10-04-2020, 09:08 PM
(09-04-2020, 10:34 PM)Niharikasaree Wrote:कोमल जी,
हम तो आते ही आपके लिए हैं, आपके साथ एक नयी दुनिया मैं मस्ती के सागर मैं गोते लगाने के लिए, एक सुकून मिलता है, आपकी दोनों कहानी , एक देसी - ठेठ अंदाज़, जिसका मुकाबला नहीं, एक शहर की चकाचोंध। ......
अब जिसकी पकड़ लेखनी पर इतनी उम्दा हो, उसके लिए क्या शहर, क्या देसी अंदाज़। सब मस्त है, बस आप अपनी कलम का जादू, बिखेरती जाओ। .........
हाँ , अब मोहे रंग दे पर आपका इन्तजार कर रही हूँ ,
आपका कमेंट आये तो अगली पोस्ट करूँ
उफ़, इन दो लाइन ने तो क्या जादू कर दिया है, जी करता है दौड़ कर आपके पास आ जाऊ और घंटो बतियायूं ,
आपका प्यार ही है जो खिंच लता है यहाँ , कई बार किचन मैं काम करते हुए भी अचानक आपकी और गुड्डी की याद आ ही जाती है, वो क्लब की मस्ती, शराब - शबाब, इंतज़ार, जेठानी - सास, उफ़. इतने मस्ती भरे मादक चित्रण , क्या बात है.
फिर यह सोच कर की काम ख़तम कर लू फिर आराम से अपडेट देख लुंगी।
"आराम" तो जैसे ऊपर वाले ने हम औरतो की शब्दकोष से ही निकाल फेंका है, पर प्यार और इंतज़ार तो हम ही करते हैं आपका। .........
बहुत बहुत धन्यवाद जोरू का गुलाम में भी अपडेट दे दिया है