05-04-2020, 10:10 AM
(05-04-2020, 08:09 AM)Poonam_triwedi Wrote: निहारिका जी क्या बात है बहुत खूब
बिल्कुल बचपन का हूबहू चित्रांकन किया है
वो हम लड़कियों की मस्ती बाहर घूमना फिरना चुहलबाजी ओर फिर नए कपड़ो का तो ख़ुमार 10 दिन नहीं उतरता था मन से
बहुत बढ़िया लिख रही हो इस घर ग्रहस्ती के झमेले में पता नहीं बचपन कैसे बिल्कुल भूल गयी हम सब पर आप ने इस थर्ड के माध्यम से जीवंत कर दिया है
वेसे हम लड़कियां बचपन मे होती बहुत नटखट थी,,
ब्रा पेंटी किसी सहेली के लिए खरीदती भी हम ही थी फिर लाखों कसमें खिला के देखती भी हम ही थी
ओर साथ पढ़ने लिखने के समय तो कुछ मस्तियाँ ओर टाइप की भी हो ही जाती थी जब कुछ फ़िल्म या पत्रिका या किताब में कुछ ऐसा वेसा दिख जाता तुरंत सामने वाली के ऊपर डाल देना ये तुं है ये तेरा है,
ओर पलट के उस का जवाब ये तेरी शादी के बाद का हाल है ये फोटो तेरा है ऊफ़्फ़ कहाँ खो गयी वो चुहलबाजी अठखेलियाँ
पूनम जी ,
मुझे ख़ुशी हुई की आपने अपने बचपन- अल्हड जवानी की यादे ताज़ा करी।
मेरी यही कोशिश है की हम अपने व्यस्त जीवन मैं से कुछ पल अपने लिए, पुरानी बातो को ताज़ा करे।
अब तो सिर्फ मिसेज़ ये या मिसेज़ वो बन कर ही रह गई हैं नहीं तो इसकी मम्मी या उसकी मम्मी। .......
वो चढ़ती जवानी मस्ती , चुलबुलाहट हंसी, जाने कहाँ खो गई , ब्रा खरीदने या साथ मैं जाना एक अलग ही एडवेंचर हुआ करता था , दुकान पर चार - पांच लड़किया ब्रा और पैंटी देखती, और दीखाओ, कलर पर लेनी एक को ही हैं, कभी दुकान वाला मज़े लेता कभी हम।
और आपने सही कहा की " एक बार पहन कर दिखा दे न, बहन प्लीज " क्या मज़ा आता था छेड़ने मैं , " तेरे पहले से बड़े हो गए, क्या खाती है, बता न "
फिर कॉलेज या कॉलेज के हैंडसम लड़के के साथ जोड़ कर उसे छिड़ना , तंग करना , हसना, खिलखिलाना। .......
क्या दिन थे। .........
जिम्मेदारी के साथ , सब सँभालते हुए , पति की " इच्छा" पूरी करना बस यही रह गया है, लेकिन, इसका अलग मज़ा है, उम्मीद है आप सभी महिला पाठक सहमत होंगी ।
मैं कोशिश करुँगी की अपनी जवानी की कहानी मैं सभी महिला पाठको को अपनी एक कहानी दिखाई दे,आम तोर पर हम लड़कियों का जवानी का दौर एक जैसा होता है.
कुछ का नमकीन,और कुछ का और जायदा नमकीन।
इसी तरह जुड़े रहिये। ..........................
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका