ष सौंदर्य को सम्बोधित करके अजंता को छेड़ती थी. यहा तक की उसे कामवाली ने अजंता की पिल्लू को नंगा भी देख लिया था....!! लेकिन आज कुछ बात अलग ही उसके सामने नज़र आई. क्यूंकी उसे रात को पहनी हुई नाइटी, ब्लाउज वग़ैरा देखने को मिला, साथ मे किसी मर्द का अंडरवियर, वो भी फटी हुई हालत मे. कामवाली को थोड़ा बहुत समझ यह तो आ ही गया की कल रात को अजंता पर कुछ रेप अटेंप्ट हुआ है. इस बात का सबूत अजंता की फटे हुए कपड़े दे रहे थे. फटा हुआ अंडरवियर को देख कर वो कुछ कन्फ्यूज़्ड हो गयी थी. लेकिन अजंता की चेहरे पर ऐसा कुछ भाव ही नही था की कल कुछ बुरी घटना हुई है. कामवाली - "मालकिन रूम सॉफ कर दूँ क्या? " अजंता - हा कर दो, कोई जल्दी नही आज मुझे तो छुट्टी है. कामवाली ने झुक कर फटा हुआ अंडरवियर को हाथ मे उठाया ओर अजंता की तरफ देखने लगी. अजंता इस से बेखबर हुए ही चाय पीने मे व्यस्त थी. उसे अंडरवियर मे कुछ वीर्य का दाग भी उसे नज़र आ रही थी. कामवाली - मेडम, लगता है कल आपकी इज़्ज़त को लूटने के लिए कोई घर ही आया था? अजंता सर उठाकर देखने लगी तो कामवाली के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी. अजंता को रात की घटना याद आयी है, किसे टाइगर ने उसकी चूत की दाने पर अपने दाँत गड़ाया था. उस वक़्त तो उसे कुछ मिक्स्ड फील भी हुई थी, एक तरफ टाइगर का बलात्कारी हमला जिस की वजह से क्रोध था तो दूसरी जिस की वजह से क्रोध था तो दूसरी तरफ छेड़ छाड़ से चूत का एक दम गीला हो जाना. फिर भी वो खुद को टाइगर पर प्रतिवार करके कामयाब हो गयी थी उसको पकड़ने मे. लेकिन टाइगर द्वारा चूत की पंखुरियों पर हुआ दर्द अभी भी उसकी चूत पर एहसास कर रहा था. उसे दृश्य को याद करते हुए ही उसकी चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान सी छा गयी. अजंता - हा कल एक सांड़ घर मे ही गुसा था, मेरी पिल्लू को देखखार वासना की भूख से भड़का हुआ सांड़..
कामवाली - आपकी पिल्लू ही ऐसे कमाल के है तो मुझे भी कभी हाथ मे लेने का मान होती है, शायद उसे सांड़ का ग़लती कोई नही.. अजंता - अच्छा, अभी तू भी सांड़ का ही सपोर्ट कर रहे हो. अगर तू कल रात को होती तो तुम्हारे ही पिल्लू को उसे सांड़ से कुचलवाती मैं. कामवाली - अरे नही बाबा नही.. मेरा पिल्लू को देख कर मेरी पीछे कोई साड भड़क कर नही आया है अभी तक. आपकी पिल्लू का कटाव ही ऐसे है मेडम, कोई भी पागला जाता है.. और हाँ इस फटे हुए ब्लाउज और आपकी ब्रेज़री को देख कर लगती है की वो सांड़ आपकी पिल्लू को नंगा देखने मे कामयाब हुआ. अजंता - अरे हा, सिर्फ़ पिल्लू को ही नही यहा तक की वो सांड़ ने मेरी कच्छी फाड़ कर गुलाबी चूयिंग गुम को भी मुँह लगाया था
कामवाली - ऑश गोद.. सच मे. कही सांड़ गाय के ऊपर चढ़ने मे सफल तो हुआ नही ना.. इस अंडरवियर को देखा तो ऐसे ही लगता है. अजंता - नही, इस पहले की सांड़ गाय के ऊपर चढ़ने में कामयाब हो जाता, उसे से पहले गाय ने उसे सांड़ को घायल कर दिया कामवाली - मतलब, चूहा गुफा मे घुसा नही अजंता - ना रे बाबा ना.. चूहे को गुफा मे घुसने से पहले ही चूहे को घायल करके साँस निकIल दी गयी...हिहीही.. कामवाली – मतलब मेडम, आपकी पिल्लू और गुफा को सांड़ ने कल कुचलने का खूब प्रयास किया, यहा तक की अंडरवियर को भी फाड़ के फेक दिया गया
अजंता - हाहाहा, वो चूहा मेरी गुफा को देख कर इतना जोशीला बन गया था की ज़्यादा देर तक अंडरवियर मे खड़ा ना रह सका, और गुफा के रास्ते को पाते ही बाहर आया. बदनसीब चूहा, जहा घुसना चाह रहा था वहा घुस नही पाया और उसे से पहले उसका साँस अटका दिया गया.. लेकिन हा, जंगल के बीच के गुफा मे तो नही घुस पाया बस थोड़ा सा गुफा का पानी निकाल दिया था. फिर अजंता ने कल की घटना सब डीटेल्स मे बता दी कामवाली को. तब तक उसकी चाय नाश्ता ख़तम हो गया. अजंता उठ खड़ी हुई बेड से, फिर कामवाली को सॉफ सफाई का काम बताकर, उसकी सामने ही अपनी नाइटी , ब्लाउज और पेटिकोट् को खोलकर सिर्फ़ कच्छी और ब्रेज़री मे खड़ी हो गयी. कामवाली के साथ हुए छेड़ छाड़ से वो थोड़ा अराउज़ तो हुई थी, इसी का नतीज़ा उसकी सफेद कच्छी पर हल्का सा वेट स्पॉट से नज़र आ रहा था. पहली बार तो नही खड़ी थी वो ब्रेज़री, कच्छी मे कामवाली के सामने. लेकिन कामवाली तो उसकी भरे हुए यौवन को देखती रही वो तौलिया ले कर नहाने के लिए बाथरूम घुसने तक,फिर अपनी काम मे लग गयी.
तब तक 9 बज रहे थे. अजंता की कामवाली काम कर चुकी तो उसने बताया की आज कुछ नही बनाना वह आश्रम में पूजा के लिए जा रही है और रात का खाना वह खुद बना लेगी.अजंता को कुकिंग का शौक था और छुट्टी वाले दिन वह अपना यह शौक पूरा करती थी.
अजंता कुछ देर बाद उठी और बाथरूम में घुस गयी उसने सारे कपड़े उतार दिए और वह बाथ टब में बैठ कर बाथरूम लेने लगी.
अच्छी तरह नहा कर वह केवल एक तौलिया में अपना मदमाते यौवन को छुपाती हुई (जो छुपने की जगह दृष्टिगोचर ज्यादा हो रहा था) हुई जिसमे की उसके कंधे बिल्कुल नंगे थे और टांगे भी घुटनो से नीचे नंगी थीं बाहर आई और शीशे में खुद को देख कर हँसने लगी.- अगर बच्चे मुझे इस हालत में देख लें तो

उसने अलमारी खोलकर पहले एक सफेद पैंटी निकIली .
आज उसने एक फैंसी बैकलेस ब्लाउज पहनने का फैसला किया जो की वह बहुत कम करती थी
उसके बाद उसने एक लाल रंग की जोर्जेट की साड़ी जिसके किनरो पर सुनेहरी कड़ाई हुई थी और साड़ी पर भी कई जगह सुनेहरी बूँदो के डिज़ाइन थे अपने लिए पहन ने को चुनी. एक लाल पेटीकोट और लाल और सुनहेरे रंग का ब्लाउज निकIल कर वह अपने कपड़े पहन ने लगी. इस ब्लाउज से उसकी पीठ काफी सारा भाग नग्न था ब्लाउज और पेटीकोट पहन ने के बाद उसने साडी खोली और उसे पहनना शुरू कर दिया
अपनी साडी के एक छोर को उसने पेटीकोट में घुसाया और एक छोर को उसने पेटीकोट में घुसाया और बच्चों के बारे में सोच रही थी. साड़ी के विब्भिन छोरों को पेटीकोट में डालते हुए उसका ध्यान आश्रम में ही था और चेहरे पर एक मुस्कराहट. एक बहुत बड़ा केस सुलझाने की और किशन गंज को क्राइम से मुक्त करने की करने की. साड़ी के प्लीट उसने बड़े करने से सेट करके पेटीकोट के सामने वाले भाग में डाल दिए और अब उसका ध्यान सुनहरी बॉर्डर के पल्लू में गया . बड़ी शालीनता से उसने साड़ी लपेटी और अपना पल्लू कंधे पर अड्जस्ट किया. पर उसकी कमर का हिस्सा उसके अच्छी ख़ासी हाइट होने की वजह से नग्न और दृष्टिगोचर था.
अभी वह तैयार हुई ही थी की उसकी कामवाली दोबारा आ गयी – उसने जब अजंता को देखा तो कह उठी – क्या बात है दीदी बच्चों से मिलने जा रही हो यह किसी फोटो शूट पर.
अजंता- अरे नही आश्रम में जा रही हूँ बच्चों से मिलने
कामवाली – ध्यान रखना दीदी – कहीं फिर किसी ने ब्लाउज और पेटीकोट फाड़ दिया तो. बहुत सुन्दर लग रही हैं आप.

अजंता हँसने लगी – बेचारा खुद ही बूरी तरह फटेगा.
अजंता अपनी जीप में सवार हो गयी और रास्ते में रुक कर बच्चों के लिए मिठाई खरीदी.
आश्रम में सब बच्चे अपने विक्की भैया के साथ खेल रहे थे
अजंता - कैसे हो विक्की
अजंता को देखते ही विक्की मुस्कुरा उठा - नमस्ते दीदी अच्छा हुआ आप आ गयीं - देखिये न बच्चे मुझे छोड़ नहीं रहे और मुझे बहुत काम है - फिर बच्चों को सम्बोधित करके बोले - चलो बच्चों अब दीदी के साथ खेलो
बच्चों को मिलने से पहले अजंता ने विक्की को कहा - विक्की सुनो
विक्की - हाँ दीदी
अजंता - मिशन सक्सेसफुल - और इसका श्रेय तुम्हे भी जाता है
विक्की खुश हो गया - सच दीदी - पर यह सब _ _ _
अजंता - तुम्हे बाद में बताउंगी - बस अब कोई खतरा नहीं
विक्की - पर दीदी आपको कोई चोट तो नहीं आयी और कोई नुक्सान तो नहीं हुआ

अजंता शरारती हंसी हंसती हुई बोली - नुकसान तो हो गया
विक्की - क्या
अजंता (धीरे से ) - एक पेटीकोट और एक ब्लाउज फट गया
विक्की झेंप गया - दीदी आप भी न
अजंता ज़ोर से हंस पड़ी - तो क्यों शर्मा रहा है. शर्माना तो मुझे चाहिए
विक्की चेहरे पर ख़ुशी के भाव लिए पूजा आदि के कामों में व्यस्त हो गया
बच्चे भी अजंता को देखते ही दीदी दीदी का शोर मचाते हुए उसके इर्द गिर्द इकट्ठे हो गए. सब एक दुसरे को हैप्पी दिवाली बोलने लगे

अजंता उन सब बच्चों के बीच जाकर बैठ गयी और फिर लाई हुई मिठाई को उन सब बच्चों में बाटने लगीं
अजंता की बात सुनकर और मिठाई को देख कर सब बच्चे अजंता के और इर्द गिर्द आ गए. कुछ बच्चे ऐसे शैतान थे की अजंता की गोद के ऊपर चढ़ कर "दीदी मुझे, दीदी मुझे" करके अजंता को तंग करने लगे. अजंता के पीछे पड़ गए - और अजंता को उनकी शरारतों के बीच यह भी पता नहीं लगा की उसकी साडी का पल्लू धीरे धीरे कंधे से खिसकने लग गया था
अजंता बी "अरे शैतानो. ज़रा संभलके, सब को दे देगी तुम्हारे दीदी.. हल्ला मत करो.. अरे अरे" करके झूठा गुस्सा दिखा कर डांटने लगी और फिर मुस्कुरा भी दी.
अजंता - अरे बच्चो वह कहाँ है - मेरा हीरो - मुन्ना
एक बच्ची जिसका नाम गुड़िया था बोली - दीदी वह न आपको बहुत याद करता है और में अभी उसकी एक बात सबके ना सामने आपको बताउंगी
और तभी मुन्ना पीछे से भागता हुआ आया और उसके पीठ पर चढ़ गया.फिर अपने छोटे छोटे कोमल हाथ अजंता की आँखों पर रख दिए . अजंता को अपनी पीठ के नंगे हिस्से पर गुदगुदी का एहसास हुआ

इस चक्कर में अजंता का पल्लू कंधे से गिर गया और उसके तने हुए उरोज एक दम सामने की और ब्लाउज में से झाँकने लगे. उसकी वक्ष रेखा भी कुछ हद तक दृष्टिगोचर थी.

अजंता ने मुन्ना को अपनी और खींच लिया और बहुत प्यार से बोली - अले अले मेला प्याला प्याल हीलो आ गया - और अजंता ने उसे चूम लिया
मुन्ना - दीदी में आपके बिना उदास होता हूँ
अजंता - अच्छा - क्यों - में भी तेरे बिना उदास हो जाती हूँ
गुड़िया - कोई बात नहीं थोड़े सालों की बात है
अजंता - अच्छा गुड़िया फिर क्या होगा - और तू मुन्ना की क्या बात बताने लगी थी?
अजंता का ध्यान अभी भी अपने गिरे हुए पल्लू पर नहीं था और उसकी कमर भी अच्छी खासी बैठे होने के बावजूद बच्चों के सामने नंगी थी. पर उसकी मदमस्त गोल राशि को देख कर उसे पर टूट पड़ने को वहा कोई गुंडे नही थे, सब मासूम बच्चे थे.
अजंता बच्चों के साथ खुद बच्ची बन गयी थी
गुड़िया - दीदी मुन्ना कहते है की जब में बड़ा हो जाऊंगा न तो अजंता दीदी से शादी कर लूँगा
सब खिलखिला के हंस पड़े और मुन्ना शर्मा गया - उसने अजंता के ब्लाउज में अपना मुँह छुपा लिया और हलके से उसकी छातियों पर मुँह रगड़ने लगा
गुड़िया - यह देखो मुन्ना आप पर चढ़ा और आपका पल्लू गिर गया. और अब देखो कैसे दीदी के पिल्लू से अपना मुँह रगड़ रहा है
फिर मुन्ना ने अजंता की नाभि में ऊँगली दाल ली और घूमने लगा और अजंता को फिर गुदगुदी हुई

अजंता के गाल शर्म से लाल लाल हो गए जब उसने अपने गिरा पल्लू देखा. उसने उसे बच्चे को देखा जो अपना दोनो हाथो मे मिठाई बार के खाने मे व्यस्त था. अजंता की चेहरे पर मुस्कुराहट छा गयी बच्चों की मासूमियता पर. बड़े जिससे गन्दी हरकत करते थे बच्चे उतनी ही मासूमियत देते थे - उसे याद आया की कितनी ही बार गुंडों के सामने उसकी यही बड़ी बड़ी गोल ख़ूबसूरत छातियां नंगी हुईं और गुंडों ने उन्हें मसलने का भरपूर यत्न किया. उसने बारी बारी सब बच्चों को मिठाई खाते और मुन्ना को उसके ब्लाउज से खेलते हुए देखा - मुन्ना की कोमल उंगलिया अब उसके ब्लाउज के मध्य में थीं और प्यार से गुदगुदी कर रही थी
मुन्ना शर्मा के बोला - अभी थोड़ी - पहले में बड़ा होकर कमाऊंगा - फिर आपको अपनी दुल्हन बनाऊंगा - वह मासूमियत से बोला

उसने फिर उसे मुन्ना को नज़दीक खींच कर अपनी बिना पल्लू के सीने से लगाया और उसका सर पर एक किस किया.
अजंता - अच्छा शैतान- अभी से मेरे पिल्लू छेड़ रहा है - तो बड़ा होकर तो तू बहुत शरारती होगा.

मुन्ना - अरे दीदी सबके सामने थोड़ी - अकेले में - ठीक है ?
अजंता मुस्कुरा उठी - अच्छा मुझे शादी के बाद हनीमून पर कहाँ ले जायेगा
मुन्ना - जंगल में ?
अजंता - अरे - जंगल में - क्यों ?
मुन्ना - वहां मेरे और आपके सिवा कोई नहीं होगा - तो फिर मैं और आप - समझ गए न दीदी - पर दीदी हनीमून से पहले एक ज़रूरी काम और भी है
अजंता बड़ी मासूम बनकर बोली - वह क्या मेरे हीरो?
मुन्ना - मेरी और आपकी सुहागरात ?
अजंता और बच्चे खिल खिला कर हंस पड़े - ओहो - अजंता चेहरे को हाथों में लेकर शर्माने का अभिनय करने लगी
एक बच्चा बोला - देख मुन्ना दीदी शर्मा गयीं - अब तो तेरी हीरोइन रेडी हो गयी तेरे लिए
अजंता की हंसी नहीं रुक रही थी - अच्छा तो सुहागरात में क्या करेगा
मुन्ना - आपका घूँघट उठाऊंगा
अजंता - फिर ?
मुन्ना ने अजंता का पल्लू पकड़ा लिया और कोमल हाथों से हलके खींचा
अजंता - हाय राम - मेरी साडी उतारेगा
गुड़िया अपनी मासूम और तोतली आवाज़ में - अरे बेशरम हमारे सामने ही - अभी दीदी की साड़ी उतर गयी तो - वह सिर्फ पेटीकोट में ही हमारे सामने कैसे बैठेंगी ?
मुन्ना - तो मुँह उधर कर ले न - आप तो ऐसे कह रहे हो दीदी जैसे मैंने बिना साड़ी के आपको नहीं देखा
अजंता - अरे शैतान - कब देखा तूने मुझे बिना साड़ी के
मुन्ना - दो महीने पहले नहा के आये थे तो मेरे सामने ही साड़ी पहन रहे थे - आपकी कमर न बहुत सुन्दर है - बिलकुल चेहरे की तरह - इसी लिए तो मैंने फैसला किया है की आपसे शादी करूँगा
अजंता - अच्छा फिर क्या करेगा

मुन्ना की छोटी छोटी उँगलियाँ अजंता के ब्लाउज के मध्य में चली गयी और अजंता को गुदगुदी हुई - ऐ शैतान मेरा ब्लाउज खींचेगा क्या -
मुन्ना - आप मेरे से शरमाओगे ?
अजंता - हाँ मैं तो बहुत शर्माउंगी - तेरे सामने ब्लाउज उतारते हुए.और तुझे पता है जंगल में कई विलेन भी होते हैं - वहां किसी ने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया तो
मुन्ना - दीदी आप चिंता मत करो - में अपनी शर्ट उतार कर आपको दे दूंगा ताकि आप अपने पिल्लू अच्छी तरह से ढक लो - फिर में विलेन को खूब मIरूंगा और आपकी इज़्ज़त बचाऊंगा
अजंता ने भावावेश में मुन्ना को गले से लगा लिया - मेरे प्यारे प्यारे मुन्ना और उससे लिपट गयी

अजंता फिर उन बच्चों के साथ खेलती रही, और खुद भी बच्ची बन गयी. वो कभी माँ बनती, कभी दीदी और कभी दोस्त .
इस तरह से बच्चों को प्यार करते हुए और उनके साथ खेलते हुए उसने आश्रम में सारा दिन निकाल लिया.
श्याम को अजंता , विक्की और बच्चों ने मिलकर डीप माला की और दिवाली मनाई . आज अजंता की वह दिवाली बहुत यादगार थी.
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RE: Inspector Ajanta sequel 2 - reposted - by sujitha1976 - 11-04-2020, 02:47 PM



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