11-04-2020, 01:16 PM
(11-04-2020, 12:25 PM)komaalrani Wrote:उफ़,
कोमल जी,
आपकी यह तरसाने और तड़पाने की कला , गज़ब। आप तो उफ़, क्या कहु एकदम डीप फ्राई कर के खा जाती हो.
एकदम करारा , रोस्टेड , मस्त सिका हुआ।
आज तो आपने मेरी जवानी की याद दिला दी, करीब - करीब ऐसे ही थे मेरे जोबन , जब मैं सेकंड ईयर मैं थी.
सच्ची कहु तो वो मेरे जिस्म का सबसे "कामुक" साल था , इसके बारे मैं फिर बताऊगी उधर "अपनी सहेलिओं के थ्रेड पर" यहाँ सिर्फ आपकी बातें।
उफ़, क्या मस्त गरम किया हैं, "चिड़िया" के शिकार के लिए , बस एक बटन ही दबाना रह गया है जैसे , मिसाइल का, और चुलबुली चिड़िया का "काम" तमाम।
और यह तो, जैसे सोने पे सुहागा। ...
और साथ में शब्दों की झड़ी , ताने ,उन्हें उकसाना , गालियां ,
" बोल न ,कैसा लग रहा है अपने उस मस्त माल के बारे में सोच सोच के , साले बहन के भंडुए , जो सोच के ये हाल हो रहा है तो जो देखेगा तो ,फिर तो ,...
बस , तड़पते हुए। .... इंतज़ार
कुछ , पूछना था। ... पर यहाँ नहीं , मैसेज कर दूंगी आपको।
सच कहूं , आपके कमेंट पढ़ने में कभी कभी इतना मजा आता न जितना कहानी पढ़ने में नहीं आता और मेरी कहानी तो बहुत कुछ जो भोगा , जो जीया बस उसी में कुछ घटा बढाकर ,... जो कर पायी , जो करने की चाहत रह गयी ,... पर जो भी कमी रह गयी वो आपके कमेंट पूरा कर देते हैं
[/quote]
कोमल जी,
बस आपका प्यार मिलता रहे, आपकी कही दो लाइन भी न, कितना जोश भर देती हैं, जिंदगी जीने का, कुछ करने का, जो कमी रह गई, जो चाहत रह गई, सब पूरी करनी की इच्छा बलवती हो जाती है, हाँ आपकी कहानी जितनी हिम्मत अभी तो न हुई, पर जो कुछ दबी इच्छा हैं वो आपके साथ कहानी मैं ही पूरी कर लेती हूँ.
कुछ भी हो, आप कमाल और धमाल लिखती हो, बस लिखे जाओ जी, हम भी, कुछ सहेलिओं के साथ गीली हुए बैठे हैं। "ऑनलाइन" वाली -)
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका