09-04-2020, 04:58 PM
कभी कभी कुछ लिखा जाता है वो कहीं अंदर से ह्रदय की अनंत गहराइयों से शब्द बन के फुठ पड़ता है वो कुछ ऐसा ही लिखा है आप ने
एक बेटी और उस की माँ का जो भावनात्मक लगाव होता है उस की क्या कोई थाह ले पाया है जो ले पायेगा
ओर वो घड़ी जब आती है जब बेटी ससुराल विदा होती है दोनों तरफ जो भावनाओ का ज्वार उमड़ता है वो एक लड़की या एक बेटी की माँ ही समझ सकती है
तमाम भावनाओं का त्याग कर के एक नए घर संसार का हो जाना कितना मुश्किल होता है मैं ओर आप सभी समझ सकती है
खैर कहते है समय सब दुखों की दवा है जो कल बेगाना था आज सब कुछ अपना है
एक नया घर संसार है पर जब आप जैसी कोई लेखिका इस तरह से मां के हाथों से लिपे आलिंद की याद दिला देती है तो आसूं अपनी अनंत यात्रा पर निकल पड़ते है
कोमल जी दिल को छू गयी आप की कलम
कुसुम जी,निहारिका जी जय श्री कृष्णा
एक बेटी और उस की माँ का जो भावनात्मक लगाव होता है उस की क्या कोई थाह ले पाया है जो ले पायेगा
ओर वो घड़ी जब आती है जब बेटी ससुराल विदा होती है दोनों तरफ जो भावनाओ का ज्वार उमड़ता है वो एक लड़की या एक बेटी की माँ ही समझ सकती है
तमाम भावनाओं का त्याग कर के एक नए घर संसार का हो जाना कितना मुश्किल होता है मैं ओर आप सभी समझ सकती है
खैर कहते है समय सब दुखों की दवा है जो कल बेगाना था आज सब कुछ अपना है
एक नया घर संसार है पर जब आप जैसी कोई लेखिका इस तरह से मां के हाथों से लिपे आलिंद की याद दिला देती है तो आसूं अपनी अनंत यात्रा पर निकल पड़ते है
कोमल जी दिल को छू गयी आप की कलम
कुसुम जी,निहारिका जी जय श्री कृष्णा