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Inspector Ajanta sequel 2 - reposted
#18
टाइगर की गिरफतारी और अंत

रात के साढ़े ग्यारह बाज चुके थे. आज इनस्पेक्टर अजंता को आने में काफ़ी देर हो गयी थी पर वह एक चोरी का केस सुलझा करके काफ़ी प्रसन्न थी और आज उसे अपने थाने में कमिशनर का भी अप्रिसियेशन का फोन आया था. अजंता ने अपनी जीप घर के आगे रोकी और जेब से चाबी निकाली
इनस्पेक्टर अजंता वह कमरे के अंदर गयी और उसे मालूम था की उसकी कामवाली भी जा चुकी है अपन काम करके . वह अकेली ही रहती थी - उसने अपने जूते उत्तiरे और ड्रेसिंग टेबल के के आगे खड़ी हो गयी और उसकी उंगलियाँ अपने सीने की ओर बढ़ गयीं- उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए. जैसे जैसे बटन खुलते गये अजंता के बड़े बड़े पिल्लू उसकी टाइट सफेद ब्रेज़री में से बाहर की और नुमाया होने लगे और काफ़ी हिस्सा दृष्टि गोचर हो उठा. अजंता ने हल्के से मुस्कुराते हुए अपनी वर्दी की शर्ट उतार दी,
अजंता ने अपने दोनो हाथ एक बार ब्रेज़री के उपर ही अपनी छातियों पर फेरे और उसकी मुस्कुराहट और गहरी हो गयी
अब उसने अपनी बेल्ट बेल्ट खोलकर पैंट की ज़िप खोली और उसे नीचे अपनी टांगों पर फिसलने के लिए छोड़ दिया
अजंता की खाकी पैंट उसकी चिकनी टाँगो से एक केले के छिलके की भाँति खिसकती गयी और कुछ ही देर में उसका मदमस्त यौवन एक गोरे और गुलाबी जिस्म के रूप में,मात्र एक ब्रेज़री और पैंटी में क़ैद होकर शीशे में खुद का दर्शा रह था.
सचमुच क़यामत थी इनस्पेक्टर अजंता - लंबी, स्वस्थ सुन्दर टाँगों से उपर होती हुई उसी गदरायी कमर और बड़े बड़े बड़े गोल तने हुए ठोस उरोज और सबसे उपर चाँद सा सुन्दर चेहरा - आज्ञ कई अप्सराओं के सौंदर्य को मात करता था
उसे याद आया की कल दिवाली है और उसे आश्रम में दो दिन बच्चों के साथ दिवाली मनाने के लिए रहना है .अलमारी खोलकर उसने सोचा - कल क्या पहनूंगी. - फिर उसे ध्यान आया की लाल रंग की शिफॉन की साड़ी और गोल्डन फैंसी ब्लाउज पहन ने के लिए उसने पहले ही तैयार कर लिए था
उसने अपने कंधे पर एक तौलिया रखा और अटॅच्ड बाथ कम टाय्लेट में घुस गयी .वहाँ पर उसने शीशे के आगे खुद को खड़ा कर के तौलिया टांगा और उसके हाथ स्वयं अपनी पीठ पर चले गये.अजंता ने अपनी ब्रेसियर का हुक खोलकर उसे धोने वाले कपड़ो के ढेर में फेन दिया- उसके बड़े बड़े पिल्लू छिटक कर बाहर आ गये और हिलकर सामने की और तन गए मानो किसी कैद से छूटे हों
- अजंता यह देख कर कुछ शर्मा गयी - बाप रे टू बिग एंड नाइस पिल्लूस - उसने खुद से कहा) .उसने अपनी पैंटी भी उतार कर फेंक दी और अब उसका सेक्सी शरीर बाथ टब और उसके शIवर के ठंडे पानी का आनंद ले रहता. अच्छी तरह से नहा कर उसने अपना अंग अंग तोलिये से पौंच्छा और उसक बदन पर अगले ही पल एक सफेद अंडरगार्मेंट्स का जोड़ा फिर से मौजूद था.वह बाथरूम से बाहर आ गयी.

उसने अपने रात्रि के सोने के वस्त्र पहले ही निकल कर रख लिए थे. उसने एक लाल रंग का ही पेटीकोट और पुराना ब्लाउज टंगा हुआ देखा और साथ ही एक गुलाबी नाइटी - वह सब कुछ लाल गुलाबी है आज - वह खुद ही हंसने लगी. वह घर पर सोते हुए अकेले होने के बावज़ूद ढंग से ही सोती थी और कभी बहुत ही
मन हुआ तो खाली चादर लपेट कर सो गयी. वरना नाइटी के नीचे भी सब पहन कर रखती थी वह आम तौर कुछ हल्के रंग और पुराने हो गये ब्लाउज और पेटीकोट सोते हुए इस्तेमाल करती थी.वह अपनी आम दिनचर्या जब यूनिफॉर्म में नही होती थी तो नये और बढ़िया शानदार रंग के ब्लाउज और पेटीकोट पहनती थी. साडी पहनने की शौकीन अजंता के पास अच्छी और कई तरह की साड़ियों का कलेक्षन था. सके पास कई रंगों के पेटीकोट और तरह तरह के ब्लाउज भी थे

पेटीकोट और ब्लाउज पहनने के बाद उसने गुलाबी नाइटी निकाली और निकाली. वह अभी भी हल्के हल्के गुनगुना रही थी फिर अजंता ने किचन में जाकर अपने लिए भोजन गरम करने लगी. उसने खाने में उरद की मसालेदार तरका लगी दाल, दो रोटी और उबले चावल का आनंद लिया और अपने लिए चाय बनाई जो की वह खाने के बाद चाय पीना बहुत पसंद करती थी.
वह कुछ थकी ज़रूर थी लेकिन अभी उसे बहुत नींद नही आ रही थी. वैसे भी कल उसकी छुट्टी थी और उसे तैयार होकर आश्रम में जाना था जहाँ पंडितजी ने दिवाली की पूजा रखवाई थी और उसे आमंत्रित किया था). वह अपन पसंदीदा जासूस उपन्यास जो हॉरर और कुछ सेक्स से भरा था लेकर उसे पढ़ने बैठ गयी - अरे आज तो में एग्ज़ाइट हो जाउंगी - वह मुस्कुराते हुए चाय पीने लगी और उपनयास पढ़ने लगी.फिर उसे याद आया की सोते वक़्त तो वह ब्रेज़री नही पहनती थी पर आज कैसे पहन ली ज(उसे सीने में कुछ कसाव महसूस हुआ)
- चलो में इसे बाद में उतार दूँगी - यह सोचकर वह उपन्यास में मग्न हो गयी और उसका आनंद लेने लगी.

- थोड़े देर बाद उसने अंग्राई ली और अपना कप वापस किचन में रखने चली गयी वह किचन से बाहर आई ही थी की उसकी डोर बेल ज़ोर से बज उठी. - इस समय _ _ _ _ कौन _ _ अजंता सोचने लगी. डोर बेल फिर बाज उठी - अरे बाबा आती हूँ अभी - वह आगुन्तक की अधीर व्यवहार पर कुछ खीज गयी
उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला - अजंता ज़ोर से चिल्लाई - तूमम्म्मममम??
कमीने तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह मेरे घर और भी इस वक़्त आने की.
आगुन्तक ने बगैर अजंता को वक़्त दिए ज़ोर से दरवाज़े को झटक दिया और लगभग अंदर आ गया -
मेरा नाम टाइगर है है इनस्पेक्टर अजंता
अजंता - जानती हूँ पर तुम यहाँ _ _ _

टाइगर - तुम्हारा बहुत देर से इंतेज़ार कर रह था लेकिन लगता है तुम आज कल काफ़ी व्यस्त हो
अजंता - हा जिस शहर में तुम जैसे मुजरिमो का राज़ हो वहाँ मेरे जैसे पुलिस ऑफीसर आराम से कैसे बैठ सकते हैं.
मैं तुम्हे अरेस्ट करवाती हूँ. बहुत तलाश थी तुम्हारी टाइगर: ज़यादा शोर मत करो - मत भूलो की मैंने तुम्हारा बलात्कार होने से बचाया था_______ दुर्जन से
अजंता ज़ोर से हंस पड़ी:- मुझे बेवकूफ समझा हुआ है क्या - मुझे सब मालूम है - अभी सारा खुलासा करती हूँ चोर चोर मौसेरे भाई

टाइगर: ऑये - बकवास बंद -अगर मैने तुम्हे नही बचाया होता तो तुम एक रंडी की तरह बाजार में
अजंता: शूट उप - अपनी ज़बान को लगाम दो कमीने - तुम यहाँ से जाते हो या _ _ _
टाइगर: क्या कर लोगी अगर ना जाऊँ तो
अजंता- योउ बIस्टर्ड - हरामी कुत्ते - गंदी नाली के कीड़े - तुम्हे वो सबक सिखाऊंगी की याद रखोगे - तुमने अभी भी मेरा रूप पूरी तरह से
टाइगर - बहुत हो चुका लगता है तुम्हारा घमंड चूर चूर करना ही पड़ेगा. जो काम दुर्जन और उसके आदमी नही कर पाए वह में कर दूँगा

अजंता: क्या - क्या मतलब है तुम्हारा
टाइगर: अजंता.. मेरा दिल तुम पर आ गया है - पर तुम मुझे हरामी , कुत्ता और ना जाने क्या समझती हो - में आज तुम्हारी इज़्ज़त लूट कर तुम्हे तुम्हारी सही ओकIत बताऊंगा - और उसके बाद उमर भर तुम मेरी रखैल और पावं की जूती बन कर रहोगी.

अजंता: हूँ - देखते रहो दिन में ख्वाब - में तुम जैसे बदमाश, मुजरिम , घटिया इंसान से नफ़रत करती हूँ - तुमने मुझे समझ क्या रखा है?
टाइगर: तुमने ठीक कहा अजंता - पर कुछ हद तक - दुर्जन और मेरे बीच बात हुई थी पर यह फ़ैसला की जो मुक़ाबले में जीतेगा इनस्पेक्टर अजंता उसकी - जब तुम बेहोश हुई तो में चाहता तो उसी समय तुम्हारा __
अजंता के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान उभरी (टाइगर उसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा था , पर उसे नहीं मालूम था की अजंता को हर बात की खबर थी) - बस - बहुत हुआ - अब निकल जाओ मेरे घर से.तुम एक पैदायशी मुजरिम, एक बाज़ारू औरत की औलाद - और हाँ दुर्जन तुम्हारा ही सौतेला और नज़ायज़ भाई था
टाइगर के चेहरे पर गुस्से और हैरत के मिले जुले भाव आ गये.
अजंता - क्यों हैरान हो गये हो तो छुपा क्यों रहे हो - मुझे क्या मामूली ऑफीसर समझ रखा है - अब तुम्हे तुम्हारी औकात और बताऊँ या _ __

टाइगर: बस अजंता बस - तुमने बहुत बकवास कर ली - अब तुम मेरी हरकतें देखो - यह कह कर उसने कस कर अजंता का हाथ पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसका बायां वक्ष दबा दिया - वा क्या बड़े बड़े पिल्लू हैं भाई - बहुत मज़ा आएगा आज तो. अभी तुझे नंगा करके तेरे इस हुस्न को बंजारन करता हूँ मगरूर औरत - तुझे रंडी की तरह , कुतिया बनाकर चोदूंगा और तेरी चूत की मलाई खाऊंगा.

अजंता: गंदे बद्ज़ात इंसान - जाकर अपनी माँ की चूत देख और उसे नंगा करके उसके पिल्लू चूस - वैसे भी तेरी माँ एक वेश्या से कम _ __
टाइगर ने उसका हाथ पकड़ कर पीछे की और मोड़ा - अजंता को दर्द हुआ - छोड़ मुझे कुत्ते हरामी -
टाइगर - ठीक कहा तूने अजंता मेरी माँ एक रंडी थी और ना मुझे ना दुर्जन को पता था की हमारा असली बाप कौन है - पर आज तूने मुझे हरामी कह कर गाली दी है - मैं अभी तेरा बलात्कार करूँगा और तेरी कोख से मेरी नाजायज़ औलाद पैदा होगी - तू सारी उमर मुझे याद करके रोएगी, तेरी मैं वो हालत _ _
पर अजंता ने अपने दूसरे हाथ से उसका मुँह नोच लिया - टाइगर के चेहरे पर लाल लकीरें आ गयीं - अजंता ने उसे एक ओर झटका दिया और वह जा गिरा
बस लेकिन एक ग़लती हो गयी अजंता - ने उसे बाहर की बजIए अंदर धकेल दिया.असल में टाइगर दरवाज़ा पहले ही बंद कर चुका था

टाइगर को चोट महसूस हुई पर वह मज़बूत था - एक बार फिर खड़ा हो गया - अभी बताता हूँ तुझे - साली थानेदारनी - तुझे तो में - वह अजंता पर झपटा पर तभी उसके हाथों पर अजंता ने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर रोका और एक ठोकर उसके पैरों पर मारी - वह बिलबिला कर गिर गया पर फिर पलटकर उसने अजंता के पैर नीचे से पकड़ कर एक ज़ोर से झटका दिया
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RE: Inspector Ajanta sequel 2 - reposted - by sujitha1976 - 11-04-2020, 02:45 PM



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