11-04-2020, 01:25 PM
(11-04-2020, 11:22 AM)@Kusum_Soni Wrote:..... क्या लिखती हो
ऐसा प्यार ऊफ़्फ़ क्या लिखूं कोई भी हो गीली हो जाएगी सिर्फ सोच के हीअब इंतज़ार है ये मूसल उस कली के गुलाबी बिल में कब जाए
बहुत तड़पाया है आप के उन को स्साली नेओर आप का मुख्य टार्गेट जो हैबहुत मजा आने वाला है अब कहानी में
थोड़ा कन्या रस टपकना चाहिए,
पूनम जी,निहारिका जी,विद्या जी
सब गीली हो रही है सोच सोच के
अगली कड़ी की प्रतीक्षा में
आप सब की कुसुम सोनी
कुसुम जी,
सही कहा आपने, एक जोश, नयापन, और कमाल की शब्दावली कोमल जी की, "कन्या रस " तो शायद अगली कड़ी मैं ही टपकेगा, पर "सच्ची" गीली तो मैं अभी भी हूँ, उत्तेजना तो भर ही गई है,
"थोड़ा कन्या रस टपकना चाहिए,
पूनम जी,निहारिका जी,विद्या जी
सब गीली हो रही है सोच सोच के "
कुसुम जी, --- " क़ुबूल" है। बाकि सहेलिन भी हो गई हैं तो "क़ुबूल" करिए।
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका