11-04-2020, 02:30 PM
मुख्तार वहीं बैठा हुआ एक फीकी सी हंसी हंसने लगा - मैडम उसका नाम टाइगर है . में आपको ऐसे ही अपना डर नहीं दिखा रहा है हूँ. आप मेरे पास अपना वक़्त और बर्बाद न कीजिये जाइये पता लगाइये
अजंता पलट कर जाने लगी तो मुख्तार ने कहा - और हाँ मैडम - यह भी पता लगाइये की आपके अपने डिपार्टमेंट में कौन गद्दार है
अजंता कुछ पल तक उसकी ओर देखती रही
अजंता ने और समय बर्बाद करना उचित न समझा और वह तुरंत लालचंद बोरा की कोठी के लिए निकल गयी
जब वह वहां पहुंची तो बाहर कुछ भीड़ थी पर सिक्युरिटी की जीप आते देख कर सबने रास्ता दे दिया
अजंता जीप से उत्तर कर कोठी में दाखिल हुई और अपने कॉन्स्टेबल्स को भी साथ ले लिया.
वहां ज़मीन पर एक चादर से ढकी लालचंद की लाश पड़ी थी - उसकी आँखें बाहर आयीं थी और लालचंद का बदसूरत चेहरा और भी वीभत्स लग रहा था - दरअसल लालचंद की हत्या गाला घोंटकर की गयी थी
अजंता - क्या यहाँ कोई चोरी हुई?
उसके इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए कोई भी सक्षम नहीं था
आसपास जितने भी थे सब लालचंद के रिश्ते दार थे. उसने विवाह नहीं किया था और इसीलिए उसकी कोई औलाद भी न थी
अजंता ने जब पूछ ताछ शुरू की तो उसके सब रिश्तेदारों ने कहा की वह मृत्यु की खबर मिलते ही पहुँच गए थे और बाद में आये थे
अजंता ने हिदायत दी की कोई भी आदमी घर से बाहर नहीं जायेगा और अपने २ कांस्टेबलस को इसी ड्यूटी पर लगा दिया. एक अन्य कांस्टेबल के साथ वह घर की तलाशी लेने लगी. पर उसे ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिला जिस से वह यह साबित कर सकती थी की यहाँ कोई मूर्तियां भी आती होंगी.उसने कोठी के बेसमेंट और गोडाउन की भी बहुत अच्छे से तलाशी ली.
अजंता सोच में पड़ गयी - कौन हो सकता है सेठ का कातिल - निश्चय ही वह टाइगर का आदमी है - सचमुच टाइगर ने बहुत तेज़ी दिखाई - मुख्तार के गिरफ्तार होते ही _ _ _ _उसके होंठ सोचने के अंदाज़ में सिकुड़ गए.
घर की तलाशी लेने के बाद उसने घर के नौकर चाकरों से पूछने की ठानी.
एक एक करके वह सबसे पूछने लगी. तभी जब माली की बारी आयी तो उसने कहा (अजंता ने नोट किया की वह नज़रें चुरा रहा है - मैडम मुझे नहीं मालूम
अजंता - कबसे हो यहाँ पर
माली - मुझे यहाँ बहुत वक़्त हो गया
अजंता - कितना ?
माली - दस साल
अजंता समजह गयी की यह झूठ बोल रहा है क्योंकि इस कोठी को बने अभी ७ साल ही हुए थे और एक आदमी से वह पहले ही पता कर चुकी थी की कौनसा नौकर कितने साल से है
अजंता - तो तुम यहाँ पर कल मौजूद नहीं थे जब सेठजी का क़त्ल रात को हुआ
माली - जी नहीं
अजंता - कहाँ गए थे
माली - जी में वो _ _ वो सेठजी के लिए दारु खरीदने गया था - उन्हें विदेशी दारु का शौक़ था
अजंता - अच्छा तो तुम दारु खरीदने गए थे
माली ने नज़रें चुराते हुए कहा - जी जी हाँ
अजंता ने तुरंत आवाज़ दी - कॉन्स्टेबल्स अरेस्ट हिम - यही असली मुजरिम है.
