11-04-2020, 02:37 PM
दुर्जन सिंह के साथ एनकाउंटर
जैसा की विक्की ने बताया था इंस्पेक्टर अजंता अब चौकन्नी हो गयी थी. उसके दो दिन बाद वह थाने पहुंची तो बजाये अपनी फाइल्स खोलने के उसकी नज़र फ़ोन पर टिकी थी.
वहां का एक हवलदार जिसका नाम दलपत सिंह था उसके लिए पानी का गिलास ले के आया
जय हिन्द मैडम - वह बोला और गिलास रख दिया. मैडम यह कुछ फाइल्स थीं इन्हे में _ _
अजंता बार बार फ़ोन की ओर देख रही थी - रख दो इन्हे - वह बिना दलपत की ओर देखे बोली. दलपत उसे देखता रहा ओर फाइल्स एक ओर रख दीं.
तभी फ़ोन बज उठा औऱ अजंता ने तुरंत उसे उठा लिया. दूसरी ओर से आवाज़ आयी - अजंता में शैतान सिंह बोल रहा हूँ. तुम्हे तुरंत मेरे पास आना होगा. और हाँ अपने ५ कॉन्स्टेबल्स लेकर आना.
अजंता - क्या बात है सर
शैतान सिंह - वक़्त बर्बाद मत करो और जैसा कह रहा हूँ वैसा करो.एक सीक्रेट मिशन है.
अजंता - ओके सर - मैं आ रही हूँ.
अजंता तुरंत अपने कुछ कॉन्स्टेबल्स लेकर शैतान सिंह के ऑफिस की ओर चल दी.
पर जाने से पहले उसने आने कांस्टेबल को आदेश दिए - हमे कुछ थैलियां और कुछ मोटे और मज़बूत रस्से रखने होंगे. कांस्टेबल ने वैसा ही किया
थाने में अब केवल दलपत सिंह ओर एक दो अन्य कर्मचारी थे.तभी दलपत सिंह इधर उधर देखता हुआ अपनी सीट से उठा ओर बाहर चल दिया
उसने फ़ोन लगाया - नमस्कार सर
उधर से आवाज़ आयी - दलपत सिंह तुम बिलकुल ही निकम्मे ओर आलसी हो.अजंता ने इतने ऑपरेशन्स कर दिए लेकिन तुम एक भी बात की खबर देने में नाकाम रहे.
दलपत - सर मेरी बात तो सुनिए. अजंता बहुत चालाक है. वह जो भी करती है किसी को खबर नहीं होने देती. ओर जब भी कभी कमिश्नर साहब का फ़ोन आता है तो सबको केबिन से बाहर निकल देती है ओर गुप्त रूप से बात करती है.यह साली जब से आयी है सारी ऊपर की कमाई बंद अच्छा अब एक बात सुनिए. अजंता को शायद आपने फ़ोन किया था. वह आपके दफ्तर आ रही है.
उधर से शैतान सिंह का स्वर उभरा - हाँ पर उसमे गुप्त बात क्या है. वह तो मैंने ही उसे आज अचानक बुलाया है.
दलपत - सर मैंने एक बात नोट की है अजंता जब भी सुबह आती है तो सबसे पहले अपनी फाइल्स देखती है. पर आजा उसकी नज़र फ़ोन पर थी. मIनो उसे पहले से ही मालूम था की आप उसे फ़ोन करेंगे.एक दो दिन से उसके अंदाज़ ओर भी रहस्य्मयी हो गए हैं.
दलपत ने रस्से इत्यादि लेने वाली बात भी शैतान सिंह को बताई
उधर से शैतान सिंह का स्वर उभरा - हाँ पर उसमे गुप्त बात क्या है. वह तो मैंने ही उसे आज अचानक बुलाया है.
उधर अजंता जैसे ही शैतान सिंह के ओफ्फसीए पहुंची , उसने उसे बैठने को भी नई कहा ओर तुरंत अपनी सीट से खड़ा हो गया - अजंता सुनो - तुम्हे आज ओर इसी वक़्त दुर्जन के अड्डे पर आक्रमण करना है और यह है वह नक्शा जो मैं तुमसे डिसकस करना चाहता हूँ. इसे अच्छी तरह से देख लो क्योंकि मैं तुम्हे इसकी कॉपी भी नहीं दे पाउँगा. समझ लो तुम्हे इसको अपने मन में प्रिंट करना है.
अजंता उसे ध्यान से देख रही थी. शैतान सिंह ने वही नक्शा खोल रखा था जो विक्की ने उसे दिखाया था. वह बातें भी सारी वही कर रहा था जो विक्की ने इसे बताई थीं. अजंता बीच बीच में शैतान को दिखने के लिए नक़्शे की तरफ देख रही थी.अजंता ने उसकी सब बातें ध्यान से सुनी और पाया की शैतान सिंह उसे पूरी तरह फ़साने के चक्कर में है.- अपनी बात ख़तम करके शैतान सिंह बोला - आई ऍम सॉरी अजंता - में इम्मेडिएटली तुम्हे जयादा कॉन्स्टेबल्स नहीं दे सकता परन्तु _ _
अजंता उठ कर जाने लगी और कहा - आप चिंता न करें सर - मैंने स्पेशल टास्क फार्स जिसमे १५ कॉन्स्टेबल्स हैं उसका इंतज़ाम कर लिया है और एक सिक्युरिटी वैन भी - विश में गुड लक सर - और वह तुरंत बाहर आ गयी.(उसने अभी शैतान सिंह को यह नहीं बताया था की कमिश्नर साहब का एक सबसे विश्वासपात्र ड्राइवर एक अलग गाडी में उसकी सिक्युरिटी वैन को फॉलो करेगा.
शैतान सिंह उसे देखता रहा. फिर वह अपनी सीट पर बैठ कर फ़ोन मिलाने लगा
अजंता ने अपनी जीप पर स्वर होकर तुरंत चलने काआदेश दिया - जिस रास्ते पर वह जार यही थी उसे ५ किलोमीटर की दूरी पर उसे सिक्युरिटी वैन और कॉन्स्टेबल्स मिल गए. अजंता अपने मिशन पर चल दी.
शहर की उत्तरी भाग में नदी पड़ती थी जिसके पार जंगल था और उस जंगल को पार करके उन्हें दुर्जन पर आक्रमण करना था.
अजंता की जीप और वैन जैसे ही वहां पहुंची, अजंता ने सब कॉन्स्टेबल्स को उतरने का आदेश दिया और उच्च स्वर में बोली - साथियो आज हमे एक मिशन पूरा करना है और आप सब लोग पूरी ईमानदारी और बहादुरी से मेरा साथ देंगे याद रहे हमारा दुश्मन उस पार है और हमे हर हालत में उस पर जीत हासिल करनी है.
एक कांस्टेबल - मैडम हम आपके साथ हैं पर यह नदी कैसे पार होगी. और तो और पुल भी टूटा हुआ है. यह नदी काफी गहरी नहीं है लेकिन इसे पैदल पार करना यह गाडी से पार करना नामुमकिन है.
अजंता - जब इरादे पक्के हों तो कुछ मुश्किल नहीं.
दूसरा कांस्टेबल - मैडम वह तो ठीक है पर _ _ _ कोई तरीका इस नदी को पार करने का .
अजंता - एक तरीका है. फिर वह अपने एक कांस्टेबल की और मुड़ी - राम सिंह वो मोटा रस्सा निकालो और कुछ थैलियां भी.
राम सिंह ने वैसा ही किया. अजंता नदी के उस पार देखने लगी और उसे दो मज़बूत पेड़ नज़र आये.
अजंता ने कहा राम सिंह इस खम्बे से रस्से का एक सिरा बांधो और तुम लोगो इसे मज़बूती से थामो और मेरे वहां जाने के बाद तुम्हे इस थैली में जो दे रही हूँ तुम वह लेकर तुरंत आओगे.
राम सिंह - मैडम थैली में आप क्या देंगी में कुछ समझा नहीं. बाकि कांस्टेबल भी अजंता की ओर हैरत से देखने लगे और एक बोल उठा - मैडम आप वहां कैसे जाएँगी.
अजंता एक बड़े पत्थर के ऊपर बैठ गयी और अपने जूते उतरने लगी. उसके बाद उसने वह जूते एक थैली में रखे और उसके हाथ अपने सीने पर गए. अजंता ने अपनी कमीज उतारनी शुरू कर दी.कमीज उतरते ही अजंता का गोरा गुलाबी बदन खिल उठा और सफ़ेद ब्रेज़री में उसके उभरे हुए बड़े बड़े पिल्लू साफ़ साफ नुमाया हो गए. उनका एक बड़ा भाग उसकी ब्रा के बाहर झलक रहा था मनो दो कबूतर आज़ाद होने को फड़फड़ा रहे हों
कमीज उतार कर उसने राम सिंह को एक थैली में रखने को कहा .
उसके बाद उसने अपनी पैंट भी उतार दी .मनो दो सफ़ेद चिकने केलों पर से छिलका उतर दिया हो. अजंता का सेक्सी सुन्दर शरीर और उसकी बल खायी कमर अब पूरी तरह से उसके कॉन्स्टेबल्स का नज़ारा बन रहे थे और सफ़ेद ब्रा और कच्छी में उसकी मदमस्त जवानी झूम उठी
उसके सब कॉन्स्टेबल्स हैरान होकर उसे देख रहे थे. सबकी आँखें फटी की फटी रह गयीं.
अजंता ज़ोर से बोली - राम सिंह में इस रस्से को लेकर उस पार जा रही हूँ. मेरी वर्दी और जूते लेकर तुरंत आओ और यह रस्सा हम वहां बांधेंगे जिससे सब कॉन्स्टेबल्स तुरंत उस पार आ जायेंगे. एक रस्से का उपयोग और करो.
और वह रस्से का कोना थामे नदी में कूद पड़ी.
एक कांस्टेबल बोला - क्या लड़की है. सब अभी तक हैरान थे. अजंता नदी से चिल्लाई - कॉन्स्टेबल्स हम यहाँ कोई फिल्म देखने नहीं आये हैं. कम ऑन हरी उप .
और आधे घंटे में सब कॉन्स्टेबल्स नदी के पार थे. अजंता भी अपनी यूनिफार्म पहन चुकी थी और उसके हाथ में रिवाल्वर था. उसने अपनी कैप भी पहन ली और माथे पर एक छोटी सी बिंदी से वह और भी सुन्दर लग रही थी
अब अजंता ने देखा की एक पगडण्डी थी जिसको पार करने पर आगे दो रास्ते बन जाते थे. और कुछ दूर (लगभग ३ या ४ किलोमीटर होगा) एक ईमारत का हिस्सा नज़र आ रहा था.
तब अजंता को यह ध्यान आया की उसे विक्की को फ़ोन करना था. उसने अपना मोबाइल निकला और विक्की को मिलाने लगी. लेकिन यहाँ कोई सिग्नल नहीं मिल रहे थे - ओह माई गॉड - विक्की शायद उसे बता पाता की आगे क्या करना है.
अजंता कुछ सोच में पड़ गयी परन्तु फिर उसने यह विचार किया की अब खतरा तो उठाना ही पड़ेगा.
अजंता ने दूरबीन निकली और उसका उपयोग सामने देखने के लिए करने लगी.
वह लगभग दस मिनट तक सारा नज़ारा देखती रहे. फिर उसने पलटकर अपने कॉन्स्टेबल्स को सम्बोधित किया - साथियो हमारे सामने दो रास्ते हैं :- (१) पहला यह की हमारे बायीं ओर एक ३ मीटर चौड़ी सड़क है जिसके आस पास एक ड्रेन बनी हैं और यह सीधा रास्ता है जिसपर चल कर हम उस ईमारत पर हमला कर सकते है जहाँ की दुर्जन का अड्डा है.
(२) दूसरा हमारी दायीं ओर एक रास्तI है जो टेढ़ा जंगल का रास्ता है. बदकिस्मती से हमे यह नहीं मालूम की दुर्जन के आदमी कहाँ छुपे हैं.
एक कांस्टेबल - मैडम हम यह ३ मीटर की पक्की सड़क से जायेंगे क्योंकि जंगल में तो कुछ कंटीले पौधे ओर गहरा रास्ता है. हमे वक़्त लग सकता है.
अजंता - पहले मैंने यही सोचा था. लेकिन जंगल से जयादा उपयुक्त रहेगा क्योंकि अगर दुर्जन के आदमी यहाँ से हम पर हमला करते हैं तो हमारे पास डिस्पेर्स यानि उधर होकर उनपर प्रतिउत्तर में हमला करने का अवसर नहीं होगा ओर हम सब उनकी गोलियों से मिनटों में भून दिए जायेंगे.यह समस्या हमे जंगल में नहीं आएगी.
एक कांस्टेबल - मैडम इधर उधर से मतलब
अजंता - कोई तुम पर हमला करे तो तुम्हे भी तो मौका मिलना चाहिए खुद को बचने , छुपने और उस पर वार करने का.
अजंता ने नोट किया की उसकी यह बात सुनकर कुछ कॉन्स्टेबल्स एक दुसरे की ओर देखने लगे ओर आँख से हलके इशारे भी करने लगे. अजंता समझ गयी की कुछ लोग यहाँ से भागने का मौका ढूंढ रहे हैं.
अजंता ने फिर सब की ओर देख कर कहा - एक बात ध्यान रहे. अगर किसी ने अपने फ़र्ज़ से भागने की कोशिश की तो वो दुआ करे की में इस हमले में शहीद हो जाऊं. क्योंकि अगर मैं बच गयी तो उसे छोडूंगी नहीं.
तब कुछ कॉन्स्टेबल्स ने कहा - मैडम आप तैयारी करें हम साथ है.
अजंता - कम ऑन नाउ टेक पोसिशन्स एंड मार्च
अजंता का हुक्म पाते ही सब पोलिसवाले कुछ बिखर कर इधर उधर और ऊपर नीचे देखते हुए आगे बढ़ने लगे . सबने अपनी गन्स और हथ्यार पूरी तरह तैयार रखे थे.
कुछ दूर चलने के बाद अजंता अचानक रूक गयी और सब सिक्युरिटीवालों को ठहरने का आदेश दिया.
एक कांस्टेबल - क्या हुआ मैडम ?
अजंता - आगे देखो.
सबने देखा की आगे ज़मीन कुछ कुछ भागों में खुदी हुई थी और कुछ छोटे छोटे काले रंग के डब्बे ज़मीन में धंसे नज़र आ रहे तह. डब्बों के केवल कुछ ही भाग ज़मीन के ऊपर था और उनपर कुछ पिन लगे थे.
अजंता - सब लोग ध्यान रखें. हो ने हो यह बम या फॉयर कोई और एक्सप्लोसिव डिवाइस हैं जिससे हमे क्षति पहुँच सकती है. कोई भी इन पर पावं नहीं रखेगा नहीं तो यह फट जायेंगे.
सब सावधानी से इधर उधर होते हुए एक हिस्से को पार कर गए.
पर आगे भी रास्ता आसान नहीं था. अजंता ने पाया की ज़मीन के छोटे छोटे टुकड़ों घास बिछी थी जो की साफ़ पता लग रह था की वहां पर उगी नहीं हुई. वह समझ गयी की कई छोटे मोटे गड्डे उस रास्ते में थे जो उन्हें गिराने यह ट्रैप करने के लिए बांये गायें. उसने फिर अपने कॉन्स्टेबल्स को इशारा किया एक मिनट ठहरने का.
