09-04-2020, 10:08 PM
(09-04-2020, 01:08 PM)@Kusum_Soni Wrote: बिल्कुल सच कहा कोमल जी आप ने
निहारिका जी ने हम सब के उस अल्हड़ दौर ओर बचपन से सयाने पन में आने और उस समय की मौज मस्ती के बीच भावी जीवन की जो चिंता होती थी उस को केनवास पर अपनी अदभुत लेखनी द्वारा जिस प्रकार उकेरा है में स्तब्ध हूँ जैसे उन्ही दिनों में जी रही हूं ऐसा लगता है पढ़ते हुए
कोमल जी आप ने हम सब को एक नया जीवन दिया है
आप का साथ जीवन का एक बहुत बड़ा पारितोषिक है हम सब लड़कियों के लिए
हमें अपने स्नेह और अपनत्व से यूँही सिंचती रहना
निहारिका जी कोई शब्द नहीं है आप की तारीफ में ये कर्ज़ बाकी ही रहेगा
आप की कुसुम सोनी
कुसुम जी ,
सही कही, कोमल जी, के जादू भरे शब्द, एक नयी दुनिया मैं पहुंचा देते है, जहाँ हम मैं से कई महिलाये सिर्फ सपना देखिती हैं, लड़कियों को उतनी आज़ादी नहीं मिलती, डर, अनुसाहशान के नाम पर कण्ट्रोल , हमारी मौज़ मस्ती से परिवार की इज़्ज़त का सवाल , अगले घर जा कर कर लेना जो करना है, अपने पति के साथ , उम्मीद की होगा पति के साथ ही होगा , न जाने कैसा मिलेगा, क्या होगा। .....
कोमल जी आपके साथ, सफर पर निकल जाते हैं, मस्ती, मज़े, और सारी दबी हुई इच्छाओ को आँख बंद कर के ही सही, पूरी कर लेते हैं.
"निहारिका जी कोई शब्द नहीं है आप की तारीफ में ये कर्ज़ बाकी ही रहेगा"
कुसुम जी, यह तो आपका प्यार है , मुझ जैसे न चीज़ को सम्मान दिया, साथ व् प्यार देते रहिये।
आपकी। ...............
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका