09-04-2020, 12:28 PM
पूजा को एक पल के लिए झटका सा लगा जब मंगल ने पढ़ाई ठीक नहीं चलने के बात की। क्या इन दोनों को उसके राजेश और वैभव के साथ के सम्बंध के बारे में पता था? क्या वो कॉलेज के लड़कों के उस ग्रुप की तरफ इशारा कर रहे थे जिनके साथ वो कैंटीन के पीछे बैठ कर चूमा-चाटी किया करती थी? पूजा जसवंत की तरफ देखते हुए बोली, “सॉरी सर लेकिन आज के बाद आपको कोई शिकायत नहीं होगी मुझसे... मैं अब से पूरी अटैंडेंस दूँगी, पर प्लीज़ मेरी माँ से कुछ मत कहना, वो बड़ी गुस्सेवाली औरत है... मुझे बहुत मारेगी वो।” पूजा को पिछले साल की बात याद आ गयी जब पूजा के फेल होने पर आरती ने शराब के नशे में अपनी इतनी बड़ी जवान बेटी की बहुत पिटाई कर दी थी। पूजा की चूचियों को ललचाई नज़रों से देखते हुए मंगल बोला, “तू झूठ बोल रही है पूजा... हमें तेरे बारे में सब पता है। वैसे भी तेरा मामला बहुत खराब हो चुका है... इसलिए हमें तेरी माँ से मिल के उसे सब बताना ही होगा। अब जब तक तेरी माँ नहीं आती हम उसका इंतज़ार करेंगे।” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
पूजा को मंगल पे गुस्सा आया क्योंकि उसने पूजा को कई बार लड़कों के साथ देखा था और पूजा ने देखा कि मंगल की आँखें उसकी चूचियों पे टिकी थीं। पूजा जसवंत की और देखते हुए बोली, “क्या... क्या पता है मंगल? और सर ऐसा क्यों कह रहे हैं आप कि मामला खराब हो गया है? कौन सा मामला खराब हुआ है? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।” जसवंत आरती को वासना भरी नज़रों से देखते हुए बोला, “पूजा तेरा चाल-चलन दिन-ब-दिन खराब हो रहा है, तू लेक्चर बँक करती है, अवारा लड़कों के साथ घूमती है... तेरी कम्पनी भी अच्छे लड़के लड़कियों से नहीं है... इसलिए मुझे तेरी माँ से मिलना है। मुझे तेरे जैसी स्टूडेंट नहीं चाहिए मेरे कॉलेज में।”
पूजा चौंक के उनको देखते हुए सोचने लगी, इनको यह सब कैसे पता चला? शायद इस हरामी मंगल ने ही बताया होगा। वो डरते हुए जसवंत से बोली, “माना मैं लेक्चर बँक करती हूँ पर मेरा चाल-चलन क्या खराब है? सहेलियों के साथ कैन्टीन में होती हूँ मैं... कहीं घूमने नहीं जाती। प्लीज़ सर... इतनी छोटी सी बात के लिए मुझे क्यों पनिश कर रहे हो?” जसवंत ने अब ज़रा गुस्से से पूजा को देखा और तब मंगल पूजा का हाथ पकड़के उसे खींचते हुए उन दोनों के बीच बिठाते हुआ बोला, “इधर बैठ हमारे पास... पूजा मैं तेरे बारे में सब जानता हूँ, मेरे मुँह से सुनेगी अपनी कहानी?” उनके बीच में गिरने से पूजा का स्कर्ट उठ गया। उसने जल्दी से अपना स्कर्ट ठीक किया पर तब तक उनको पूजा की गोरी जाँघों का दर्शन हो गया। पूजा अब घबराते हुए बोली, “देखो ना सर... यह मंगल कैसे बर्ताव करता है मेरे साथ। और मंगल क्या जानता है तू? मैंने कुछ भी किया नहीं तो क्यों झूठ बोल रहा है? कुछ भी बकवास मत कर समझा ना? क्यों जसवंत सर को मेरे खिलाफ़ भड़का रहा है तू? कुछ है ही नहीं तो क्या बतायेगा तू?”
मंगल ने पूजा के कँधे प हाथ रखा और जसवंत पूजा की कमर में अपना हाथ डालते हुए बोला, “अब पूजा मेरी बात सुनो, यह मंगल भड़का नहीं रहा मुझे। तेरे बारे में सब जानता है वो। अगर मंगल झूठ बोल रहा है तो यह बता कि यह राजेश और वैभव कौन हैं? राजेश और वैभव से क्यों मिलती हो बार-बार? उनके साथ उनके घर, पिक्चर, गार्डन और कार में क्यों जाती दिखती हो?” पूजा ने इन दो मर्दों के हाथों को अपने बदन को सहलाते देखा तो थोड़ा डर गयी और उठने की कोशिश करने लगी लेकिन जसवंत ने उसे उठने नहीं दिया। पूजा समझ गयी कि इनको सब बात मालूम हो गयी है पर फिर भी वो ज़रा ऊँची आवाज़ में बोली, “अच्छा वो राजेश और वैभव की बात कर रहे हैं आप? क्या है ना सर यह राजेश और वैभव की बहनें मेरी सहेलियाँ हैं... इसलिए कई बार उनसे मुलाकात होती है, और मैं उनके साथ आपको दिखती हूँ। बाकी जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ नहीं है। और प्लीज़ सर आप दोनों अपने हाथ हटाओ और मुझे जाने दो। यह आप दोनों क्यों मुझे हाथ लगा रहे हैं?”
जसवंत पूजा की कमर सहलाते हुए बोला, “अच्छा तो उन दोनों लड़कों की बहनें तेरी दोस्त हैं? पूजा अब तू झूठ भी बोलने लगी? अगर उनकी बहनें तेरी दोस्त हैं तो तू उन लड़कों के साथ कॉलेज कैन्टीन के पीछे हर दिन अकेली क्यों बैठी रहती है? तेरी सहेलियाँ क्यों नहीं होती तेरे साथ? मंगल ज़रा इसको बता दो कि हमें इसके बारे में क्या मालूम है, तभी इसकी आँखें खुलेंगी।” पूजा ने विनती भरी नज़रों से मंगल को देखा पर वो अपने हाथों से पूजा के कँधे मसलते हुए बोला, “सर यह पूजा बिल्कुल झूठ बोल रही है क्योंकि राजेश या वैभव की बहनें है ही नहीं। पूजा तो राजेश और वैभव के साथ उनके हॉस्टल जाके अपनी जवानी लुटाने जाती है। वो दोनों पूजा को एक साथ चोदते हैं... क्यों पूजा मैं सच कह रहा हूँ ना? उस दिन तू कार में भी कमर तक नंगी थी और वैभव तेरे मम्मे मसलते हुए तुझे किस कर रहा था कि नहीं? सर पढ़ायी-लिखाई और शरम-हया छोड़ के ये साली २-२ मर्दों से चुदवाती है और अब कहती है कि ये कुछ नहीं करती। आप कहो तो राजेश या वैभव को बुलाऊँ? वो क्या सच या क्या झूठ है बतायेंगे।” फिर मंगल राजेश को फोन करने के लिए खड़ा हुआ। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
पूजा समझ गयी कि उसका पोल खुल चुकी है। उसका सिर शरम से झुक गया। उसको पता था कि अगर जसवंत सर राजेश ओर वैभव को फोन केरेंगे तो वो दोनों भी मंगल की बात को प्रमाणित करेंगे। पूजा को चुप देख कर जसवंत अपना हाथ उसकी टी शर्ट के अंदर डाल के उसके पेट को सहलाते हुए बोला, “पूजा तू बोल क्या मंगल झूठ बोल रहा है? हम तीनों को मालूम है कि यह बात सच है कि तू उन दोनों से एक साथ मस्ती करती है... एक ही बिस्तर में। पूजा मुझे तेरी जैसी स्टूडेंट कॉलेज में नहीं चाहिए, तुम्हारे लिए अब अब एक ही रास्ता बचा है मेरे पास। मैं तुमको कल कॉलेज से निकाल दूँगा।” जसवंत के शब्दों को सुन कर पूजा बिल्कुल सन्न रह गयी। वो जानती थी कि अगर उसे कॉलेज निकाल दिया गया तो कोई दूसरा कॉलेज उसे एडमिशन नहीं देगा और उसकी ज़िंदगी खराब हो जायेगी। उसे यह भी डर था कि वो अपनी माँ को और बाद में अपने डैडी को क्या जवाब देगी। पूजा जसवंत के पैरों पे गिर के विनती करने लगी, “नहीं सर ऐसा मत कहो प्लीज़। आज के बाद जो आप कहेंगे मैं वैसा ही करूँगी... मैं उन दोनों से कभी नहीं मिलूँगी लेकिन प्लीज़ आप मुझे कॉलेज से मत निकालना। अगर मेरी माँ को यह सब बात पता लग गयी तो वो मुझे मार डालेगी... प्लीज़ सर आप ही कोई रास्ता बताओ।”
जैसे ही पूजा जसवंत के पैरों पे झुकी तो पीछे से मंगल को उसकी टाईट लाल पैंटी दिख गयी। उसने जसवंत को आँख मारी जो कि अब पूजा की चूचियाँ देख रहा था। मंगल आ के पूजा के पीछे खड़ा हो गया और बोला, “सर यह पूजा कभी नहीं सुधरने वाली, लेकिन अगर यह आपका कहना माने तो आप चाहो तो इसे माफ़ करो।” जब जसवंत ने पूजा को सख्ती से देखा तो वो फिर से माफी माँगते हुए बोली, “जाने दो ना सर, प्लीज़ मुझे अब और शरमिंदा मत करो, इस बार आप मुझे माफ़ करो, अगली बार मेरी तरफ से आपको कोई शिकायत ना होगी।” जब मंगल पूजा के पीछे आ कर खड़ा हुआ तो उसकी टाँग पूजा की गाँड से छू गयी। पूजा ने मंगल के तरफ देखा तो वो बोला, “पूजा, सर तुझे किस शर्त पे माफ़ करें... बता? तू ऐसी क्या गारंटी देती है कि सर तुझ पे भरोसा रखें कि तू फिर से उन लड़कों पे अपनी जवानी नहीं लुटायेगी?” मंगल की भाषा वास्तव में पूजा को गरम कर रही थी पर साथ ही उसे कॉलेज से निकाले जाने का डर भी था। वो जसवंत को देखते हुए बोली, “जो शर्त आप कहें, मैं आपका कोई भी कहना मानने को तैयार हूँ लेकिन मुझे कॉलेज से मत निकालो।
जसवंत पूजा का चेहरा हल्के से सहलाते हुए बोला, “मंगल तू बोल क्या करूँ? इसको कॉलेज से निकालना ही होगा ना?” मंगल ने अपने हाथ पूजा की कमर में डाल कर सहलाते हुए उसे खड़ा किया और बोला, “सर मैं इसको बताऊँ कि ये क्या कर सकती है हमारे लिए जिससे आप इसे कॉलेज से नहीं निकालेंगे?” जसवंत ने अपना सर हिलाया तो मंगल पूजा को अपनी तरफ घुमा कर उसकी चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “पूजा साली बेवकूफ़ तू जितना राजेश और वैभव के लिए करती है उतना तू जसवंत सर के लिए करेगी तो सर तुझे माफ़ कर देंगे। तू जैसे अपनी जवानी उनपे लुटाती है वैसे ही हम पे लुटा तो सर सिर्फ़ तुझे माफ़ ही नहीं करेंगे बल्कि तुझे अच्छे नम्बरों से पास भी करेंगे।” मंगल की बातों और हरकतों से पूजा को धका तो लगा पर वो समझ गयी के वो लोग उससे क्या चाहते हैं। पूजा सब समझती थी लेकिन उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि ये दोनों वो सब चाहेंगे। पूजा शरमाते हुई जसवंत और मंगल के बीच खड़ी थी। वो इतनी कनफ्यूज़ हो गयी कि उसने मंगल का हाथ भी अपनी चूचियों से नहीं हटाया। मंगल पूजा के मम्मे मस्ती से मसलने लगा और जसवंत पीछे खड़ा होके दोनों हाथों से पूजा का स्कर्ट उठा के उसके पैंटी पे हाथ घुमाते हुए बोला, “एक मौका देता हूँ तुझे पूजा... अगर तू अपना यह हुस्न हमें देगी तो शायद तुझे कॉलेज से नहीं निकालुँगा। अब तू बता तेरा क्या इरादा है? बोल साली चुप-चाप हमसे चुदवाती है या तुझे कॉलेज से निकलूँ?”
पूजा को जसवंत की भाषा सुन कर हैरानी हुई पर वो जसवंत का मक्सद समझ गयी। वो थोड़ी पीछे हटी और दोनों मर्दों से बोली, “यह आप दोनों क्या कर रहे हो मेरे साथ? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से। आप जैसा बोल रहे हो वैसा कुछ नहीं होता राजेश और वैभव के साथ मेरा। प्लीज़ सर कोई दूसरा तरीका बताना, मैं आपकी स्टूडेंट हूँ... ऐसा कैसे कर सकती हूँ?” जसवंत ने पूजा के पास आ के उसकी गर्दन पकड़ के उसे अपनी तरफ खींच के उसके गाल चूम लिए। फिर पूजा के बदन को अपने से सटाता हुआ बोला, “साली तुझे मेरे मुँह से सुनना है ना कि वो दोनों तेरे साथ क्या-क्या करते हैं? चल अब बताता हूँ तुझे सब बात।” पूजा ने कुछ जवाब नहीं दिया और ना ही उसने जसवंत से दूर हटने की कोशिश की। मंगल पीछे से आ कर पूजा की गाँड सहलाने लगा। जसवंत पूजा की चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “मंगल ज़रा पूजा की स्कर्ट उतार।”
पूजा चौंकते हुए बोली, “नहीं सर प्लीज़, यह क्या कह रहे हैं आप? मेरी स्कर्ट क्यों उतारने को बोल रहे हैं आप?” जसवंत ने पूजा की चूचियों को मसलना ज़ारी रखा और बोला, “साली चुप-चाप खड़ी रह। नाटक किया तो कॉलेज से निकाल दूँगा तुझे। क्या तू कॉलेज से निकलना चाहती है? मंगल हुक खोलके पूजा का स्कर्ट उतार।” पूजा बिना कुछ जवाब दिए चुप-चाप खड़ी रही। जसवंत ने उसका टी-शर्ट ऊपर किया और पूजा के नंगे मम्मे देख के खुश हुआ। पूजा के कड़क मम्मे और ब्राउनिश गुलाबी निप्पल उसे भा गए। जैसे ही मंगल ने स्कर्ट के हुक खोले तो पूजा का स्कर्ट पैरों में गिर गया। पूजा आँखें बँद करके खड़ी थी और जसवंत ने भी पूजा के बदन से उसका टी- शर्ट हटा दिया। अब पूजा सिर्फ़ एक लाल पैंटी और काले हाई हील के सैंडल पहने इन दो मर्दों के सामने शरमाते हुए खड़ी थी। अपने हाथों से अपना सीना छुपा के पूजा बोली, “प्लीज़ सर, आप दोनों यह क्या कर रहे हैं? मुझे बहुत शरम आ रही है, मुझे जाने दो।” जसवंत पूजा के मम्मे मसलते हुए बोला, “साली, तुझे शरम आ रही है? राजेश और वैभव के सामने शरम नहीं आती? तब तो दिल खोलके चुदवाती है ना? आज तक उनसे चुदवाती थी... आज से हमसे चुदवा।” पूजा दोनों की हर्कतों से अब गरम तो हो गयी थी लेकिन फिर भी वो ज़रा नखरे करते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म सर... यह सब मत करो... मैं वैसी लड़की नहीं हूँ। आप बार-बार उन दोनों का नाम क्यों ले रहे हैं? मैंने कुछ नहीं किया उनसे ऐसा वैसा... जैसा आप कह रहे हैं।” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
मंगल पूजा की गाँड पे लंड रगड़ते हुए गुस्से से बोला “बहनचोद साली... राजेश और वैभव तेरी चुदाई करते हैं... तेरी यह चूत, गाँड, मम्मे चोदते हैं, तू उनका लंड चूसती है और साली अब बोलती है कि तू उनके साथ कुछ नहीं करती। सर... यह पूजा बड़ी नखरेवाली लड़की है... साली अपने बदन की नुमाइश करती है और हम सब मर्दों का लंड खड़ा करती है। उन दोनों को भी अपने बदन के जलवे दिखा-दिखा के इसने ही उकसाया और उनसे चुदवाती है... और अब हमसे अंजान बन रही है... बोल सच कह रहा हूँ ना मैं पूजा?” पूजा मंगल के मुँह से गालियाँ सुनके हैरान हुई, उसे अंदाज़ नहीं था कि सर के सामने मंगल ऐसी गंदी बातें करेगा। वो जसवंत की तरफ देखते हुए ज़रा नीची आवाज़ मैं बोली, “सर किसी ने आपसे झूठ कहा है... मैं उस तरह की लड़की नहीं हूँ। यह मंगल मेरे बारे में कुछ भी बोलता है। अब वो लड़के मेरे पीछे पड़े हैं तो इसमें मेरा क्या कसूर? और मंगल तू ऐसी गंदी-गंदी बातें मत कर... सर देखो ना यह मुझे गालियाँ दे रहा है।”
पूजा को मंगल पे गुस्सा आया क्योंकि उसने पूजा को कई बार लड़कों के साथ देखा था और पूजा ने देखा कि मंगल की आँखें उसकी चूचियों पे टिकी थीं। पूजा जसवंत की और देखते हुए बोली, “क्या... क्या पता है मंगल? और सर ऐसा क्यों कह रहे हैं आप कि मामला खराब हो गया है? कौन सा मामला खराब हुआ है? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।” जसवंत आरती को वासना भरी नज़रों से देखते हुए बोला, “पूजा तेरा चाल-चलन दिन-ब-दिन खराब हो रहा है, तू लेक्चर बँक करती है, अवारा लड़कों के साथ घूमती है... तेरी कम्पनी भी अच्छे लड़के लड़कियों से नहीं है... इसलिए मुझे तेरी माँ से मिलना है। मुझे तेरे जैसी स्टूडेंट नहीं चाहिए मेरे कॉलेज में।”
पूजा चौंक के उनको देखते हुए सोचने लगी, इनको यह सब कैसे पता चला? शायद इस हरामी मंगल ने ही बताया होगा। वो डरते हुए जसवंत से बोली, “माना मैं लेक्चर बँक करती हूँ पर मेरा चाल-चलन क्या खराब है? सहेलियों के साथ कैन्टीन में होती हूँ मैं... कहीं घूमने नहीं जाती। प्लीज़ सर... इतनी छोटी सी बात के लिए मुझे क्यों पनिश कर रहे हो?” जसवंत ने अब ज़रा गुस्से से पूजा को देखा और तब मंगल पूजा का हाथ पकड़के उसे खींचते हुए उन दोनों के बीच बिठाते हुआ बोला, “इधर बैठ हमारे पास... पूजा मैं तेरे बारे में सब जानता हूँ, मेरे मुँह से सुनेगी अपनी कहानी?” उनके बीच में गिरने से पूजा का स्कर्ट उठ गया। उसने जल्दी से अपना स्कर्ट ठीक किया पर तब तक उनको पूजा की गोरी जाँघों का दर्शन हो गया। पूजा अब घबराते हुए बोली, “देखो ना सर... यह मंगल कैसे बर्ताव करता है मेरे साथ। और मंगल क्या जानता है तू? मैंने कुछ भी किया नहीं तो क्यों झूठ बोल रहा है? कुछ भी बकवास मत कर समझा ना? क्यों जसवंत सर को मेरे खिलाफ़ भड़का रहा है तू? कुछ है ही नहीं तो क्या बतायेगा तू?”
मंगल ने पूजा के कँधे प हाथ रखा और जसवंत पूजा की कमर में अपना हाथ डालते हुए बोला, “अब पूजा मेरी बात सुनो, यह मंगल भड़का नहीं रहा मुझे। तेरे बारे में सब जानता है वो। अगर मंगल झूठ बोल रहा है तो यह बता कि यह राजेश और वैभव कौन हैं? राजेश और वैभव से क्यों मिलती हो बार-बार? उनके साथ उनके घर, पिक्चर, गार्डन और कार में क्यों जाती दिखती हो?” पूजा ने इन दो मर्दों के हाथों को अपने बदन को सहलाते देखा तो थोड़ा डर गयी और उठने की कोशिश करने लगी लेकिन जसवंत ने उसे उठने नहीं दिया। पूजा समझ गयी कि इनको सब बात मालूम हो गयी है पर फिर भी वो ज़रा ऊँची आवाज़ में बोली, “अच्छा वो राजेश और वैभव की बात कर रहे हैं आप? क्या है ना सर यह राजेश और वैभव की बहनें मेरी सहेलियाँ हैं... इसलिए कई बार उनसे मुलाकात होती है, और मैं उनके साथ आपको दिखती हूँ। बाकी जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ नहीं है। और प्लीज़ सर आप दोनों अपने हाथ हटाओ और मुझे जाने दो। यह आप दोनों क्यों मुझे हाथ लगा रहे हैं?”
जसवंत पूजा की कमर सहलाते हुए बोला, “अच्छा तो उन दोनों लड़कों की बहनें तेरी दोस्त हैं? पूजा अब तू झूठ भी बोलने लगी? अगर उनकी बहनें तेरी दोस्त हैं तो तू उन लड़कों के साथ कॉलेज कैन्टीन के पीछे हर दिन अकेली क्यों बैठी रहती है? तेरी सहेलियाँ क्यों नहीं होती तेरे साथ? मंगल ज़रा इसको बता दो कि हमें इसके बारे में क्या मालूम है, तभी इसकी आँखें खुलेंगी।” पूजा ने विनती भरी नज़रों से मंगल को देखा पर वो अपने हाथों से पूजा के कँधे मसलते हुए बोला, “सर यह पूजा बिल्कुल झूठ बोल रही है क्योंकि राजेश या वैभव की बहनें है ही नहीं। पूजा तो राजेश और वैभव के साथ उनके हॉस्टल जाके अपनी जवानी लुटाने जाती है। वो दोनों पूजा को एक साथ चोदते हैं... क्यों पूजा मैं सच कह रहा हूँ ना? उस दिन तू कार में भी कमर तक नंगी थी और वैभव तेरे मम्मे मसलते हुए तुझे किस कर रहा था कि नहीं? सर पढ़ायी-लिखाई और शरम-हया छोड़ के ये साली २-२ मर्दों से चुदवाती है और अब कहती है कि ये कुछ नहीं करती। आप कहो तो राजेश या वैभव को बुलाऊँ? वो क्या सच या क्या झूठ है बतायेंगे।” फिर मंगल राजेश को फोन करने के लिए खड़ा हुआ। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
पूजा समझ गयी कि उसका पोल खुल चुकी है। उसका सिर शरम से झुक गया। उसको पता था कि अगर जसवंत सर राजेश ओर वैभव को फोन केरेंगे तो वो दोनों भी मंगल की बात को प्रमाणित करेंगे। पूजा को चुप देख कर जसवंत अपना हाथ उसकी टी शर्ट के अंदर डाल के उसके पेट को सहलाते हुए बोला, “पूजा तू बोल क्या मंगल झूठ बोल रहा है? हम तीनों को मालूम है कि यह बात सच है कि तू उन दोनों से एक साथ मस्ती करती है... एक ही बिस्तर में। पूजा मुझे तेरी जैसी स्टूडेंट कॉलेज में नहीं चाहिए, तुम्हारे लिए अब अब एक ही रास्ता बचा है मेरे पास। मैं तुमको कल कॉलेज से निकाल दूँगा।” जसवंत के शब्दों को सुन कर पूजा बिल्कुल सन्न रह गयी। वो जानती थी कि अगर उसे कॉलेज निकाल दिया गया तो कोई दूसरा कॉलेज उसे एडमिशन नहीं देगा और उसकी ज़िंदगी खराब हो जायेगी। उसे यह भी डर था कि वो अपनी माँ को और बाद में अपने डैडी को क्या जवाब देगी। पूजा जसवंत के पैरों पे गिर के विनती करने लगी, “नहीं सर ऐसा मत कहो प्लीज़। आज के बाद जो आप कहेंगे मैं वैसा ही करूँगी... मैं उन दोनों से कभी नहीं मिलूँगी लेकिन प्लीज़ आप मुझे कॉलेज से मत निकालना। अगर मेरी माँ को यह सब बात पता लग गयी तो वो मुझे मार डालेगी... प्लीज़ सर आप ही कोई रास्ता बताओ।”
जैसे ही पूजा जसवंत के पैरों पे झुकी तो पीछे से मंगल को उसकी टाईट लाल पैंटी दिख गयी। उसने जसवंत को आँख मारी जो कि अब पूजा की चूचियाँ देख रहा था। मंगल आ के पूजा के पीछे खड़ा हो गया और बोला, “सर यह पूजा कभी नहीं सुधरने वाली, लेकिन अगर यह आपका कहना माने तो आप चाहो तो इसे माफ़ करो।” जब जसवंत ने पूजा को सख्ती से देखा तो वो फिर से माफी माँगते हुए बोली, “जाने दो ना सर, प्लीज़ मुझे अब और शरमिंदा मत करो, इस बार आप मुझे माफ़ करो, अगली बार मेरी तरफ से आपको कोई शिकायत ना होगी।” जब मंगल पूजा के पीछे आ कर खड़ा हुआ तो उसकी टाँग पूजा की गाँड से छू गयी। पूजा ने मंगल के तरफ देखा तो वो बोला, “पूजा, सर तुझे किस शर्त पे माफ़ करें... बता? तू ऐसी क्या गारंटी देती है कि सर तुझ पे भरोसा रखें कि तू फिर से उन लड़कों पे अपनी जवानी नहीं लुटायेगी?” मंगल की भाषा वास्तव में पूजा को गरम कर रही थी पर साथ ही उसे कॉलेज से निकाले जाने का डर भी था। वो जसवंत को देखते हुए बोली, “जो शर्त आप कहें, मैं आपका कोई भी कहना मानने को तैयार हूँ लेकिन मुझे कॉलेज से मत निकालो।
जसवंत पूजा का चेहरा हल्के से सहलाते हुए बोला, “मंगल तू बोल क्या करूँ? इसको कॉलेज से निकालना ही होगा ना?” मंगल ने अपने हाथ पूजा की कमर में डाल कर सहलाते हुए उसे खड़ा किया और बोला, “सर मैं इसको बताऊँ कि ये क्या कर सकती है हमारे लिए जिससे आप इसे कॉलेज से नहीं निकालेंगे?” जसवंत ने अपना सर हिलाया तो मंगल पूजा को अपनी तरफ घुमा कर उसकी चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “पूजा साली बेवकूफ़ तू जितना राजेश और वैभव के लिए करती है उतना तू जसवंत सर के लिए करेगी तो सर तुझे माफ़ कर देंगे। तू जैसे अपनी जवानी उनपे लुटाती है वैसे ही हम पे लुटा तो सर सिर्फ़ तुझे माफ़ ही नहीं करेंगे बल्कि तुझे अच्छे नम्बरों से पास भी करेंगे।” मंगल की बातों और हरकतों से पूजा को धका तो लगा पर वो समझ गयी के वो लोग उससे क्या चाहते हैं। पूजा सब समझती थी लेकिन उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि ये दोनों वो सब चाहेंगे। पूजा शरमाते हुई जसवंत और मंगल के बीच खड़ी थी। वो इतनी कनफ्यूज़ हो गयी कि उसने मंगल का हाथ भी अपनी चूचियों से नहीं हटाया। मंगल पूजा के मम्मे मस्ती से मसलने लगा और जसवंत पीछे खड़ा होके दोनों हाथों से पूजा का स्कर्ट उठा के उसके पैंटी पे हाथ घुमाते हुए बोला, “एक मौका देता हूँ तुझे पूजा... अगर तू अपना यह हुस्न हमें देगी तो शायद तुझे कॉलेज से नहीं निकालुँगा। अब तू बता तेरा क्या इरादा है? बोल साली चुप-चाप हमसे चुदवाती है या तुझे कॉलेज से निकलूँ?”
पूजा को जसवंत की भाषा सुन कर हैरानी हुई पर वो जसवंत का मक्सद समझ गयी। वो थोड़ी पीछे हटी और दोनों मर्दों से बोली, “यह आप दोनों क्या कर रहे हो मेरे साथ? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से। आप जैसा बोल रहे हो वैसा कुछ नहीं होता राजेश और वैभव के साथ मेरा। प्लीज़ सर कोई दूसरा तरीका बताना, मैं आपकी स्टूडेंट हूँ... ऐसा कैसे कर सकती हूँ?” जसवंत ने पूजा के पास आ के उसकी गर्दन पकड़ के उसे अपनी तरफ खींच के उसके गाल चूम लिए। फिर पूजा के बदन को अपने से सटाता हुआ बोला, “साली तुझे मेरे मुँह से सुनना है ना कि वो दोनों तेरे साथ क्या-क्या करते हैं? चल अब बताता हूँ तुझे सब बात।” पूजा ने कुछ जवाब नहीं दिया और ना ही उसने जसवंत से दूर हटने की कोशिश की। मंगल पीछे से आ कर पूजा की गाँड सहलाने लगा। जसवंत पूजा की चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “मंगल ज़रा पूजा की स्कर्ट उतार।”
पूजा चौंकते हुए बोली, “नहीं सर प्लीज़, यह क्या कह रहे हैं आप? मेरी स्कर्ट क्यों उतारने को बोल रहे हैं आप?” जसवंत ने पूजा की चूचियों को मसलना ज़ारी रखा और बोला, “साली चुप-चाप खड़ी रह। नाटक किया तो कॉलेज से निकाल दूँगा तुझे। क्या तू कॉलेज से निकलना चाहती है? मंगल हुक खोलके पूजा का स्कर्ट उतार।” पूजा बिना कुछ जवाब दिए चुप-चाप खड़ी रही। जसवंत ने उसका टी-शर्ट ऊपर किया और पूजा के नंगे मम्मे देख के खुश हुआ। पूजा के कड़क मम्मे और ब्राउनिश गुलाबी निप्पल उसे भा गए। जैसे ही मंगल ने स्कर्ट के हुक खोले तो पूजा का स्कर्ट पैरों में गिर गया। पूजा आँखें बँद करके खड़ी थी और जसवंत ने भी पूजा के बदन से उसका टी- शर्ट हटा दिया। अब पूजा सिर्फ़ एक लाल पैंटी और काले हाई हील के सैंडल पहने इन दो मर्दों के सामने शरमाते हुए खड़ी थी। अपने हाथों से अपना सीना छुपा के पूजा बोली, “प्लीज़ सर, आप दोनों यह क्या कर रहे हैं? मुझे बहुत शरम आ रही है, मुझे जाने दो।” जसवंत पूजा के मम्मे मसलते हुए बोला, “साली, तुझे शरम आ रही है? राजेश और वैभव के सामने शरम नहीं आती? तब तो दिल खोलके चुदवाती है ना? आज तक उनसे चुदवाती थी... आज से हमसे चुदवा।” पूजा दोनों की हर्कतों से अब गरम तो हो गयी थी लेकिन फिर भी वो ज़रा नखरे करते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म सर... यह सब मत करो... मैं वैसी लड़की नहीं हूँ। आप बार-बार उन दोनों का नाम क्यों ले रहे हैं? मैंने कुछ नहीं किया उनसे ऐसा वैसा... जैसा आप कह रहे हैं।” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
मंगल पूजा की गाँड पे लंड रगड़ते हुए गुस्से से बोला “बहनचोद साली... राजेश और वैभव तेरी चुदाई करते हैं... तेरी यह चूत, गाँड, मम्मे चोदते हैं, तू उनका लंड चूसती है और साली अब बोलती है कि तू उनके साथ कुछ नहीं करती। सर... यह पूजा बड़ी नखरेवाली लड़की है... साली अपने बदन की नुमाइश करती है और हम सब मर्दों का लंड खड़ा करती है। उन दोनों को भी अपने बदन के जलवे दिखा-दिखा के इसने ही उकसाया और उनसे चुदवाती है... और अब हमसे अंजान बन रही है... बोल सच कह रहा हूँ ना मैं पूजा?” पूजा मंगल के मुँह से गालियाँ सुनके हैरान हुई, उसे अंदाज़ नहीं था कि सर के सामने मंगल ऐसी गंदी बातें करेगा। वो जसवंत की तरफ देखते हुए ज़रा नीची आवाज़ मैं बोली, “सर किसी ने आपसे झूठ कहा है... मैं उस तरह की लड़की नहीं हूँ। यह मंगल मेरे बारे में कुछ भी बोलता है। अब वो लड़के मेरे पीछे पड़े हैं तो इसमें मेरा क्या कसूर? और मंगल तू ऐसी गंदी-गंदी बातें मत कर... सर देखो ना यह मुझे गालियाँ दे रहा है।”