एक कांस्टेबल खीज कर बोला - अरे मैडम अब हमे कितनी देर यह ठहरना होगा
अजंता का स्वर सख्त हो उठा - देखो मैं पहले ही कह चुके हूँ जिसका मन न हो हो वापस जा सकता है. में अकेली भी इन दुशमनो का मुक़ाबला कर लूंगी. और किसी ने गद्दारी की तो पहले उसे गोली मारूंगी. यह आगे तुम लोगों को टुकड़ों में घास बिछी नज़र आ रही है. क्या समझे इससे ?
सब खामोश होकर उसे देखने लग- सावधान रहो वरना अभी किसी गड्डे में धंस जाओगे.
अजंता ने नोट किया की कुछ कॉन्स्टेबल्स एक असाधारण चुप्पी धार कर एक दुसरे की ओर देख रहे थे. उनका ध्यान अपने लक्ष्य में कम ओर अजंता के उठते बैठते बड़े बड़े उरोजों ओर उसके दमकते ख़ूबसूरत चेहरे पर था. अजंता सिक्युरिटी की वर्दी में भी कहर ढा रही थी ओर उसके तने हुए उरोज मानो उसकी कमीज फाड़ कर बiहर आने को उतारू हो रहे थे.
उन्ही में से एक कांस्टेबल दुसरे को बोला - साली किसी को भाव नहीं देती. ज़रा इसकी तनी हुई छातियां तो देख.
दूसरा - अभी हत्थे चढ़ गयी न गुंडों के तो मसल के रख देंगे.
पहला - कुछ नहीं कह सकते . बड़ी तेज़ चीज़ है.
दूसरा - बहुत कूद रही है. नंगा कर दूंगा साली को.देखा अभी नदी किनारे क्या हुआ. मेरा तो देखते ही लंड खड़ा हो गया.
पहला - अरे अभी तो सोच कैसे जान बचे इन गुंडों से. वह कमिश्नर भी साला इसी की सुनता है.
दूसरा - हो गयी होगी नंगी उसके आगे .
इतने में अजंता का स्वर फिर गूंजा -आप लोग अपने लक्ष्य पर ध्यान दें तो अच्छा होगा. मैं जानती हूँ मुझे नंगा देख कर कुछ लोगों के क्या हाल हो रहे हैं.ज़रा नीचे से खुद को काबू रखें ओर दिमाग खुला रखें. साथियो आगे पेड़ों पर रस्सी देख रहे हो.
कुछ कॉन्स्टेबल्स कहें लगे - जी मैडम. साली खुद को क्या समझती है. रंडी की तरह न चोदा तो (एक मन ही मन बोला)
बस फायरिंग के लिए तैयार रहो. दो कदम आकर सब रुक जाओ ओर जैसे ही मैं कहूं फायरिंग शुरू कर दो.
सब सावधान हो गए. अजंता अकेली कुछ कदम पर अपनी रिवाल्वर लेकर आगे बढ़ने लगी. अजंता जैसे ही एक पेड़ के निकट गयी , रस्सी का तना गोल होकर उसे लपेटने के लिए नीचे को लपका. पर अजंता सावधान थी . वह एक ओर जम्प लेकर साइड हो गयी ओर उसने पेड़ के ऊपर निशाना दाग कर गोली चला दी. एक आदमी जोर से चीखा ओर सब कॉन्स्टेबल्स हैरान हो गयी जब उसकी लाश पेड़ के नीचे जा गिरी.
अजंता ने बारी बारी सब पेड़ों को जल्दी से एक नज़र देखा और अपने सिपाहियों का आदेश दिया - कम ऑन सब ऊपर देखें और फायरिंग शुरू कर दें .
एक डीएम बहुत से आदमी पदों पर नज़र आने लगे और गोलियां चलनी शुरू हो हो गयीं. तभी दो कॉन्स्टेबल्स को गोली लगी और वह वहीँ ढेर हो गयी. यह देखकर कुछ कसंतबलेस इधर उधर छुप कर फायरिंग करने लगे. अजंता को विचार आया की जिन आदमियों ने हमला किया है वह पेड़ों पर है और इस ऊंचाई का उन्हें फायदा हो सकताहै. उसने जब कॉन्स्टेबल्स को झाड़ियों में छुपने का आदेश दिया और स्वय फायरिंग जारी रखी. तभी एक आदमी नीचे कूदा और अजंता के निकट आ पहुंचा. उसने अजंता पर हमला करना चाहा पर अजंता ने घूमकर एक ज़ोरदार किक उसके मुँह पर मारी. इससे पहले वह कुछ समझता एक गोली उसकी खोपड़ी में घुस चुकी थी और वह आदमी वहीं ढेर हो गया.
अजंता ने एक बार एक पेड़ का सहIरI लिया और सामने निशाना दागा. एक और आदमी नीचे आ गिरा. उसके कुछ कॉन्स्टेबल्स का निशाना भी अचूक बैठा और दो आदमी ढेर हो गए.
अजंता ने उनका मनोबल बढ़ाया - वैरी गुड. आप लोग ऐसे ही डटे रहो पर सावधान रहो.
एक बोला - मैडम मुझे लगता है आप पेड़ों पर से नहीं सामने से हमला होगा. वह देखिये
अजंता ने सामने देखा तो कम से कम १५-२० आदमी उन पर हमला करने को आ रहे थे.
अब दोनों और से गोलिया चलने लगी और दोनों और से आदमी भी गिरने लगे.
लेकिन अजंता के पास अब केवल १० कॉन्स्टेबल्स थे और सामने दुर्जन के आदमियों की तादाद ज्यादा थी.
तभी अजंता को एक छोटा सा शॉक लगा जब अचानक तीन आदमी उसके अगला बगल न जाने कहाँ से आ पहुंचे और निशाना लगा कर खड़े हो गए - अपने हाथ ऊपर उठाओ - एक चीखा
- क्यों इंस्पेक्टर साहिबा , अपने आपको बहुत चालाक समझती हो.
हमे मालूम था की तुम उस सड़क से नहीं आओगे और जंगल का ही रास्तI चुनोगे. अब चलो हमारे साथ और बैठो उस गाडी में.
एक गुंडा - अरे यारो बड़ी मस्त चीज़ है. कम से पहले थोड़ा आराम भी हो जाये. और उसने आँख मारी. तभी एक ने कहा की नहीं यार पहले दुर्जन भाई के दर्शन करा दो. फिर बहती गंगा में हम भी _ _ हां हां हां - वह अश्लीलता से हंसा - तीनो के चेहरों पर वेह्शीपन के साथ वासना भी साफ़ दिख रही थी.
अजंता ने नोट किया की वह थोड़े से असावधान हो गए हैं. उसने तुरंत एक ओर कूद कर पलटा खाया ओर दोनों टांगों से एक एक आदमी पर वार किया. वह दोनों ज़मीन पर जा गिरे ओर अजंता ने रिवाल्वर झट से जेब में रख कर तीसरे से बन्दूक छीन कली. ओर फिर - रेट रेट रेट _ _ _ गोलिया चलीं ओर तीनो ढेर हो गए.
परन्तु अजंता ने सांस भी न लिया था की एक दम चार ओर आदमी उस पर टूट पड़े.
पर अजंता वीरता पूर्वक मुक़ाबला करती रही. और उनके दांव काटती रही.
वह सब अश्लील संवाद भी बोल रहे थे और अजंता पर लपक कर उसे अपना शिकार भी बनाना चाहते थे. पर अजंता भी अपने जुडो और कराटे की कुशलता का भरपूर उपयोग कर रही थी.
अजंता ने उन्हें भी चारो खाने चित कर दिया पर उनमे से दो लोग उठ कर भाग खड़े हुए और स्टेनगन से गोलियां चलने लगे देखते ही देखते अजंता के ४ अन्य कॉन्स्टेबल्स ढेर हो गए. कुछ कॉन्स्टेबल्स जो शुरू से ही विरोधाभास में थे भाग गए.
अजंता उन पर फायरिंग करने लगी और दो तीन आदमी ढेर कर दिए.
परन्तु उसके साथ समस्या यह आयी की वह दो मारती थी और तीन खड़े हो जाते थे.
अब फिर से उस के ऊपर तीन बहुत ही खुंखार और हट्टे कट्टे गुंडों ने आक्रमण कर दिया .अजंता ने एक पर जुडो का दांव आजमाया और उसे पीठ के बल गिरा दिया.
एक आदमी बोला - यह ऐसे नहीं मानेगी. फाड़ दो इसके कपडे. - साली _ _ _
अजंता ने सीधा उसके मुँह पर प्रहार किया और वह बिलबिला उठा - अपनी माँ के कपड़े फाड़ जाकर कुत्ते.
पर तभी अजंता के पीछे से एक ने उसके चेहरे पर वार किया जिसके उसके होंठ कुछ घायल हुए और उसे दर्द महसूस हुआ. मारने वाले ने वक़्त बर्बाद नहीं किया और उसे धक्का दिया दुसरे आदमी ने उसे संभाला पर वापस से ढका दिया और उसके सीने पर प्रहार किया. एक ने उसके दोनों वक्ष अपने हांथों से कमीज के ऊपर पकडे और दबा दिए. - वह क्या मदमस्त पिल्लू हैं.
अजंता कुछ कमज़ोर पड़ी - वह काफी देर से अकेले ही इन गुंडों का मुक़ाबला कर रही थी.
तभी एक ने अजंता को पेड़ के सामने धक्का दिया तो अजंता ने टकराने से खुद को बचIने की कोशिश की.
बस गुंडे को मौका मिल गया. उसने अजंता की कमीज का हिस्सा पीठ के ऊपर से पकड़ लिया और ज़ोर से झटका दिया.
चररररर चर __चर उस गुंडे ने अजंता की कमीज पीछे से फाड़ दी और उसे धक्का भी दे दिया.अजंता की पीठ नंगी हो गयी और वह मुँह के बल गिरी.तभी अजंता पर तीन गुंडे टूट पड़े और उसे नोचने खसोटने लगे.
पर अजंता ने अपने दांव जारी रखे और उन गुंडों का मुक़ाबला करती रही.पर तभी एक गुंडे ने उसकी नंगी पीठ पर रिवाल्वर टिका दिया और कहा - रुक जाओ वरना गोली मार देंगे
अजंता रुक गयी और गुंडों ने उसे दाएं बाएं से पकड़ लिया
एक गुंडा - ले चलो साली को दुर्जन भाई के पास. बहुत कूद रही थी.
दूसरा - क्या गज़ब चमकदार पीठ है. और उसने उसकी पीठ पर चिकोटी काट दी.
आअह्ह्ह - अजंता कराह उठी
एक बोला - अभी तो बहुत दर झेलना है इंस्पेक्टर साहिबा. और वह अजंता को थामे हुए एक गाडी की तरफ बढ़ गए.
उन्होंने अजंता को गाड़ी में धकेल दिया और उसके बाजू थाम कर बैठ गए.
अजंता - वह वह क्या मर्द हो सारे के सारे - एक अकेली औरत को थाम कर बैठे हो और खुद को _ _
एक गुंडे ने उसकी कमीज के ऊपर से उसका दाया वक्ष ज़ोर से दबा दिया और अट्टहास करने लगा - औरत _ _ वाह क्या औरत है. क्या बड़े बड़े दूधू हैं और यह मस्त गांड. अजंता रानी अभी तुम्हारी चूत का जो मसाला बनने वाला है न _ _ बस तुम भी क्या याद करोगी.
दूसरा - जी तो कर रहा है यहीं नंगा करके चोद दूँ साली को. पर दुर्जन भाई __ _
अजंता - तू क्या मुझे छोड़ेगा कुत्ते - जा जाकर अपनी माँ को चोद हरामी _ _
उसने अजंता को तमाचा मारा तो अजंता जिसके हाथ उन सबने पकडे हुए थे उसे ज़ोर से एक किक मारी. वह गाडी के दुसरे हिस्से में जा गिरा.
थोड़े से खतरे का आभास हुआ और सबने उसे दबोच लिया. अजंता पूरी यूनिफार्म में थी यहाँ तक की उसकी कैप भी उसके सर पर थी. बस उसकी कमीज पीछे से सारी फट चुकी थी. तभी गाडी २ किलोमीटर दूर जाकर रुकी और वह सब अजंता को बंदी बनाकर नीचे उतर गए और अड्डे में घुस गए.
एक गुंडे ने आवाज़ दी - जरनैल भाई - शिकार हाज़िर है
दुर्जन का वह ख़ास आदमी जिसका नाम जरनैल खान था दिखें में बहुत ही गन्दा और मैला आदमी था. अजंता को देखते ही वह कुत्ते के तरह लार टपकाने लगा - वाह क्या ग़ज़ब माल है
एक गुंडे ने अजंता का शरीर कुछ घुमाया - अरे यह चमकदार पीठ तो देखो.
जरनैल - पीठ क्या हम तो सब कुछ देखेंगे. क्यों इंस्पेक्टर साहिबा - कह कर उसने अजंता के कैप हाथ में ली और नक़ली सलूट मारी.
अजंता - हाँ कुत्ते के पिल्लों से और क्या उम्मीद की जा सकती है.कईं बे हरामी अपनी माँ को देखकर भी ऐसे ही जीभ निकालता है क्या
जरनैल - मेरी माँ तो सड़क छाप रंडी थी - उसे देखकर तो कई जीभ निकलते थे. पर क्या करू जान वह तेरी तरह हाई क्लास नहीं थी. मुझ जैसी काली मटमैली _ _ _
अजंता - तू फिर काले कुत्ते एक बार अपने इन पीछे से वार करने वाले आदमियों से बोल की मेरे हाथ खोल दें. फिर बताती हूँ तुझे की मेरी क्लास क्या है.
जर्नल अश्लीलता से हंस पड़ा और उसकी कैप उठाकर वापस सर पर रख दी - अजंता रानी अब तुम्हे अपनी क्लास बताता हूँ.इसको दुर्जन भाई के पास ले जाने से पहले तैयार करना होगा.
जरनैल ने अजंता के गिरेबान में हाथ डाला और ज़ोर से झटका दिया –
अजंता की कमीज सामने से फैट गयी और उसकी सफ़ेद ब्रा और उसमे कैद उसके उफनते हुए उरोज साफ़ साफ़ झलकने लगे.
सब गुंडे बड़ी बड़ी आँखें निकल कर उसकी ब्रा में झाँकने लगे और अश्लील इशारे करने लगे - वह क्या बड़े बड़े दूधू हैं - भाई की तो ऐश हो गयी आज
जरनैल - अरे हम भी बहती गंगा में हाथ धोयेंगे - और उसने अजंता की कमीज पूरी तरह से फाड़ दी की अब उसके गोर गुलाबी शरीर पर ऊपर के हिस्से में सिर्फ ब्रेज़री रह गयी. गुंडे नो जैसे ही उसका अत्यंत खूबसूरत शरीर देखा तो वह उसके अंगों से खिलवाड़ करने लग गए. कोई उसकी नाभि में ऊँगली घुसेड़ता , कोई ब्रा के ऊपर उसकी छातियां दबाने लगा. अजंता को दर्द होने लगा और वह हलके से चिल्लाई. तभी जरनैल ने उसकी पैंट खोल दी और नीचे गिरा दी.