सब चकित रह गए
अजंता ने शेरनी की तरह गरज कर कहा - पहली बात सेठ लाल चंद को दारु मना थी और दूसरी बात कल २ अक्टूबर यानि गाँधी जयंती की छुट्टी थी और सब दारू के ठेके भी स्ट्रिक्टली मेरे आर्डर से बंद थे. तुम दारु कहाँ से लेकर आये और क्यों
अब माली ने घबराकर भागने की कोशिश की पर अजंता का एक वार ही उसके लिए काफी था
माली को गिरफ्तार कर लिया गया
उसके बाद जैसे ही वह थाने पहुंची फ़ोन बज उठा - मैडम टाइगर आपको कॉल करेगा
अजंता कुछ कह पाती इस से पहले ही फ़ोन काट दिया गया
फिर तुरंत फ़ोन दोबारा बज उठा
अजंता के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आयी और फोएन उठाते ही उसने कहा - बोलो टाइगर
दूसरी और टाइगर के हैरत और गुस्से से मिले जुले भाव सुनाई दिए - इंस्पेक्टर अजंता - मुख्तार को छोड़ दो वरना _ _ _ _
अजंता - वरना क्या
टाइगर - तेरे घर घुसकर तेरी इज़्ज़त लूट लूँगा और उसके बाद तुझे जान से मार दूंगा
अजंता - तू हराम की औलाद क्या मेरा कुछ करेगा _ _
टाइगर - मुझे हरामी कहती है - साली तुझे रंडी बनाकर न छोड़ा तो _ _
अजंता ज़ोर से हंसी - अच्छा ? तू मुझे चोदेगा?
टाइगर - तेरे घर घुसकर सबसे पहली तेरी साड़ी उतारूंगा और फिर ब्लाउज तार तार कर दूंगा और फिर उसके बाद तेरी ब्रेज़री और कच्छी उतार कर तुझे नंगी करके तेरी चूत का वह हाल करूँगा की _ _
अजंता - आ आ एक मिनट - तू कुछ भूल गया टाइगर - तुझे इतना भी नहीं पता की साड़ी के नीचे पेटीकोट भी होता है - उसे उतारे या फाड़े बगैर तू मेरी पैंटी तक कैसे पहुंचेगा. लगता है तेरी माँ ने कभी पेटीकोट पहना ही नहीं और किसी तरीके से बस पैंटी पर ही साड़ी लपेटती है.
टाइगर - साली रंडी - मेरी माँ को _ _
अजंता - हाँ कुछ सुनने में आया है की तू कोई हराम की औलाद है और हाँ तेरे बाप का क्या नाम है
टाइगर - बहुत फड़फड़ा रही है थानेदार्नी - अपने हरामी बचे की माँ बनाऊंगा तुझे - वह हाल करूँगा तेरा की तू _ _
अजंता - ज़िन्दगी भर याद करेगी . टाइगर तुझे वार्निंग दे रही हूँ - सुधर जा या अपने दिन गिन ले वरना तेरा जो हाल में करुँगी - तू किसी औरत को मुँह दिखने लायक नहीं रहेगा
यह कहकर अजंता ने फ़ोन रख दिया
सहसा उसके मुस्कुराते चेहरे पर कुछ अलग ही भाव आ गए - यह फ़ोन कॉलर आखिर कौन है - और क्यों मेरी मदद कर रहा
अजंता पलट कर जाने लगी तो मुख्तार ने कहा - और हाँ मैडम - यह भी पता लगाइये की आपके अपने डिपार्टमेंट में कौन गद्दार है
अजंता कुछ पल तक उसकी ओर देखती रही
अजंता ने और समय बर्बाद करना उचित न समझा और वह तुरंत लालचंद बोरा की कोठी के लिए निकल गयी
जब वह वहां पहुंची तो बाहर कुछ भीड़ थी पर सिक्युरिटी की जीप आते देख कर सबने रास्ता दे दिया
अजंता जीप से उत्तर कर कोठी में दाखिल हुई और अपने कॉन्स्टेबल्स को भी साथ ले लिया.
वहां ज़मीन पर एक चादर से ढकी लालचंद की लाश पड़ी थी - उसकी आँखें बाहर आयीं थी और लालचंद का बदसूरत चेहरा और भी वीभत्स लग रहा था - दरअसल लालचंद की हत्या गाला घोंटकर की गयी थी
अजंता - क्या यहाँ कोई चोरी हुई?
उसके इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए कोई भी सक्षम नहीं था
आसपास जितने भी थे सब लालचंद के रिश्ते दार थे. उसने विवाह नहीं किया था और इसीलिए उसकी कोई औलाद भी न थी
अजंता ने जब पूछ ताछ शुरू की तो उसके सब रिश्तेदारों ने कहा की वह मृत्यु की खबर मिलते ही पहुँच गए थे और बाद में आये थे
अजंता ने हिदायत दी की कोई भी आदमी घर से बाहर नहीं जायेगा और अपने २ कांस्टेबलस को इसी ड्यूटी पर लगा दिया. एक अन्य कांस्टेबल के साथ वह घर की तलाशी लेने लगी. पर उसे ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिला जिस से वह यह साबित कर सकती थी की यहाँ कोई मूर्तियां भी आती होंगी.उसने कोठी के बेसमेंट और गोडाउन की भी बहुत अच्छे से तलाशी ली.
अजंता सोच में पड़ गयी - कौन हो सकता है सेठ का कातिल - निश्चय ही वह टाइगर का आदमी है - सचमुच टाइगर ने बहुत तेज़ी दिखाई - मुख्तार के गिरफ्तार होते ही _ _ _ _उसके होंठ सोचने के अंदाज़ में सिकुड़ गए.
घर की तलाशी लेने के बाद उसने घर के नौकर चाकरों से पूछने की ठानी.
एक एक करके वह सबसे पूछने लगी. तभी जब माली की बारी आयी तो उसने कहा (अजंता ने नोट किया की वह नज़रें चुरा रहा है - मैडम मुझे नहीं मालूम
अजंता - कबसे हो यहाँ पर
माली - मुझे यहाँ बहुत वक़्त हो गया
अजंता - कितना ?
माली - दस साल
अजंता समजह गयी की यह झूठ बोल रहा है क्योंकि इस कोठी को बने अभी ७ साल ही हुए थे और एक आदमी से वह पहले ही पता कर चुकी थी की कौनसा नौकर कितने साल से है
अजंता - तो तुम यहाँ पर कल मौजूद नहीं थे जब सेठजी का क़त्ल रात को हुआ
माली - जी नहीं
अजंता - कहाँ गए थे
माली - जी में वो _ _ वो सेठजी के लिए दारु खरीदने गया था - उन्हें विदेशी दारु का शौक़ था
अजंता - अच्छा तो तुम दारु खरीदने गए थे
माली ने नज़रें चुराते हुए कहा - जी जी हाँ
अजंता ने तुरंत आवाज़ दी - कॉन्स्टेबल्स अरेस्ट हिम - यही असली मुजरिम है.
सब चकित रह गए
अजंता ने शेरनी की तरह गरज कर कहा - पहली बात सेठ लाल चंद को दारु मना थी और दूसरी बात कल २ अक्टूबर यानि गाँधी जयंती की छुट्टी थी और सब दारू के ठेके भी स्ट्रिक्टली मेरे आर्डर से बंद थे. तुम दारु कहाँ से लेकर आये और क्यों
अब माली ने घबराकर भागने की कोशिश की पर अजंता का एक वार ही उसके लिए काफी था
माली को गिरफ्तार कर लिया गया
उसके बाद जैसे ही वह थाने पहुंची फ़ोन बज उठा - मैडम टाइगर आपको कॉल करेगा
अजंता कुछ कह पाती इस से पहले ही फ़ोन काट दिया गया
फिर तुरंत फ़ोन दोबारा बज उठा
अजंता के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आयी और फोएन उठाते ही उसने कहा - बोलो टाइगर
दूसरी और टाइगर के हैरत और गुस्से से मिले जुले भाव सुनाई दिए - इंस्पेक्टर अजंता - मुख्तार को छोड़ दो वरना _ _ _ _
अजंता - वरना क्या
टाइगर - तेरे घर घुसकर तेरी इज़्ज़त लूट लूँगा और उसके बाद तुझे जान से मार दूंगा
अजंता - तू हराम की औलाद क्या मेरा कुछ करेगा _ _
टाइगर - मुझे हरामी कहती है - साली तुझे रंडी बनाकर न छोड़ा तो _ _
अजंता ज़ोर से हंसी - अच्छा ? तू मुझे चोदेगा?
टाइगर - तेरे घर घुसकर सबसे पहली तेरी साड़ी उतारूंगा और फिर ब्लाउज तार तार कर दूंगा और फिर उसके बाद तेरी ब्रेज़री और कच्छी उतार कर तुझे नंगी करके तेरी चूत का वह हाल करूँगा की _ _
अजंता - आ आ एक मिनट - तू कुछ भूल गया टाइगर - तुझे इतना भी नहीं पता की साड़ी के नीचे पेटीकोट भी होता है - उसे उतारे या फाड़े बगैर तू मेरी पैंटी तक कैसे पहुंचेगा. लगता है तेरी माँ ने कभी पेटीकोट पहना ही नहीं और किसी तरीके से बस पैंटी पर ही साड़ी लपेटती है.
टाइगर - साली रंडी - मेरी माँ को _ _
अजंता - हाँ कुछ सुनने में आया है की तू कोई हराम की औलाद है और हाँ तेरे बाप का क्या नाम है
टाइगर - बहुत फड़फड़ा रही है थानेदार्नी - अपने हरामी बचे की माँ बनाऊंगा तुझे - वह हाल करूँगा तेरा की तू _ _
अजंता - ज़िन्दगी भर याद करेगी . टाइगर तुझे वार्निंग दे रही हूँ - सुधर जा या अपने दिन गिन ले वरना तेरा जो हाल में करुँगी - तू किसी औरत को मुँह दिखने लायक नहीं रहेगा
यह कहकर अजंता ने फ़ोन रख दिया
सहसा उसके मुस्कुराते चेहरे पर कुछ अलग ही भाव आ गए - यह फ़ोन कॉलर आखिर कौन है - और क्यों मेरी मदद कर रहा