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Inspector Ajanta sequel 2 - reposted
#15
एस.पी शैतान सिंह
दुर्जन का सफाया करके इंस्पेक्टर अजंता ने वाकई एक बहदुरी का काम किया था परन्तु वह अभी आश्वस्त न थी. उसने अब शीघ्र ही शैतान सिंह को पकड़ने का फैसला किया. और क्योंकि वह उससे से छुप नहीं सकती थी, उसे एक ऐसा प्लान तैयार करना था की वह ऐन मौके पर पहुँच कर शैतान सिंह को अपनी वर्दी में और ड्यूटी में रह कर गिरफ्तार करे. कमिश्नर साहब ने जो अपना आदमी शैतान सिंह के घर पर तैनात किया था वह छुपछुप कर सब खबरें उन तक पहुंचा रहा था. इतवार वाले दिन शैतान सिंह का फॉलो देवी के अड्डे पर पहुंचना तय था. अजंता को या तो उससे पहले नहीं तो उसके एक दम बाद उस अड्डे जो के एक फार्म हाउस में था उस पर आक्रमण करना था.वह यह भी चाहती थी की शैतान सिंह को रंगे हाथों पकडे और उस अड्डे को भी ख़तम कर दे.
पर साथ ही साथ काफी पुलिस फाॅर्स को एक दम लेजाना भी खतरे से खाली न था. टाइगर के आदमी वहां मौजूद थे और वह उन पर आक्रमण करके शैतान सिंह और फॉलो देवी को बचा भी सकते थे. लेकिन अजंता ने आखिरकार वही ठीक समझा क्योंकि फॉलो देवी का कुछ साल पहले उससे वास्ता पड़ चुका था और वह भी अजंता को पहचान सकती थी.
अजंता ने अपने दो तीन साथी सादे कपड़ों में पहले भेजने का निर्णय लिया और उसके बाद वहां पर हमला करने का. उसने उस फार्महाउस का नक्शा लेकर उसकी पूरी व्यूह रचना का अध्ययन किया.

उसने अच्छी तरह से जब फार्म हाउस के अगल बगल देखा तो उसे एक छोटा सा कोना ऐसा नज़र आया जो की एक पतली सड़क से मिलता था यह सड़क लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करके एक छोटे से मैदानी इलाके से मिल जाती थी जहाँ खूब घने पेड़ पौधे थे. पर वह मैदानी इलाका ऐसा था जहाँ लोग बाग़ सैर करने भी आते थे. तब अजंता ने यह भी अंदाज़ा लगाया की हो सकता है इतवार का दिन होने के कारण वहां कुछ लोग हों, परन्तु गर्मी का मौसम होने की वजह से ११ या १२ बजे तक लोग ज्यादातर अपने घरों में सिमट जाते हों और उन्हें उस इलाके में कोई न मिले. क्योंकि उस मैदान इलाके के बाहर हो गाडी खड़ी करके अजंता पुलिस के आदमी लेकर धावा बोल सकती थी.
इसके अलावा वह फार्म हाउस ऐसी जगह था जहाँ आस पास और कोई घर या ईमारत नहीं थी , लेकिन खुली जगह होने के कारण,वहां पर कोई भी आगुन्तक यह गाडी दूर से ही नज़र आ सकते थे.
जब अजंता ने यह बात कमिश्नर साहब से शेयरकी तो उन्होंने कहा की अजंता तुम जैसे इस मिशन को करना चाओ करो. मैं तुम्हारे पास अपने १० आदमी भेज रहा हूँ और तुम जैसे ही वहां हमला करके अंदर घुसोगी मुझे तुरंत इतल्ला करना . मैं भी कुछ फोर्स लेकर वहां आजाऊंगा.
पर अजंता एक समस्या है
अजंता - क्या सर
कमिश्नर - मैं बुर्के में केवल ५ आदमी दे सकता हूँ क्योंकि फुल लेंथ बुर्के नहीं हैं इस से जयादा - जैसा की तुमने खुद कहा था की बुर्के ऐसे हों की आदमी के पैर भी छुपे रहे.
अजंता - सर मेरे पास एक बुरका है परन्तु में अपने पैर _ _ _ ठीक है में साड़ी पहन कर जाउंगी. आप लेकिन बाद में फाॅर्स लेकर आ जाईये क्योंकि मेरे पास आदमी ज्यादा नहीं होंगे और उसके फार्म हाउस में गुंडों की फौज है.
कमिश्नर - ठीक है.और हाँ अजंता - मुझे एक उड़ती हुई खबर यह भी मिली है की दुर्जन के खात्मे और टाइगर के अन्य अड्डों पर हमले से यह लोग सावधान हो गए हैं और अपना ठिकाना बदलने की सोच रहे हैं.
फिर तो जल्द ही कुछ करना होगा -अजंता ने कहा
उधर शैतान सिंह अपने बैडरूम में छुपा हुआ था और एक फ़ोन कॉल में व्यस्त था.पर उसे यह नहीं मालूम था की न केवल उसके फ़ोन टेप किये जा रहे हैं अपितु उसकी हर हरकत पर नज़र भी रखी जा रही है
शैतान सिंह - क्यों टाइगर भाई कल का प्रोग्राम पक्का है न
उधर से आवाज़ आयी - अबे शैतान सिंह के बच्चे ? हमेशा ऐय्याशी की बात ही सोचता है. तेरी उस मातहत अजंता ने हमे कितना तभा किया कुछ ध्यान है तुझे
शैतान सिंह - जानता हूँ टाइगर भाई. अगर कमिश्नर का हाथ उसके सर पर न होता तो मैं उसे कब का कच्चा चबा जाता.
टाइगर - रहने दे. तेरे बस का कुछ नहीं
शैतान सिंह - टाइगर भाई - अजंता का ज़रूर कुछ न कुछ करेंगे. मुझे अब कल का प्रोग्राम बताओ.
टाइगर - कल सुबह ११ बजे आ जा माँ के अड्डे पर. तुझे ऐश करवाएंगे और हाँ कल १० लड़कियां स्वामी की आश्रम पर पहुंचने हैं. और सुन - तुझसे कहा था पांच लड़कियां और चाहिए. - स्वामी कह रहा था की सऊदी अरब के शेख ने तगड़ा माल देने को कहा है. - तो अपनी भी बहुत तगड़ी कमीशन होगी.
शैतान - हाँ टाइगर भाई में कोशिश कर रहा हूँ - शिल्लोंग में एक दो लेडीज हॉस्टल में बात की है - कुछ न कुछ इंतज़ाम होगा. कल आप भी होंगे न.
टाइगर - नहीं मैं अभी कुछ दिन बाहर नहीं आऊंगा. तू माँ से सारी बात कर लेना.
शैतान सिंह - ठीक है टाइगर भाई.
शैतान सिंह ने फिर फॉलो देवी को फ़ोन लगाया - प्रणाम माताजी
उधर से बहुत कर्कश आवाज़ आयी - औए कुत्ते कमीने भड़वें - मुझे माताजी मत कहा कर
शैतान - गलती हो गयी फॉलो देवी. कैसी हो.
फॉलो देवी - तेरी माँ के भोंसडे जैसी. (आवाज़ से लग रहा था की पान चबा रही है).
शैतान सिंह - क्या बात है फॉलो देवी - बहुत गुस्से में हो.
फॉलो देवी - तुझ जैसे निकम्मे, मरे हुए कुत्ते को हड्डी डाली - और तूने हमारे लिए क्या किया
शैतान सिंह - पहले टाइगर भाई खूब गाली दिया और अब आप _ _
फॉलो देवी - तो क्या पकड़ के तेरी गांड चाटुन गन्दी नाली के सूअर एक एक करके धंधों का सत्यानाश हो रहा है और तो बैठा मोटा होइ जा.
शैतान सिंह - फॉलो देवी वो _ _ _वो
फॉलो देवी - अब जल्दी भौंक क्यों फ़ोन किया
शैतान सिंह - टाइगर भाई ने कल का प्रोग्राम _ _
फॉलो देवी - हाँ हाँ याद है. फार्म हाउस में आजाना. पर याद रखना - अब अगर हमारा कोई काम धंधा या अड्डा बंद हुआ तो तेरी पेशाब वाली नली काट कर तुझे हिजड़ा बना दूँगी- कहकर उसने फ़ोन पटक दिया.
शैतान सिंह की रूह कांप गयी और वह मन ही मन अजंता को कोसने लगा- उफ्फ्फ इस इंस्पेक्टर अजंता ने तो सब कुछ चौपट करके रख दिया.
क्या करूँ. चलो कल अड्डे पर जाकर थोड़ी ऐश करता हूँ. फिर इस फॉलो देवी से ही बात करके कोई हल निकलवाता हूँ.यह सोच कर वह सो गया.
अगले दिन शैतान सिंह छुपता छुपाता टाइगर के अड्डे पर पहुँच गया.
सबसे पहले तो तो उसे फॉलो देवी ने खूब झाड़ा और धमकाया. वह सचमुच अपनी मन मर्यादा भूल कर उस ऐय्याश औरत के पांव पड़ गया और कहा की भविष्य में सब ठीक होगा.
फॉलो देवी - ठीक है. तेरे लिए आखरी मौका है शयतान सिंह. अब अगर कहीं भी हमारी तबाही हुई तो साथ ही साथ तू भी बर्बाद हो जायेगा.
अच्छा यह अत की वह जो शिल्लोंग से माल आने वाला था वह कब आएगा. तूने कुछ इंतज़ाम किया या नहीं.
शैतान सिंह - हाँ मैंने काम से काम वहां से १० लड़कियां मंगवाई हैं. आपका आदमी फुकन सिंह है न - उसे मैंने बोल दिया था. आज कल में माल आ जाना चाहिए.
फॉलो देवी - ठीक है फिर एक शराब सर्वे करती हुई लड़की से बोली - जा वह जो आज नयी लड़की आयी है हमारे एस. पी. साहिब को उसके दर्शन करवा. जा शैतान सिंह आज ऐश कर ले.
शैतान सिंह की जीभ कुत्ते की तरह लपलपाने लगी और वह अंदर ऐसे भIगा जैसे कोई अत्यंत भूखा खाने के पीछे दौड़ता है. शैतान सिंह ने कमरे में घुसते ही देहा की एक कैबरे डांसर जैसी अर्ध नग्न युवती को बड़े ही मादक अंदाज़ में बिस्टेर पर एक शराब की बोतल के साथ लेते हुए पाया वह युवती आज शैतान सिंह के लिए बुक्ड थी. शैतान सिंह उसे देखते ही उत्तेजित हो उठा और उसने दरवाज़ा बंद कर लिया.
थोडिन देर के बाद ही एक लड़का फॉलो देवी के पास आया – मैडमजी, मैडमजी
फॉलो देवी जो की एक बहुत ही बेशकीमती सोफे पर बेथ कर सिगरेट पी रही थी ज़ोर से बोली - क्या है बे टुकड़े - माँ मर गयी क्या तेरी?
वह लड़का - बाहर कुछ लोग आये हैं और बुर्के में कमसे कम १० लड़कियां. उनके साथ आया एक आदमी बता रहा है की वह शिल्लोंग से आये हैं.
फॉलो देवी की आँखे चमक उठी - अच्छा ? तो बेवकूफ देख क्या रहा है - जा उन्हें जल्दी लेकर अंदर आजा.
तभी वहां दो -तीन आदमी और उसके साथ कुछ लड़कियां थीं जो सिर से पैर तक बुर्के में ढकी हुई थीं.
उनमे से एक आदमी ने फॉलो देवी को सलाम किया और कहा की शैतान सिंह जी ने यहाँ पर इन्हे लाने को कहा था और यह की हम बहुत ज्यादा बचते बचाते आ रहे हैं.
फॉलो देवी - तुम यह सब लड़कियां जो लाये हो इन्हे में देखना चाहूंगी. और हाँ यह बताओ की हमारे फार्म हाउस से ५० कोस दूर चौकी से तुम इन्हे सही सलामत कैसे लाये - यहाँ पर तो पुलिस की काफी नाकाबंदी है.
तभी एक बुर्के वाली ने बड़ी फुर्ती से बुरका हटाया और रिवाल्वर निकाल ली. इससे पहले की फॉलो देवी कुछ समझती ज़ोर से तीन गोलिया चलीं और उस कमरे में उसके दो आदमी ढेर हो गए.
देखते ही देखते सबने (उन दो - तीन आदमियों ने भी) बुर्के हटाकर बंदूकें तान लीं. उस लड़की ने आदेश दिया - भून दो इसके आदमियों को
थोड़ी फायरिंग के बाद ही वहां फॉलो देवी की आदमियों की लाशें बिछ गयीं. फॉलो देवी एक दम हैरान और परेशान हो गयी की यह क्या हो गया. वह लड़की और कोई नहीं इंस्पेक्टर अजंता थी जिसने बुर्के के नीचे एक शिफॉन की गुलाबी साड़ी और मेल खाता ब्लाउज पहना हुआ था और जो इस समय किसी शेरनी से कम नहीं नज़र आ रही थी.
अजंता ने फॉलो देवी को बालों से पकड़ लिया और अपने कुछ आदमियों को आदेश दिया की वह बाहर जाकर बाकी के आदमियों पर फायरिंग शुरू कर दें.
अजंता ने फॉलो देवी को एक झटके से सोफे पर गिरा दिया और उसके कंधे पर पेर रख कर उसके माथे पर रिवाल्वर तान दी - क्यों फॉलो देवी पहचाना मुझे ?
फॉलो देवी भयभीत नज़रों से उसकी तरफ देखने लगी - नहीं _ __ कौन _ _
अजंता - इंस्पेक्टर अजंता - वह अजंता जिसको तेरे भांजे प्रकाश ने फंसकर तेरे हवाले किया था और तेरे आदमियों ने जिसकी इज़्ज़त लूटनी चाही थी.
अजंता ने एक ज़ोर दार ठोकर फॉलो देवी के मुँह पर मारी जिससे उसके होंठ फट गए. - वह खौफ्फ़ और दर्द से मिश्रित होकर चीख उठी - अजंता तुम ?
अजंता - हाँ और आज में तेरा अंत करने आयी हूँ.
अजंता पर जूनून सवार हो गया और वह उसे ठोकरें मारने लगी.
पर तभी धांये-२ की कुछ फायरिंग की आवाज़ ही और अजंता के आदमी ढेर हो गए. दरअसल जैसा अजंता का अंदाज़ा था वहां गुंडों की पूरी फौज थी और उसके मुक़ाबले अजंता के आदमी बहुत काम थे. जो पोलिसवाले बiहर फायरिंग के लिए गए थे उनमे भी कुछ ही बचे वो की वहां टाइगर के आदमियों की क़ैद में आ गए. तभी एक भीमकाय आदमी आया और अजंता से बोला - फॉलो देवी को छोड़ दो. अजंता ने ऐसा ही किया
उस पर कुछ बंदूकें तन गयीं.
अब फॉलो देवी की बारी थी. उसने अपना खून पौंछा और आँखों में खूंखार भाव लिए उठ कड़ी हुई और उस भीमकाय आदमी से बोली - जम्बू इस तितली को पकड़ ले और जो कुछ साल पहले नहीं हुआ वो आज कर डाल - एक एक कपडा उतार दे और अच्छे से इसकी चुत फाड़ डाल - में नज़ारा खुद देखूंगी. चल शुरू हो जा.
अजंता के कुछ आदमी उसकी गिरफ्त में थे फॉलो देवी बोली - अजंता रानी अब इससे मुक़ाबला करो . जीत गयीं तो ठीक वरना - वह एक क्रूर हंसी हंसने लगी - याद रख तेरे आदमी हमारे कब्ज़े में हैं. - जम्बू आ तेरे लिए बड़ी स्वाद चीज़ है यहाँ.
जम्बू ने अजंता की ओर देखा - गुलाबी साड़ी ओर ब्लाउज में उसकी खूबसूरती को चार चाँद लग गए थे. उसकी लार टपकने लगी. इससे पहले अजंता कुछ समझ पाती उसने तुरंत उसे अपने कंधो पर उठा लिया और बैडरूम की और भागा .अजंता ने पर पटकने शुरू किये पर कोई लाभ न हुआ. पीछे पीछे फॉलो देवी भी आ गयी और बैडरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया. अगले पल अजंता ने खुद को बिस्तर पर पाया. उसने बड़ी ज़ोर से उसे बिस्तर पर पटक दिया था की अजंता का शरीर एक बार गद्दे पर गिर कर उछाल गया. जम्बू अजंता पर टूट पड़ा और फॉलो देवी ने शराब की बोतल खोल ली.
उसने अजंता का हाथ पकड़ कर पीछे से मोड़ा तो वह चीख उठा - नहीं छोड़ मुझे. जम्बू और फॉलो देवी अट्टहास लगाने लगे.

फॉलो देवी - जम्बू आज अच्छे से इसका बलात्कार कर डाल . बहुत कूदती है यह साली थानेदारनी. और इसी की में ब्लू फिल्म भी बना रही हूँ.
अजंता - बहुत पछतायेगा जम्बू.
पर जम्बू पर इसका असर नहीं हुआ और वह अजंता पर टूट पड़ा और उसे नोचने खसोटने लगा. अजंता भी संघर्ष करने लगी. जम्बू बहुत शक्ति शाली था. उसने अजंता का पल्लू पकड़ कर सरका दिया और उसकी साड़ी का वह हिस्सा बिस्तर के नीचे सरक गया अब उसका नानग पेट और नाभि और ब्लाउज से उभरे हुए बड़े बड़े पिल्लू जम्बू को निमंत्रण दे रहे थे.

जम्बू तो जैसे पागल हो गया - वह फॉलो देवी जी वह - क्या बड़े बड़े पिल्लू हैं. आज तो मजा आ गया. और वह अजंता को पागलों की तरह चूमने लगा. उसने उसके दोनों हाथ आएं बाएं अपने हाथों से जकड लिए. अजंता ने अपनी टाँगे उठा कर वी के आकार में मोड़ दीं और जम्बू के सीने में ठोकर मार दी. जम्बू एक और गिरा और अजंता उठ कर भागी परन्तु जमाबू ने लेते हुए ही अजंता की साड़ी का पल्लू थाम लिया और उसे खींचने लगा. अजंता को अपने पेटीकोट में कुछ हरकत महसूस हुई पर इसे पहले की वह कुछ और सोचती उसकी गुलाबी साड़ी जम्बू के हाथ में थी. उसने उससे वापस साड़ी लेने का प्रयास किया परन्तु जम्बू ने वह साड़ी बिस्तर के कोने में उछाल कर फेंक दी. जम्बू की नज़र अजंता के नंगे और हलके से उभरे पेट और नाभि की ओर थी जो की इस समय अपनी अवस्था में क़यामत ढा रहे थे.

अजंता इस समय केवल पेटीकोट ओर ब्लाउज में थी. इस अर्धनग्नवस्था में वह किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी. उसने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए संघर्ष शुरू कर दिया और जम्बू का मुक़ाबला करने लगी. दोनों अपने दांव एक दुसरे पर खेल रहे थे. तभी जम्बू ने अजंता को फिर से जकड़ने की कोशिश की पर वह दरवाज़े के निकट आ गई और उससे याचना करने लगी - नहीं जम्बू मुझे छोड़ दो प्लीज . मैं यहाँ से चली जाउंगी. और उसकी आँखों मैं आंसू आ गए. वह जम्बू के आगे हाथ जोड़कर खड़ी हो गयी

फॉलो देवी और जम्बू बड़ी ही खूंखार हंसी हंसने लगे. अजंता के याचना से भरे स्वर से उन्हें अपनी विजय का आभास होने लगा.
जम्बू - फॉलो देवी तुम तो कहती थी बड़ी खतरनाक चीज़ है. यह तो बड़ी ही नाज़ुक है. इसकी तो में अभी सील तोड़ देता हूँ. कहकर जम्बू ने अपने लंगोट उतार दिया. उसका ८ इंच लम्बा मोटा तना हुआ लिंग एक दम सामने की ओर उठ गया ओर अर्धनग्न अजंता के सामने एक तोप की भाँती खड़ा हो गया. अजंता के चेहरे पर डर ओर घबराहट से मिश्रित भाव आ गए.जम्बू अजंता की ओर बढ़ने लगा.
अजंता डर से चीखी - नहीं नहीं
तभी जम्बू ने अपना पिस्तौल निकाला और अजंता पर तान दिया. अजंता एक दम खड़ी हो गयी

जम्बू - चल बिस्तर पर पहुँच. अजंता चौक्कनी थी पर उसकी बात मानने की अलावा कोई चारा नहीं था उसके पास.
वह बिस्तर पर बेठ गयी
जम्बू - चल अपना ब्लाउज उतार. जल्दी से.
अजंता के हाथ अपने सीने पर गए और वह अपने ब्लाउज के हुक खोलने लगी. हुक खोलते ही मानो दो सफ़ेद पर्वत सामने की ओर उभर आये हों.

अजंता ने अपना ब्लाउज उतार दिया ओर जम्बू उसकी ब्रा में से निकल रहे दो बड़े बड़े तने हुए उरोजों को बड़ी ललचायी नज़र से देखने लगा .
जम्बू - चल अपनी ब्रेज़री निकल.
अजंता के हाथ पीठ की ओर मुद्दे ओर उसने ब्रा खोल कर उतार दी. अब ऊके नंगे बड़े बड़े पिल्लू जम्बू को पागल बनाने लगे.

अब उठ कर मेरे सामने आ जा
अजंता अपने दोनों हाथों से सीना छुपाती हुई सामने आगयी
लेकिन तभी - अजंता का पाँव एक दम फिसला ओर उसका शरीर नीचे फिसलता हुआ जम्बू के निकट जा पहुँच. उसने अपनी टांगें उठायीं ओर ज़ोर से सैंडल की नोक से जम्बू के गुप्त अंग पर वार किया. यह इतना जल्दी हुआ की कोई कुछ नहीं समझ पाया. अजंता ने भयभीत होने का केवल नाटक किया था जिससे जम्बू कुछ लापरवाह हो जाये. जम्बू ज़ोर से चीखा. अजंता ने मौका गंवाए बिना एक ओर ठोकर वहीं पर मारी और एक शेरनी की फुर्ती से उठा खड़ी हुई . उसने तुरंत फॉलो देवी के हाथ से बोतल छीन ली और उसे दीवार से टकरा कर तोड़ दिया. बिना एक पल गंवाए उसने उस टूटी बोतल का हिस्सा फॉलो देवी के मोह पर मारा जिससे वह लहूलुहान होकर चीख उठी. जम्बू भी अपना अंग पकड़ कर बैठा था. अजंता ने घुमा कर उसके चेहरे और शरीर के कई भागों पर वार किया
इतने में बाहर फायरिंग की आवाज़ आने लगी.
जम्बू बिलकुल ही अधमरा हो गया . अजंता अब उस पर झुकी और उसके हाथ में टूटी हुई बोतल थी. उसने नोकीला हिस्सा जम्बू के अंग पर टिका दिया.जम्बू चीख उठा - नहीं नहीं
अजंता की आँखों में खून उतरा हुआ था - मुझे याद है जम्बू - यह तेरी मेरी पहले मुलाकात नहीं. उस दिन भी तू ही था जिसने इसके कहने पर मेरी चोली उतार केर फेंक दी थी.
और उसने ज़ोर से जम्बू के अंग पर वार किया. एक खून के फव्वारे के साथ जम्बू की ज़ोरदार चीख उभरी और वह ठंडा होकर गिर गया.फॉलो देवी भी एक ओर गिरी कराह रही थी. अजंता के ऊपर भी कुछ खून के छींटे पड़ गए थे. वह टूटी बोतल को हाथ में लेकर उठ खड़ी हुई.
अजंता ने झट से अपनी ब्रा ओर ब्लाउज पहन लिया
इतने में दरवाज़ा ज़ोर से खुला. आगुन्तक ओर कोई नहीं खुद कमिश्नर साहिब थे. - अजंता तुम ठीक हो न.
अजंता - हाँ सर
कमिश्नर - ठीक है तुम अपने कपडे ठीक कर लो. हमने इनके आदमी मार दिए हैं. अब शैतान सिंह को गिरफ्तार करना है.
अजंता - मैं आती हूँ सर. इस फॉलो देवी को भी हिरासत में लेना है
फॉलो देवी को गिरफ्तार कर लिया गया ओर अजंता अपनी साड़ी उठा कर पहन ने लगी. साड़ी पहन कर वह बाहर आयी और अपनी रिवाल्वर उठा ली. फिर वह सब कमरों में शैतान सिंह को ढूंढ़ने लगे.
एक कमरे में शैतान सिंह भी उस युवती के साथ गुलछर्रे उड़ाता बिलकुल नग्न अवस्था में मिल गया. वह पुलिस और कमिश्नर को देख कर बुरी तरह सकपका गया.
कमिश्नर - उठो शैतान सिंह अब तुम्हर खेल ख़तम. शर्म आती है तुम जैसे नीच अफसरों पर.
शैतान सिंह ने बड़ी मुश्किल अपना नंगा शरीर ढका. अजंता ने उस पर रिवाल्वर तान दी और कॉन्स्टेबल्स ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
बचे हुए सारे आदमी गिरफ्तार हो गए.
वापसी पर अजंता कमिश्नर साहिब के साथ थी.
कमिश्नर - वेळ डन अजंता .अनादर फैदर इन योर कैप
अजंता - नहीं सर बिना आपकी मदद कुछ भी मुमकिन नहीं था.अब शैतान सिंह से टाइगर के बचे खुचे धंधे और उस स्वामी के बारे में उगलवाते हैं.
कमिश्नर - हाँ यह कार्यवाही हम कल से शुरू कर देंगे.
अजंता - मैं टाइगर को ख़तम किये बिना चैन से नहीं बैठूंगी.
कमिश्नर - विक्की तो मेहफ़ूज़ है ना
अजंता - हाँ सर.
शैतान सिंह को एक अतयंत मेहफ़ूज़ ओर गुप्त स्थान पर क़ैद रखा गया ओर पुलिस सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी.कमिश्नर साहिब ओर अजंता दोनों ही नहीं चाहते थे की अब कोई चूक हो जिससे वह अपने मक़सद में काम होने से रह जाएँ. उनका सबसे पहला मक़सद था उस स्वामी की अड्डे की बिलकुल ठीक लोकेशन ओर उसके अन्य धंधों के बारे में पता लगाना.
शैतान सिंह से अगले ही दिन पूछ ताछ शुरू हो गयी. ज़रा सी सख्ती के बाद उसने स्वामी के बारे में बताना शुरू कर दिया. अजंता ने जो कुछ भी सुना था वह काफी मिलता जुलता था.
शैतान सिंह ने आस पास के घने जंगलों का नक्शा मंगवा कर उस पर बताना शुरू कर दिया. शहर के दक्षिणी भाग से मेघालय से एक ओर मुड़ कर बांग्लादेश की तरफ एक रास्ता जाता था जहाँ घने जंगल थे.
अजंता ने तुरंत उसक नक्शा मंगवाया ओर शैतान सिंह से कहा - आप हवा में बातें न करें. हमे पूरी जानकारी चाहिए.
शैतान सिंह ने उस नक़्शे पर बताना शुरू किया ओर उसके पास जो भी जानकारी थी वह उसने वहां के इलाके की दे डाली. अजंता हैरान रह गयी जब शैतान सिंह ने जंगलों के अंदर के फोटो उसे दिखाए. यही हाल कमिश्नर साहब का भी था - शैतान सिंह इतना कुछ हो रहा था ओर तुम पुलिस विभाग को धोखा देते रहे.
उन फोटोज में साफ़ दिख रहा था की जंगल से कुछ हटकर स्वामी का एक बहुत बड़ा आश्रम जिसका एक हिस्सा मठ की तरह था जो किसी आश्रम से कम नहीं था उसमे जाने के दो रास्ते थे. वहां से बहुत कुछ स्मगल होकर बांग्लादेश जाता था ओर स्वामी नई तो जैसी जंगल में अपनी चौकियां ही बनाई हुई थी.
स्वामी के उस विशाल चक्रर्वियूह का तोडना इतना आसान नहीं था. यहाँ तक की उसके बंगले तक पहुंचना भी. उसके लिए एक फूल प्रूफ प्लान की ज़रुरत थी. शैतान सिंह ने बताया की आजकल स्वामी सिंगापुर में है क्योंकि वहां पर एक अड्डे पर पुलिस की रेड पड़ गयी थी पर वह बहुत जल्द हिंदुस्तान में आ रहा है. अजंता ने अंदाज़ा लगा लिया की इन चौकियों की नज़र बचा कर या इन्हे बर्बाद करके ही समय के आश्रम पहुंचा जा सकता है. क्योंकि जंगल में एक चौकी थी जो की स्वामी के बाहरी हिस्से वाले स्थित बंगले से पूरी तरह कनेक्टेड थीं और स्वामी के बंगले में जाने का अर्थ था यहाँ से हुए जाना. चौकी पर कम से कम 5 आदमी तैनात थे जो पल पल की खबर स्वामी के बंगले में पहुँचाने के लिए पूरी तरह सक्षम थे. और शहर से होते हुए उस चौकी पर जाने के लिए एक बहुत ही दुर्गम मार्ग था जिसमे एक छोटी सी पहाड़ी और नदी का हिस्सा आता था. पर सबसे बड़ी कठिनाई थी की उस दुर्गम मार्ग का पता ऐसे नक़्शे से नहीं चल पा रहा था और वह जंगल में जाकर ढूंढ़ना और पूरी तरह उसे पता लगा कर आगे जाना कोई सरल काम नहीं था. उसके बाद उस पहाड़ी को ही पार किया जा सकता था और गाड़ी से नहीं अपितु पैदल ही पार किया जा सकता था और यह एक दिन का कार्य नहीं था. इसका मतलब अजंता और उसके पुलिस वालों को यहाँ कैंप लगIनI पड़ेगा एक या दो रात के लिए. इस चौकी के पास एक गांव था और वही एक ऐसा स्थान था जहाँ से उस आश्रम से कुछ ही दूरी तक कोई सवारी मिलती थी. अजंता गहरी सोचों में डूबी थी.
वह यही सोच रही थी की कैसे उन जंगलों में जायI जाये. और किसी भी हालत में पुलिस की वर्दी में तो जाने का मतलब ही नहीं था. अगर सीधे आक्रमण से स्वामी के एक दो आदमी भी बच जाएँ और उसके आश्रम तक खबर पहुँच जाये तो वह सावधान होकर भाग सकता था. किन्तु ही नहीं उसे आखिर में यह भी प्लान करना था की अगर वह मठ पर पहुँच जाती है तो किस प्रकार से वह वहां पहुँचने के बाद पूरी पुलिस फार्स को बुलाने का तरीका निकलेगी - स्वामी अघोर बाबा - अब में तुझे नहीं छोडूंगी - अजंता मन ही मन बोली
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RE: Inspector Ajanta sequel 2 - reposted - by sujitha1976 - 11-04-2020, 02:41 PM



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