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जैसा की विक्की ने बताया था इंस्पेक्टर अजंता अब चौकन्नी हो गयी थी. उसके दो दिन बाद वह थाने पहुंची तो बजाये अपनी फाइल्स खोलने के उसकी नज़र फ़ोन पर टिकी थी.
वहां का एक हवलदार जिसका नाम दलपत सिंह था उसके लिए पानी का गिलास ले के आया
जय हिन्द मैडम - वह बोला और गिलास रख दिया. मैडम यह कुछ फाइल्स थीं इन्हे में _ _
अजंता बार बार फ़ोन की ओर देख रही थी - रख दो इन्हे - वह बिना दलपत की ओर देखे बोली. दलपत उसे देखता रहा ओर फाइल्स एक ओर रख दीं.
तभी फ़ोन बज उठा औऱ अजंता ने तुरंत उसे उठा लिया. दूसरी ओर से आवाज़ आयी - अजंता में शैतान सिंह बोल रहा हूँ. तुम्हे तुरंत मेरे पास आना होगा. और हाँ अपने ५ कॉन्स्टेबल्स लेकर आना.
अजंता - क्या बात है सर
शैतान सिंह - वक़्त बर्बाद मत करो और जैसा कह रहा हूँ वैसा करो.एक सीक्रेट मिशन है.
अजंता - ओके सर - मैं आ रही हूँ.
अजंता तुरंत अपने कुछ कॉन्स्टेबल्स लेकर शैतान सिंह के ऑफिस की ओर चल दी.
पर जाने से पहले उसने आने कांस्टेबल को आदेश दिए - हमे कुछ थैलियां और कुछ मोटे और मज़बूत रस्से रखने होंगे. कांस्टेबल ने वैसा ही किया
थाने में अब केवल दलपत सिंह ओर एक दो अन्य कर्मचारी थे.तभी दलपत सिंह इधर उधर देखता हुआ अपनी सीट से उठा ओर बाहर चल दिया
उसने फ़ोन लगाया - नमस्कार सर
उधर से आवाज़ आयी - दलपत सिंह तुम बिलकुल ही निकम्मे ओर आलसी हो.अजंता ने इतने ऑपरेशन्स कर दिए लेकिन तुम एक भी बात की खबर देने में नाकाम रहे.
दलपत - सर मेरी बात तो सुनिए. अजंता बहुत चालाक है. वह जो भी करती है किसी को खबर नहीं होने देती. ओर जब भी कभी कमिश्नर साहब का फ़ोन आता है तो सबको केबिन से बाहर निकल देती है ओर गुप्त रूप से बात करती है.यह साली जब से आयी है सारी ऊपर की कमाई बंद अच्छा अब एक बात सुनिए. अजंता को शायद आपने फ़ोन किया था. वह आपके दफ्तर आ रही है.
उधर से शैतान सिंह का स्वर उभरा - हाँ पर उसमे गुप्त बात क्या है. वह तो मैंने ही उसे आज अचानक बुलाया है.
दलपत - सर मैंने एक बात नोट की है अजंता जब भी सुबह आती है तो सबसे पहले अपनी फाइल्स देखती है. पर आजा उसकी नज़र फ़ोन पर थी. मIनो उसे पहले से ही मालूम था की आप उसे फ़ोन करेंगे.एक दो दिन से उसके अंदाज़ ओर भी रहस्य्मयी हो गए हैं.
दलपत ने रस्से इत्यादि लेने वाली बात भी शैतान सिंह को बताई
उधर से शैतान सिंह का स्वर उभरा - हाँ पर उसमे गुप्त बात क्या है. वह तो मैंने ही उसे आज अचानक बुलाया है.
उधर अजंता जैसे ही शैतान सिंह के ओफ्फसीए पहुंची , उसने उसे बैठने को भी नई कहा ओर तुरंत अपनी सीट से खड़ा हो गया - अजंता सुनो - तुम्हे आज ओर इसी वक़्त दुर्जन के अड्डे पर आक्रमण करना है और यह है वह नक्शा जो मैं तुमसे डिसकस करना चाहता हूँ. इसे अच्छी तरह से देख लो क्योंकि मैं तुम्हे इसकी कॉपी भी नहीं दे पाउँगा. समझ लो तुम्हे इसको अपने मन में प्रिंट करना है.
अजंता उसे ध्यान से देख रही थी. शैतान सिंह ने वही नक्शा खोल रखा था जो विक्की ने उसे दिखाया था. वह बातें भी सारी वही कर रहा था जो विक्की ने इसे बताई थीं. अजंता बीच बीच में शैतान को दिखने के लिए नक़्शे की तरफ देख रही थी.अजंता ने उसकी सब बातें ध्यान से सुनी और पाया की शैतान सिंह उसे पूरी तरह फ़साने के चक्कर में है.- अपनी बात ख़तम करके शैतान सिंह बोला - आई ऍम सॉरी अजंता - में इम्मेडिएटली तुम्हे जयादा कॉन्स्टेबल्स नहीं दे सकता परन्तु _ _
अजंता उठ कर जाने लगी और कहा - आप चिंता न करें सर - मैंने स्पेशल टास्क फार्स जिसमे १५ कॉन्स्टेबल्स हैं उसका इंतज़ाम कर लिया है और एक सिक्युरिटी वैन भी - विश में गुड लक सर - और वह तुरंत बाहर आ गयी.(उसने अभी शैतान सिंह को यह नहीं बताया था की कमिश्नर साहब का एक सबसे विश्वासपात्र ड्राइवर एक अलग गाडी में उसकी सिक्युरिटी वैन को फॉलो करेगा.
शैतान सिंह उसे देखता रहा. फिर वह अपनी सीट पर बैठ कर फ़ोन मिलाने लगा
अजंता ने अपनी जीप पर स्वर होकर तुरंत चलने काआदेश दिया - जिस रास्ते पर वह जार यही थी उसे ५ किलोमीटर की दूरी पर उसे सिक्युरिटी वैन और कॉन्स्टेबल्स मिल गए. अजंता अपने मिशन पर चल दी.
शहर की उत्तरी भाग में नदी पड़ती थी जिसके पार जंगल था और उस जंगल को पार करके उन्हें दुर्जन पर आक्रमण करना था.
अजंता की जीप और वैन जैसे ही वहां पहुंची, अजंता ने सब कॉन्स्टेबल्स को उतरने का आदेश दिया और उच्च स्वर में बोली - साथियो आज हमे एक मिशन पूरा करना है और आप सब लोग पूरी ईमानदारी और बहादुरी से मेरा साथ देंगे याद रहे हमारा दुश्मन उस पार है और हमे हर हालत में उस पर जीत हासिल करनी है.
एक कांस्टेबल - मैडम हम आपके साथ हैं पर यह नदी कैसे पार होगी. और तो और पुल भी टूटा हुआ है. यह नदी काफी गहरी नहीं है लेकिन इसे पैदल पार करना यह गाडी से पार करना नामुमकिन है.
अजंता - जब इरादे पक्के हों तो कुछ मुश्किल नहीं.
दूसरा कांस्टेबल - मैडम वह तो ठीक है पर _ _ _ कोई तरीका इस नदी को पार करने का .
अजंता - एक तरीका है. फिर वह अपने एक कांस्टेबल की और मुड़ी - राम सिंह वो मोटा रस्सा निकालो और कुछ थैलियां भी.
राम सिंह ने वैसा ही किया. अजंता नदी के उस पार देखने लगी और उसे दो मज़बूत पेड़ नज़र आये.
अजंता ने कहा राम सिंह इस खम्बे से रस्से का एक सिरा बांधो और तुम लोगो इसे मज़बूती से थामो और मेरे वहां जाने के बाद तुम्हे इस थैली में जो दे रही हूँ तुम वह लेकर तुरंत आओगे.
राम सिंह - मैडम थैली में आप क्या देंगी में कुछ समझा नहीं. बाकि कांस्टेबल भी अजंता की ओर हैरत से देखने लगे और एक बोल उठा - मैडम आप वहां कैसे जाएँगी.
अजंता एक बड़े पत्थर के ऊपर बैठ गयी और अपने जूते उतरने लगी. उसके बाद उसने वह जूते एक थैली में रखे और उसके हाथ अपने सीने पर गए. अजंता ने अपनी कमीज उतारनी शुरू कर दी.कमीज उतरते ही अजंता का गोरा गुलाबी बदन खिल उठा और सफ़ेद ब्रेज़री में उसके उभरे हुए बड़े बड़े पिल्लू साफ़ साफ नुमाया हो गए. उनका एक बड़ा भाग उसकी ब्रा के बाहर झलक रहा था मनो दो कबूतर आज़ाद होने को फड़फड़ा रहे हों
कमीज उतार कर उसने राम सिंह को एक थैली में रखने को कहा .
उसके बाद उसने अपनी पैंट भी उतार दी .मनो दो सफ़ेद चिकने केलों पर से छिलका उतर दिया हो. अजंता का सेक्सी सुन्दर शरीर और उसकी बल खायी कमर अब पूरी तरह से उसके कॉन्स्टेबल्स का नज़ारा बन रहे थे और सफ़ेद ब्रा और कच्छी में उसकी मदमस्त जवानी झूम उठी
उसके सब कॉन्स्टेबल्स हैरान होकर उसे देख रहे थे. सबकी आँखें फटी की फटी रह गयीं.
अजंता ज़ोर से बोली - राम सिंह में इस रस्से को लेकर उस पार जा रही हूँ. मेरी वर्दी और जूते लेकर तुरंत आओ और यह रस्सा हम वहां बांधेंगे जिससे सब कॉन्स्टेबल्स तुरंत उस पार आ जायेंगे. एक रस्से का उपयोग और करो.
और वह रस्से का कोना थामे नदी में कूद पड़ी.
एक कांस्टेबल बोला - क्या लड़की है. सब अभी तक हैरान थे. अजंता नदी से चिल्लाई - कॉन्स्टेबल्स हम यहाँ कोई फिल्म देखने नहीं आये हैं. कम ऑन हरी उप .
और आधे घंटे में सब कॉन्स्टेबल्स नदी के पार थे. अजंता भी अपनी यूनिफार्म पहन चुकी थी और उसके हाथ में रिवाल्वर था. उसने अपनी कैप भी पहन ली और माथे पर एक छोटी सी बिंदी से वह और भी सुन्दर लग रही थी
अब अजंता ने देखा की एक पगडण्डी थी जिसको पार करने पर आगे दो रास्ते बन जाते थे. और कुछ दूर (लगभग ३ या ४ किलोमीटर होगा) एक ईमारत का हिस्सा नज़र आ रहा था.
तब अजंता को यह ध्यान आया की उसे विक्की को फ़ोन करना था. उसने अपना मोबाइल निकला और विक्की को मिलाने लगी. लेकिन यहाँ कोई सिग्नल नहीं मिल रहे थे - ओह माई गॉड - विक्की शायद उसे बता पाता की आगे क्या करना है.
अजंता कुछ सोच में पड़ गयी परन्तु फिर उसने यह विचार किया की अब खतरा तो उठाना ही पड़ेगा.
अजंता ने दूरबीन निकली और उसका उपयोग सामने देखने के लिए करने लगी.
वह लगभग दस मिनट तक सारा नज़ारा देखती रहे. फिर उसने पलटकर अपने कॉन्स्टेबल्स को सम्बोधित किया - साथियो हमारे सामने दो रास्ते हैं :- (१) पहला यह की हमारे बायीं ओर एक ३ मीटर चौड़ी सड़क है जिसके आस पास एक ड्रेन बनी हैं और यह सीधा रास्ता है जिसपर चल कर हम उस ईमारत पर हमला कर सकते है जहाँ की दुर्जन का अड्डा है.
(२) दूसरा हमारी दायीं ओर एक रास्तI है जो टेढ़ा जंगल का रास्ता है. बदकिस्मती से हमे यह नहीं मालूम की दुर्जन के आदमी कहाँ छुपे हैं.
एक कांस्टेबल - मैडम हम यह ३ मीटर की पक्की सड़क से जायेंगे क्योंकि जंगल में तो कुछ कंटीले पौधे ओर गहरा रास्ता है. हमे वक़्त लग सकता है.
अजंता - पहले मैंने यही सोचा था. लेकिन जंगल से जयादा उपयुक्त रहेगा क्योंकि अगर दुर्जन के आदमी यहाँ से हम पर हमला करते हैं तो हमारे पास डिस्पेर्स यानि उधर होकर उनपर प्रतिउत्तर में हमला करने का अवसर नहीं होगा ओर हम सब उनकी गोलियों से मिनटों में भून दिए जायेंगे.यह समस्या हमे जंगल में नहीं आएगी.
एक कांस्टेबल - मैडम इधर उधर से मतलब
अजंता - कोई तुम पर हमला करे तो तुम्हे भी तो मौका मिलना चाहिए खुद को बचने , छुपने और उस पर वार करने का.
अजंता ने नोट किया की उसकी यह बात सुनकर कुछ कॉन्स्टेबल्स एक दुसरे की ओर देखने लगे ओर आँख से हलके इशारे भी करने लगे. अजंता समझ गयी की कुछ लोग यहाँ से भागने का मौका ढूंढ रहे हैं.
अजंता ने फिर सब की ओर देख कर कहा - एक बात ध्यान रहे. अगर किसी ने अपने फ़र्ज़ से भागने की कोशिश की तो वो दुआ करे की में इस हमले में शहीद हो जाऊं. क्योंकि अगर मैं बच गयी तो उसे छोडूंगी नहीं.
तब कुछ कॉन्स्टेबल्स ने कहा - मैडम आप तैयारी करें हम साथ है.
अजंता - कम ऑन नाउ टेक पोसिशन्स एंड मार्च
अजंता का हुक्म पाते ही सब पोलिसवाले कुछ बिखर कर इधर उधर और ऊपर नीचे देखते हुए आगे बढ़ने लगे . सबने अपनी गन्स और हथ्यार पूरी तरह तैयार रखे थे.
कुछ दूर चलने के बाद अजंता अचानक रूक गयी और सब सिक्युरिटीवालों को ठहरने का आदेश दिया.
एक कांस्टेबल - क्या हुआ मैडम ?
अजंता - आगे देखो.
सबने देखा की आगे ज़मीन कुछ कुछ भागों में खुदी हुई थी और कुछ छोटे छोटे काले रंग के डब्बे ज़मीन में धंसे नज़र आ रहे तह. डब्बों के केवल कुछ ही भाग ज़मीन के ऊपर था और उनपर कुछ पिन लगे थे.
अजंता - सब लोग ध्यान रखें. हो ने हो यह बम या फॉयर कोई और एक्सप्लोसिव डिवाइस हैं जिससे हमे क्षति पहुँच सकती है. कोई भी इन पर पावं नहीं रखेगा नहीं तो यह फट जायेंगे.
सब सावधानी से इधर उधर होते हुए एक हिस्से को पार कर गए.
पर आगे भी रास्ता आसान नहीं था. अजंता ने पाया की ज़मीन के छोटे छोटे टुकड़ों घास बिछी थी जो की साफ़ पता लग रह था की वहां पर उगी नहीं हुई. वह समझ गयी की कई छोटे मोटे गड्डे उस रास्ते में थे जो उन्हें गिराने यह ट्रैप करने के लिए बांये गायें. उसने फिर अपने कॉन्स्टेबल्स को इशारा किया एक मिनट ठहरने का.
एक कांस्टेबल खीज कर बोला - अरे मैडम अब हमे कितनी देर यह ठहरना होगा
अजंता का स्वर सख्त हो उठा - देखो मैं पहले ही कह चुके हूँ जिसका मन न हो हो वापस जा सकता है. में अकेली भी इन दुशमनो का मुक़ाबला कर लूंगी. और किसी ने गद्दारी की तो पहले उसे गोली मारूंगी. यह आगे तुम लोगों को टुकड़ों में घास बिछी नज़र आ रही है. क्या समझे इससे ?
सब खामोश होकर उसे देखने लग- सावधान रहो वरना अभी किसी गड्डे में धंस जाओगे.
अजंता ने नोट किया की कुछ कॉन्स्टेबल्स एक असाधारण चुप्पी धार कर एक दुसरे की ओर देख रहे थे. उनका ध्यान अपने लक्ष्य में कम ओर अजंता के उठते बैठते बड़े बड़े उरोजों ओर उसके दमकते ख़ूबसूरत चेहरे पर था. अजंता सिक्युरिटी की वर्दी में भी कहर ढा रही थी ओर उसके तने हुए उरोज मानो उसकी कमीज फाड़ कर बiहर आने को उतारू हो रहे थे.
उन्ही में से एक कांस्टेबल दुसरे को बोला - साली किसी को भाव नहीं देती. ज़रा इसकी तनी हुई छातियां तो देख.
दूसरा - अभी हत्थे चढ़ गयी न गुंडों के तो मसल के रख देंगे.
पहला - कुछ नहीं कह सकते . बड़ी तेज़ चीज़ है.
दूसरा - बहुत कूद रही है. नंगा कर दूंगा साली को.देखा अभी नदी किनारे क्या हुआ. मेरा तो देखते ही लंड खड़ा हो गया.
पहला - अरे अभी तो सोच कैसे जान बचे इन गुंडों से. वह कमिश्नर भी साला इसी की सुनता है.
दूसरा - हो गयी होगी नंगी उसके आगे .
इतने में अजंता का स्वर फिर गूंजा -आप लोग अपने लक्ष्य पर ध्यान दें तो अच्छा होगा. मैं जानती हूँ मुझे नंगा देख कर कुछ लोगों के क्या हाल हो रहे हैं.ज़रा नीचे से खुद को काबू रखें ओर दिमाग खुला रखें. साथियो आगे पेड़ों पर रस्सी देख रहे हो.
कुछ कॉन्स्टेबल्स कहें लगे - जी मैडम. साली खुद को क्या समझती है. रंडी की तरह न चोदा तो (एक मन ही मन बोला)
बस फायरिंग के लिए तैयार रहो. दो कदम आकर सब रुक जाओ ओर जैसे ही मैं कहूं फायरिंग शुरू कर दो.
सब सावधान हो गए. अजंता अकेली कुछ कदम पर अपनी रिवाल्वर लेकर आगे बढ़ने लगी. अजंता जैसे ही एक पेड़ के निकट गयी , रस्सी का तना गोल होकर उसे लपेटने के लिए नीचे को लपका. पर अजंता सावधान थी . वह एक ओर जम्प लेकर साइड हो गयी ओर उसने पेड़ के ऊपर निशाना दाग कर गोली चला दी. एक आदमी जोर से चीखा ओर सब कॉन्स्टेबल्स हैरान हो गयी जब उसकी लाश पेड़ के नीचे जा गिरी.
अजंता ने बारी बारी सब पेड़ों को जल्दी से एक नज़र देखा और अपने सिपाहियों का आदेश दिया - कम ऑन सब ऊपर देखें और फायरिंग शुरू कर दें .
एक डीएम बहुत से आदमी पदों पर नज़र आने लगे और गोलियां चलनी शुरू हो हो गयीं. तभी दो कॉन्स्टेबल्स को गोली लगी और वह वहीँ ढेर हो गयी. यह देखकर कुछ कसंतबलेस इधर उधर छुप कर फायरिंग करने लगे. अजंता को विचार आया की जिन आदमियों ने हमला किया है वह पेड़ों पर है और इस ऊंचाई का उन्हें फायदा हो सकताहै. उसने जब कॉन्स्टेबल्स को झाड़ियों में छुपने का आदेश दिया और स्वय फायरिंग जारी रखी. तभी एक आदमी नीचे कूदा और अजंता के निकट आ पहुंचा. उसने अजंता पर हमला करना चाहा पर अजंता ने घूमकर एक ज़ोरदार किक उसके मुँह पर मारी. इससे पहले वह कुछ समझता एक गोली उसकी खोपड़ी में घुस चुकी थी और वह आदमी वहीं ढेर हो गया.
अजंता ने एक बार एक पेड़ का सहIरI लिया और सामने निशाना दागा. एक और आदमी नीचे आ गिरा. उसके कुछ कॉन्स्टेबल्स का निशाना भी अचूक बैठा और दो आदमी ढेर हो गए.
अजंता ने उनका मनोबल बढ़ाया - वैरी गुड. आप लोग ऐसे ही डटे रहो पर सावधान रहो.
एक बोला - मैडम मुझे लगता है आप पेड़ों पर से नहीं सामने से हमला होगा. वह देखिये
अजंता ने सामने देखा तो कम से कम १५-२० आदमी उन पर हमला करने को आ रहे थे.
अब दोनों और से गोलिया चलने लगी और दोनों और से आदमी भी गिरने लगे.
लेकिन अजंता के पास अब केवल १० कॉन्स्टेबल्स थे और सामने दुर्जन के आदमियों की तादाद ज्यादा थी.
तभी अजंता को एक छोटा सा शॉक लगा जब अचानक तीन आदमी उसके अगला बगल न जाने कहाँ से आ पहुंचे और निशाना लगा कर खड़े हो गए - अपने हाथ ऊपर उठाओ - एक चीखा
- क्यों इंस्पेक्टर साहिबा , अपने आपको बहुत चालाक समझती हो.
हमे मालूम था की तुम उस सड़क से नहीं आओगे और जंगल का ही रास्तI चुनोगे. अब चलो हमारे साथ और बैठो उस गाडी में.
एक गुंडा - अरे यारो बड़ी मस्त चीज़ है. कम से पहले थोड़ा आराम भी हो जाये. और उसने आँख मारी. तभी एक ने कहा की नहीं यार पहले दुर्जन भाई के दर्शन करा दो. फिर बहती गंगा में हम भी _ _ हां हां हां - वह अश्लीलता से हंसा - तीनो के चेहरों पर वेह्शीपन के साथ वासना भी साफ़ दिख रही थी.
अजंता ने नोट किया की वह थोड़े से असावधान हो गए हैं. उसने तुरंत एक ओर कूद कर पलटा खाया ओर दोनों टांगों से एक एक आदमी पर वार किया. वह दोनों ज़मीन पर जा गिरे ओर अजंता ने रिवाल्वर झट से जेब में रख कर तीसरे से बन्दूक छीन कली. ओर फिर - रेट रेट रेट _ _ _ गोलिया चलीं ओर तीनो ढेर हो गए.
परन्तु अजंता ने सांस भी न लिया था की एक दम चार ओर आदमी उस पर टूट पड़े.
पर अजंता वीरता पूर्वक मुक़ाबला करती रही. और उनके दांव काटती रही.
वह सब अश्लील संवाद भी बोल रहे थे और अजंता पर लपक कर उसे अपना शिकार भी बनाना चाहते थे. पर अजंता भी अपने जुडो और कराटे की कुशलता का भरपूर उपयोग कर रही थी.
अजंता ने उन्हें भी चारो खाने चित कर दिया पर उनमे से दो लोग उठ कर भाग खड़े हुए और स्टेनगन से गोलियां चलने लगे देखते ही देखते अजंता के ४ अन्य कॉन्स्टेबल्स ढेर हो गए. कुछ कॉन्स्टेबल्स जो शुरू से ही विरोधाभास में थे भाग गए.
अजंता उन पर फायरिंग करने लगी और दो तीन आदमी ढेर कर दिए.
परन्तु उसके साथ समस्या यह आयी की वह दो मारती थी और तीन खड़े हो जाते थे.
अब फिर से उस के ऊपर तीन बहुत ही खुंखार और हट्टे कट्टे गुंडों ने आक्रमण कर दिया .अजंता ने एक पर जुडो का दांव आजमाया और उसे पीठ के बल गिरा दिया.
एक आदमी बोला - यह ऐसे नहीं मानेगी. फाड़ दो इसके कपडे. - साली _ _ _
अजंता ने सीधा उसके मुँह पर प्रहार किया और वह बिलबिला उठा - अपनी माँ के कपड़े फाड़ जाकर कुत्ते.
पर तभी अजंता के पीछे से एक ने उसके चेहरे पर वार किया जिसके उसके होंठ कुछ घायल हुए और उसे दर्द महसूस हुआ. मारने वाले ने वक़्त बर्बाद नहीं किया और उसे धक्का दिया दुसरे आदमी ने उसे संभाला पर वापस से ढका दिया और उसके सीने पर प्रहार किया. एक ने उसके दोनों वक्ष अपने हांथों से कमीज के ऊपर पकडे और दबा दिए. - वह क्या मदमस्त पिल्लू हैं.
अजंता कुछ कमज़ोर पड़ी - वह काफी देर से अकेले ही इन गुंडों का मुक़ाबला कर रही थी.
तभी एक ने अजंता को पेड़ के सामने धक्का दिया तो अजंता ने टकराने से खुद को बचIने की कोशिश की.
बस गुंडे को मौका मिल गया. उसने अजंता की कमीज का हिस्सा पीठ के ऊपर से पकड़ लिया और ज़ोर से झटका दिया.
चररररर चर __चर उस गुंडे ने अजंता की कमीज पीछे से फाड़ दी और उसे धक्का भी दे दिया.अजंता की पीठ नंगी हो गयी और वह मुँह के बल गिरी.तभी अजंता पर तीन गुंडे टूट पड़े और उसे नोचने खसोटने लगे.
पर अजंता ने अपने दांव जारी रखे और उन गुंडों का मुक़ाबला करती रही.पर तभी एक गुंडे ने उसकी नंगी पीठ पर रिवाल्वर टिका दिया और कहा - रुक जाओ वरना गोली मार देंगे
अजंता रुक गयी और गुंडों ने उसे दाएं बाएं से पकड़ लिया
एक गुंडा - ले चलो साली को दुर्जन भाई के पास. बहुत कूद रही थी.
दूसरा - क्या गज़ब चमकदार पीठ है. और उसने उसकी पीठ पर चिकोटी काट दी.
आअह्ह्ह - अजंता कराह उठी
एक बोला - अभी तो बहुत दर झेलना है इंस्पेक्टर साहिबा. और वह अजंता को थामे हुए एक गाडी की तरफ बढ़ गए.
उन्होंने अजंता को गाड़ी में धकेल दिया और उसके बाजू थाम कर बैठ गए.
अजंता - वह वह क्या मर्द हो सारे के सारे - एक अकेली औरत को थाम कर बैठे हो और खुद को _ _
एक गुंडे ने उसकी कमीज के ऊपर से उसका दाया वक्ष ज़ोर से दबा दिया और अट्टहास करने लगा - औरत _ _ वाह क्या औरत है. क्या बड़े बड़े दूधू हैं और यह मस्त गांड. अजंता रानी अभी तुम्हारी चूत का जो मसाला बनने वाला है न _ _ बस तुम भी क्या याद करोगी.
दूसरा - जी तो कर रहा है यहीं नंगा करके चोद दूँ साली को. पर दुर्जन भाई __ _
अजंता - तू क्या मुझे छोड़ेगा कुत्ते - जा जाकर अपनी माँ को चोद हरामी _ _
उसने अजंता को तमाचा मारा तो अजंता जिसके हाथ उन सबने पकडे हुए थे उसे ज़ोर से एक किक मारी. वह गाडी के दुसरे हिस्से में जा गिरा.
थोड़े से खतरे का आभास हुआ और सबने उसे दबोच लिया. अजंता पूरी यूनिफार्म में थी यहाँ तक की उसकी कैप भी उसके सर पर थी. बस उसकी कमीज पीछे से सारी फट चुकी थी. तभी गाडी २ किलोमीटर दूर जाकर रुकी और वह सब अजंता को बंदी बनाकर नीचे उतर गए और अड्डे में घुस गए.
एक गुंडे ने आवाज़ दी - जरनैल भाई - शिकार हाज़िर है
दुर्जन का वह ख़ास आदमी जिसका नाम जरनैल खान था दिखें में बहुत ही गन्दा और मैला आदमी था. अजंता को देखते ही वह कुत्ते के तरह लार टपकाने लगा - वाह क्या ग़ज़ब माल है
एक गुंडे ने अजंता का शरीर कुछ घुमाया - अरे यह चमकदार पीठ तो देखो.
जरनैल - पीठ क्या हम तो सब कुछ देखेंगे. क्यों इंस्पेक्टर साहिबा - कह कर उसने अजंता के कैप हाथ में ली और नक़ली सलूट मारी.
अजंता - हाँ कुत्ते के पिल्लों से और क्या उम्मीद की जा सकती है.कईं बे हरामी अपनी माँ को देखकर भी ऐसे ही जीभ निकालता है क्या
जरनैल - मेरी माँ तो सड़क छाप रंडी थी - उसे देखकर तो कई जीभ निकलते थे. पर क्या करू जान वह तेरी तरह हाई क्लास नहीं थी. मुझ जैसी काली मटमैली _ _ _
अजंता - तू फिर काले कुत्ते एक बार अपने इन पीछे से वार करने वाले आदमियों से बोल की मेरे हाथ खोल दें. फिर बताती हूँ तुझे की मेरी क्लास क्या है.
जर्नल अश्लीलता से हंस पड़ा और उसकी कैप उठाकर वापस सर पर रख दी - अजंता रानी अब तुम्हे अपनी क्लास बताता हूँ.इसको दुर्जन भाई के पास ले जाने से पहले तैयार करना होगा.
जरनैल ने अजंता के गिरेबान में हाथ डाला और ज़ोर से झटका दिया –
अजंता की कमीज सामने से फैट गयी और उसकी सफ़ेद ब्रा और उसमे कैद उसके उफनते हुए उरोज साफ़ साफ़ झलकने लगे.
सब गुंडे बड़ी बड़ी आँखें निकल कर उसकी ब्रा में झाँकने लगे और अश्लील इशारे करने लगे - वह क्या बड़े बड़े दूधू हैं - भाई की तो ऐश हो गयी आज
जरनैल - अरे हम भी बहती गंगा में हाथ धोयेंगे - और उसने अजंता की कमीज पूरी तरह से फाड़ दी की अब उसके गोर गुलाबी शरीर पर ऊपर के हिस्से में सिर्फ ब्रेज़री रह गयी. गुंडे नो जैसे ही उसका अत्यंत खूबसूरत शरीर देखा तो वह उसके अंगों से खिलवाड़ करने लग गए. कोई उसकी नाभि में ऊँगली घुसेड़ता , कोई ब्रा के ऊपर उसकी छातियां दबाने लगा. अजंता को दर्द होने लगा और वह हलके से चिल्लाई. तभी जरनैल ने उसकी पैंट खोल दी और नीचे गिरा दी.
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