16-02-2019, 08:35 PM
अब तुम्हारी ट्रेनिंग पूरी हुई और अब तुम हमारे परिवार में शामिल हो सकती हो जैसे तुम्हारी दोनों बहन इम्तिहान देने के बाद देवताओं की शक्तियां हासिल करने लायक बनी थी... तुम बहुत खुश नसीब हो जो तुम्हें ऐसा मौका मिला.......
लड़की.... पिताजी पर मैं पहले से ही इतनी ताकतवर हूं कि कोई भी इंसान मेरा सामना नहीं कर सकता
व्यक्ति.... हम जानते हैं कोमल कोई भी आम इंसान तुम्हारा मुकाबला नहीं कर सकता... लेकिन देवता तो कर सकते हैं उनकी शक्तियों के सामने तुम कुछ भी नहीं... अगर कभी किसी देवता से तुम्हारा सामना हो गया तो तुम क्या करोगी
(जी हां दोस्तों यह कोमल है और यह अपने पिता से बात कर रही है
आगे की जानकारी आपको मिलती रहेगी कहानी मैं)
कोमल.... पर पिताजी हम पर भला देवता हमला क्यों करेंगे.... क्या वह नहीं जानते क्यों आपकी बेटी है
पापा... नहीं पुत्री अभी तुम नहीं जानती हो... कि हमारी शक्तियां हम खुद नहीं चुनते... वह तो अपने आप तुम्हें चाहती हैं और इन शक्तियों के कोई देवपुत्र या पुत्री या उनके परिवार में से इसके काबिल है या नहीं .... शक्तिपुंज स्वयं चुनता है.. और इसी की बदौलत हम आम इंसान से देवताओं में तब्दील हो जाते हैं...
कोमल... जी पिताजी...
पापा.... चलो पुत्री तुम्हारी शक्तियां जागृत करने का समय आ गया है
कोमल अपने पापा के साथ चल देती है जहां इस सृष्टि का वह रहस्य छुपा था जिसके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता था
कोमल अपने पिता के साथ एक ऐसे कमरे में पहुंची जिसकी सुरक्षा इतनी खड़ी थी कि वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता था
जब वह उस कमरे में दाखिल हुई तो उसने अपने सामने देखा कि एक बहुत ही बड़ा शक्तिपुंज हवा में तर रहा है जिसकी सुरक्षा बहुत ही शक्तिशाली कवच से की हुई थी
वहां पहुंचकर कोमल के पिता ने कहा
पापा.... कोमल बेटी इस शक्तिपुंज को अपने हाथ से स्पर्श करो...
कोमल ने अपने हाथ को धीरे से ऊपर उठाते हुए शक्तिपुंज को छुआ.... जैसे ही कोमल ने शक्तिपुंज को छुआ एक एनर्जी कोमल को अपने शरीर में दाखिल होते ही महसूस हुई
इतनी शक्ति कोमल को बर्दाश्त नहीं हुई और वह झटका लगने से दूर जा गिरी और बेहोश हो गई
लेकिन यह देख कर वहां मौजूद कोई भी हेरा नहीं हुआ
जब कोमल की आंख खुली तो वह अपने कमरे में थी उसके पिता उसी के पास बैठे थे
कोमल को उठता देख पिता ने पूछा
पापा.... अब तुम्हें कैसा लग रहा है
कोमल.... बहुत ही अच्छा लग रहा है पिता श्री ऐसा लग रहा है कि कोई चीज मेरे पूरे शरीर में बह रही हो और बाहर आने के लिए तड़प रही हो इतना जोश मैंने अपने आप में कभी महसूस नहीं किया ... अब तो मुझे लगता है कि मैं आपको भी हरा दूंगी...
पापा ...हा हा हा हा हा हा हा.. हंसते हुए अच्छा हमारी बिल्ली हमी से म्याऊं
कोमल.... पिताजी मेरे मन में एक सवाल खटक रहा है... बहुत देर से क्या आप सवाल का जवाब देंगे
पापा.... हां कमल पूछो.. तुम क्या पूछना चाहती हो
कोमल.... पिताजी मैं यह पूछना चाहती हूं की अगर हम देवता हैं तो हमें उस शक्तिपुंज से शक्ति प्राप्त करने की क्या आवश्यकता है....
पापा... कोमल बेटी..हम पैदाइशी देवता नहीं है
हम भी बाकी मामूली इंसान हुआ करते थे
यह तो हमारे पूर्वजों की किस्मत है जो हमें देवताओं का सम्मान मिला
कोमल... वह कैसे पिताजी
पापा.... कोमल बेटा मैं तुम्हें आज एक कहानी सुनाता हूं जिससे तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा
यह उस समय की बात है जब हमारे पूर्वज आम लोगों की तरह ही थे जब तक होने यह शक्तिपुंज नहीं मिला... जिसे आज के समय में हम एनर्जी सोर्स कहते हैं जब एक समय ऐसा आया की हमारा जो पहला पूर्वज था वह भटकते हुए इस शक्तिपुंज के संपर्क में आ गया उस हादसे के बाद हमारे पहले पूर्वज को शक्तियां प्राप्त हुई
प्राप्त होने के पश्चात उन्हें ज्ञात हुआ की यह शक्तिपुंज इस सृष्टि के निर्माण के समय हुआ था
तब से लेकर आज तक हमारी पीढ़ी तर पीढ़ी
इस शक्तिपुंज की बदौलत हजार साल तक जिंदा रही है यह किसी गलत था हाथों में ना पड़ जाए इसके लिए हमारे पूर्वजों ने किसी को भी शक्तिपुंज की मालिक नहीं बनाया यह हमारे परिवार की अमानत है जिसकी हमें रक्षा करनी है और संसार को इसके बारे में कभी भी पता नहीं लगने देना
और जहां तक हमें देवता नाम से नवाज ने की बात है वह हम को इंसानों द्वारा दिया गया नाम है
पुराने समय में हमारे लोग इंसानों की मदद करने के लिए कई बार नहीं आ जाते थे और अपनी शक्तियों का प्रयोग भुल पूर्वक कर बैठते थै
लेकिन जैसे जैसे लोग विकसित होते गए हमारे बारे में भुल गए और हमने सामने आना बंद कर दिया अगर हम उनके सामने आज के समय में अपनी शक्तियों का प्रयोग भी कर लेते हैं तो किसी को उनकी बातों पर विश्वास ही नहीं होता
कोमल.. बस पिताजी.... मुझे अपने सवालों का जवाब मिल गया
लड़की.... पिताजी पर मैं पहले से ही इतनी ताकतवर हूं कि कोई भी इंसान मेरा सामना नहीं कर सकता
व्यक्ति.... हम जानते हैं कोमल कोई भी आम इंसान तुम्हारा मुकाबला नहीं कर सकता... लेकिन देवता तो कर सकते हैं उनकी शक्तियों के सामने तुम कुछ भी नहीं... अगर कभी किसी देवता से तुम्हारा सामना हो गया तो तुम क्या करोगी
(जी हां दोस्तों यह कोमल है और यह अपने पिता से बात कर रही है
आगे की जानकारी आपको मिलती रहेगी कहानी मैं)
कोमल.... पर पिताजी हम पर भला देवता हमला क्यों करेंगे.... क्या वह नहीं जानते क्यों आपकी बेटी है
पापा... नहीं पुत्री अभी तुम नहीं जानती हो... कि हमारी शक्तियां हम खुद नहीं चुनते... वह तो अपने आप तुम्हें चाहती हैं और इन शक्तियों के कोई देवपुत्र या पुत्री या उनके परिवार में से इसके काबिल है या नहीं .... शक्तिपुंज स्वयं चुनता है.. और इसी की बदौलत हम आम इंसान से देवताओं में तब्दील हो जाते हैं...
कोमल... जी पिताजी...
पापा.... चलो पुत्री तुम्हारी शक्तियां जागृत करने का समय आ गया है
कोमल अपने पापा के साथ चल देती है जहां इस सृष्टि का वह रहस्य छुपा था जिसके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता था
कोमल अपने पिता के साथ एक ऐसे कमरे में पहुंची जिसकी सुरक्षा इतनी खड़ी थी कि वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता था
जब वह उस कमरे में दाखिल हुई तो उसने अपने सामने देखा कि एक बहुत ही बड़ा शक्तिपुंज हवा में तर रहा है जिसकी सुरक्षा बहुत ही शक्तिशाली कवच से की हुई थी
वहां पहुंचकर कोमल के पिता ने कहा
पापा.... कोमल बेटी इस शक्तिपुंज को अपने हाथ से स्पर्श करो...
कोमल ने अपने हाथ को धीरे से ऊपर उठाते हुए शक्तिपुंज को छुआ.... जैसे ही कोमल ने शक्तिपुंज को छुआ एक एनर्जी कोमल को अपने शरीर में दाखिल होते ही महसूस हुई
इतनी शक्ति कोमल को बर्दाश्त नहीं हुई और वह झटका लगने से दूर जा गिरी और बेहोश हो गई
लेकिन यह देख कर वहां मौजूद कोई भी हेरा नहीं हुआ
जब कोमल की आंख खुली तो वह अपने कमरे में थी उसके पिता उसी के पास बैठे थे
कोमल को उठता देख पिता ने पूछा
पापा.... अब तुम्हें कैसा लग रहा है
कोमल.... बहुत ही अच्छा लग रहा है पिता श्री ऐसा लग रहा है कि कोई चीज मेरे पूरे शरीर में बह रही हो और बाहर आने के लिए तड़प रही हो इतना जोश मैंने अपने आप में कभी महसूस नहीं किया ... अब तो मुझे लगता है कि मैं आपको भी हरा दूंगी...
पापा ...हा हा हा हा हा हा हा.. हंसते हुए अच्छा हमारी बिल्ली हमी से म्याऊं
कोमल.... पिताजी मेरे मन में एक सवाल खटक रहा है... बहुत देर से क्या आप सवाल का जवाब देंगे
पापा.... हां कमल पूछो.. तुम क्या पूछना चाहती हो
कोमल.... पिताजी मैं यह पूछना चाहती हूं की अगर हम देवता हैं तो हमें उस शक्तिपुंज से शक्ति प्राप्त करने की क्या आवश्यकता है....
पापा... कोमल बेटी..हम पैदाइशी देवता नहीं है
हम भी बाकी मामूली इंसान हुआ करते थे
यह तो हमारे पूर्वजों की किस्मत है जो हमें देवताओं का सम्मान मिला
कोमल... वह कैसे पिताजी
पापा.... कोमल बेटा मैं तुम्हें आज एक कहानी सुनाता हूं जिससे तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा
यह उस समय की बात है जब हमारे पूर्वज आम लोगों की तरह ही थे जब तक होने यह शक्तिपुंज नहीं मिला... जिसे आज के समय में हम एनर्जी सोर्स कहते हैं जब एक समय ऐसा आया की हमारा जो पहला पूर्वज था वह भटकते हुए इस शक्तिपुंज के संपर्क में आ गया उस हादसे के बाद हमारे पहले पूर्वज को शक्तियां प्राप्त हुई
प्राप्त होने के पश्चात उन्हें ज्ञात हुआ की यह शक्तिपुंज इस सृष्टि के निर्माण के समय हुआ था
तब से लेकर आज तक हमारी पीढ़ी तर पीढ़ी
इस शक्तिपुंज की बदौलत हजार साल तक जिंदा रही है यह किसी गलत था हाथों में ना पड़ जाए इसके लिए हमारे पूर्वजों ने किसी को भी शक्तिपुंज की मालिक नहीं बनाया यह हमारे परिवार की अमानत है जिसकी हमें रक्षा करनी है और संसार को इसके बारे में कभी भी पता नहीं लगने देना
और जहां तक हमें देवता नाम से नवाज ने की बात है वह हम को इंसानों द्वारा दिया गया नाम है
पुराने समय में हमारे लोग इंसानों की मदद करने के लिए कई बार नहीं आ जाते थे और अपनी शक्तियों का प्रयोग भुल पूर्वक कर बैठते थै
लेकिन जैसे जैसे लोग विकसित होते गए हमारे बारे में भुल गए और हमने सामने आना बंद कर दिया अगर हम उनके सामने आज के समय में अपनी शक्तियों का प्रयोग भी कर लेते हैं तो किसी को उनकी बातों पर विश्वास ही नहीं होता
कोमल.. बस पिताजी.... मुझे अपने सवालों का जवाब मिल गया
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