11-04-2020, 10:47 AM
(This post was last modified: 11-04-2020, 10:54 AM by Poonam_triwedi. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
(11-04-2020, 09:26 AM)Niharikasaree Wrote:पूनम जी ,
"कन्या रस " का अपना ही अलग मज़ा है , एक लड़की अपने जिस्म के साथ दूसरी लड़की के जिस्म को भी भली प्रकार से जानती व् समझती है , जिस्म के किस हिस्से पर संवेदना जायदा होगी, यह एक औरत ही समझ सकती है, आखिर दोनों के पास एक सामान चीजे ही होती हैं.रही बात डोमिनेन्स की, पति के ऊपर , कम औरते ही कर पाती हैं , कम से कम मैं तो नहीं। बस कोमल जी, की जादूगिरी के साथ फील कर लेती हूँ.
पूनम जी, उम्मीद है सब ठीक होगा, लगता है आप कुछ बिजी चल रही हैं. कुछ न कुछ कहती रहा करे अच्छा लगता है.
निहारिका जी नमस्कार
आशा करती हूं खूब मजे में होंगी आप
बिल्कुल सही कहा आप ने
कन्या-रस का अपना ही मजा होता है औरतों के जीवन मे
जिस प्रकार हम पत्नियां उस समय पति के लिए पूर्ण समर्पण के साथ एकाकार हो जाती है
वो जो भी चाहते है करवाते है करते है हम बिना कुछ बोले उन के आनंद के लिए वो सब कुछ करती है
हालांकि नारीसुलभ लाज-हया के कारण ये सब अपने मुंह से प्रकट नहीं कर पाती पर चाहती तो हम भी यही है पति जी भर के मनमानी करें हमारी एक ना सुनें और खूब खेले हमारे बदन के साथ
ठीक इसी प्रकार नारी-नारी संबंधों में भी होता है
कोई महिला पुरुष की तरह खेलना पसंद करती है कोई महिला की तरह दूसरी महिला के सामने समर्पित हो जाती है
ओर सिर्फ मज़े लेती है
[b]औरतों में भी मर्दों की तरह सेक्स करने की इच्छा दबी होती है[/b]
वो भी चाहती है जिस प्रकार सेक्स में मर्द स्त्री पर हावी होते है ठीक उसी प्रकार हम भी उस समय एक पुरुष की तरह हावी हो
ये चाह कई बार लेस्बियन संबंधों का प्रमुख कारण होता है
लेस्बियन में औरत दूसरी औरत के साथ एक पुरुष की तरह पेश आती है कई बार
[b]पर पति के साथ ये करने का साहस नहीं जुटा पाती[/b]
पति के साथ बिल्कुल एक पत्नी की तरह ही पेश आती हैं
खेर एक महिला को एक पुरूष के साथ ही पूर्ण सुख मिलता है ये तो तय है
दूसरी तो सिर्फ दबी इच्छाएं है
निहारिका जी बस कोमल जी की शिष्या है हम सभी
हमारी सब की काम-कला की गुरु वो ही है