17-02-2019, 08:19 AM
फिर एक दिन वो आया और मुझे मिलने मेरे भाई के साथ मेरे कमरे में आया. मैं उसकी आँखों में मेरे लिए भूख देख सकती थी. मैंने भी उसको हंसी मज़ाक में इशारा कर दिया था कि मैं तुम से चुदने के लिए तैयार हूँ.
कुछ दिनों बाद सैमी घर आया. उसने मेरे भाई के साथ पढ़ाई की और उसके सो जाने के बाद वो नीचे मेरे कमरे में आ गया. मैंने अपना दुपट्टा नहीं लिया हुआ था. जब वो कमरे में आ गया, तब मैंने दुपट्टा ले लिया.
तभी वो हंस पड़ा.
मैंने पूछा- तुम हंस क्यों रहे हो?
उसने कहा- अमन, मैंने सब कुछ तो देख लिया है.. अब क्यों शरमा रही हो?
मैं भी उसकी बात पर मुस्करा पड़ी और वो समझ गया कि मेरी तरफ से आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी है.
उसने मुझे कहा- तुम बहुत खूबसूरत हो.
मैंने कहा- तुम भी बहुत अच्छे हो जो तुमने उस दिन मुझे संभाला.
जब वो जाने लगा उसने मेरे गालों पर हल्का सा चूमा और बोला- मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूँ.
उसकी इस गुजारिश से मेरे शरीर में एक अजीब सी कम्पन होने लग गई. मैंने उसको एकदम से अपनी छाती से लगा लिया और हमने एक दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए. सैमी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा. उसी वक्त मुझे उसका फूलता हुआ लंड अपनी चूत से टच करता हुआ महसूस हो रहा था, लेकिन मुझे डर भी था कि कहीं मेरा भाई ना आ जाए.
तभी मैंने सैमी को कहा- तुम कभी फिर आना, जब घर पर कोई ना हो.
वो मुझे जोर से चूम कर चला गया जाते जाते मैंने उसके लंड को पकड़ कर उसे जरूर आने का इशारा किया, तो उसने भी मेरे दूध दबा कर मुझे चोदने की हामी भर दी.
आखिर वो दिन भी आ गया. उस दिन मेरा भाई और माता जी रिश्तेदारी में गए हुए थे और वो शाम से पहले आने वाले नहीं थे. इस बात का सैमी को मेरे भाई से पता चल गया था. वो मेरे घर आ गया. मैंने दरवाजा खोला और सैमी मेरे कमरे में आ कर बैठ गया.
मैंने उस दिन नीले रंग की सलवार और सफ़ेद रंग का कमीज सैट पहना हुआ था. अभी मैं शीशे के सामने अपने बालों को सैट कर रही थी कि सैमी ने मुझे पीछे से अपनी बांहों में ले लिया. उसने मुझे उठा कर बेड पर अपनी गोदी में बिठा लिया और मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. उसने मेरे गालों को चूसते हुए दांतों से चबाना भी शुरू कर दिया. मैं गर्म होने लगी थी. फिर उसने मेरी गर्दन पर किस किया और मेरी कमीज को उतार दिया. मैंने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसने बिना देरी किये हुए मेरी ब्रा खोल दी और मेरे गोरे मम्मे उसके सामने फुदकने लगे थे.
तभी सैमी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे मम्मों को अपने हाथों में लेकर उनको निचोड़ना शुरू कर दिया.
मैं तो अपने होश खो बैठी थी, मुझे तो यह भी याद ना रहा कि मैं कहां हूँ.
फिर उसने एक मम्मा अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया. जैसे जैसे सैमी मेरे मम्मों को चूस रहा था, वो उतने ही टाईट होते जा रहे थे.
कभी कभी वो मेरी चूचियों को अपने दांतों से काट लेता, जिससे मेरी आवाज़ निकल जाती ‘आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई..’
उसने मेरे दोनों मम्मों को 15 मिनट तक चूसा होगा. फिर उसने अपनी जीभ मेरे पेट पर फेरनी शुरू कर दी. तभी उसने मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया और सलवार को निकाल दिया.अब मैं अपनी गुलाबी पेंटी में उसके सामने थी. मेरी पेंटी पहले कभी भी इतनी गीली नहीं हुई थी. उसने चूत पर हाथ लगाया तो मुझे कम्पन सा हुआ. इसी बीच सैमी ने मेरी पेंटी भी उतार दी और एक पंजाबन चूत एक काले नीग्रो आदमी के लंड सामने चुदने तैयार थी. मैंने सुबह ही अपनी चूत पर शेविंग की थी. सैमी मेरी गोरी चूत पर टूट पड़ा और अपनी जीभ से चूसने लगा. मैं सिसकारियां लेने लगी. उसने जबरदस्त तरीके से चूस चूस कर मेरी चूत में से कई बार पानी निकाल दिया था.
जब उसने अपने कपड़े उतारे और मेरी नज़र उसके लंड पर गई, तो मैं तो देखती ही रह गई. सैमी का काला लंड बहुत लम्बा और मोटा था.
उसने लंड हिलाते हुए मुझे लंड को चूसने को कहा. मैंने लंड को चूसना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद उसका लंड भीमकाय रूप लेकर खड़ा हो गया. सैमी ने मुझे 69 में उल्टा कर लिया. मेरी चूत उसके मुँह में थी और उसका लंड मेरे मुँह में था.
वो मज़ा में कभी भूल नहीं सकती. हमारी चूमा चाटी बहुत हो चुकी थी. अब समय था, जब मेरी फूल जैसी चूत को चोदने के लिए एक मूसल एकदम कड़क हो कर मेरे सामने तन्ना रहा था.
सैमी ने मुझे बेड के कोने पर लिटा दिया और मेरी टांगों को उठा दिया उसने अपने 10 इंच लम्बे और खीरे से मोटे लंड से मेरे चूत को सहलाना शुरू किया. मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं. उसने मेरी चूत के मुहाने पर लंड रख कर ज़ोर से झटका मारा और लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ आधा अन्दर चला गया. मेरी चीख निकल गई- आई… मम्मी मर गई.
फिर न जाने क्या हुआ कि मेरी आवाज मेरे हलक में ही अटक कर रह गई मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया.. और ऐसा लगा, जैसे मेरी चूत में एक लोहे का गरम सरिया अन्दर तक पेल दिया गया हो. मेरी आँखों की पुतलियां फ़ैल गईं.
ये सब देख कर सैमी रुक गया और मेरे होंठों को चूसने में लग गया और साथ में मेरे मम्मों को मसलने लगा. उससे मुझे कुछ देर बाद दर्द कम महसूस होने लगा. अब चूत की परपराहट भी कम होने लगी थी और लंड के प्रीकम से चूत को चिकनाई मिलने लगी थी.
धीरे धीरे सैमी ने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया. दस मिनट बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर जा रहा था और मेरा दर्द भी बहुत कम हो गया था. अब मेरी चूत लंड के साइज के हिसाब से खुल गई थी. इस वक्त मेरी टांगें पूरी तरह से खुली हुई थीं और हवा में उठी थीं. कुछ देर तक यूं ही चोदने के बाद जब मुझे मजा आने लगा तो सैमी ने लंड बाहर खींच लिया. जिससे मेरी चुत को ऐसा लगा जैसे उसका मनपसन्द खिलौना उससे छीन लिया गया हो. मैंने सैमी की तरफ गुस्से से देखा और आँखों से पूछा कि लंड क्यों निकाल लिया?
तभी सैमी ने मुझे आँख मारते हुए मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से मेरी चुत में लंड पेल कर पूरी तेज़ी से मुझे चोदने लगा. मेरी चुत को मानो राहत मिल गई थी, लेकिन पीछे से पूरा लंड एक बार में घुसेड़ने से मुझे फिर से दर्द हुआ. मगर अब मुझे मालूम था कि लंड क्या चीज होती है.. इसलिए मैं गांड उठाए हुए उसके लंड को अपनी चुत में अन्दर तक महसूस करती रही.
अब ‘पचक…पचक..’ की आवाज़ आ रही थी और मेरे मुँह से ‘आह… आह… आई.. आई…मम्मी शीई.. शी..’ निकल रहा था.
कुछ ही देर बाद मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैं भी अपनी गांड साथ में हिलाए जा रही थी. सैमी मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था. वो मुझे चोदते हुए अंग्रेजी में बोल रहा था- कम ऑन यू बिच..
मैं उसको जवाब दे रही थी- आह.. मेरी चूत को फाड़ दो बेबी..
उसके हब्शी लंड ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था. कुछ देर बाद सैमी बेड पर लेट गया और मुझे ऊपर बिठा लिया. अब तो उसने जो मेरी चुदाई की, क्या कहूँ.. मैं कम से कम 5 बार झड़ी होऊंगी. इसी बीच उसने अपना वीर्य मेरी चूत में ही निकाल दिया.
हमने कुछ देर आराम किया और फिर मैंने देखा मेरी चूत लाल हो गई थी और बेडशीट पर भी मेरा खून लगा हुआ था. सैमी मुझे और चोदना चाहता था, लेकिन मेरी चूत में तो बहुत दर्द हो रहा था. मुझे पेशाब करवाने के लिए भी सैमी अपनी गोद में उठाकर ले कर गया था.
बाथरूम से वापिस लाकर उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया और फिर से मुझे चोदने के लिए आगे आया तो मैंने सैमी से कहा- अब तुमने मेरी चूत ले तो ली ही है.. अभी दुबारा जिद न करो. तुम मुझे फिर किसी और दिन चोद लेना, मैं कौन सा मना कर रही हूँ. मगर आज रहने दो.. मुझसे चला भी नहीं जा रहा, घरवाले आएंगे तो उनको शक हो सकता है.
लेकिन अभी मैं बोल ही रही थी कि सैमी मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने मेरे मम्मों को चूसना और निचोड़ना शुरू कर दिया. मैं दर्द के बावजूद फिर से मस्त होने लगी. इसी बीच उसने मेरी टांगें उठाईं और अपना लंड मेरी फटी हुई चूत में डाल दिया. उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और धकापेल चालू कर दी.
वो एक ही समय में मेरे मम्मों को भी निचोड़ रहा था और मेरे होंठों को चूस रहा था. साथ में मेरी चूत की चुदाई कर रहा था. इतनी बार झड़ने से मेरे अन्दर बिल्कुल भी ताकत नहीं बची थी. उसने इस बार मुझे इतना ज़ोर से और इतनी देर तक चोदा कि मैं अधमरी कुतिया जैसी हो गई. यूं लग रहा था मानो एक साथ मेरे ऊपर आठ दस कुत्तों ने चढ़ कर मुझे चोदा हो. सच में सैमी के लंड ने मेरी जान ही निकाल दी थी.
इस बार, अब तक मैं कई मर्तबा झड़ गई थी. उसने एक बार फिर से अपना वीर्य मेरी चूत में ही डाल दिया, जिसके कारण मुझे बाद में गोली खानी पड़ी थी.
अब सैमी मेरे ऊपर ही लेट गया और हम दोनों ने एक दूसरे से कस के चिपक गए और कुछ देर के लिए हम सो गए.
कुछ देर बाद मैं उठी और टाइम देखा, तो मेरे मम्मी और भाई आने वाले थे. मैंने सैमी से कहा- अब तुमको जाना होगा.
उसने जाने से पहले मेरी कुछ फोटोज भी लीं और मुझे किस भी किया. उसके जाने के बाद मैं फिर से नहाई, लेकिन मुझे चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी. जिस वजह से उस दिन मैंने पेट खराब होने का बहाना लगा दिया. मेरे घरवालों को शक नहीं हुआ क्योंकि मैं उनके सामने बिल्कुल भी नहीं चली. अगले दिन मेरा पेट सच में खराब हो गया था. कुछ दिनों तक मेरे शरीर में कई तकलीफें भी आईं. मेरे मम्मे भी टाइट और बड़े हो गए और अब मुझे पेंटी का साइज भी बदलना पड़ा क्योंकि इसके बाद भी सैमी मेरी चुदाई करता रहा था.
कुछ दिनों बाद सैमी घर आया. उसने मेरे भाई के साथ पढ़ाई की और उसके सो जाने के बाद वो नीचे मेरे कमरे में आ गया. मैंने अपना दुपट्टा नहीं लिया हुआ था. जब वो कमरे में आ गया, तब मैंने दुपट्टा ले लिया.
तभी वो हंस पड़ा.
मैंने पूछा- तुम हंस क्यों रहे हो?
उसने कहा- अमन, मैंने सब कुछ तो देख लिया है.. अब क्यों शरमा रही हो?
मैं भी उसकी बात पर मुस्करा पड़ी और वो समझ गया कि मेरी तरफ से आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी है.
उसने मुझे कहा- तुम बहुत खूबसूरत हो.
मैंने कहा- तुम भी बहुत अच्छे हो जो तुमने उस दिन मुझे संभाला.
जब वो जाने लगा उसने मेरे गालों पर हल्का सा चूमा और बोला- मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूँ.
उसकी इस गुजारिश से मेरे शरीर में एक अजीब सी कम्पन होने लग गई. मैंने उसको एकदम से अपनी छाती से लगा लिया और हमने एक दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए. सैमी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा. उसी वक्त मुझे उसका फूलता हुआ लंड अपनी चूत से टच करता हुआ महसूस हो रहा था, लेकिन मुझे डर भी था कि कहीं मेरा भाई ना आ जाए.
तभी मैंने सैमी को कहा- तुम कभी फिर आना, जब घर पर कोई ना हो.
वो मुझे जोर से चूम कर चला गया जाते जाते मैंने उसके लंड को पकड़ कर उसे जरूर आने का इशारा किया, तो उसने भी मेरे दूध दबा कर मुझे चोदने की हामी भर दी.
आखिर वो दिन भी आ गया. उस दिन मेरा भाई और माता जी रिश्तेदारी में गए हुए थे और वो शाम से पहले आने वाले नहीं थे. इस बात का सैमी को मेरे भाई से पता चल गया था. वो मेरे घर आ गया. मैंने दरवाजा खोला और सैमी मेरे कमरे में आ कर बैठ गया.
मैंने उस दिन नीले रंग की सलवार और सफ़ेद रंग का कमीज सैट पहना हुआ था. अभी मैं शीशे के सामने अपने बालों को सैट कर रही थी कि सैमी ने मुझे पीछे से अपनी बांहों में ले लिया. उसने मुझे उठा कर बेड पर अपनी गोदी में बिठा लिया और मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. उसने मेरे गालों को चूसते हुए दांतों से चबाना भी शुरू कर दिया. मैं गर्म होने लगी थी. फिर उसने मेरी गर्दन पर किस किया और मेरी कमीज को उतार दिया. मैंने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसने बिना देरी किये हुए मेरी ब्रा खोल दी और मेरे गोरे मम्मे उसके सामने फुदकने लगे थे.
तभी सैमी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे मम्मों को अपने हाथों में लेकर उनको निचोड़ना शुरू कर दिया.
मैं तो अपने होश खो बैठी थी, मुझे तो यह भी याद ना रहा कि मैं कहां हूँ.
फिर उसने एक मम्मा अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया. जैसे जैसे सैमी मेरे मम्मों को चूस रहा था, वो उतने ही टाईट होते जा रहे थे.
कभी कभी वो मेरी चूचियों को अपने दांतों से काट लेता, जिससे मेरी आवाज़ निकल जाती ‘आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई..’
उसने मेरे दोनों मम्मों को 15 मिनट तक चूसा होगा. फिर उसने अपनी जीभ मेरे पेट पर फेरनी शुरू कर दी. तभी उसने मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया और सलवार को निकाल दिया.अब मैं अपनी गुलाबी पेंटी में उसके सामने थी. मेरी पेंटी पहले कभी भी इतनी गीली नहीं हुई थी. उसने चूत पर हाथ लगाया तो मुझे कम्पन सा हुआ. इसी बीच सैमी ने मेरी पेंटी भी उतार दी और एक पंजाबन चूत एक काले नीग्रो आदमी के लंड सामने चुदने तैयार थी. मैंने सुबह ही अपनी चूत पर शेविंग की थी. सैमी मेरी गोरी चूत पर टूट पड़ा और अपनी जीभ से चूसने लगा. मैं सिसकारियां लेने लगी. उसने जबरदस्त तरीके से चूस चूस कर मेरी चूत में से कई बार पानी निकाल दिया था.
जब उसने अपने कपड़े उतारे और मेरी नज़र उसके लंड पर गई, तो मैं तो देखती ही रह गई. सैमी का काला लंड बहुत लम्बा और मोटा था.
उसने लंड हिलाते हुए मुझे लंड को चूसने को कहा. मैंने लंड को चूसना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद उसका लंड भीमकाय रूप लेकर खड़ा हो गया. सैमी ने मुझे 69 में उल्टा कर लिया. मेरी चूत उसके मुँह में थी और उसका लंड मेरे मुँह में था.
वो मज़ा में कभी भूल नहीं सकती. हमारी चूमा चाटी बहुत हो चुकी थी. अब समय था, जब मेरी फूल जैसी चूत को चोदने के लिए एक मूसल एकदम कड़क हो कर मेरे सामने तन्ना रहा था.
सैमी ने मुझे बेड के कोने पर लिटा दिया और मेरी टांगों को उठा दिया उसने अपने 10 इंच लम्बे और खीरे से मोटे लंड से मेरे चूत को सहलाना शुरू किया. मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं. उसने मेरी चूत के मुहाने पर लंड रख कर ज़ोर से झटका मारा और लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ आधा अन्दर चला गया. मेरी चीख निकल गई- आई… मम्मी मर गई.
फिर न जाने क्या हुआ कि मेरी आवाज मेरे हलक में ही अटक कर रह गई मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया.. और ऐसा लगा, जैसे मेरी चूत में एक लोहे का गरम सरिया अन्दर तक पेल दिया गया हो. मेरी आँखों की पुतलियां फ़ैल गईं.
ये सब देख कर सैमी रुक गया और मेरे होंठों को चूसने में लग गया और साथ में मेरे मम्मों को मसलने लगा. उससे मुझे कुछ देर बाद दर्द कम महसूस होने लगा. अब चूत की परपराहट भी कम होने लगी थी और लंड के प्रीकम से चूत को चिकनाई मिलने लगी थी.
धीरे धीरे सैमी ने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया. दस मिनट बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर जा रहा था और मेरा दर्द भी बहुत कम हो गया था. अब मेरी चूत लंड के साइज के हिसाब से खुल गई थी. इस वक्त मेरी टांगें पूरी तरह से खुली हुई थीं और हवा में उठी थीं. कुछ देर तक यूं ही चोदने के बाद जब मुझे मजा आने लगा तो सैमी ने लंड बाहर खींच लिया. जिससे मेरी चुत को ऐसा लगा जैसे उसका मनपसन्द खिलौना उससे छीन लिया गया हो. मैंने सैमी की तरफ गुस्से से देखा और आँखों से पूछा कि लंड क्यों निकाल लिया?
तभी सैमी ने मुझे आँख मारते हुए मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से मेरी चुत में लंड पेल कर पूरी तेज़ी से मुझे चोदने लगा. मेरी चुत को मानो राहत मिल गई थी, लेकिन पीछे से पूरा लंड एक बार में घुसेड़ने से मुझे फिर से दर्द हुआ. मगर अब मुझे मालूम था कि लंड क्या चीज होती है.. इसलिए मैं गांड उठाए हुए उसके लंड को अपनी चुत में अन्दर तक महसूस करती रही.
अब ‘पचक…पचक..’ की आवाज़ आ रही थी और मेरे मुँह से ‘आह… आह… आई.. आई…मम्मी शीई.. शी..’ निकल रहा था.
कुछ ही देर बाद मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैं भी अपनी गांड साथ में हिलाए जा रही थी. सैमी मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था. वो मुझे चोदते हुए अंग्रेजी में बोल रहा था- कम ऑन यू बिच..
मैं उसको जवाब दे रही थी- आह.. मेरी चूत को फाड़ दो बेबी..
उसके हब्शी लंड ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था. कुछ देर बाद सैमी बेड पर लेट गया और मुझे ऊपर बिठा लिया. अब तो उसने जो मेरी चुदाई की, क्या कहूँ.. मैं कम से कम 5 बार झड़ी होऊंगी. इसी बीच उसने अपना वीर्य मेरी चूत में ही निकाल दिया.
हमने कुछ देर आराम किया और फिर मैंने देखा मेरी चूत लाल हो गई थी और बेडशीट पर भी मेरा खून लगा हुआ था. सैमी मुझे और चोदना चाहता था, लेकिन मेरी चूत में तो बहुत दर्द हो रहा था. मुझे पेशाब करवाने के लिए भी सैमी अपनी गोद में उठाकर ले कर गया था.
बाथरूम से वापिस लाकर उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया और फिर से मुझे चोदने के लिए आगे आया तो मैंने सैमी से कहा- अब तुमने मेरी चूत ले तो ली ही है.. अभी दुबारा जिद न करो. तुम मुझे फिर किसी और दिन चोद लेना, मैं कौन सा मना कर रही हूँ. मगर आज रहने दो.. मुझसे चला भी नहीं जा रहा, घरवाले आएंगे तो उनको शक हो सकता है.
लेकिन अभी मैं बोल ही रही थी कि सैमी मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने मेरे मम्मों को चूसना और निचोड़ना शुरू कर दिया. मैं दर्द के बावजूद फिर से मस्त होने लगी. इसी बीच उसने मेरी टांगें उठाईं और अपना लंड मेरी फटी हुई चूत में डाल दिया. उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और धकापेल चालू कर दी.
वो एक ही समय में मेरे मम्मों को भी निचोड़ रहा था और मेरे होंठों को चूस रहा था. साथ में मेरी चूत की चुदाई कर रहा था. इतनी बार झड़ने से मेरे अन्दर बिल्कुल भी ताकत नहीं बची थी. उसने इस बार मुझे इतना ज़ोर से और इतनी देर तक चोदा कि मैं अधमरी कुतिया जैसी हो गई. यूं लग रहा था मानो एक साथ मेरे ऊपर आठ दस कुत्तों ने चढ़ कर मुझे चोदा हो. सच में सैमी के लंड ने मेरी जान ही निकाल दी थी.
इस बार, अब तक मैं कई मर्तबा झड़ गई थी. उसने एक बार फिर से अपना वीर्य मेरी चूत में ही डाल दिया, जिसके कारण मुझे बाद में गोली खानी पड़ी थी.
अब सैमी मेरे ऊपर ही लेट गया और हम दोनों ने एक दूसरे से कस के चिपक गए और कुछ देर के लिए हम सो गए.
कुछ देर बाद मैं उठी और टाइम देखा, तो मेरे मम्मी और भाई आने वाले थे. मैंने सैमी से कहा- अब तुमको जाना होगा.
उसने जाने से पहले मेरी कुछ फोटोज भी लीं और मुझे किस भी किया. उसके जाने के बाद मैं फिर से नहाई, लेकिन मुझे चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी. जिस वजह से उस दिन मैंने पेट खराब होने का बहाना लगा दिया. मेरे घरवालों को शक नहीं हुआ क्योंकि मैं उनके सामने बिल्कुल भी नहीं चली. अगले दिन मेरा पेट सच में खराब हो गया था. कुछ दिनों तक मेरे शरीर में कई तकलीफें भी आईं. मेरे मम्मे भी टाइट और बड़े हो गए और अब मुझे पेंटी का साइज भी बदलना पड़ा क्योंकि इसके बाद भी सैमी मेरी चुदाई करता रहा था.