11-04-2020, 02:15 PM
(This post was last modified: 11-04-2020, 02:19 PM by Niharikasaree. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(11-04-2020, 10:47 AM)Poonam_triwedi Wrote: निहारिका जी नमस्कार
आशा करती हूं खूब मजे में होंगी आप
बिल्कुल सही कहा आप ने
कन्या-रस का अपना ही मजा होता है औरतों के जीवन मे
जिस प्रकार हम पत्नियां उस समय पति के लिए पूर्ण समर्पण के साथ एकाकार हो जाती है
वो जो भी चाहते है करवाते है करते है हम बिना कुछ बोले उन के आनंद के लिए वो सब कुछ करती है
हालांकि नारीसुलभलाज-हया के कारण ये सब अपने मुंह से प्रकट नहीं कर पाती पर चाहती तो हम भी यही है पति जी भर के मनमानी करें हमारी एक ना सुनें और खूब खेले हमारे बदन के साथ
ठीक इसी प्रकार नारी-नारी संबंधों में भी होता है
कोई महिला पुरुष की तरह खेलना पसंद करती है कोई महिला की तरह दूसरी महिला के सामने समर्पित हो जाती है
ओर सिर्फ मज़े लेती है
[b]औरतों में भी मर्दों की तरह सेक्स करने की इच्छा दबी होती है[/b]
वो भी चाहती है जिस प्रकार सेक्स में मर्द स्त्री पर हावी होते है ठीक उसी प्रकार हम भी उस समय एक पुरुष की तरह हावी हो
ये चाह कई बार लेस्बियन संबंधों का प्रमुख कारण होता है
लेस्बियन में औरत दूसरी औरत के साथ एक पुरुष की तरह पेश आती है कई बार
[b]पर पति के साथ ये करने का साहस नहीं जुटा पाती[/b]
पति के साथ बिल्कुल एक पत्नी की तरह ही पेश आती हैं
खेर एक महिला को एक पुरूष के साथ ही पूर्ण सुख मिलता है ये तो तय है
दूसरी तो सिर्फ दबी इच्छाएं है
निहारिका जी बस कोमल जी की शिष्या है हम सभी
हमारी सब की काम-कला की गुरु वो ही है
पूनम जी,
मेरा प्यार भरा नमस्कार,
आप भी खूब मजे में होंगी, और मज़े मैं ही रहे एकदम मस्त।
"नारीसुलभ लाज-हया के कारण ये सब अपने मुंह से प्रकट नहीं कर पाती पर चाहती तो हम भी यही है पति जी भर के मनमानी करें हमारी एक ना सुनें और खूब खेले हमारे बदन के साथ"
सही कहा आपने, न जाने कितने सदियों से यही होता आया है,, और होता रहा और आगे भी होता रहेगा। औरत अपनी इच्छा के लिए मुँह कैसे खोल दे, और अगर गलती हो गई, तो "शक" की सुई , तुझे इतना कैसे पता, कही। .....
यही ठीक है, चुप रहो और , मज़े लो और , मज़े दो.
"औरतों में भी मर्दों की तरह सेक्स करने की इच्छा दबी होती है" , हम औरतो को हमेशा दबाया जाता रहा है, अपनी इच्छा के अनुसार "इस्तेमाल" मैं लिया जाता रहा है, कई बार हम "प्यासी" रह जाती हैं, सही कहा की, हमे भी मर्दो की तरह डोमिनेन्स चाहिए , पर सब महिलाये एक जैसी नहीं होती, औरत का नेचर व् बॉडी सॉफ्ट, और समर्पण वाला है, मुझे तो इसमें ही मज़ा आता है.
"एक महिला को एक पुरूष के साथ ही पूर्ण सुख मिलता है ये तो तय है" , यह तो प्रकृति का नियम है, संसार तो प्रगति देने का , जिम्मा हम औरतो को ही मिला है,
"दूसरी तो सिर्फ दबी इच्छाएं है", "दफ़न" करी हुई इच्छाये कहना सही होगा , चलो जी जो भी है, सहना तो है ही , इसी बीच आप, कोमल जी, कुसुम जी, सहेलियां हैं न , "दफ़न" करी हुई इच्छायेा की बाते करने के लिए, कोई सोये अरमान जाग ही जाये ।
कोमल जी, "काम-कला की गुरु" एकदम सटीक, लाजवाब , कोई तोड़ नहीं। ....... क्या करू शब्द ही काम पड गए
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका